भारत का दय - मय दशे म िवशषे वाय ... · 2014-10-01 ·...

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th Shalby Times is Published on 15 of Every Month I Issue No. 9 I Volume No. 23 I September 2016 भारत का दय - मय दशे म िवशषे वाय सवे ाएं उपलध कराती शै बी हॉिपटल खृला।

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  • thShalby Times is Published on 15 of Every Month I Issue No. 9 I Volume No. 23 I September 2016

    भारत का �दय - म�य �दशे

    म� िवशषे� �वा��य सवेाएं उपल�ध कराती

    श�ैबी हॉि�पटल �खंृला।

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201602

    शै�बी प�रवार म� हम आपका �वागत करते है

    शै�बी हॉि�पटल, जबलपुर

    डॉ. िवशाल क�तवार

    क�स�ट�ट - डायाबेटोलॉजी

    एम.बी.बी.एस. ए�ड एम.डी. (मेिडिसन)

    संपक� : +91 95758 01200

    डॉ. राज�ष िम�ा

    क�स�ट�ट - िमिनमल इनवेिसव सज�री

    एम.बी.बी.एस. ए�ड एम.एस. (जनरल सज�री)

    संपक� : +91 95758 01114

    शै�बी हॉि�पटल, इंदौर

    डॉ. अिभषेक स�गारा

    क�स�ट�ट - �यूरोसज�री

    एम.एस., एम.सीएच

    संपक� : +91 91744 00132

    शै�बी हॉि�पटल, जबलपुर

    िविभ� िवभाग:

    Ÿ ह�ी (ऑथ�पेिड�स) रोग

    Ÿ �दयरोग (का�डयोलॉजी) िव�ान

    Ÿ �दवािहनी (का�डओ थोरेिसक एंड वै��युलर) सज�री

    Ÿ मू�िव�ान (यूरोलॉजी)

    Ÿ �ी रोग (गायनेकोलॉजी) एवं �सूित (ओि����स) िव�ान िवभाग

    Ÿ जनरल मेिडिसन (िच�क�सक)

    Ÿ ने�ोलॉजी (�कडनी स�ब�धी)

    शै�बी हॉि�पटल जबलपुर, पूरे महाकौशल �े� का सव��थम कॉप�रेट, पूण�तः

    वातानुकूिलत एवं पूरी तरह से मरीज क� �वा��य सुिवधा�, स�िलयत� व

    सुर�ा को �यान म� रखते �ए बनाया गया अ�पताल ह ैजहाँ अनेक� खूिबयाँ ह �

    जो महाकौशल के �कसी अ�य अ�पताल म� नह� �दखाई पड़ती ह � जैसे�क पूण�तः

    अ�याधुिनक उपकरण, सभी �कार क� जांच� क� उपल�धता, सभी �कार क�

    सेवा� का उपचार एक छत के नीचे, ि��तरीय पावर बैकअप सुिवधा,

    एको�� डली (पया�वरणानुकूिलत) ह�रत प�रसर: िवशाल �ांगण व पया��

    पा�कग, म�य �दशे शहरी िवकास एवं पया�वरण िवभाग से स�यािपत फायर

    एन ओ सी भवन, सीवेज �ीटम�ट �लांट (एस टी पी), डबल िबजली बैकअप से

    यु� RO �लांट एवं अ�य। अ�याधुिनक गहन िच�क�सा (आईसीयू/आईसीसीयू)

    ऑपरेशन िथयेटर पूण�कािलक सम�पत िच�क�सक� के दल, �िशि�त व अनुभव

    �टाफ इस हॉि�पटल क� सेवा� को अलग ही आयाम दतेा ह।�

    Ÿ बाल िच�क�सा (पीिडया���स) एवं नवजात िशशु स�ब�धी (िनयोनेटोलॉजी)

    Ÿ तंि�का-िव�ान (�युरोलॉजी)

    Ÿ �यूरोसज�री

    Ÿ ने� िव�ान

    Ÿ सघन संर�ण (गहन दखेरेख संकाय)

