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7396 GI/2018 (1) jftLVªh la ö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3mi&[k.M (i) PART II—Section 3—Sub-section (i) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 901] ubZ fnYyh] lkseokj] fnlEcj 17] 2018@vxz gk;.k 26] 1940 No. 901] NEW DELHI, MONDAY, DECEMBER 17, 2018/AGRAHAYANA 26, 1940 i) ii) i)

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  • 7396 GI/2018 (1)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (i)

    PART II—Section 3—Sub-section (i)

    izkf/dkj ls izdkf'kr

    PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 901] ubZ fnYyh] lkseokj] fnlEcj 17] 2018@vxzgk;.k 26] 1940

    No. 901] NEW DELHI, MONDAY, DECEMBER 17, 2018/AGRAHAYANA 26, 1940 भारतीयभारतीयभारतीयभारतीय �रज़व��रज़व��रज़व��रज़व� ब�कब�कब�कब�क ((((िवदेशीिवदेशीिवदेशीिवदेशी मु�ामु�ामु�ामु�ा िवभागिवभागिवभागिवभाग)))) ((((के��ीयके��ीयके��ीयके��ीय कायालयकायालयकायालयकायालय)))) अिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूनाअिधसचूना मुंबई, 17 �दस� बर, 2018 संसंसंसं. . . . फेमाफेमाफेमाफेमा.... 3333((((आरआरआरआर))))//// 2018201820182018----आरबीआरबीआरबीआरबी िवदेशीिवदेशीिवदेशीिवदेशी मु�ामु�ामु�ामु�ा �बधं�बधं�बधं�बधं ((((उधार लनेा तथा उधार देनाउधार लनेा तथा उधार देनाउधार लनेा तथा उधार देनाउधार लनेा तथा उधार देना) ) ) ) िविनयमावलीिविनयमावलीिविनयमावलीिविनयमावली,,,, 2018 2018 2018 2018 सा.सा.सा.सा.का.िन. का.िन. का.िन. का.िन. 1213121312131213(अ)(अ)(अ)(अ)....———— िवदशेी मुा �बंध अिधिनयम,1999 (1999 का 42) क� धारा 6 क� उप-धारा (3) के खंड (ए), (डी) तथा (ई) और धारा- 47 क� उप-धारा (2) �ारा �द� शि�य� का �योग करते �ए तथा समय-समय पर संशोिधत �दनांक 3 मई 2000 क� अिधसूचना सं. फेमा.3/2000-आरबी, समय-समय पर सशंोिधत �दनांक 3 मई 2000 क� अिधसूचना सं. फेमा.4/2000-आरबी तथा समय-समय पर संशोिधत �दनांक 7 जुलाई 2004 क� अिधसूचना स.ं फेमा. 120/ आरबी-2004 के िविनयम 21 का अिध.मण करते �ए 0रज़व2 ब3क भारत म5 िनवास करने वाले 6ि� तथा भारत के बाहर के िनवासी 6ि�य� के बीच उधार लेने तथा उधार दनेे के संबंध म5 िन;िलिखत िविनयम बनाता ह;ै अथा2त: 1111. संि��संि��संि��संि�� नामनामनामनाम औरऔरऔरऔर �ारंभ�ारंभ�ारंभ�ारंभ ::::---- i) ये िविनयम िवदशेी मुा �बंध (उधार लेना तथा उधार दनेा) िविनयमावली, 2018 कहलाएंगे। ii) वे सरकारी राजप@ म5 उनके �काशन क� तारीख से लागू ह�गे। 2. 2. 2. 2. प�रभाषाएँप�रभाषाएँप�रभाषाएँप�रभाषाएँ : : : : ---- इन िविनयम� म5, जब तक �क संदभ2 स ेअBयथा अपेिCत न हो:

    i) "अिधिनयम" का ताDपय2 िवदशेी मुा �बंध अिधिनयम, 1999 (1999 का 42) से ह;ै

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    ii) "�ािधकृत 6ापारी (एडी)" का ताDपय2 अिधिनयम क� धारा-10 क� उप-धारा (1) के अंतग2त �ािधकृत 6ापारी के Iप म5 �ािधकृत �कये गए 6ि� से है; iii) “ईईएफ़सी खाता”, “आरएफ़सी खाता” के अथ2 .मशः वहK ह�गे, जो समय-समय पर यथासशंोिधत िवदशेी मुा �बंध (भारत के िनवासी �कसी 6ि� �ारा िवदशेी मुा खाते) िविनयमावली, 2015 म5 उBह5 �दए गए ह3 ; iv) “बाM वािणिNयक उधार (ईसीबी)” अथा2त-0रज़व2 ब3क �ारा क5 सरकार के परामश2 स,े िनधा20रत �कए गए ढांचे के अनुसार पा@ िनवासी संPथा �ारा भारत के बाहर से िलया �आ उधार; v) “बाM वािणिNयक ऋण (ईसीएल)” का अथ2 0रज़व2 ब3क �ारा क5 सरकार के परामश2 स,े िनधा20रत �कए गए ढांच ेके अनुसार भारत म5 िनवास करने वाले 6ि� �ारा भारत के बाहर के उधारकता2 को उधार दनेा; vi) “िवदशेी मुा” का अथ2 वही होगा जो अिधिनयम म5 �दया गया ह;ै vii) ““““भारतीय ब3क� क� िवदशेी शाखाएँ/ अनुषंगी कंपिनयाँ” का अथ2 ह ैब3ककारी िविनयमन अिधिनयम,1949 के अनुसार िवदेश म5 Pथािपत संPथाएं; viii) “�ािधकृत ब3क”, “अिनवासी भारतीय(एनआरआई)”, “िवदशेी मुा अिनवासी (ब3क) खाता(एफ़सीएनआर)(बी)”, “अिनवासी साधारण(एनआरओ) खाता”, तथा “अिनवासी बाM (एनआरई) खाता” के वही अथ2 ह�गे जो उBह5 समय-समय पर यथा संशोिधत िवदशेी मुा (जमा) िविनयमावली, 2016 म5 .मशः �दए गए ह3; ix) “आवास िव� संPथा” तथा “राVीय आवास ब3क” का अथ2 वही होगा जो उBह5 समय-समय पर यथासंशोिधत राVीय आवास ब3क अिधिनयम, 1987 म5 �दया गया ह;ै x) “भारतीय संPथा (एंटीटी)” का अथ2 समय-समय पर यथासंशोिधत कंपनी अिधिनयम, 2013 के अंतग2त भारत म5 िनगिमत कंपनी अथवा समय-समय पर यथासंशोिधत सीिमत दयेता भागीदारी अिधिनयम, 2008 के अंतग2त भारत म5 िन[म2त तथा पंजीकृत क� गई कोई सीिमत दयेता भागीदारी ह।ै xi) ““““�वासी भारतीय नाग0रक (ओ.सी.आई.)” काड2-धारक का अथ2 वही होगा जो समय-समय पर यथासंशोिधत नाग0रकता अिधिनयम, 1955 क� धारा 7(ए) म5 उसे �दया गया ह;ै xii) “0रयल इPटेट गितिविध” म5 ऐसी कोई भी गितिविध, िजसम5 अपने PवािमDववाली अथवा लीज़ पर ली �ई संपि� क� खरीद, िब.� तथा वािणिNयक एवं आवासीय स�पि�य� अथवा जमीन को �कराए पर दनेा शािमल ह ैतथा 0रयल इPटेट क� खरीद, िब.�, उस े�कराए पर दनेा अथवा उसके �बंधन हतुे म_यPथता के िलए शु`क अथवा करार आधार पर �कसी एज5ट को सaपने संबंधी गितिविधयां भी शािमल ह3। तथािप, इसम5 एक�कृत टाउनिशप का िवकास, नयी प0रयोजना/ आधिुनक�करण अथवा मौजूदा इकाइय� के िवPतार हतुे औdोिगक भिूम क� खरीद/दीघ2कािलक लीfज़ंग अथवा समय–समय पर संशोिधत/ अdतन क� गई अिधसूचना एफ़. सं. 13/06/2009-आईएनएफ़ के मा_यम स े भारत सरकार �ारा अनुमो�दत इBhाPijचर उप-Cे@ क� सुसंगत माPटर सूची म5 �दये गए “इनhाPijचर उप-Cे@” के अंतग2त आनेवाली कोई भी गितिविध शािमल नहK होगी; xiii) “0रkतेदार” का अथ2 वही होगा, जो समय-समय पर यथासंशोिधत कंपनी अिधिनयम, 2013 म5 �दया गया ह;ै xiv) “�ितबंिधत अंितम उपयोग” का ताDपय2 ऐस ेअिंतम उपयोग से ह,ै जहां उधार ली गई िनिधय� का िविनयोजन नहK �कया जा सकता ह ैऔर उसम5 िन;िलिखत शािमल ह�गे: ए) िचट फंड या िनिध कंपनी के कारोबार म5; बी) मा[ज2न iेfडगं और ड0ेरवे0टव सिहत पंूजी बाजार म5 िनवेश; सी) कृिष अथवा वृCारोपण गितिविधयां; डी) 0रयल इPटेट गितिविधय� या फाम2-हाउस� का िनमा2ण; तथा

