विषय-सूची · web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600...

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एए एएएएए एए एएए..... ककक एएएएए एएएएएए (एए एएएएएए)

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Page 1: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

एक आसमान क तल कवि

निननितन पाचाल (लव पाचाल)

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Nitin Panchal (Love Panchal)

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पसतक परिचयपरसतत पसतक ldquoएक आसमान क तलrdquo एक कावय पसतक ह जो हर परकार की कविताओ स अलकत ह बात चाह हमार ससकवित की हो चाह खान-पान की चाह परम की हो चाह विरह की हो चाह हासय की होचाह राजनीवित की हो या वि$र भकति की हो सभी परकार की कविताओ को मन इस पसतक म सथान दि-या ह मझ परण1 विशवास ह विक परसतत पसतक स हर एक वयकति को उसकी विषयरची क अनसार कविताए पढन का मोका मिमलगा इस पसतक को पढन क पशचात आपक अमलय सझाो की परतीकषा रहगी यह पसतक कतिलखन की परररणा मझ मर माता एम अधयापको दवारा मिमली ह जिजसक कतिलए म उनका अतयत आभार परकट करता ह अत म आपस इस पसतक को पढ़कर आपक आशीा1- सरप आपक सझाो को भजन की परारथ1ना करता ह

निननितन पाचाल

यह विकताब म अपन माता-विपता और हर उस इसान को समरपिपJत करता ह जिजनह म बहत पयार करता ह

मा को समरपिपतमरा पहला पहला पयार त

दि-ल कह य जीन भी ार दय जिजन-गी य खकतिशया सबतझस स ह मा तझस ह

ऊगली पकड क तन चलायाख- विगल म सो करमझ सख म सलाया

अचछ बर का $क1 करायाय लोरिरया य कहाविनया सब

तझस ह मा तझस ह

जो त ना होती तो म ना होताजो त ना रोती म कस हसता

विकतनी तकली$ विकतनी मशकिTकलतन सही ह

वि$र भी मारथ पर एक कतिसकन तक नही हकस चकाऊ समझ न पाऊ

मरा य ज-तझस ह मा तझस ह

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

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लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

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बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

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जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

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रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

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14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

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जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

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एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

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परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

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जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

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उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

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पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 2: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

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पसतक परिचयपरसतत पसतक ldquoएक आसमान क तलrdquo एक कावय पसतक ह जो हर परकार की कविताओ स अलकत ह बात चाह हमार ससकवित की हो चाह खान-पान की चाह परम की हो चाह विरह की हो चाह हासय की होचाह राजनीवित की हो या वि$र भकति की हो सभी परकार की कविताओ को मन इस पसतक म सथान दि-या ह मझ परण1 विशवास ह विक परसतत पसतक स हर एक वयकति को उसकी विषयरची क अनसार कविताए पढन का मोका मिमलगा इस पसतक को पढन क पशचात आपक अमलय सझाो की परतीकषा रहगी यह पसतक कतिलखन की परररणा मझ मर माता एम अधयापको दवारा मिमली ह जिजसक कतिलए म उनका अतयत आभार परकट करता ह अत म आपस इस पसतक को पढ़कर आपक आशीा1- सरप आपक सझाो को भजन की परारथ1ना करता ह

निननितन पाचाल

यह विकताब म अपन माता-विपता और हर उस इसान को समरपिपJत करता ह जिजनह म बहत पयार करता ह

मा को समरपिपतमरा पहला पहला पयार त

दि-ल कह य जीन भी ार दय जिजन-गी य खकतिशया सबतझस स ह मा तझस ह

ऊगली पकड क तन चलायाख- विगल म सो करमझ सख म सलाया

अचछ बर का $क1 करायाय लोरिरया य कहाविनया सब

तझस ह मा तझस ह

जो त ना होती तो म ना होताजो त ना रोती म कस हसता

विकतनी तकली$ विकतनी मशकिTकलतन सही ह

वि$र भी मारथ पर एक कतिसकन तक नही हकस चकाऊ समझ न पाऊ

मरा य ज-तझस ह मा तझस ह

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 3: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

पसतक परिचयपरसतत पसतक ldquoएक आसमान क तलrdquo एक कावय पसतक ह जो हर परकार की कविताओ स अलकत ह बात चाह हमार ससकवित की हो चाह खान-पान की चाह परम की हो चाह विरह की हो चाह हासय की होचाह राजनीवित की हो या वि$र भकति की हो सभी परकार की कविताओ को मन इस पसतक म सथान दि-या ह मझ परण1 विशवास ह विक परसतत पसतक स हर एक वयकति को उसकी विषयरची क अनसार कविताए पढन का मोका मिमलगा इस पसतक को पढन क पशचात आपक अमलय सझाो की परतीकषा रहगी यह पसतक कतिलखन की परररणा मझ मर माता एम अधयापको दवारा मिमली ह जिजसक कतिलए म उनका अतयत आभार परकट करता ह अत म आपस इस पसतक को पढ़कर आपक आशीा1- सरप आपक सझाो को भजन की परारथ1ना करता ह

निननितन पाचाल

यह विकताब म अपन माता-विपता और हर उस इसान को समरपिपJत करता ह जिजनह म बहत पयार करता ह

मा को समरपिपतमरा पहला पहला पयार त

दि-ल कह य जीन भी ार दय जिजन-गी य खकतिशया सबतझस स ह मा तझस ह

ऊगली पकड क तन चलायाख- विगल म सो करमझ सख म सलाया

अचछ बर का $क1 करायाय लोरिरया य कहाविनया सब

तझस ह मा तझस ह

जो त ना होती तो म ना होताजो त ना रोती म कस हसता

विकतनी तकली$ विकतनी मशकिTकलतन सही ह

वि$र भी मारथ पर एक कतिसकन तक नही हकस चकाऊ समझ न पाऊ

मरा य ज-तझस ह मा तझस ह

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 4: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

यह विकताब म अपन माता-विपता और हर उस इसान को समरपिपJत करता ह जिजनह म बहत पयार करता ह

मा को समरपिपतमरा पहला पहला पयार त

दि-ल कह य जीन भी ार दय जिजन-गी य खकतिशया सबतझस स ह मा तझस ह

ऊगली पकड क तन चलायाख- विगल म सो करमझ सख म सलाया

अचछ बर का $क1 करायाय लोरिरया य कहाविनया सब

तझस ह मा तझस ह

जो त ना होती तो म ना होताजो त ना रोती म कस हसता

विकतनी तकली$ विकतनी मशकिTकलतन सही ह

वि$र भी मारथ पर एक कतिसकन तक नही हकस चकाऊ समझ न पाऊ

मरा य ज-तझस ह मा तझस ह

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

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47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 5: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

मा को समरपिपतमरा पहला पहला पयार त

दि-ल कह य जीन भी ार दय जिजन-गी य खकतिशया सबतझस स ह मा तझस ह

ऊगली पकड क तन चलायाख- विगल म सो करमझ सख म सलाया

अचछ बर का $क1 करायाय लोरिरया य कहाविनया सब

तझस ह मा तझस ह

जो त ना होती तो म ना होताजो त ना रोती म कस हसता

विकतनी तकली$ विकतनी मशकिTकलतन सही ह

वि$र भी मारथ पर एक कतिसकन तक नही हकस चकाऊ समझ न पाऊ

मरा य ज-तझस ह मा तझस ह

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 6: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