    Ÿ सामा�य और ले�ो�कोिपक सज�री

    Ÿ द�त िच�क�सा

    Ÿ प�मोनोलॉजी (फेफड़ ेस�बंिधत)

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016 03

    सी.ई.ओ. संदशे

    िपछले कुछ वष� म� "शै�बी टाइ�स", शै�बी अ�पताल क� मािसक समाचार

    पि�का, अिभजात वग� के पाठक� के िलए एक घर का िह�सा बन गयी ह।ै इस

    पि�का के मा�यम से िच�क�सा जाग�कता लेख, रोगी �शंसाप�, हमारी

    दशे�ापी रोगी दरू�थ क� � नेटवक� के बारे म� जानकारी, िविवध गितिविधय�

    और घटना� से रोिगय� व पाठक� को अवगत कराया जाता ह।ै इस पि�का से,

    शै�बी क� कॉप�रेट सामािजक िज�मेदारी के आयोजन� का स�पूण� िववरण रहता

    ह।ै हमारे पाठक शै�बी क� ��येक उपलि�धय� से हमेशा �भािवत रहते ह।ै

    दो दशक से �काश क� गित के साथ आगे बढ़कर, शै�बी भारत क� �वा��य सेवा

    के �े� म� एक स�माननीय जगह बना ली ह ैऔर दिुनया भर के लोग� के िलए

    अपनी म�टी�पेश�टी �वा��य सेवा� को उपल�ध कराया ह।ै हमारे हर एक

    सफलता और पाठक� क� �शंसा हम� िवशेष� �वा��य सेवा ज�रतमंद लोग� के

    घर तक प�चाने के िलए हमेशा �े�रत करती ह।ै म�य �दशे, ग�वा, पंजाब और

    गुजरात जैसे रा�य� म� फैले 9 अ�पताल� म�, एक ही छत के नीचे सभी सुिवधा�

    के साथ उपल�ध कराये ह।� शै�बी हॉि�पट�स, भारत के अिधकतर टीयर-II,

    टीयर-III शहर� म� म�टी�पेश�टी �वा��य सेवा का एक �तीक के �प म� आज

    खड़ ेह।�

    आम जन समुदाय के करीब होने के उ�े�य से िव� �तरीय �वा��य सुिवधा� के

    साथ, शै�बी जयपुर, सूरत, नरोडा (अहमदाबाद), नािसक और मुंबई जैसे शहर�

    म� ज�द ही नए क� � �थािपत करने जा रहा ह।ै इंदौर और जबलपुर म� शै�बी

    अ�पताल� के शुभारंभ के साथ, हम म�य �दशे रा�य म� अ�णी �वा��य सं�थान

    बन गए ह।� दशे के शहर� और िविभ� �े�� म� शै�बी �वा��य सेवा के िव�तार ने

    हमारे संचार के ज�री मा�यम शै�बी टाइ�स के �े�ीय सं�करण क� आव�यकता

    को ज�म �दया ह।ै इस आव�यकता को �यान म� रखकर शै�बी टाइ�स के �े�ीय

    सं�करण को शु� करने का फैसला �कया गया ह ैजो �क ितमाही आधार पर

    �कािशत होगी।

    इस �कार हम, हमारे अिभजात वग� के पाठक� के िलए अपने शै�बी टाइ�स के

    पहले रा�ीय भाषा - �हदी म� पूण� सं�करण िसत�बर म� ��तुत कर रह ेह।ै केवल

    आपका समथ�न और संर�ण हम� आगे िवकास म� मदद करेगा।

    रिव भंडारी

    सी.ई.ओ. - शै�बी हॉि�पट�स

    शै�बी हॉि�पटल, इंदौरशै�बी हॉि�पटल इंदौर! एक मह�वकां�ा और डॉ. िव�म शाह �ारा दखेा �आ