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3 ई) हPतांतरनीय िवकास सDवािधकार (टीडीआर) म5 6ापार, जहां टीडीआर का अथ2 वही होगा जो उसे िवदेशी मुा �बंधन (अनुमये पंूजी खातेगत लेनदने) िविनयमावली, 2015 म5 �दया गया ह।ै xv) “अनुसूची” का अथ2 इस िविनयमावली क� अनुसूची ह;ै xvi) “Pटाट2-अप” अथा2त एक ऐसी संPथा, जो 17 फरवरी, 2016 को औdोिगक नीित और संवध2न िवभाग, वािणNय और उdोग मं@ालय, भारत सरकार �ारा जारी एवं समय समय पर यथा संशोिधत/ अdतन क� गई अिधसूचना सं.जी.एस.आर.180 (ई) म5 िनधा20रत शतl का अनुपालन करती ह;ै xvii) "6ापार ऋण" भारत सरकार के परामश2 स ेिनधा20रत �कए गए 6ापार ऋण ढांचे के अनुसार भारत म5 आयात के िलए िवदेशी आपू[त2कता2, ब3क / िव�ीय संPथान �ारा �दान �कए गए ऋण ह3; �प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण: िव� के nोत के आधार पर, इस तरह के 6ापार ऋण म5 आपू[त2कता2o के ऋण और खरीदार� के ऋण शािमल ह3। आपू[त2कता2 का ऋण िवदशेी आपू[त2कता2 �ारा भारत म5 आयात के िलए �दए गए ऋण से संबंिधत ह,ै जब�क खरीदार� का ऋण �कसी िवदशेी ब3क या िव�ीय संPथान से आयातक �ारा भारत म5 आयात के भुगतान हतुे क� गई ऋण क� 6वPथा को संद[भ2त करता ह।ै यह आयात िवदशे 6ापार महािनदशेालय (डीजीएफटी) क� मौजूदा िवदेश 6ापार नीित के तहत अनुमत होना चािहए। xviii) इस िविनयमावली म5 उपयोग �कए गए �कBतु प0रभािषत न �कए गए शpद� और अिभ6ि�य� का अथ2 .मशः वही होगा, जो अिधिनयम म5 उBह5 �दया गया ह;ै 3. 3. 3. 3. उधार देने अथवा लेन ेपर �उधार देने अथवा लेन ेपर �उधार देने अथवा लेन ेपर �उधार देने अथवा लेन ेपर �ितबंध ितबंध ितबंध ितबंध अिधिनयम, िनयम या िविनयमन म5 �दये गए �ावधान� के अलावा भारत म5 िनवासी कोई 6ि� भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� स ेिवदशेी मुा म5 न तो उधार लेगा और न ही िनवासी अथवा अिनवासी को उधार दगेा और भारत म5 िनवासी कोई 6ि� भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� से qपये म5 न तो उधार लेगा और न ही उधार दगेा; बशतr �क 0रज़व2 ब3क भारत म5 िनवासी �कसी 6ि� को भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� से िवदशेी मुा म5 उधार लेने अथवा िनवासी या अिनवासी को उधार देने हतुे और/अथवा भारत म5 िनवासी �कसी 6ि� को भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� से qपये म5 उधार लेने अथवा दनेे के िलए, पया2s कारण �दये जाने पर, अनुमित दे सकता ह।ै �प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण: (ए) भारत के बाहर के िनवासी 6ि� �ारा भारत म5 अथवा (बी) भारत के िनवासी 6ि� �ारा भारत के बाहर �कए गए .ेिडट काड2 के उपयोग को भारतीय qपय� म5 / िवदशेी मुा म5 उधार लेना अथवा उधार दनेा नहK माना जाएगा। 4. भारत 4. भारत 4. भारत 4. भारत म#म#म#म# िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर स ेिवदेशी म�ुा म# िलया गया उधार िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर स ेिवदेशी म�ुा म# िलया गया उधार िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर स ेिवदेशी म�ुा म# िलया गया उधार िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर स ेिवदेशी म�ुा म# िलया गया उधार ए. �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ाए. �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ाए. �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ाए. �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ारा उधाररा उधाररा उधाररा उधार लेनालेनालेनालेना

    i) कोई �ािधकृत 6ापारी (एडी) अपने �धान काया2लय अथवा शाखा या भारत के बाहर �कसी कॉरPपाBडBट या �कसी अBय संPथा स े िविनuद2v सीमा तक उधार ले सकेगा और वह 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर भारत सरकार के परामश2 से िविनuद2v शतl के अधीन होगा। ii) �कसी �ािधकृत 6ापारी (एडी) जो �क भारत म5 िनगिमत अथवा ग0ठत ब3क ह,ै क� भारत के बाहर क� शाखा भारत के बाहर अपने िनयिमत ब3xकंग कारोबार के दौरान िवदशेी मुा म5 उधार ले सकेगी जो 0रज़व2 ब3क एवं दशे के िविनयामक �ािधकारी, जहां उसक� शाखा िPथत ह,ै �ारा समय-समय पर जारी िनदrश� या �दशािनदrश� के अधीन ह।ै

