हहॊदी सप्ताह (20.7.2015 से...

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हॊदी सताह (20.7.2015 से 29.7.2015) हॊदी के वऱ एक भाषा ही नहीॊ अपऩत सॊक भी है , हमारे देश की आमा है , जो येक भारतीय के दय तनवास करती है हम सबका उतरदातयव है आने वाऱे समय सभी को हॊदी भाषा का , वैऻातनक सऩ पवपवध कऱा शा अशमत , अनेक कार सब देसन से ऱै करह , भाषा माहचार I इस सयता को माणित करने के शऱए हमारे पवयाऱय तवषहॊदी सताह का आयोजन कया जाता है गत वष की भाॊतइस वषभी रारभाषा हॊदी छा की उऩन करने तथा उनम तछऩी तभा को उजागर करने हेत पवयाऱय हॊदी सताह मनाया गया , जसम ाथशमक काओॊ ने वगष ऩहेऱी , कड़ नाटक तथा नाटक मॊचन अऩना शत तशत योगदान हदया। का तीय छा को जऱ की महता बताने के शऱए वगष ऩहेऱी के मायम से गततपवचध करवाई गई I सभी छा जऱ बचाओसे सबॊचधत नारे ऱेकर आए एक ऐसी वगष ऩहेऱी बनाई गई जसम पवशभन नार से सबॊचधत मााएॉ शऱखी गई थी , छा ने उचचत वर यॊजन का योग करते वगष ऩहेऱी को रा कया का चत थष छा ने बड़े उसाह के साथ ऩानी बना सब शीषषक ऩर पवशभन कड़ नाटक मॊच ऩर कए I सभी छा ने ऩानी बचाने के अऱग अऱग तरीके और मन के जीवन ऩानी का महव बताते मॊच ऩर नाटक मॊचन कया I का चत थष के छा ने इस तयोचगता थम थान ात कया और का चत थष के छा ने इस तयोचगता पवतीय थान ात कया I

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