निवषय-सची

निवषय परषठ सखया

1 परम और विरहhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip7-242 परररणातमकhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip25-32 3 -श और राजनीवितhelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip33-404 हासय41-545 य कसी सोच55-646 भकति65-707 अनय71-768 मरा परिरचय77-80

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 7: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

परम और विरह (Love and Breakup)

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 8: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

1ऐ इTक तरी जात कया ह

ऐ इTक तरा मजहब कया हकया ह इTक तरा दिWकानाऐ इTक तरा काम कया ह

ऐ इTक तरा अजाम कया ह

ना कोई धम1 जात मरीना मरा कोई मजहब ह

जात पात तो दTमन मरादि-लो म राज करना काम मरा

--1 और कतिस$1 --1 मरा अजाम ह

2विकननी ारी कतिलखया तन मर पयार दि-या अरजिजयाकब तक रहा सिसJगल तन शमा1 ना आजिन-या बस कड़ी मागी इकोचगा जाका दि-ल हो

दि-ल - विकसी कोन विचोनाम साडा कतिलखा होदि-ल स कर ा पयार कबल कर अरजिजया

गगला त सच1 विकता$सबक त मारा मारथाऑरकट ी रथक गया

नही मिमली मन मरी कविडयाकहत ह असमान विचो

बन-ी ह जोविडया

9

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 9: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

लगता ह मरी ाली न तो करली ना हो ख-खकतिशया

ख- तो $सा ली तन हजार हजार कविडया

अग पछ घम तर सार गोकल की गोविपया कछ तो शम1 विकता सी

इक मर नाल ी छड दि-ता सीमन जा-ी मरी दि-ाली

मन जा-ी होकतिलया

3ना जान ो कौनसी घडी रथी

जब पहली बार य नजर तझपर पड़ी रथीविकया रथा मझ पर इस क-र जाद

हो गया रथा दि-ल मरा बकाब

रातो की नी- तन उड़ाई रथीदि-ल का चन न त ल गयी रथी

अब तो मसकराती मरी तनहाई रथीकयकी त मरी जिजन-गी म आई रथी

परिरयो स मिमलन की तमननाबचपन स मर दि-ल म रथी

कहाविनयो म सना रथा परी होती हपर विशवास ना रथा

-खा तझ तो समझ आयापरी कलपना नही सचचाई रथी

ऐ खिखलत $लो जरा Wहरो

10

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 10: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

ख- पर करत इतना नाजअब करक दि-खलाओअर मर यार को -खो

-ख चा- भी शमा1ता हो विनहार जो आइना

ो आइना भी उसका आकतिशक हो जाता ह

जब होता ह दि--ार उसकातो दि-ल खिखलखिखलाता ह

जब ना दि-ख दि-नभरदि-ल बचन हो जाता ह

दि--ार की पयासी विनगाहहर तर$ बस उस ढढती ह

बात होती विकसी स हविनगाह कही और घमती ह

सोचता ह अपनी मोहबबत का इजहार करदअपन दि-ल की हर बात

उसक दि-ल स शयर करदवि$र डरता ह की अभी दि--ार तो होत ह

कहत ह इजहार क बा-आकतिशको क खचi बहत होत ह

यही सोचकर दि-ल की भानाओ पर काब करता हदि-ल म जो अरमान उWत हउनह दि-ल म ही रखता ह

4मन दि-ल की आाज सनकर

दि-ल अपना सौपा तमह हमर दि-ल का दि-ल रखना ह

या तोडना ह उस

11

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 11: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

$सला य अब तम पर ह

बस इतना तम खयाल रखना विक विबन तर हम जी नही सकत तक-ीर म या तो तरा पयार होगा

या तर काध पर जनाजा मराहर ममविकन कोकतिशश होगी तमह पान की जिजन-गी भर का सारथ न मिमल तो न सही

पल -ो पल का सारथ ही सही खशविकसमत समझग जो पा कतिलया तरा सारथ अगर

सोचग जी ली हमन जिजन-गी अपनी मरकर

5तझ पाना नही मकाम मरी जिजन-गी कातरी मोज-गी का अहसास ही का$ी ह

त ना मिमल तो ना सहीमर जीन को तरा दि--ार ही का$ी ह

हर विकसी को उसका पयार मिमल य जररी तो नहीय तो दि-ल की बात हकोई मज़बरी तो नही

पयार ना करो ना करनापर इतना जरर करना

की मझस न$रत भी ना करनातर पयार क बगर वि$र भी रह लग

तझस दर रहन का गम वि$र भी सह लगना सह पाएग तो न$रत य तमहारी

आखिखरी पल होगा ो जिजन-गी का हमारी

6

12

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 12: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

तरा य सारथ मझ अचछा लगता ह अपना य रिरTता मझ सचचा लगता हउWत ह य हारथ जब भी दआ क कतिलए हर दआ म तरा नाम अचछा लगता ह

य तर हरपल होन का एहसास सा य तर हरपल की मौज-गी सीमानो मझ बारी सी करती ह

पर कसम उस ख-ा कीमझ य बारापन भी अचछा लगता ह

एक पल भी तरा आखो स ओझल हो जाना एक पल भी तझ पास न पाना

ो पल काट न कटता हएक बचनी सी जगती ह मन म

य बचनी का आलम भी मझ अचछा लगता ह

आज ह कल कया पता न होगमगर य ा-ा ह मरा

जब तक जिजयग सारथ रहग

बस इक जनम म ममविकन नही ह इस पयास का भझ पाना

तरा मरा य सारथ मझ जनमो जनमो का लगता ह

7कया कह म ऐ जान जानातरी खबसरती क बार म

बस इतना जान लो ममविकन नही शब-ो म बया कर पाना

13

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 13: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जो कर दि-या तो य बईमानी होगीतम विकतनी हसी हो

बनान ाल न भी कया कयामत ढाई हलगता ह तमह बनान म उसन

परी गमl की छदिटया विबताई ह

8न सोचा रथा य कभी

विक सहनी होगी य दरी पास आक तरा इतनइतना दर हो जाऊगा

एक झलक पान को तरीम इतना तरस जाऊगा

आखो की तरी य नमीबतलाती ह गहराई तर पयार की

पर कहत ह विनयवित विचोचल-ी नही विकसी की

पर अपना पयार तो इन सब चीजो स आग ह म तरा रहगा तम मरी स-ा

य मिमल क विकय हमन ा- ह

इस जाहा म एक दज कन हो सक तो कया

अपना तो एक अलग जाहा इस जाहा क आग ह

तर इतजार म मन आख विबछा रखी ह त आयगी जरर आयगी

14

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 14: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

बस एक यही उममी- अब बाविक ह

9ो भी गजरी होगी इन राहो स जिजन राहो स म आज गजरा ह

जरा1 जरा1 दि-ला रहा अहसास उसकाऐसा म महसस कर रहा ह

दि-लो की बचनी बढ़ रही हजो जो म क-म बढ़ा रहा ह

कही विकसी मोड़ पर दि-ख जाए शाय-ऐसी ए रब तझस दआ कर रहा ह

पर ए मर मौलाना त ना मझस उस मिमलाना

नजर उसस मिमला ना पाउगा कयो की य खता य समझा ना पाउगा

उसकी जिजन-गी स जाना मर रसाई रथीपर कया करता इसी म उसकी भलाई रथी

पयार तो म भी बपनाह करता रथापर दःख -न स उस म डरता रथा

कया - पाता जो ो मर जिजन-गी म आतीपयार क कतिसा कछ और न पाती

कतिस$1 पयार क सहार य जीन नही चलतापयार तो ह आज भी उतना जिजतना कल रथा

कया जाता तरा ए मर मौला

15

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 15: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जो रथोड़ी -ोलत बकस -ताकम स कम दविनया मझ ब$ा ना कहतीना म उसस दर जाता ना ो दखी रहती