  • 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    iii) कोई �ािधकृत 6ापारी (एडी) अपने िनया2तक घटक� को पोतलदान के पूव2 या पोतलदान-पzात िवदशेी मुा म5 ऋण �दान करने के �योजनाथ2 भारत के बाहर िPथत �कसी ब3क या �कसी िव�ीय संPथा स े िवदशेी मुा म5 उधार ले सकेगा, बशतr इस संबंध म5 0रज़व2 ब3क �ारा जारी �दशािनदrश� का अनुपालन हो। iv) कोई �ािधकृत 6ापारी (एडी) अनुसूची-I म5 िनिहत �ावधान� के अनIुप भारत के बाहर से ईसीबी जुटा सकेगा। बी. �ािधकृत $ापारी के अलावा 2कसी बी. �ािधकृत $ापारी के अलावा 2कसी बी. �ािधकृत $ापारी के अलावा 2कसी बी. �ािधकृत $ापारी के अलावा 2कसी $ि% &ारा उधार लेना $ि% &ारा उधार लेना $ि% &ारा उधार लेना $ि% &ारा उधार लेना i) पा@ िनवासी संPथाएं अनुसचूी-I म5 िनिहत �ावधान� के अनुIप भारत के बाहर से ईसीबी जुटा सक5 गी। ii) आयातक� �ारा अनुसूची-II म5 िनिहत �ावधान� के अनुIप डीजीएफटी क� वत2मान िवदशे 6ापार नीित के अंतग2त यथा अनुमेय पंूजीगत या गैर-पंूजीगत वPतुo के आयात हतुे भारत के बाहर से 6ापार ऋण जुटाया जा सकेगा। iii) भारत म5 िनवासी कोई 6ि� भारत के बाहर िPथत �कसी ब3क से, चाह ेऋण या ओवर{ा|ट या �कसी अBय ऋण सुिवधा के मा_यम से उधार ल ेसकेगा, जहा ंवPतुo या सेवाo के िनया2त आPथिगत भुगतान शतl या टन2-क� �ॉजेjट या िसिवल िनमा2ण संिवदा के िन}पादन के आधार पर �कया जाना �Pतािवत ह,ै बशतr िजस �ािधकारी ने इसके िलए अनुमोदन �दान �कया ह ैउसके �ारा िनयत शत~ समय-समय पर संशोिधत �दनांक 12 जनवरी 2016 क� अिधसूचना सं.फेमा.23(आर)/2015-आरबी के मा_यम से अिधसूिचत िवदेशी मुा �बंध (वPतुo और सेवाo के िनया2त) िनयमावली, 2015 के अनुIप ह�। iv) भारतीय संसद �ारा पा0रत �कसी अिधिनयम के तहत Pथािपत िव�ीय संPथान आगे उधार दनेे के �योजन से भारत सरकार के पूवा2नमुोदन पर िवदशेी मुा म5 उधार जुटा सकते ह3। �प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण:::: बाM वािणिNयक उधार PवIप के इस �कार के उधार अनुसूची-I म5 िनिहत �ावधान� के अधीन ह�गे। v) भारत म5 िनवासी कोई 6ि� भारत के बाहर के िनवासी अपने 0रkतेदार� स े 2,50,000/- अमे0रक� डॉलर से अनिधक मू`य तक अथवा उसके समतु`य अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत �कए गए �कसी अBय मू`य तक भारतीय 0रजव2 ब3क �ारा भारत सरकार के परामश2 स,े समय-समय पर िनuद2v िनयम� और शतl के अधीन रहते �ए उधार ले सकता ह;ै vi) भारत का िनवासी कोई 6ि�, जो िवदशे म5 पढ़ाई कर रहा ह,ै वह िशCा शु`क के भुगतान के �योजन� और Pवयं के जीवनयापन (म5टेन5स) हतुे भारत के बाहर 2,50,000/- अमे0रक� डॉलर स ेअनिधक मू`य तक अथवा उसके समतु`य अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत �कए गए �कसी अBय मू`य तक भारतीय 0रजव2 ब3क �ारा भारत सरकार के परामश2 से समय-समय पर िनuद2v िनयम� और शतl के अधीन रहते �ए ऋण जुटा सकता ह।ै 5. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा िवदेशी मु�ा म# उधार5. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा िवदेशी मु�ा म# उधार5. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा िवदेशी मु�ा म# उधार5. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा िवदेशी मु�ा म# उधार::::---- एएएए.... �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. अथवा उनक/ भारत के बाहर क/ शाखा1 &ारा उधार i) �ािधकृत 6ापारी(एडी) अथवा भारत के बाहर क� उसक� शाखा भारत के बाहर के उधारकता2 को अनुसूची-III म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार िवदशेी मुा म5 मू`यवगकृत ईसीएल �दान कर सकते ह3। ii) �ािधकृत 6ापारी (एडी) भारत म5 अपने घटक� को 0रज़व2 ब3क �ारा इस संबंध म5 जारी िववेकपूण2 मानदडं�, pयाज दर िनदशे� और �दशा-िनदrश�, य�द कोई हो, के अनुपालन के अधीन उनक� िवदशेी मुा आवkयकताo को पूरा करने या उनक� qपया काय2शील पंूजी आवkयकताo या पंूजीगत 6य के िलए ऋण �दान कर सकता ह।ै iii) 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर जारी िनदशे� या �दशा-िनदrश� के अधीन, भारत म5 �ािधकृत 6ापारी (एडी) भारत म5 �कसी अBय �ािधकृत 6ापारी(एडी) को िवदशेी मुा म5 ऋण �दान कर सकता ह।ै iv) एडी ब3क� क� भारत के बाहर क� शाखाएं एनआरई/एफसीएनआर जमा खात� या समय-समय पर यथा संशोिधत �दनांक 1 अ�ैल 2016 क� अिधसूचना सं. फेमा. 5(आर)/ 2016-आरबी के मा_यम से अिधसूिचत िवदशेी मुा �बंध (जमा) िविनयमावली, 2016 के अनुसार अनुरिCत तथा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर यथािविनuद2v �कसी अBय खात� म5 रखी िनिधय� क� जमानत पर िवदशेी मुा ऋण �दान कर सकते ह3।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5 बी. �ािधकृत $ापा�रय. से इ5र $ि%य. &ारा उधारबी. �ािधकृत $ापा�रय. से इ5र $ि%य. &ारा उधारबी. �ािधकृत $ापा�रय. से इ5र $ि%य. &ारा उधारबी. �ािधकृत $ापा�रय. से इ5र $ि%य. &ारा उधार पा@ िनवासी संPथा अनुसूची-III म5 िनिहत �ावधान� के अनसुार भारत के बाहर के उधारकता2 को िवदशेी मुा म5 मू`यवगकृत ईसीएल �दान कर सकती ह।ै 6. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा भा6. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा भा6. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा भा6. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा भारतीय 7पए म# उधाररतीय 7पए म# उधाररतीय 7पए म# उधाररतीय 7पए म# उधार:- एएएए. . . . �ािधकृत $ापा�रय. &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. &ारा उधार �ािधकृत $ापा�रय. &ारा उधार �ािधकृत 6ापारी (एडी) अनुसूची-I म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत के बाहर से qपये म5 मू`यवगकृत ईसीबी जुटा सकता ह।ै बीबीबीबी.... �ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार�ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार�ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार�ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार i) पा@ िनवासी संPथाएं अनुसचूी-I म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत के बाहर से qपये म5 मू̀ यवगकृत ईसीबी जुटा सकती ह3। �प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण:::: भारत से बाहर िनवास करने वाले �कसी 6ि� को िविनuद2v समयाविध के अंदर पूरी तरह से और अिनवाय2 Iप से इ�टी म5 प0रवत2नीय शेयर� को छोड़कर अ�ैल-2007 के 30 व5 �दन को या इसके बाद अिधमानी शेयर� के िनग2म के माdम से और िविनuद2v समयाविध के अंदर पूरी तरह से और अिनवाय2 Iप से इ�टी म5 प0रवत2नीय िडब5चर� को छोड़कर जून 2007 के 7व5 �दन प0रवत2नीय िडब5चर� के िनग2म के ज0रए उधार लेना,कज2 समझा जाएगा और यह तदनुसार अनुसूची-I म5 उि`लिखत शतl के अनुसार होगा। ii) भारत सरकार �ारा यथाप0रभािषत पा@ िनवासी संPथाएं पारदशेीय (ओवरसीज़) ब�पCीय िव�ीय संPथआo/ अंतरराVीय िवकास िव�ीय संPथाo से उधार ले सकती ह3, जहां ऐसी संPथाo के िनिध nोत िवदशे� म5 जारी qपया मू`यवगा�कत बॉBड ह3 या घरेलू Iप से जुटाए जाने वाले संसाधन अथवा भारत सरकार �ारा अनुमो�दत कोई अBय nोत है । iii) अनुसूची-II म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार डीजीएफटी क� मौजूदा िवदशे 6ापार नीित के अंतग2त अनमुत पंूजीगत या गैर-पंूजीगत माल के आयात के िलए आयातक� �ारा भारतीय qपये म5 भारत के बाहर से 6ापार ऋण जुटाया जा सकता ह।ै iv) �ितभिूत के अंतरण अथवा िनग2म के प0रणामPवIप होन ेवाले कज2-Iपी िवदेशी िनवेश, जो ऊपर उि`लिखत उप-िविनयम� म5 शािमल नहK है, के मामले म5 �दनांक 7 नवंबर 2017 क� अिधसूचना सं.फेमा.20 (आर)/ 2017-आरबी के माफ2 त अिधसूिचत एवं समय-समय पर यथासंशोिधत, िवदशेी मुा �बंध (भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� �ारा �ितभूित का अंतरण अथवा िनग2म) िविनयमावली, 2017 क� शतl का अनुपालन �कया जाना चािहए। v) य�द भारत म5 िनवासी �कसी 6ि� �ारा भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� से जमारािश Pवीकार क� जाती ह,ै अथवा दी जाती ह,ै िजसम5 ऐसे खात� म5 धा0रत धनरािशय� क� जमानत के समC ऋण/ ओवर{ा|ट शािमल ह,ै तो वे समय-समय पर यथा संशोिधत �दनांक 1 अ�ैल 2016 क� अिधसूचना सं. फेमा. 5(आर)/2016-आरबी के मा_यम स ेअिधसूिचत िवदशेी मुा �बंध (जमा) िनयमावली, 2016 के अनुIप होनी चािहए। vi) भारत का िनवासी कोई 6ि� जो भारत म5 िनगिमत कंपनी नहK ह,ै वह 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर भारत सरकार के परामश2 स े िविनuद2v िनयम� और शतl के अधीन एनआरआई/ भारत के बाहर के वे 0रkतेदार, जो ओसीआई काड2-धारक ह3, से भारतीय qपये म5 उधार ले सकता ह।ै उधारकता2 को सुिनिzत करना चािहए �क उधार ली गई िनिधय� का उपयोग �ितबंिधत अंितम उपयोग� के िलए न हो।