    एक �व�। इंदौर शहर म� शै�बी हॉि�पटल को शु� �ए १० माह से �यादा हो

    चुके ह।� िजसम� इस हॉि�पटल ने न केवल इंदौर शहर बि�क आसपास के सभी

    छोटे बड़ ेशहर� एवं िजल� जैसे, दवेास, रतलाम, बड़नगर, राऊ आ�द म� अपनी

    जड़ � मज़बूत कर ली ह।� शै�बी हॉि�पटल इंदौर, 1,92,000 ��ायर फ़�ट �े� म�

    बना �आ, पूरे मालवा �े� के कॉप�रेट, पूण�तः वातानुकूिलत एवं मरीज� क�

    �वा�थय सुिवधा� से सुसि�त, उनक� स�िलयत एवं पूण� सुर�ा को �यान म�

    रखते �ए बनाए गए हॉि�पटल� म� से एक ह।ै सभी �कार क� जांच� क�

    उपल�धता एवं सभी �कार क� बीमा�रय� का उपचार एक छत के नीचे, आ�द

    शै�बी हॉि�पटल इंदौर क� मु�य िवशेषताएं ह।�

    िविभ� िवभाग:Ÿ ह�ी (ऑथ�पेिड�स) रोग

    Ÿ �दयरोग (का�डयोलॉजी) िव�ान

    Ÿ �दवािहनी (का�डओ थोरेिसक एंड वै��युलर)

    सज�री

    Ÿ �पाइन (रीढ़ ) सज�री

    Ÿ कान -नाक एवं गला (इ.एन.टी) सज�री

    Ÿ मू�िव�ान (यूरोलॉजी)

    Ÿ �ी रोग (गायनेकोलॉजी) एवं �सूित

    (ओि����स) िव�ानं िवभाग

    Ÿ जनरल मेिडिसन (िच�क�सक)

    Ÿ ने�ोलॉजी (�कडनी स�ब�धी)

    Ÿ बाल िच�क�सा (पीिडया���स) एवं नवजात

    िशशु स�ब�धी (िनयोनेटोलॉजी)

    Ÿ �लाि�टक और कॉ�मे�टक सज�री

    Ÿ तंि�का-िव�ान (�युरोलजी)

    Ÿ कक� रोग (क� सर) िव�ान

    Ÿ ने� िव�ान

    Ÿ सघन संर�ण (गहन दखेरेख संकाय)

    Ÿ सामा�य और ले�ो�कोिपक सज�री

    Ÿ द�त िच�क�सा

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201604

    खरा�टे एवं �लीप एि�या

    आमतौर पर खरा�टे लेने को बीमारी माना ही नह� जाता ह,ै यह िवषय हसंी

    मज़ाक एवं लतीफ� के ल�य पर रहता ह।ै अ�सर इसे मोटापे से जोड़ कर ही

    दखेा जाता ह ैजो क� एक अधूरा त�य ह।ै वा�तव म� न िसफ� यह एक ग�भीर

    बीमारी �लीप एि�या (एि�या का अथ�: अ�ानतावश) के शु�आती ल�ण ह ै

    वरन यह रोग ब�� तथा छरहरे लोग� को भी िशकार बनता ह।ै यह ग�भीर रोग

    �या ह,ै यह जानने के िलए यह समझना होगा क� खरा�टे �युं - कैसे आते ह।�

    कैसे आते ह � खरा�टे:हमारे गले के िपछले िह�से म� ि�थत तालू एक नाज़�क एवं लचीली संरचना ह।ै