विकस -ोराह पर तन मझलाकर खड़ा कर दि-या रथाउसम और उसकी खकतिशया

-ोनो म स एक को चनना रथाजो चन लता उस तो य मरी ख-गजl होती

जानता ह लाख दःख सह कर भी ो चप ही रहती

पर कया करता हर ख़शी -न का विकया मन ा-ा रथा

उसका दि-ल तोड़न क कतिसा ना कोई रासता बाकी रथा

10य कसी कहानी कतिलखी ह ख-ा

कोई नही ह उसम उस ब$ा क कतिसाजिजस तक कतिसमटी ह दविनया य मरी

ो ही ह आज मझस ज-ाय कसा --1 दि-या ह तन

ना म जी सका हना म मर सका

मन कयो पयार विकयाहाय मन कयो पयार विकया

न जानत रथ हमपयार ऐसा गनाह हना जानत रथ हम

16

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 16: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

मिमलती ऐसी सजा हजीन मरन क जो हमन

विकय रथ ा-खाई रथी कसम

पल म सब भल गयीय कसी फ़ा ह

हाय य कसी फ़ा ह

कहत ह इTकह ख-ा की इबा--

मन तो माना तझको ही ख-ा हतरी इबा-- तरी बजिन-गीतर ख़शी ही मरी ख़शी ह

हाय तरी ख़शी ही मरी ख़शी ह

11अमास की रात म जब या- तरी आई रोन लगी आख तड़प उWा दि-ल हरजाई

या- आय ो लमह जब इक लमहा भी दसार होता रथा

जब एक ही दि-न म मिमलना चार बार होता रथा आज भी या- ह ो तर सार बहान

कभी मदि-र तो कभी सहलीकभी एकटिकटा म पटरोल भरान क बहान कहा गय ो लमह कहा गय ो बहान

तर दि--ार हए बीत गय न जान विकतन ज़मान आजा आज वि$र त विकसी काम क बहान

तरा दि--ार हो जाए तो जीन का बहाना मिमल जाएत जो पास होती तो पता चलता दि-ल म --1 विकतना ह

ो तो सास चल रही ह तरी या-ो क सहार

17

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 17: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

रना एक म-i म और मझम $क1 विकतना ह

12ए दि-ल जरा Wहर जा य ना मचल

रह त औकात म अपनी य ना उछलपयार करना गनाह ह इस दविनया म

सजा ए मौत मिमलती ह यहाकफ़न तक नसीब नही होता आकतिशको को लाश बक$न ही -$ना -ी जाती ह यहा

जब हम प-ा हए तो कया धम1 रथा अपना कया त जानता ह कया तरी जात रथी

त विहनद त मकटिसलम त कतिसख और त इसाई धम1-मजहब जात-पात की घटी

घोल घोल क विपलाई जाती ह यहा

पयार करना कतिसखान ाल ख- पयार क दTमन हमरी जात मरा धम1 मरा मजहब कया दि-लो क रिरTतो स बढकर ह

पयार क कतिलए उWन ाली हर आाज कागला घोट दि-या जाता ह यहा

13तनहा तनहा य जिजन-गी गजारी ह तमहार विबना

लमहा लमहा हर एक पल न विकसी की या- तमहार कतिसा

पयार इTक और मोहबबततो बहोतो न की होगीहमन तो की ह इबा--मान कर तमको ख-ा

18

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 18: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

14अब कछ नही रहा तर मर -रमिमJया

वि$र कयो तम मर खाबो म आती होहो चका ह जब सब ख़तम तो

वि$र भी कयो मझ इतना तडपाती होविनकल कयो नही जाती तम मर जहन स

अब नही होती य घटन सहन रचाहता ह आजा-ी म तरी या- स

कर-ी जिजसन जिजन-गी मरी बबा1- रअब ना म तरा हो सकता ह

ना ही विकसी और काना जान म ो कोनसा पल रथा

छाया हआ रथा एक बा-ल घनघोर साहोती ह षा1 आखो स मर टप टप जब करता ह या- ो बात सब

15जान अनजान रातो म मरी नी- खल जाती ह

न चाहत तरी या- आ जाती हसोचता ह दर ही रह तझस ए ब$ा

पर य दरी ही मझ तर और पास लाती ह

कर कतिलया ह समझोता मन अपनी तनहाई सजीना सीख कतिलया मन अब विबन तर

त तरी या- स कह -विक ो मझस दर रह

एक बार तो त तोड़ ही चकी ह मझअब य तरी या- मझ न तोड़

ए यारो एक मशरा स-ा या- रखना

19

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 19: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जो कभी चनना पड जाय इTक और जहर म विकसी को

तो जहर होWो स लगान म -र न करनाहजारो बार मरन स बहतर एक बार मरना

बस इTक न करना-२

16पयार ना कर पगल रहल सिसJगल

राम का नाम ल मत कह टविJकल टविJकलपयार तो पागल परथी ह

जो ना हर विकसी को जमती हपयार तो ो लोग करत हजिजनक विकलल विबकत ह

अब भी ह सभल जाछोड़ - लड़की सधर जा

पयार ना करमोबाइल की य कसी बीमारीइन लडविकयो को लागी ह

सबह शाम जब -खोबस खिखट विपट कर-ी रहन-ी ह

मोबाइल तो ल कतिलया परअब रिरचाज1 कोन कराए

इसकतिलए मडम जी न ह मगi $साएबस हाय हलो डारलिलJग रिरचाज1 हो जाता ह

बस एक आख मार नया मगा1 $स जाता ह पयार ना कर

इन लडविकयो का भी पता नहीविकतन बॉयफर ड बनाती हएक क सग कर -ोसती

दज सग डट पर जाती ह

20

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 20: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

एक स होता बरकअपतरत दजा पचअप होता ह

दि-ल तो तोड़ य ऐसजस कोई खिखलौना टटा ह

पयार ना करएक बार तो कविड़य

त भी दि-ल नाल पयार कररथोडा रथोडा जील रथोडा रथोडा मर

वि$र तझ पता चलगाइस दि-ल म विकतना --1 होता ह

आज भी ो पागलतरी या-ो म रोता ह

पयार ना कर

-------------------

21

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 21: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

परररणातमक कविताए(Motivational)

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 22: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

17सरज की पहली विकररण जो मझपर पड़ी

दि-ल म एक नयी उममी- सी जगीदि-ल न कहा मत हार अभी त

उमी- अभी बाविक ह

चौराह पर खड़ एक लड़क न जब मर आग हारथ $लाया

पर ब-विकसमती स उस दि-न ना कोई कतिसकका जब म पाया

य -ख उस बचच का चहरा मरझायातभी एक लमबी चौड़ी गाड़ी स उतरी एक मडम न

पयार भरा हारथ उसक सर पर वि$रायादसर हारथ म रखा विपजजा उसक आग बढाया

-ख विपजजा उसक चहर पर मसकान छाईमरझाया चहरा वि$र स खिखलखिखलाया

ऐसा लगा मानो उ-ास चहरो पर मसकान अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