  • 6 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    vii) भारतीय संसद �ारा पा0रत अिधिनयम के तहत Pथािपत िव�ीय संPथान आगे उधार दनेे के उेkय से भारत सरकार के पूव2 अनुमोदन से भारत के बाहर से qपये म5 मू̀ यवगकृत उधार जुटा सकते ह3। �प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण�प�ीकरण:::: ऐसे उधार जो ईसीबी के PवIप म5 ह3, वे अनुसूची-I म5 िनिहत �ावधान� के अधीन ह�गे। 7. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा 7पये म# उधार देना 7. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा 7पये म# उधार देना 7. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा 7पये म# उधार देना 7. भारत म# िनवास करने वाले $ि% &ारा 7पये म# उधार देना ए. �ािधकृत $ापारी &ारा उधार देना ए. �ािधकृत $ापारी &ारा उधार देना ए. �ािधकृत $ापारी &ारा उधार देना ए. �ािधकृत $ापारी &ारा उधार देना i) भारत म5 कोई �ािधकृत 6ापारी (एडी) �कसी अिनवासी भारतीय / �वासी भारतीय नाग0रक काध2-धारक को उधारकता2 क� 6ि�गत आवkयकताo को पूण2 करने के िलए/ Pवयं के कारोबारी �योजन� से/ भारत म5 0रहायशी आवास के अिधहण/ भारत म5 मोटर वाहन के अिधहण के िलए अथवा �ािधकृत 6ापारी (एडी) के िनदशेक बोड2 �ारा िनधा20रत ऋण नीित के अनुसार तथा भारतीय 0रज़व2 ब3क के िववेकपूण2 मानदडं� के अनुपालन म5 अBय �कसी �योजन के िलए ऋण �दान कर सकते ह3। �ािधकृत 6ापारी ब3क को सिुनिzत करना चािहए �क उधार ली गई िनिध का उपयोग �ितबंिधत उेkय के �योजन के िलए नहK �कया जाता ह।ै ii) भारत के बाहर के ब3क �ारा भारत म5 �ािधकृत 6ापारी (एडी) के पास रखे गए qपया खाते म5 ओवेर{ा|ट: कोई �ािधकृत 6ापारी (एडी), 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनदrिशत ऐसी शतl के अधीन अपनी समुपारीय शाखा अथवा भारत के बाहर के �ितिनिध अथवा मुय काया2लय �ारा उसके पास रखे गए qपया खात� म5 से ऐसी रािश, िजसका मू`य 5 िबिलयन qपये से अिधक नहK ह ैअथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय िनधा20रत कोई अBय मू`य क� रािश के अPथायी ओवेर{ा|ट क� अनुमित दे सकते ह3। बी. �ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार देनाबी. �ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार देनाबी. �ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार देनाबी. �ािधकृत $ापारी से इतर $ि%य. &ारा उधार देना i) भारत म5 पंजीकृत गैर-ब3xकंग िव�ीय कंपनी अथवा भारत म5 पंजीकृत आवास िव� संPथा अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत क� गई कोई अBय िव�ीय संPथा, 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत शतl के अधीन �कसी अिनवासी भारतीय/ �वासी भारतीय नाग0रक काड2-धारक को आवास ऋण अथवा वाहन ऋण �दान कर सकती ह।ै उधारकता2 को यह सुिनिzत करना चािहए �क उधार ली गई िनिध का उपयोग �ितबंिधत अंितम उपयोग के �योजन के िलए नहK �कया जाता ह।ै ii) कोई भारतीय एटंीटी, 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत शतl के अधीन अपने अिनवासी भारतीय/ �वासी भारतीय नाग0रक काड2-धारक कम2चारी को Pटाफ क`याण योजना के अंतग2त भारतीय qपये म5 ऋण �दान कर सकती ह।ै उधारकता2 को यह सिुनिzत करना चािहए �क उधार ली गई िनिध का उपयोग �ितबंिधत अंितम उपयोग के �योजन के िलए नहK �कया जाता ह।ै iii) कोई िनवासी 6ि�, 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत शतl के अधीन उदारीकृत िव�ेषण योजना के अंतग2त िनधा20रत सम सीमा के भीतर अिनवासी भारतीय/ �वासी भारतीय नाग0रक काड2-धारक 0रkतेदार को qपये म5 ऋण �दान कर सकता/ सकती ह।ै उधारकता2 को यह सुिनिzत करना चािहए �क उधार ली गई िनिधय� का उपयोग �ितबंिधत अंितम उपयोग के �योजन के िलए नहK �कया जाता ह।ै 8888. उधारदाता/ उधारकता: क/ आवासीय ि�थित म#