सबह सर जल-ी उWकर म लगा गस की लाइन म

विकसी न सकल छोड़ा विकसी न -फतरछोड़ा विकसी न कामकाज र

पर आज भी गस नही मिमलगी य स-शा गजा सब क कान म

पता चला सार कतिससिलJडर बच दि-ए बलक मयह सब -ख एक दखिखय क दःख का बाध टटाो उनपर ऐस टटा कर दि-या उसन सबको सीधा

मानो ऐसा लगा गगी जनता क मह म

24

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 23: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जबान अभी बाविक ह दि-ल न वि$र कहा मत हार भी त

उममी- अभी बाविक ह

घायल पड़ा सड़क पर म-- क कतिलए रहा रथा पकार

-ख हर कोई अन-खा कर -ताना सनता कोई पकार

तभी एक फ़रिरTता न जान कहा स आयाजल-ी स मझ हसपताल पहचाया

बाल बाल बचा मरकरमझको य समझ आया

हाविनयत क इस यग म इसाविनयत अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

एकसीडट की रिरपोट1 कतिलखान मजब पहचा पास रथान-ार क

रिरपोट1 मर कतिलखी नहीऊपर स लगा मझको ही धमकान

बोला त आया रिरपोट1 कतिलखान जो भी ह जब म रख- विनकाल क

-रोगा को लगी खबर इसकीकर दि-या ससपड तरत रथान-ार कोऐसा लगा मानो इस बईमानी यग म

ईमान-ारी अभी बाविक हदि-ल न वि$र कहा मत हर अभी त

उममी- अभी बाविक ह

18मरा --1 तम कया समझोग

25

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 24: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

उसक कतिलए --1 म जीना आना चाविहए

मरी आप बीवित तम कया समझोगउसक कतिलए --1 पीना आना चाविहए

तम इनसान विकतन कमजोर होत होरथोडा सा दःख कया -खा

भाग खड़ होत होलविकन म खड़ा रहा ह विनरतर--1 प --1 पीता रहा ह विनरतर

रोज काकतिलख पतती ह मर मह परलविकन वि$र भी ऐ समाज

तरा सामना करता रहा ह विनरतर

इस ससार म हर कोई मझ दःख ही -ता ह-२वि$र भी तमहार दखो का

तह दि-ल स सागत करता रहा ह विनरतर

19कब तक बWा रहगा तइस विनयवित क भरोस

उW जा जाग जा ऐ इनसान अपन अ-र की ताकत को पहचान

विनयवित बनी ह तर कतिलएनाविक त बना विनयवित क कतिलए

सभाल त अपन होसल कोऔर ब-ल - त अपनी विनयवित को

कहत ह विनयवित विचोविकसी -ा जोर नही चल-ा

26

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 25: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

पर या- एक बात स-ा रखबजदि-लो की म-- तो ो ख-ा भी नही कर-ा

इवितहास साकषी ह आज तक ो भमिम गाह ह

लह स भझाई पयास धरा कीतब आजा-ी की मिमली स$लता ह

जो बW रह जात ो भी विनयवित क भरोसतो आज भी हम विकसी अगरज क गलाम होत

इसकतिलए आज ही य पररण लो य रथान लो मन म

विगरग पड़ग वि$र उW ग पर इस विनयवित क आग कभी न झक ग

20होली क इस असर परकोई ऐसा रग बनाओपा भर ईमान-ारी का

पा भर जिजमम-ारी का तड़का लगाओरथोडा सा मानता का

रथोडा एकता का रग मिमलाओवि$र -खो कया मजा आएगा

जब हर कोई इस रग म रग जाएगातब lsquoजय विहन-rsquo का नारा हर कोई

एक सर म गाएगा

महगाई को तल -ो कोईतल की कढाई म

भरषटाचार को जला -ो कोई

27

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 26: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

होली मगलोई मवि$र न होग -गन होग घोटाल

लहराए गी ईमान-ारीबईमानी क ब- ताल

-श का उदधार हो जाएगा

आओ एक दज को हम रग लगायजो भी ह विगल कतिशक

आज उनको हम भलायबढाए अपना मल जोलमिमलकर ख़शी मनाए

करत ह ईशवर तझस इतनी परारथ1नाऐसा होली का तयौहार हर बरस आएगा

21ईट ईट स बनी ईमारत

ब- ब- स सागरब- की कीमत म ना समझा

सागर स हआ न-ार- जञान की एक बात बात बताऊ

जो म समझा ो नविहयाजो नविहया ो म समझाजो पालोग भ- इसका तो जीन म मिमलगी

सचची स$लता --------------

28

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 27: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

-श और राजनीवितजञ(Country and politics)

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 28: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

22-श जाय चलह म शावित जाय भाड मआन -ो पसा बस कसl की आड़ म

पाच साल क कतिलए मिमला मझ य सनहरा मौकाजिजतना हम स हो सकता रथा

जनता की आख म धल को झौका

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 29: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

न जान विकतन -ग $सा- कराएविहनद-मकटिसलम आपस म लडाए

अचछा ह भाई इनह लड़न -ोमझ तो बस नोट विगनन -ोजब तक लड़ग लड़त रहगभला य मझस कया कहग

जो अगर विकसी न मह खोलाविगर -ग कही कोई बम का गोला

बढ़ा -ो महगाई इतनी विक नानी या- आजायकपड पहनन खाना खान तक क लाल पड़ जाय

य जनता भी विकतनी भोली हजानती नही खली जा रही आख मिमचोली ह

23एक आ-मी भागता हआ आया

बोला चनाी मौसम ह नज-ीक आयानारो की आधी चलन ाली हा-ो की बारिरस होन ाली ह

इन सबस बचन का बस एक ही उपायअपना ोट सही वयकति को जाय

जल- ही ो मौसम आ गयालालच का बा-ल गहरा गया

विकसी न समझा न सोचाकर दि-या अपन अपन ोट का सौ-ा

ईमान-ारी बईमानी स हार गयीोटरो क चहरो पर मसकान छाई

31

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 30: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

उनहोन सोचा उनकी विजय हईपर असल म जो होना रथा ही हआनता जी का असली चहरा खला

बचार ोटर वि$र पछताएना मिमला पानी ना विबजली आय

अब पछताए होत कया जब कतिचविड़या चग गयी खत

बटर लक नकसट टाइमजसट ाच ऍन ट

24म कयो कर विफ़कर -श की

भला मझ कया पड़ी ह -श की जब अचछ स कट रही ह मरी

तो कया जररत खामखा $डड म पड़न की

मर सधर जान स रथोड़ी नाय -श सधरगा

मर ईमान-ार होन स रथोड़ी ना -श ईमान-ार होगा

रथोड़ी सी Wगगी तो सब करत हरथोड़ी म कर लगा तो कया होगा

मर अकल स रथोड़ ही नाय -श ब-नाम होगा

स भी यहा ईमान की क-र नही होती हजब म जिजसक पसा उसी की चलती ह

लोग उसक कानन उसकाकतिसकका उसका चलता ह

32

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 31: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जब ब-लगी य घदिटया सोच हमारीतब भारत की सरत ब-लगीजब ब-लगी सरत -श कीतब उसकी सीरत ब-लगी

माना हो जाती ह तरककी जल-ी बईमानी स कमान म

पर आती ह शम1 उसकोख- स भी नजर मिमलान म

भला बचचो को ईमान का पाW पढ़ाएगा कसउनको सही राह दि-खायगा कस

ऐस ही तो हो रहा -श का बटाधारभला अपन -श को बचाएगा कस

25-स बीस सौ पचास जो भी ह विनकाल -

काट दगा चालान तरा रना मरी जब म कछ डाल -

कतिसगनल तन तोडा हहलमट भी नही ओढा ह

लाइसस भी एकसपायर तरा हबड़ी मशकिTकल स तझको घरा हजल-ी कर होन को अधरा ह चल सौ पचास म विनपटार -

आग स त रखना खयाल खल पस जब म डाल

हर चौराह प खड़ ह हम जान नही -ग तझ

33

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

--------------

34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 32: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

विबना कतिलए जान -ग नही

जो त रखगा हमारा धयान नही काटग तरा चालान

जो हमस अकड़ा तमन चाह जिजतनी धारा लगाद

100 का म 600 बना द जान नही -ग तझ

विबना कतिलए जान -ग नही

चौपाई जो खा रह कसम -श पर मर मिमटन की

अकसर ही -श को लट रह हकर जिजनक हा ल य -श हम चन स सो रह हअकसर ही हमारी नी- चन हराम कर रह ह

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34

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

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47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 33: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

हासय कविताए(Comedy)

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

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अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

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य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

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44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

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सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 34: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

26म औरतो की बहत इजजत करता हइसकतिलए $सबक पर हर लड़की को

म कतिससटर कतिलखता हबचपन स मा-बाप न पढाया

India is my country andall indians are my brother and sister

बस यही कतिसखायाजब सकल गया तो हा भी यही रटाया

मन भी कह दि-या soory teacher soory teacherbut some exceptions are thereपर जानी तक तो य मरी आ-त बन चकी रथी

गल1फर ड एक भी नही पर बहनो की कोई कमी रथीतब जाकर मझ ो exception ाली लाइन या- आई

अगल ही दि-न $सबक पर एक लड़की पटाईउसकी ाल पर lsquoI love yoursquo कतिलखा

reply उसका पढ़ कर मह स विनकला हाय -ईयाकयकी सामन कतिलखा रथा lsquoi love yoursquo too भया

मन कहा की तमन य कया कर दि-या हसामन स ो बोली आप कया सोचत होpledge कया कतिस$1 आपन पढ़ा ह

27जय हो तरी ऐ मोबाईल

करो जी नबर जो चाहो डायलदि-ल स दि-ल की पहचाय बात

कॉल रट 12 पसा 30 दि-नो की कतिलविडटी क सारथहो गल1फर ड नाराज या झW कोई कहना हो

घर नही जाना -ोसत क यह रहना होहर जगाड़ य मिमनटो म करा-बस त जरा एक नबर घमा -

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

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47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

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44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 35: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

झW य बोल इतनी स$ाई ससमझ न आय आ-मी ह या लगाई हकभी कभी शकिसच ऑ$ हो जाता ह

आकतिशको की नी- चन सब उड़ जाता हनी- भी त चन भी त

बस एक पल भी मझस दर न होलगता ह अचछा जब हारथ म हो अपन

छटत ह पसीन जब घराल ललटशन क सारथ एटरटन भी करता ह

तर विबना एक पल भी नही कटता ह

28एक लड़की कर बWी एक अजीब अडास

करगी शा-ी एक इजिजविनयर सजो हो विबना सपली क पास

य सनकर उसक पापा को गससा आयाऔर घमा क एक कान क नीच लगाया

बोला बटी जो मागगी ो दगात कहगी कील म डॉकटर ला दगापर तरी य जिज- विबलकल सही ना हइजीविनयरिरJग ो भी विबना सपली क

ो तो तर बाप क बस की बात भी ना हतझ कया पता विकतन पापड़ बलन पड़त ह

4 साल 40 पपर 400 अकतिसगनमट झलन पड़त हआसान ह डॉकटर या कील बनना

MBBS या LAW पढनाइजीविनयरिरJग समझत समझत साल बीत जात ह

$सट1 इयर क $ड लासट इयर म जाकर समझ आत हो लोग कछ खास होत ह

जो विबना सपली क पास होत ह

39

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

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47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 36: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

इवितहास उनह टापस1 कहता हपर उनम कछ -म नही होता हजन भी कछ कम ही होता ह

कलास म करत-करत टॉपो ख- हो जात ह लोप

कॉलज क पहल दि-न स आखरी दि-न तको एक सामान नजर आत ह

न वितल क -ान जिजतना बढ़त हन राइ क -ान जिजतना घटत ह

दोहाविकताब पढ पढ़ जग मआ

इजिजविनयर बन सका न कोए ढाई घट एकसामस क पहलपढ़ ो इजिजविनयर होए

29हाय इजीविनयरिरJग की य पढाई

ना हमको कभी रास आईना समझ आया य αβ और ϒ

एकसामस म जरा गस कासटट क लय तो बतानासी क परोगरामस न ऐसी जान खाई

इस लगज को पढ़त पढ़त अपनी लगज ही भल गय भाई

मथस की बस कया बात कर अब भाईहमशा इस सबजकट म री ह आई

पता नही एनपी बाली न कहा स इतना दि-माग पाया

तमको भी यही सबजकट मिमला रथा जो हमको इतना पकाया

हारथ जोड़त ह भई गलती हो गयी भारीकसाइयो क बीच $स गई य ननही जान हमारी

40

30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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30एक दि-न म $सबक स लगा करन कतिशकायत

विक जो त न होती तो म पढ़ लता

जिजतन सटटस तझपर कतिलख मनबस उतना ही कॉपी म म कतिलख लता

जिजतन तझ पर मन फर डस बनायकाश उतन चपटर पढ़ लता जिजतनी तझपर कमटस मारीबस उतना ही म रट लता

जिजतनी विपकस तझपर अपलोड कीशाय- उतन ही डायगराम -ख लता

जिजतना समय ऐ $सबक तझपर विबतायाइतना समय अगर इजीविनयरिरJग की बकस क सारथ विबताया होता

तो सच कहता ह कसम ख-ा कीMDU का टोपर आज कोई और ना होता

31छोटी सी पॉकट मनी इतना सारा खच1 होता ह

आध जात गल1फर ड क मोबाइल मआध स क टीन का विबल चकता होता हऊपर स य महगाई नाक म -म करती ह

गल1फर ड की $रमाइश होती हपञच कतिसतारा म लच करन की

यहा पञच कतिसतारा तक जान का पटरोल भी नही होता ह तब जाकर अपन सचच -ोसत की या- आती ह

वि$र उस बीती बात या- दि-लाई जाती ह

41

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 38: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