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 7

    iii) य�द इन िविनयम� म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत म5 िनवास करने वाले 6ि� को �कसी अिनवासी भारतीय/ �वासी भारतीय नाग0रक काड2-धारक �ारा ऋण �दया गया हो और उधारदाता बाद म5 िनवासी बन जाता ह,ै तो ऋण क� चुकौती उधारदाता के िवक`प पर 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनuद2v �कए गए अनुसार भारत म5 काय2रत ब3क म5 रखे गए उधारदाता के नािमत खाते म5 �क जाए। iv) िनवासी 6ि� को 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनuद2v क� गई शतl तथा सीमाo के अधीन भारत के बाहर के िनवासी 6ि� के Iप म5 पूव2 म5 िवदशे म5 िलए गए ऋण� क� चुकौती करने क� अनुमित दी जाएगी। 9.9.9.9. पूव2 म5 लागू िविनयम� के अंतग2त िलए गए �कसी भी उधार को अनुमत �कए गए अनुसार चुकौती क� िनयत तारीख तक जारी रखा जा सकता ह।ै [फा. सं. 6/ 1 /2015–ईसीबी ] अजय कुमार िम, �भारी मुय महा�बंधक अनुसूची अनुसूची अनुसूची अनुसूची IIII [ देख# िविनयम 4(ए)([ देख# िविनयम 4(ए)([ देख# िविनयम 4(ए)([ देख# िविनयम 4(ए)(iv),iv),iv),iv), 4(बी)(4(बी)(4(बी)(4(बी)(iiii)))), , , , 4(बी)(4(बी)(4(बी)(4(बी)(iiiiv),v),v),v), 6(ए)6(ए)6(ए)6(ए),,,, 6(बी)(6(बी)(6(बी)(6(बी)(i),i),i),i), 6 (बी) (6 (बी) (6 (बी) (6 (बी) (vvvviiiiiiii) ]) ]) ]) ] भारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर से उधारभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर से उधारभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर से उधारभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर से उधार पा@ संPथाएं इस अनुसूची म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत के बाहर से बाM वािणिNयक उधार(ईसीबी) जुटा सकते ह3। 1. उधार क/ म�ुा 1. उधार क/ म�ुा 1. उधार क/ म�ुा 1. उधार क/ म�ुा ईसीबी �कसी भी म�ु Iप स ेप0रवत2नीय िवदशेी मुा तथा भारतीय qपये म5 अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िविनuद2v क� गई �कसी अBय मुा म5 जुटाई जा सकती ह।ै 2. �कार/ �वFप 2. �कार/ �वFप 2. �कार/ �वFप 2. �कार/ �वFप ईसीबी को 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 से िनधा20रत �कए गए PवIप म5 जुटाया जा सकता ह।ै वत2मान म5 ईसीबी म5 शािमल वैकि`पक Iप से प0रवत2नीय िडब3चर जैसी कुछ संकर िलखत5, सरकार �ारा अिधसूिचत �कए जाने के बाद िविशv संकर िलखत िविनयम� �ारा शािसत ह�गी। 3. उधारकता:1 क/ पाHता 3. उधारकता:1 क/ पाHता 3. उधारकता:1 क/ पाHता 3. उधारकता:1 क/ पाHता Pटाट2-अस सिहत सभी संPथाएं समय-समय पर यथासंशोिधत �दनांक 7 नवंबर 2017 क� अिधसूचना सं. फेमा. 20(आर)/2017-आरबी के मा_यम से अिधसूिचत िवदशेी मुा �बंध (भारत के बाहर के िनवासी �कसी 6ि� �ारा �ितभिूत के अंतरण अथवा िनग2म) िनयमावली, 2017 के अनुसार Pवचािलत माग2 के अंतग2त �DयC िवदशेी िनवेश �ाs करने के िलए पा@ ह3। साथ ही, 0रज़व2 ब3क, भारत सरकार के परामश2 से, कुछ अBय संPथाएं/ Cे@ िनuद2v कर सकता ह,ै जो ईसीबी जुटाने के िलए पा@ ह3 अथवा पा@ता के िवdमान मानदडं� म5 सशंोधन कर सकता ह।ै 4. प�रपIता 4. प�रपIता 4. प�रपIता 4. प�रपIता Bयूनतम औसत प0रपता 3 वष2 क� होगी। तथािप, 0रज़व2 ब3क, भारत सरकार के परामश2 से कुछ Cे@� म5 काय2रत संPथाo �ारा जुटाई गई ईसीबी अथवा �कसी िविशv रािश क� ईसीबी, अथवा िविशv अंितम उपयोग अथवा कुछ माBयता�ाs उधारदाताo से उधार लेने के िलए Bयूनतम औसत प0रपता शत2 िनधा20रत कर सकता ह।ै 5. उधारदाता :5. उधारदाता :5. उधारदाता :5. उधारदाता : उधारदाता ईसीबी नीित म5 �दए गए अनुसार एफ़एटीएफ़ अथवा आईओएससीओ का अनुपालन करने वाले दशे का िनवासी होना चािहए, ईसीबी के अंतरण पर भी यही शत2 लागू होगी। तथािप ब�पCीय तथा Cे@ीय िव�ीय संPथाए,ं जहां भारत एक सदPय दशे ह,ै को भी माBयता�ाs उधारदाता समझा जाएगा। साथ ही 0रज़व2 ब3क, भारत सरकार के साथ परामश2 कर अनुसूची के अंतग2त �कसी अBय उधारदाता/ उधारदाताo के सेट को िनuद2v करेगा अथवा िवdमान �ावधान� को संशोिधत करेगा। �प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण:�प�ीकरण: भारतीय ब3क� क� िवदशेी शाखाo/ सहायक संPथाo को केवल िवदशेी मुा म5 जुटाए गए ईसीबी के िलए माBयता�ाs उधारदाता के Iप म5 अनुमित दी गई ह।ै

  • 8 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] 6. समJ लागत6. समJ लागत6. समJ लागत6. समJ लागत i. िवदशेी मुा म5 जुटाई गई ईसीबी के िलए 6 महीने के िलबोर के ब5चमाक2 अथवा संबंिधत मुा के िलए यथा लागू ब5चमाक2 से अित0र� अिधकतम P�ेड 450 आधार अंक �ित वष2 अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत �कए गए अनुसार होगा। ii. भारतीय qपये म5 जुटाई गई ईसीबी के िलए अिधकतम P�ेड तदनुIपी प0रपता वाली भारत सरकार क� �ितभूितय� के �चिलत �ितफल के अित0र� 450 आधार अंक �ित वष2 अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत �कए गए अनुसार होगा । 7. अंितम उपयोग7. अंितम उपयोग7. अंितम उपयोग7. अंितम उपयोग अनुसूची के अनुसरण म5 भारत के बाहर से जुटाए गए उधार क� रािशय� का उपयोग 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के परामश2 से, िविनuद2v क� गई नकाराDमक अंितम-उपयोग क� सूची म5 शािमल गितिविधय� को छोड़कर अBय सभी �योजन� के िलए �कया जा सकता ह।ै 8. उधार लेने क/ $ि%गत सीमाएं8. उधार लेने क/ $ि%गत सीमाएं8. उधार लेने क/ $ि%गत सीमाएं8. उधार लेने क/ $ि%गत सीमाएं सभी पा@ उधारकता2/ उधारकता2o क� िेणयाँ �ित िव�ीय वष2 750 िमिलयन अमरीक� डॉलर अथवा उसके समतु`य रािश तक ईसीबी जूटा सकते ह3। Pटाट2-अस के िलए यह रािश 3 िमिलयन अमरीक� डॉलर अथवा उसके समतु`य रािश तक सीिमत रहगेी। तथािप 0रज़व2 ब3क, भारत सरकार के साथ परामश2 कर िविशv Cे@� म5 काय2रत संPथाo �ारा अथवा िविशv अंितम उपयोग के िलए जुटाई गई ईसीबी के िलए उतर सीमाएं िनधा20रत कर सकता ह।ै उ� 6ि�गत सीमाए ं0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर समीCा के अधीन ह�गी। 9. जमानत 9. जमानत 9. जमानत 9. जमानत इस अनुसूची के अंतग2त आने वाले उधारकता2 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v �कए गए अनुसार इन िविनयम� के तहत अथवा अिधिनयम के अंतग2त बनाए गए �कसी अBय िविनयम के अनुसार उधारदाता/ आपू[त2कता2 को जमानत �दान कर सकते ह3। उधारकता2, उधार लेने के िलए 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v शतl के अधीन जमानत के Iप म5 कॉपरेट और/अथवा 6ि�गत गारंटी भी �दान कर सकते ह3। तथािप, 0रज़व2 ब3क �ारा िनधा20रत क� गई िविशv शतl को छोड़कर, ब3क, िव�ीय संPथाए ंतथा गैर-ब3xकंग िव� कंपिनयाँ, इस अनुसूची के अंतग2त अपने घटक� �ारा िलए गए उधार के िलए उनक� ओर से पारदशेीय (ओवरसीज़) उधारदाता के पC म5 �कसी भी �कार क� गारंटी �दान (जारी) नहK कर5गे। 10. ऋण क/ रािश क/ िवदेश म# पाMकN ग । 10. ऋण क/ रािश क/ िवदेश म# पाMकN ग । 10. ऋण क/ रािश क/ िवदेश म# पाMकN ग । 10. ऋण क/ रािश क/ िवदेश म# पाMकN ग । इस अनुसूची के अतंग2त िलए गए उधार से �ाs िनिधय� को अनुमत अंितम उपयोग के िलए उपयोग म5 लाए जाने तक 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर जारी िनदrश� के अनुसार िवदशे म5 अथवा भारत म5 पाक2 �कया जा सकता ह।ै 11. ऋण का आहरण11. ऋण का आहरण11. ऋण का आहरण11. ऋण का आहरण इस अनुसूची के अंतग2त उधार ली गई िनिधय� म5 से आहरण 0रज़व2 ब3क �ारा Pथािपत �णाली के अनुसार 0रज़व2 ब3क से अथवा �ािधकृत 6ापारी(एडी) से ऋण पंजीकरण संया �ाs करने के बाद ही �कया जाएगा। इसका अनुपालन नहK करने पर उधारकता2 को 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v दडं का भुगतान करना पड़ सकता ह।ै बशतr यह �क उपयु2� के अनुसार दडं का भुगतान नहK करने को उ`लंघन माना जाएगा तथा अिधिनयम अथवा उसके अंतग2त बनाए गए िनयम� म5 �दए गए अनुसार कंपाउंfडगं अथवा Bयाय िनण2यन के अधीन होगा। 12. �रपोPटNग12. �रपोPटNग12. �रपोPटNग12. �रपोPटNग उधारकता2, 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v क� गई 0रपोटग �.यािविध का अनुपालन करेगा। इसका अनुपालन नहK करने पर उधारकता2 को 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v दडं का भुगतान करना पड़ सकता ह।ै बशतr यह �क उपयु2� के अनुसार दडं का भुगतान नहK करने को उ`लंघन माना जाएगा तथा अिधिनयम अथवा उसके अंतग2त बनाए गए िनयम� म5 �दए गए अनुसार कंपाउंfडगं अथवा Bयाय िनण2यन के अधीन होगा। 13. ऋण 2क चकुौती13. ऋण 2क चकुौती13. ऋण 2क चकुौती13. ऋण 2क चकुौती नािमत �ािधकृत 6ापारी (एडी) को इस अनुसूची के अंतग2त उधार लेने संबंधी �दशािनदrश� के अनुIप मलू धन, pयाज, तथा अBय �भार� का िव�ेषण करने क� सामाBय अनुमित होगी। 14. हेTजंग14. हेTजंग14. हेTजंग14. हेTजंग 0रज़व2 ब3क, भारत सरकार के साथ परामश2 कर इस अनुसूची के अंतग2त उधार लेने संबंधी हfेजंग अपेCाo को िनधा20रत करेगा।