अर अपना लगोदिटया यार ह कब तक नाराज होगाजो एक बार जो मान गया तो उसकी पॉकट का

आधा विहससा अपनी जब म होगावि$र WाW स गल1फर ड क सारथ लच होता ह

पस -न की बारी म वि$र इमोशनल अतयाचार होता ह

32महगाई का जी -खो विकतना बरा हाल हो गया

इसकी जह स एक आकतिशक रो गया

कल ही उस- नाल पयार -ा इजहार मन करना सी$ल कोनसा म ल मन आ समझ नी

-ो रपय ाला गलाब आज -ो सौ का हो गया इसकी जह

कल ही मडम जी $रमाईस विकता सीबोली चलगी जान लॉनग डराइ तर नाल ही$टी मर विकसमत य कसा चमतकार हो गया

रातो रात पटरोल 70 पार हो गया इसकी जह

मडम जी न लक गया होटल पञच कतिसतार तमगाया विडनर क डल लाइट सारथ मरथोडा सा खाया और बबा1- हो गया

-ो रथाली का विबल जान कस 5000 हो गया इसकी जह

पकड कतिलए मन कान इस पयार-वयार सकर कतिलया बरकअप मन अपनी गल1फर ड स

महगाई की जह स वि$रम -ोबारा सिसJगल हो गया

42

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

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या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

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तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 39: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

इसकी जह

33सा म पयार विपता जी

सविनय विन-न ह इस परकार ह विकआजकल महगाई न नाक म -म कर रखा ह

-ो रपय म मिमलन ाला गलाब का $लआज -ो सौ का हो गया ह

महीन म -ो सौ का रिरचाज1 तो गल1फर ड का हो जाता हऊपर स मरा फ़ोन भी बलस हमशा लो ही बताता ह

अगर बात पटरोल की कर तो तन मन म आग लग जाती ह

कयकी अब 75 रपय म पटरोल एक कतिलटर ही आती हऊपर स अब हीरो हौडा बाइक -खकर

मरी गल1फर ड नाक कतिचडाती हऔर कभी कभी तो ो

विकसी और की हौडा कतिसटी म ही घर जाती हय सोच कर मरा खन खोलन लगता ह

मज कया कर मझ बताइएकपा कर अपन ज़मान स बाहर आइयऔर मरा पॉकट मनी रथोडा बढ़ाइए

34उस चहर को -खा तो ऐसा लगा

रथोडा सा अनजाना रथोडा अपना लगापहली नजर न विकया जाद इस क-र

घायल कर दि-या मरा जिजगरजगन लगी बचविनया इस क-र मन मउस पाना जीन का मकस- सा लगा

उस चहर को

43

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 40: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

म अनजान क-रत की साजिजश सभीग रहा खड़ा खड़ा म बारिरस म

तभी अचानक य कसा करिरTमा सा हआइशारा -कर उसन मझ अपन पास बलायामर सोय अहसासो को इस क-र जगाया

म धीम धीम क-मो स उसकी तर$ बढ़न लगा उस चहर को

धीम धीम क-मो क सारथ सास उ$ान प रथीमन म आज कछ त$ानी करन की Wानी रथीमगर सन क ो शब- मानो मर ब$1 सी जमी

जब पीछ स आय एक बचच न बलाया उस मममीमर सार अरमानो पर बारिरश वि$र गई

पता नही कसा मझ 440 ालट का झटका लगा उस चहर को

35इस मोबाइल न -खो

इTक की ब-ल -ी परिरभाषा मिमलत ह बहत सार

टाटा समसग या ललो नोविकया आशा

पहल खन स कतिलखा करत ख़त दि-ल स आह विनकलती रथी

जिजगर विनकाल रखत रथ ख़त मपढकर भी आह विनकलती रथी

अब तो बस यहा टाइपऔर हा सड होता हपता भी नही चलता सड ट न होता ह

44

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

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अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

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सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 41: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

या सड ट आल होता ह

आता ह रिरपलाई जब उनकातो अ-ा उनकी भी समझ नही पात

की सड ट न होता हया सड ट आल होता ह

36एक आ-मी अपनी शा-ी क काड1 को

बड़ा घर रहा रथा ऐसा लगा मानो ो उसम

कछ धध रहा रथारथोड़ी -र ऐसा करन क बा-

बोला य तो नाइसा$ी ह हमार सारथ इस दविनया म हर चीज एकसपायर हो जाती ह

वि$र आखिखर शा-ी की एकसपायरी डट कब आती हआपक कछ पल क मज

हमार कतिलए सजा बन जाती हएक जनम हो तो वि$र भी झल ल

पर य मसीबत तो सात जनमो की गारटी कतिलए आती हभला एक मिमWाई एक इनसान कब तक खा सकता ह

भला एक ही गाड़ी कब तक चला सकता हकोई सकीम कोई ऑ$र तो चला

बस इस परान मॉडल स मरा पीछा छड़ा तभी परकट हए शरी कषरणा जी मसकराए

तम इनसान विकतन भोल हो बस इतन म घबराय

म यगो यगो स डोल रहा ह तमहारी तो बस एक ह

और म सोलह हजार कतिलए घम रहा ह ऐ मख1 परारणी ऐसी सकीम ऐसा ऑ$र

45

तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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तो म ख- ढढ रहा ह

37एक रोज शर की शरनी स हई टककरहो गया -ोनो क बीच इTक का चककर

शर शरनी पर विफ़-ा हो गया बोला डारलिलJग आज स म तरा हो गया

करना चाहता ह तमस शा-ीशरनी बोली म भी ह राजी

जब मिमया बीी राजी तो कया करगा बाप काजी

बड़ी धमधाम स -ोनो न विाह रचाया हारथीभालविहररण और ब-र सब को बलाया

सबन मिमलकर बड़ी धम मचाईलो विाह सपन हआ भाई

ल शरनी को बारात होन लगी वि-ा शरनी क विपता न शर को

बसट ऑफ़ लक कहाशर को ससर की य अ-ा रास ना आई

लो बारात घर पहच गयी भाईशरनी क आन स शर का बजट विहल गया

ो शरनी क मकअप की खरी-ारी म ही कतिसमट गया

हराम कर दि-या शर का खाना पानीबस अब चलन लगी शरनी की मनमानी

शर स अब रहा ना गया ो अपनी ससराल पहच गया

ससर को सारी बात कह सनाईमन तो पहल ही खबर-ार विकया रथा मर जमाईअर इन औरतो का तो बस यही एक काम ह

46

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 43: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

अर जो शर को भी चहा बना- य पतनी उसी कतिचविड़या का नाम ह

--------------

47

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

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भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

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सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 44: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

य कसी सोच(Think)

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 45: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

38पयार विकतना छोटा शब- ह

और विकतनी बड़ी उसकी परिरभाषामा की ममता पयार ह

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

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सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 46: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

विपता का दलार पयार हबहन-भाई का सनह पयार ह

गर क परवित कतिशषय का सममान पयार हख-ा की इबा-- पयार हपरमिमका का परम पयार ह

हर रिरTता जिजसस जडा ो पयार ह

पर न जान कब कस इन रिरTतो को विकसी की नजर लग गयीकब पयार ासना ासना पयार बन गयी

अब न कोई रिरTता इसस अछता नजर आता हदि-ल भी कॉप उWता ह जब

अ-ालतो म ऐसा बयान आता हबटी कहती ह विपता स

की ो उनक बचच की मा बनन ाली हनश की हालत म जब एक यक

अपनी मा स बलातकार कर जाता ह

जब एक गर अपनी कतिशषया स योनाचार करता हतब य ससार ससार नही खडहर दि-खता ह

हर तर$ स जिजसमकतिस$1 ासना की ब आती ह

कयो नही डरता ख-ा स त इसान कया सच म तझ जरा भी शम1 नही आती ह

39इसानो की यहा कीमत नही

पजत यहा भगान हबईमानी की चलती लाWी

विबकत यहा ईमान ह

50

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 47: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

कोई मर रहा $ट पारथ पकोई मरता बहार हसपताल क

अमबार लग सोन चा-ी कभरत भडार भगान क

भला ो भडार विकस काम कजो बचा नही सकत विकसी की जान र

इसानो की कीमत नही

ईमान भी विबकता हविबकता ह भगान भी

जो कीमत लग जाय सहीतो लग जाए म- क -ाम भी

इसाविनयत विकस ह- तक विगरी हइसका नही अनमान ह

इसानो की कीमत नही40

सोचता ह कयो चल हम शहरअचछ रथ हम गा म

असली शदध -सी घी का खाना होता रथापीकर लससी मछो पर ता होता रथा

आक शहर लगा विपजजा खानमडाली मछ भी शौक-शौक म

पड़ोस परम ऐसा रथा जस सग -ो भाईरोज चलहा जलता बाजर की रोटी सकती ताई

हर घर मानो अपना सा लगता रथाय शहर की दविनया विकतनी अनजान ह

एक घर मौत का मातमदज डब जशन ऐ शाम म

51

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

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44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

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भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 48: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

कए पर ो जाती पविनहारीमीWा-मीWा पानी भर-भर लाती

शहर म ह टकर आतारोज रोज क जत बजाता

कम स कम जीत रथ ह सख चन स

खत गय विबत गय ज़मानो मली ो गाजर चरान

यह तो सब रथल म पक मिमलता हय चीज शदध ह य भी उस पर कतिलखना पड़ता हखाकर ऐसी चीज लगी सौ बीमारी सारथ म

41ऐ पस त ख-ा तो नहीपर कसम उस ख-ा कीत ख-ा स कम भी नहीजररत त जीन की मगर

त जिजन-गी तो नही

जिजतना आय उतना कम हजिजसक पास जिजतना जया-ाउसम उतना जया-ा -म ह-ो रासत जात ह तझकोएक म ह खन पसीना

एक प महनत कम ह

जब जब त आता हएक नशा अनोखा लाता हबढन लगती ह लत बरी तरी

नशा बढ़ता जाता ह बढ़ता जाता हो तब दर नही जब त

52

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 49: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

जीन स जिजन-गी की जररत बन जाता ह

एक बात मझ आज तक समझ नही आईत इतना मनहस कयो ह भाई

जिजसक पास होता ह ो भी रोता हपास जिजसक होता नही रोता ो भी ह

वि$र $ाय-ा कया तझ पान काखामखाह दTमन बढ़ान का

तझस मरी य दरी ही Wीक ह

ऐ ख-ा इतनी इनायत बकश तविकसी क आग हारथ न $लाऊ

जिजतना दि-या हो सबर उसमखा -ाल रोटी तर गरण गाऊ

42-ो पल की कह- य जिजJ-गानी

एक पल खशी स बीतएक पल दःख म भी विबतानी

उस म भी त विकतन पाप कमाए करल धन चाह जमा विकतना

पर य तर सारथ ना जायइसकी खावितर विकतन कतल विकय

विकतन ह घर उजाड़ विकतनो की होगयी माग सनी

विकतनो की सनी कलाई

धयान रख एक दि-न इसी धन की खावितर

त ख- कतल हो जायगा

53

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 50: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

और तरा य साजो सामान यही धरा का धरा रह जायगा अब भी क़त ह सभल जा छोड़ पाप कम1 सधर जा

कहत ह हक पराया न खइयोएक क ब-ल सो चकत ह

य तो ऐस पाप कम1 ह जो मरन क बा- भी दखत ह

43कहत ह इTक एक जनन ह

जब य विकसी पर सार होता ह तो सार -ता ह जिजन-विगया लविकन जब विबगाड़ होता ह

तो त$ान आत हऐसी आधी चलती ह

पीछ अपन आसओ की धारा छोड़ जाती ह

य ब-- समाज कयो नहीसमझता इसक मोल को

कयो तोलता ह इसजात पात क टोल म

इतना स-र य जग बकशा उस ख-ा नकयो झकता नही त उसकी ख-ी म कहत ह इTक ख-ा का दजा रप ह

और इTक करना उसकी इबा-- तो कया इबा-- करना गनाह ह

54

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 51: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

44ाह भई कया बात ह

कया इस ही मॉडन1 टाइम कहत ह जहा विकसी जिजJ-ा आ-मी को डड कहत ह

ो ममता मयी शब- मा तो मानो गम ही गया मा का आज ममा और ममी हो गया

भख लग तो रोटी नही विपजजा चाविहए -ोपहर म ममा मगी बनाइय

विडनर म तो कतिस$1 चाउमीन और बग1र ही खाइएशाकाहारी भोज को भी हॉट डॉग कहत ह

महाभारत म दरोप-ी का एक बार चीरहररण हआलविकन आज तो हर औरत दरोप-ी नजर आती ह

विकसी दयधन की भी जररत नही आजो ख- ही नगन पाई जाती ह

आज की इस लाइ$ को लोग टशन कहत हकपड जिजतन कम हो उस ही तो $शन कहत ह

समय क सारथ न जान विकतनी परिरभाषाए ब-ली हन जान य र-ान ह या अभिभशाप ह पढ़ाई आज पढ़ाई नही एक वयापार ह

कतिशकषा की नीलामी जहा सरआम होती हससथानो स आज इनसान नही मशीन विनकलती ह

इनसान बनान ाल विदयालय की मझको आज भी तलाश ह

ओ- म इनसान आज जिजतना उWा ह नवितकता म ो उतना ही विगरा ह

बहन बटी मा और पतनी म नही $क1 नजर आता ह

55

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

56

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 52: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

हो रहा हर रिरTता शम1शार ह

--------------

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भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

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तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 53: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

भकति(Devotional)

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 54: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

45आओ सनाऊ कहानी एक -ीानी की

हारथो म ीरणा जीभा प लय विगरधारी कीगली गली ढढती रहती अपन Tयाम पयार को लटा दि-या स1स अपना लटा -ी जिजन-गी

त ही पवित ह मरा त ही परमशवर त ही स1स मरा त ही सiशवर

म ता हरण जोगरण तरीतर चररणो की -ासी

आजा मरी पयास भझा जाम ता जनमो जनमो की पयासी

कोई कह -ीानी कोई पागल कहता ह उसको न कोई $क1 पड़

जिजसक दि-ल म Tयाम रहता हओ मरली बजया पार करो मरी नया

आजा र आजा र

सनो एक बार की म बात बताता ह दTमनो की साजिजश ो चमतकार बताता ह

जहर का पयाला चररणा अमत बताकर विपला दि-या सास न मीरा को जाकर मीरा तो अपनी ही धन म मगन रथीो पी गयी जहर कW स लगाकर

-खकर य सब हरान रथ नाच रही रथी मीरा मसती म गाकर

46कयो म तझ पजा एक पतथर की मत1 बजान सी

पर वि$र भी पता नही कयो लोग

59

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 55: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