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 9 15. ईसीबी जुटाने के िलए उपलVध माग:15. ईसीबी जुटाने के िलए उपलVध माग:15. ईसीबी जुटाने के िलए उपलVध माग:15. ईसीबी जुटाने के िलए उपलVध माग: सभी ईसीबी Pवचािलत माग2 के अंतग2त जुटाई जा सकती ह3 य�द वे इस अनुसूची के अंतग2त िनधा20रत मानदडं� के अनुIप ह3 और िविनuद2v 0रपोटग शतl के अधीन ह3। सभी अBय मामल� पर आरबीआई �ारा अनुमोदन माग2 के तहत िवचार �कया जाएगा। अनुसूची अनुसूची अनुसूची अनुसूची IIIIIIII [ देख# िविनयम 4(बी)([ देख# िविनयम 4(बी)([ देख# िविनयम 4(बी)([ देख# िविनयम 4(बी)(ii),ii),ii),ii), तथा 6(बी)(तथा 6(बी)(तथा 6(बी)(तथा 6(बी)(iii)iii)iii)iii) ]]]] आयात के िलए $ापा�रक ऋण आयात के िलए $ापा�रक ऋण आयात के िलए $ापा�रक ऋण आयात के िलए $ापा�रक ऋण आयातक इस अनुसूची म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत के बाहर से 6ापा0रक उधार जुटा सकते ह3। 1. 1. 1. 1. �योजन�योजन�योजन�योजन इस �कार के ऋण 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िनधा20रत शतl के अधीन डीजीएफ़टी क� िवdमान िवदशे 6ापार नीित के अंतग2त अनुमत �कए गए अनुसार गैर-पंूजीगत तथा पंूजीगत वPतुo के आयात के �योजन स े तथा िवशेष आ[थ2क Cे@ (एसईज़ेड) के भीतर अथवा �कसी िभ एसईज़ेड से गैर-पंूजीगत तथा पंूजीगत वPतुo क� खरीद के िलए जुटाए जा सकते ह3। �प�ीकरण :�प�ीकरण :�प�ीकरण :�प�ीकरण : एसईज़ेड का ताDपय2 एसईज़ेड अिधिनयम, 2005 म5 दी गई प0रभाषा से ह।ै 2. उधार लेने क/ म�ुा2. उधार लेने क/ म�ुा2. उधार लेने क/ म�ुा2. उधार लेने क/ म�ुा 6ापा0रक ऋण �कसी भी मु� Iप से प0रवत2नीय िवदशेी मुा तथा भारतीय qपये म5 अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनuद2v क� गई �कसी अBय मुा म5 जुटाया जा सकता ह।ै 3. उधार क/ रािश3. उधार क/ रािश3. उधार क/ रािश3. उधार क/ रािश आयातक पंूजीगत तथा गैर-पंूजीगत वPतुo के आयात के िलए �ित आयात लेनदने 50 िमिलयन क� समतु`य रािश अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत क� गई कोई अBय रािश तक 6ापा0रक उधार जुटा सकते ह3। 4. अविध4. अविध4. अविध4. अविध 6ापा0रक ऋण क� अविध िजसक� गणना पोतलदान क� तारीख से क� जाएगी, िन;ानुसार होगी: i. गैर-पंूजीगत वPतुo के आयात के िलए- �कBही वPतुo के आयात के िलए / �कसी िविशv Cे@ �ारा आयात के िलए प0रचालन च. से संल तथा एक वष2 क� अिधकतम अविध, अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर जारी �दशािनदrश� के अनुसार िनधा20रत अविध। ii. पंूजीगत वPतुo के आयात के िलए: तीन वष2 क� अिधकतम अविध अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर जारी �दशािनदrश� के अनुसार िनधा20रत अविध। 5. माWयता�ा� उधारदाता 5. माWयता�ा� उधारदाता 5. माWयता�ा� उधारदाता 5. माWयता�ा� उधारदाता भारत म5 पारदशेीय (ओवरसीज़) आपू[त2कता2, ब3क तथा अBय िव�ीय संPथाएं, िवदशेी इ�0ट धारक तथा अंतरराVीय िव�ीय सेवा केB� (आईएफ़एससी) म5 िव�ीय संPथाएं अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत क� गई कोई अBय एंटीटी। 6666. . . . लागत:लागत:लागत:लागत: i. िवदशेी मुा म5 6ापा0रक उधार के िलए 6 महीने के िलबोर के ब5चमाक2 अथवा संबंिधत मुा के िलए यथालागू ब5चमाक2 से अित0र� अिधकतम P�ेड होगा 250 आधार अंक �ित वष2 अथवा 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत �कए गए अनुसार। ii. qपये म5 मू`यवगकृत 6ापा0रक ऋण के िलए सम लागत �चिलत बाज़ार प0रिPथितय� के अनुIप होनी चािहए अथवा वह 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के साथ परामश2 कर िनधा20रत �कए गए अनुसार हो । 7. जमानत तथा गारंटी 7. जमानत तथा गारंटी 7. जमानत तथा गारंटी 7. जमानत तथा गारंटी इस अनुसूची के अंतग2त आने वाले उधारकता2 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v �कए गए अनुसार इन िविनयम� के तहत अथवा अिधिनयम के अंतग2त बनाए गए �कसी अBय िविनयम के अनुसार उधारदाता/ आपू[त2कता2 को जमानत �दान कर सकते ह3। उधारकता2, उधार लेने के िलए 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v शतl के अधीन जमानत के Iप म5 कॉपरेट तथा/ अथवा 6ि�गत गारंटी भी �दान कर सकते ह3। इसके अित0र� एडी णेी-I ब3क� को समुपारीय आपू[त2कता2, ब3क तथा