तझ कह- ह भगान जी

जो त ह इन पतथरो म तो त इसानो म कयो नही जो ह त इन खतो म खकतिलयानो म

जो त ह पडो म पभिकषयो म और इसानो मतो वि$र जो घटता ह इस जग म

कया उसम तरी मजl शामिमल नहीजिजतना जिजमम-ार इनसान ह

उतना जिजमम-ार कया त नही

अन-र बW बW सब खल -खता ह एक बार भी नही कयो त उस रोकता ह

कहत ह तन बड़ जनम कतिलए रथ धरती को पाविपयो स म करन क कतिलए

तन भी तो ही विकया पाप को छोड़ पाविपयो को ख़तम विकया

इसीकतिलए मझ तझ पर विशवास नहीम सब जानता ह तरी ख-गजl

जो मिमट जाय पाप तझ भझगा कोई नहीइसीकतिलए सबको इतन दःख -ता ह

चाह विकतन दःख - विकतन जलम कर नही पजगा तझ भगन मानकर

चौपाई भकति करना बरा नहीबरा हमारा तरीका ह

कया $ाय-ा चढान का

60

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

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61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 56: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

सोना चा-ी उस बजान पर जो लग सकता ह अचछ काज परो भी तरी इस रजा म खश होगाअर ख-ा तो हर इसान म बसता ह

करल दि--ार उसक विकसी की म-- कर

-------------

61

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

------------

67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 57: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

अनय(Miscellaneous)

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 58: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

47ना जान ऊपर ाल कयो तन

ह ऐसा खल रचाया मा-बाप भाई-बहन और ना जान

विकतन रिरTतो को बनाया कयो बनाय य रिरTत नात

कयो ह य जग ऐसा बनाया

य बात हमशा खटकती दि-माग म नही मिमला इन रिरTतो का आधार र

वि$र एक दि-न की ो घटना जब विकसी बात पर म घर छोड़ विनकल दर आया रथा

म आजा- अपनी मजl का माकतिलक पर ना आई ो आजा-ी विकसी काम र

या- ह आज भी विबतानी पड़ी रथीो रात खल आसमान म रात भर ना सो पाया रथा

परी रात Wणड म कपकपाया रथा

तब मझ ो बात या- आई सोन स पहल -ो बार पछती रथी माकया तन ह Wीक स ओढ़ी रजाई

उस बात को या- कर मरी आख भर आई

तब जाकर इन रिरTतो कामतलब समझ म आया

धनया- करता ह भगन तरा जो तन इन रिरTतो को बनाया

48ओ बाबल ओ बाबल

65

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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67

68

मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 59: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

अगना की तर म बलबलकयो मोह त पराया कर

बचपन भी बीता जानी भी बीतीइसी अगना म म खलती रथीबचपन क ो खिखलौन सारबचपन की ो या- सारी

कया बाबल त भल गया

समझ ना आए कयो जनम दि-या रथाजब सग अपन रखना ही ना रथा

कयो दविनया न य रीत बनाईकयो बटी होती ह जग म पराई र

तम भी पराय जग भी परायासब सखिखयो का सग भी छड़ाया नया घर नय नय रिरTत मिमलग

उनम ना मझको मर बाबल दि-खगखाना खाया ना खाया य कौन पछगा

कौन छोटी-छोटी बातो का रखगा धयान र

49सपन हो जो सीता क

जब नोटो स भरलो तम करना ह जो पयार तमकोतो सौ- बाजी करलो तम

हर चीज की कीमत लगन लगी यहा परया तो सौ-ा Wीक स करलो

या सप1नखा स पयार करलो तम

50दि-लो की य सौ-बाजी

66

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 60: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

सब कछ हार म बWा हो कगाल म अपनापयार भी गा बWा

मानकर जिजनको ख-ा हमनकी रथी इबा-- ो बोला

जो हो ब- सोन चा-ी क विपटारो मभला ो एक गरीब का हो कस

51य दविनया विकतनी मतलबी

बस अपन मतलब स मतलबदसर जाय भाड म

पट अपना भरलो बसकामयाबी का सतर बतलाया

जिजसन अपनाया कामयाब हो नही पायालटा-ो सार खजान उनपर

वि$र जिजतनी मजl वितजोरिरया भर लो तम

52ख-ा की इस खबसरत इनायत प

कयो तन लालछन लगाया कसी ह य दविनया

कयो तन इस बनाया

एक बार अपन विगरबान म झाक जो झाकत तो जान जात

कयो तझको ह बनाया कयो इस दविनया को बनाया

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

71

को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

समापत

72

  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
Page 61: विषय-सूची · Web viewमन च ह ज तन ध र लग द , 100 क म 600 बन द , ज न नह द ग त झ , ... ह । म र जन म 29

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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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मरा परिरचय(My Introduction)

मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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मा परिचयजीवन परिचय मरा नाम विनवितन पाचाल ह मरा जनम 29 कतिसतमबर1991 को गडगा शहर क बसई गा म हआ रथा मर विपता जी का नाम शरी धम1 सिसJह पाचाल तरथा मरी माता जी का नाम शरीमती

विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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विनम1ला -ी ह म स-ा स अपन माता-विपता का सबस चहता रहा ह बचपन स ही मर माता विपता न मझ अचछ ससकार दि-ए जिजसकी जह स हर वयकति स मझ ही सममान मिमला जो एक वयकति को मिमलना चाविहए जिजनक कतिलए म उनका अतयत आभारी ह

बचपन स ही मझ कविताए कतिलखन का शौक रहा ह इस शौक की शरआत ककषा म तक बधी स हई रथी जिजसक कतिलए मझ मर अधयापक और मर मिमतरो न बहत सराहा और मझ कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया धीर-धीर मझ बहत मजा आन लगा और वि$र जब भी मौका लगता म कतिलखन लग जाता रथा

धीर-धीर मन ढरो कविताए कतिलख ली परनत एक दि-न जब मरी अधयापक मरी डायरी मझस पढन क कतिलए मागी और उनस ो डायरी कही गम हो गयी जिजसका मझ बहत अफ़सोस हआ और मन कतिलखना छोड़ दि-या मर मिमतरो न वि$र स मर अन-र एक आतमविशवास जगाया और मझ सब कछ भल -ोबारा कतिलखन क कतिलए पररिरत विकया इस बार मन गप-चप तरीक स सबस छपा क कतिलखना आरमभ विकया मरी परम कविताओ क कतिलए मझ मर मिमतरो दवारा lsquoल पाचालrsquo क रप म अलग पहचान मिमली जिजस म अपन जीन की सबस बड़ी उपलशकिiexcl मानता ह

भाषा शली जहा तक भाषा शली की बात ह म अपनी कविताओ म हर भाषा का इसतमाल करता ह जिजतना हो सक अलग अलग भाषाओ का इसतमाल करक कविता को और रोचक बनान का स- परयतन करता ह

परमख कनिवताए अख़बार का --1 उममी- अभी बाविक ह पनना पनना जिजन-गी का तरा सारथ जसी कविताए परमख ह

अत म यदि- इस पसतक स विकसी की भाना आहत हई हो या वि$र मझस कतिलखन म कोई गलती हई हो तो कषमा चाहता ह इस पसतक

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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

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  • विषय-सची
  • विषय परषठ सखया
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को कतिलखन का अभिभपराय विकसी की भाना आहत करना नही कल और कल मनोरजन ह

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