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)] िव�ीय संPथा के पC म5 ब3क गारंटी जारी करने क� अनुमित ह ै ले�कन उBह5 यह सिुनिzत करना होगा �क आधारभूत (अंडरलाइंग) आयात/ 6ापा0रक ऋण, मौजूदा मानदंड� का अनुपालन करता ह।ै 8. �रपोPटNग सबंंधी अपे�ा8. �रपोPटNग सबंंधी अपे�ा8. �रपोPटNग सबंंधी अपे�ा8. �रपोPटNग सबंंधी अपे�ाएँएँएँएँ 0रपोटग संबंधी अपेCा तथा �.यािविध 0रज़व2 ब3क �ारा समय-समय पर िविनuद2v �कए गए अनुसार होगी। अनुसूची अनुसूची अनुसूची अनुसूची III [ देख# िविनयम 5(ए)([ देख# िविनयम 5(ए)([ देख# िविनयम 5(ए)([ देख# िविनयम 5(ए)(i),i),i),i), तथा 5(बी)]तथा 5(बी)]तथा 5(बी)]तथा 5(बी)] भारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर के उधारकता:1 को उधार देनाभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर के उधारकता:1 को उधार देनाभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर के उधारकता:1 को उधार देनाभारत के िनवासी $ि% &ारा भारत के बाहर के उधारकता:1 को उधार देना पा@ संPथाएं इस अनुसूची म5 िनिहत �ावधान� के अनुसार भारत के बाहर के उधारकता2o को बाM वािणिNयक ऋण (ईसीएल) �दान कर सकते ह3। 1. भारत म5 कोई �ािधकृत 6ापारी(एडी) समय-समय पर यथा संशोिधत िवदशेी मुा �बंध (�कसी िवदशेी �ितभूित का अंतरण अथवा िनग2म) िविनयमावली, 2004 के अनुसार �कसी िवदशेी संPथा, िजसम5 �कसी भारतीय संPथा ने �DयC िवदशेी िनवेश �कया ह,ै को िवदशेी मुा म5 बाM वािणिNयक ऋण (ईसीएल) �दान कर सकता ह।ै 2. भारतीय ब3क� क� िवदशेी शाखाएँ भारत के बाहर अपने ब3xकंग कारोबार के सामाBय .म म5 िवदशेी मुा ऋण �दान कर सकते ह3। 3. समय-समय पर यथासंशोिधत �दनांक 7 जुलाई 2004 क� अिधसूचना सं. फेमा. 120/ आरबी- 2004 के मा_यम से अिधसूिचत िवदशेी मुा �बंध (�कसी िवदशेी �ितभिूत का अंतरण अथवा िनग2म) िनयमावली, 2004 के अंतग2त कोई पा@ संPथा �कसी िवदशेी संPथा, िजसम5 उसने उ� िविनयम� के अनुसार �DयC िनवेश �कया ह,ै को िवदशेी मुा म5 उधार दे सकती ह।ै 4. भारत म5 िनवास करने वाला कोई 6ि� समय-समय पर 0रज़व2 ब3क �ारा भारत सरकार के परामश2 से िनधा20रत क� गई शतl के अधीन अपने समुपारीय आयातक ाहक को 6ापार स ेसंबंिधत �योजन� से अपने ईईएफ़सी खाते म5 धा0रत िनिधय� म5 से िवदशेी मुा म5 उधार दे सकता ह।ै 5. भारतीय कंपिनयाँ अपनी भारत के बाहर क� शाखाo के कम2चा0रय� को 6ि�गत �योजन� से िवदशेी मुा म5 ऋण �दान कर सकती ह3 बशतr 6ि�गत �योजन� से �दान �कया गया ऋण उधारदाता क� Pटाफ क`याण योजना/ऋण िनयमावली तथा भारत तथा िवदशे म5 िनवासी Pटाफ पर यथालागू अBय शतl के अनुसार होगा। RESERVE BANK OF INDIA

    (FOREIGN EXCHANGE DEPARTMENT)

    (CENTRAL OFFICE)

    NOTIFICATION

    Mumbai, the 17th December, 2018

    No. FEMA 3(R)/2018-RB

    Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) Regulations, 2018

    G.S.R. 1213(E).—In exercise of the powers conferred by clauses (a), (d) and (e) of Sub-Section (3) of Section 6, sub- section (2) of Section 47 of the Foreign Exchange Management Act, 1999 (42 of 1999) and in supersession of

    Notification No. FEMA. 3/2000-RB dated May 3, 2000, as amended from time to time, Notification No. FEMA. 4/2000-

    RB dated May 3, 2000, as amended from time to time and Regulation 21 of Notification No. FEMA. 120/RB-2004 dated

    July 7, 2004 as amended from time to time, the Reserve Bank makes the following regulations for borrowing and lending

    between a person resident in India and a person resident outside India, namely:

    1. Short Title and Commencement: -

    i) These Regulations may be called the Foreign Exchange Management (Borrowing and Lending) Regulations,

    2018.

    ii) They shall come into force from the date of their publication in the Official Gazette.

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    2. Definitions: -

    In these regulations, unless the context otherwise requires -

    i) “Act” means the Foreign Exchange Management Act, 1999 (42 of 1999);

    ii) “Authorised Dealer (AD)” means a person authorised as an Authorised Dealer under sub-section (1) of

    section 10 of the Act;

    iii) “EEFC Account”, “RFC Account” shall have the same meaning as assigned to them respectively in the

    Foreign Exchange Management (Foreign Currency Accounts by a person resident in India) Regulations,

    2015, as amended from time to time;

    iv) “External Commercial Borrowings (ECB)” means borrowing by an eligible resident entity from outside India

    in accordance with framework decided by the Reserve Bank in consultation with the Government of India;

    v) “External Commercial Lending (ECL)” means lending by a person resident in India to a borrower outside

    India in accordance with framework decided by the Reserve Bank in consultation with the Government of

    India

    vi) “Foreign Exchange” shall have the same meaning assigned to it in the Act;

    vii) “Foreign branches/subsidiaries of the Indian banks” means entities established overseas in terms of

    provisions contained in the Banking Regulation Act, 1949, as amended from time to time;

    viii) 'Authorised Bank', 'Non-resident Indian (NRI)', 'FCNR (B) Account', 'NRO Account', and 'NRE Account'

    shall have the same meanings as assigned to them respectively in the Foreign Exchange Management

    (Deposit) Regulations, 2016, as amended from time to time;

    ix) “Housing Finance Institution” and “National Housing Bank” shall have the same meaning as assigned to

    them in the National Housing Bank Act, 1987, as amended from time to time;

    x) “Indian Entity” means a company incorporated in India under the Companies Act, 2013, as amended from

    time to time, or a Limited Liability Partnership formed and registered in India under the Limited Liability

    Partnership Act, 2008, as amended from time to time;

    xi) “Overseas Citizen of India (OCI)” Cardholder shall have the same meaning as assigned to it under Section

    7(A) of the Citizenship Act, 1955, as amended from time to time;

    xii) “Real Estate Activity” means any activity involving own or leased property for buying, selling and renting of

    commercial and residential properties or land and also includes activities either on a fee or contract basis

    assigning real estate agents for intermediating in buying, selling, letting or managing real estate. However,

    this would not include development of integrated township, purchase/ long term leasing of industrial land as

    part of new project/modernisation or expansion of existing units or any activity under ‘infrastructure sub-

    sectors’ as given in the Harmonised Master List of Infrastructure sub-sectors approved by the Government of

    India vide Notification F. No. 13/06/2009-INF, as amended/ updated from time to time;

    xiii) “Relative” shall have the same meaning as assigned to it in the Companies Act, 2013, as amended from time

    to time;

    xiv) “Restricted End Uses” shall mean end uses where borrowed funds cannot be deployed and shall include the

    following:

    a) In the business of chit fund or Nidhi Company;

    b) Investment in capital market including margin trading and derivatives;

    c) Agricultural or plantation activities;

    d) Real estate activity or construction of farm houses; and

    e) Trading in Transferrable Development Rights (TDR), where TDR shall have the meaning as assigned

    to it in the Foreign Exchange Management (Permissible Capital Account Transactions) Regulations,

    2015.

    xv) “Schedule” means the Schedule to these Regulations;

    xvi) “Start-up” means an entity which complies with the conditions laid down in Notification No. G.S.R 180(E)

    dated February 17, 2016, as amended/ updated from time to time, issued by Department of Industrial Policy

    and Promotion, Ministry of Commerce and Industry, Government of India;

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    xvii) “Trade Credit” refer to the credits extended by the overseas supplier, bank /financial institution for imports

    into India in accordance with the Trade Credit framework decided by the Reserve Bank in consultation with

    the Government of India;

    Explanation: Depending on the source of finance, such trade credits include both suppliers’ credit and

    buyers’ credit. Suppliers’ credit relates to the credit for imports into India extended by the overseas

    supplier, while buyers’ credit refers to loans for payment of imports into India arranged by the importer

    from overseas bank or financial institution. Imports should be as permissible under the extant Foreign Trade

    Policy of the Director General of Foreign Trade (DGFT).

    xviii) The words and expressions used but not defined in these Regulations shall have the same meaning

    respectively assigned to them in the Act.

    3. Prohibition to Borrow or Lend: -

    Save as otherwise provided in the Act, Rules or Regulations made thereunder, no person resident in India shall

    borrow or lend in foreign exchange from or to a person resident in or outside India and no person resident in India

    shall borrow in rupees from, or lend in rupees to, a person resident outside India:

    Provided that the Reserve Bank may, for sufficient reasons, permit a person resident in India to borrow or lend in

    foreign exchange from or to a person resident in or outside India and/or permit a person resident in India to borrow

    in rupees from, or lend in rupees to, a person resident outside India.

    Explanation: Use of Credit Card (a) in India by a person resident outside India or (b) outside India by a person

    resident in India shall not be deemed as borrowing or lending in Indian Rupee/foreign exchange.

    4. Borrowing from outside India in Foreign Exchange by a Person Resident in India: -

    A. Borrowing by an Authorised Dealer or its branch outside India

    i) An AD may borrow from its Head Office or branch or correspondent outside India or any other entity up to

    limit specified and subject to terms and conditions as specified by the Reserve Bank from time to time, in

    consultation with Government of India.

    ii) A branch outside India of an AD being a bank incorporated or constituted in India, may borrow in foreign

    exchange in the normal course of its banking business from outside India, subject to the directions or

    guidelines issued by the Reserve Bank from time to time, and the Regulatory Authority of the country

    where the branch is located.

    iii) An AD may borrow in foreign exchange from a bank or a financial institution outside India, for the

    purpose of granting pre-shipment or post-shipment credit in foreign exchange to its exporter constituent,

    subject to compliance with the guidelines issued by the Reserve Bank in this regard.

    iv) An AD may raise ECB from outside India in accordance with the provisions contained in Schedule I.

    B. Borrowing by Persons other than Authorised Dealers

    i) Eligible resident entities may raise ECB from outside India in accordance with the provisions contained in Schedule I.

    ii) Trade Credit may be raised from outside India by importers for import of capital or non-capital goods as permissible under the extant Foreign Trade Policy of the DGFT in accordance with the provisions

    contained in Schedule II.

    iii) A person resident in India may borrow, whether by way of loan or overdraft or any other credit facility, from a bank situated outside India, where export of goods or services is proposed to be made on deferred

    payment terms or in execution of a turnkey project or a civil construction contract, provided the terms

    and conditions stipulated by the authority which has granted the approval to the arrangement are in

    accordance with the Foreign Exchange Management (Export of goods and services) Regulations, 2015,

    notified vide Notification No. FEMA.23(R)/2015-RB dated January 12, 2016, as amended from time to

    time.

    iv) Financial Institutions, set up under an Act of the Indian Parliament, may raise foreign exchange borrowings with the prior approval of the Government of India for the purpose of onward lending.

    Explanation: Such borrowings, which are in the nature of ECB, shall be subject to provisions contained

    in Schedule I.

    v) An individual resident in India may borrow a sum not exceeding USD 250,000/- or its equivalent, or any other amount as decided by the Reserve Bank from time to time, from his/her relatives outside India and

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(i)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    subject to such terms and conditions as specified by the Reserve Bank from time to time in consultation

    with the Government of India.

    vi) An individual resident in India studying abroad may raise loan outside India not exceeding USD 250,000/- or its equivalent, or any other amount as decided by the Reserve Bank from time to time, for

    the purposes of payment of education fees abroad and maintenance subject to terms and conditions as

    specified by the Reserve Bank from time to time in consultation with the Government of India.

    5. Lending in Foreign Exchange by a Person Resident in India: -

    A. Lending by an Authorised Dealer in India or its branch outside India

    i. An AD in India or its branch outside India may extend foreign currency denominated ECL to a borrower

    outside India in accordance with the provisions contained in Schedule III.

    ii. An AD may grant loans to its constituents in India for meeting their foreign exchange requirements or for

    their rupee working capital requirements or capital expenditure subject to compliance with prudential

    norms, interest rate directives and guidelines, if any, issued by Reserve Bank in this regard.

    iii. Subject to the directions or guidelines issued by the Reserve Bank from time to time, an AD in India may

    extend foreign exchange loans to another AD in India.

    iv. Branches outside India of AD banks may extend foreign exchange loans against the security of funds

    held in NRE/ FCNR deposit accounts or any other account as specified by the Reserve Bank from time to

    time, maintained in accordance with the Foreign Exchange Management (Deposit) Regulations, 2016,

    notified vide Notification No. FEMA 5(R)/2016-RB dated April 1, 2016, as amended from time to time.

    B. Lending by persons other than Authorised Dealer

    Eligible resident entity may extend foreign currency denominated ECL to a borrower outside India in

    accordance with the provisions contained in Schedule III.

    6. Borrowing in Indian Rupees by a Person Resident in India: -

    A. Borrowing by an Authorised Dealer

    An AD may raise Rupee denominated ECB from outside India in accordance with the provisions contained in

    Schedule I.

    B. Borrowing by persons other than Authorised Dealer

    i. Eligible resident entities may raise Rupee denominated ECB from outside India in accordance with the

    provisions contained in Schedule I.

    ii. Eligible resident entities, as defined by the Government of India, may borrow from overseas Multilateral

    Financial Institutions/International Development Financial Institutions, where the source of funds of such

    institutions is Rupee denominated bonds issued overseas or resources raised domestically, or any other

    source as approved by the Government of India.

    iii. Trade Credit may be raised from outside India in Indian Rupees by importers for import of capital or non-

    capital goods as permissible under the extant Foreign Trade Policy of the DGFT in accordance with the

    provisions contained in Schedule II.

    iv. Any foreign investment in the nature of debt arising out of transfer or issue of security, not covered under

    the above sub-regulations, should be in compliance with Foreign Exchange Management (Transfer or

    Issue of Security by a Person Resident Outside India) Regulations, 2017, notified vide Notification No.

    FEMA 20(R)/ 2017-RB dated November 07, 2017, as amended from time to time.

    v. Any person resident in India accepting any deposit from, or making any deposit with, a person resident

    outside India, including loans/ overdrafts against security of funds held in such accounts, should be in

    compliance with Foreign Exchange Management (Deposit) Regulations, 2016, notified vide Notification

    No. FEMA 5(R)/2016-RB dated April 1, 2016, as amended from time to time.

    vi. A person resident in India, not being a company incorporated in India, may borrow in Indian Rupees

    from a NRI/Relatives who are OCI Cardholders outside India, subject to such terms and conditions as

    specified by the Reserve Bank from time to time in consultation with the Government of India. The

    borrower should ensure that the borrowed funds are not used for restricted end uses.

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(i)]

    vii. Financial Institutions, set up under an Act of the Indian Parliament, may raise Rupee denominated

    borrowings from outside India with the prior approval of the Government of India for the purpose of

    onward lending.

    Explanation: Such borrowings which are in the nature of ECBs shall be subject to provisions contained

    in Schedule I.

    7. Lending in Indian Rupees by a Person Resident in India: -

    A. Lending by an Authorised Dealer

    i) An AD in India may grant loan to a NRI/OCI Cardholder for meeting the borrower's personal

    requirements/own business purposes/acquisition of a residential accommodation in India/ acquisition of

    motor vehicle in India / or for any purpose as per the loan policy laid down by the Board of Directors of

    the AD and in compliance with prudential guidelines of Reserve Bank of India. The AD bank should

    ensure that the borrowed funds are not used for restricted end uses.

    ii) Overdraft in rupee account maintained with AD in India by a bank outside India: An AD may permit a

    temporary overdraft, for value not exceeding Rupees 5 billion or any other amount as prescribed by the

    Reserve Bank from time to time, in rupee accounts maintained with it by its overseas branch or

    correspondent or Head Office outside India, subject to such terms and conditions as the Reserve Bank

    may direct from time to time.

    B. Lending by persons other than Authorised Dealer

    i) A registered non-banking financial company in India or a registered housing finance institution in India

    or any other financial institution as may be specified by the Reserve Bank from time to time, may provide

    housing loan or vehicle loan, as the case may be, to a NRI/OCI Cardholder subject to such terms and

    conditions as prescribed by the Reserve Bank from time to time. The borrower should ensure that the

    borrowed funds are not used for restricted end uses.

    ii) An Indian entity may grant loan in Indian Rupees to its employee who is a NRI/OCI Cardholder in

    accordance with the Staff Welfare Scheme subject to such terms and conditions as prescribed by the

    Reserve Bank from time to time. The borrower should ensure that the borrowed funds are not used for

    restricted end uses.

    iii) A resident individual may grant Rupee loan to a NRI/OCI Cardholder relative wit