    सांस लेने के दौरान हवा के आवागमन से यह क�पन कर आवाज़ पैदा करता ह।ै

    जागृत अव�था म� अ�य मांसपेिशय� क� तरह यह थोड़ा कस �आ रहता ह।ै �न�ा

    म� यह पूण� िशिथल हो जाता ह ैऔर इस अव�था म� यह सांस के साथ क�पन

    करता ह।ै

    ऐसे म� य�द �कसी �ि� का गला अथवा नाक संकरे आकार क� हो तो वह काफ�

    अिधक जोर लगा कर सांस ख�चता एवं छोड़ता ह।ै यह ज़ोर और अिधक क�पन

    पैदा कर तेज़ आवाज़ उ�प� करता ह।ै इसे ही हम खरा�टे लेना कहते ह,� तथा यह

    ���या हर सांस के साथ दोहराती ह।ै

    आम धारणा के िवपरीत खरा�टे का अथ� बेहतर न�द लेना नह� बि�क इसके

    िवपरीत शरीर को उिच� वायु ना िमलना होता ह।ै यह ि�थित आगे चल कर

    एक ग�भीर बीमारी �लीप एि�या बन जाती ह।ै

    �या होता ह ैयह �लीप एि�या:एि�या 30 सेक��स से अिधक दरे तक सांस �कने को कहा जाता ह।ै खरा�टे लेने

    वाले �ि� को समय के साथ और अिधक ज़ोर लगा कर सांस ख�चना पड़ता ह,ै

    िजसके प�रणाम �व�प ऋणा�मक दबाव बढ़ने से गले के त�तु िचपक कर थोड़ी

    दरे के िलए सांस रोक दतेे ह।� य�द इसका अंतराल 5-30 सेक��स हो तो इसे

    हायपोपिनया कहते ह।� 30 सेक��स से अिधक अगर सांस �क� रह जाये तो उसे

    एि�या कहते ह।�

    �लीप एि�या के कौन बनते ह � िशकार:मोटापे के िशकार रोिगय� के अलावा य�द �कसी क� नाक क� ह�ी अिधक टेढ़ी

    हो, एडीनॉइ�स बड़ ेआकार के ह�, जीभ का आकार बड़ा हो तो ऐसे लोग� क�

    सांस क� राह संकरी हो जाती ह।ै ऐसे लोग� को यह रोग होने क� स�भावना

    अिधक होती ह।ै

    मोटे तौर पर इस बीमारी से

    �िसत रोिगय� को २ समूह म� बांटा गया ह:ै

    Ÿ स��ल: स��ल अथा�त िजन रोिगय� म� �वसन तं� ठीक होता ह ैपर

    शरीर के अ�य रोग एि�या का कारण बनते ह।�

    Ÿ ऑ�स�ि�टव: इसम� �वसन तं� म� पूण� या आंिशक �प से बाधा

    होने से �लीप एि�या होता ह।ै

    ये दो �कार का होता ह ै:

    Ÿ �टै�टक (ि�थर): नाक क� ह�ी टेढ़ी अथवा बड़ी हो, या �फर

    एडनॉय�स और टॉि�सल बड़ े ह� इ�या�द, यह �कार ब�� म�

    अिधकतर पाया जाता ह।ै

    Ÿ डायनािमक (गितशील): जब तालू अ�यिधक ल�बा हो या जीभ का

    आधार बड़ा हो। इ�ह � �लीप ए�डो�कोप �ारा सुिनि�त �कया

    जाता ह।ै इ�ह � सी. टी �कैन आ�द �ारा परी�ण �कया जाता ह।ै

    िनदान व् उपचार:

    ऑपरेशन �ारा इन �कावट� को दरू �कया जाता ह ैिजससे रोगी ठीक

    हो जाता ह,ै अलग-अलग �कावट� के िलए अलग अलग सुरगेृ◌ेस क�

    जात� ह।� जैसे क�, टि�सले�टमी, से�टो�ला�टी, ऐडनॉइडएकटऔमी,

    टंग बेस चैन�लग/ �रड�शन इ�या�द।

    शै�बी हॉि�पटल, इंदौर म� हमारे कान, नाक, गला रोग िवशेष�

    उपल�ध ह � जो इस बीमारी का उपचार एवं िनदान करते ह|�

    डॉ. रािहल िनदान

    क�स�ट�ट - इ.ऐन.टी. सज�न

    शै�बी हॉि�पटल - इंदौर

    संपक� : +91 70499 18800

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016 05

    िडहाइ�शेन

    मनु�य के शरीर म� पानी के कम हो जाने क� अव�था को डीहाइ�शेन कहते ह,�

    डीहाइ�शेन यािन “िनज�लीकरण”। शरीर म� पानी क� कमी के कारण शरीर से

    खिनज पदाथ� जैसे �क नमक और श�र कम हो जाते ह|� डीहाइ�शेन के दौरान,

    शरीर क� कोिशका� से पानी सूखता रहता ह ैिजसके कारण शरीर के काय�

    करने का संतुलन असामा�य हो जाता ह।ै आंत� म� य�द दहन/जलन हो रहा हो

    या उसे नुकसान प�चं रहा हो अथवा क�टाणु या वायरस के जमा होने क� वजह

    से अंतिड़यां अवशोषण करने क� �मता से अिधक तरल पदाथ� उ�प� कर रहा

    हो तब आंत के माग� से अिधक तरल पदाथ� िनकल जाता ह ैिजससे िनज�लीकरण

    (डी-हाइ�शेन) होता ह।ै

    ब�े िनज�लीकरण के �ित अिधक नाज़�क होते ह � �य��क वय�क� क� तुलना म�

    उनके शरीर म� पानी का �ितशत अिधक होता ह।ै य�द तरल पदाथ� का सेवन

    अपया�� ह ैतो ब�े को उ�टी, द�त, बुखार, या पसीने क� वजह से िनज�लीकरण

    हो सकता ह।ै

    कुछ संकेत और ल�ण िजनसे आपके ब�े के िनज�िलत होने का पता चल सकता

    ह,ै और इस ि�थित म� आपको तुरंत अपने ब�े को लेकर डॉ�टर के पास जाना

    चािहए। अ�यथा डीहाइ�शेन घातक भी हो सकता ह।ै

    Ÿ मुँह, ह�ठ, और जीभ सूखना

    Ÿ रोते समय आंसू न आना

    Ÿ 6 घंटे या अिधक समय से पेशाब ना होना

    Ÿ ब�े के सर क� कोमल जगह अगर दबी �ई हो

    Ÿ �यादा आल�य या झुंझलाहट (सामा�य से कम गितिविध)

    Ÿ ब�त �यास लगना

    Ÿ आँख� धँसना (आँख� िसर म� धँसी �ई लगना)

    Ÿ क�ठन या तेज सांस लेना

    िनज�लीकरण के िलए �ाथिमक उपचार: य�द आपका ब�ा िनज�िलत ह ैतो उसे पानी, ओ.आर.एस., या अ�य तरल पदाथ�

    जैसे ना�रयल पानी, न�बू पानी बार-बार द।� हर 5-10 िमनट म� थोड़ी - थोड़ी

    मा�ा म� घूँट पीने के िलए �ो�सािहत कर�। ब�त अिधक फल� का रस न द।�

    िनज�लीकरण को रोकने के िलए सुिनि�त कर� �क आपका �ी�कूल का ब�ा खूब

    तरल पदाथ� का सेवन करे िवशेष �प से िजस �दन ब�त गम� हो, या जब उसे

    उ�टी, द�त, या बुखार हो।

    कब डॉ�टर से परामश� ल�: य�द आपका ब�ा बीमार लग रहा हो तो उसे तुरंत अ�पताल ले जाएं। गंभीर

    िनज�लीकरण क� ि�थित म�, ब�े को नस� के मा�यम से तरल पदाथ� �दया जा

    सकता ह ैजब तक वह पुनज�लीकृत न हो जाए।

    जब आपका डॉ�टर ओ.आर.एस.

    का परामश� द ेतो यहाँ दी गय� 10 बात� का रख� िवशेष �यान:

    Ÿ ओ.आर.एस. (ओरल �रहाइ�शेन सो�युशन) को तैयार करने से पहले

    हाथ� को साबुन से धोएँ।

    Ÿ ओ.आर.एस. बनाने क� िविध: 1 लीटर साफ़ पीने का पानी म� एक

    पैकेट डाल�, साम�ी के घुलने तक िहलाते रह।े

    Ÿ घोल िपलाते समय अपना और िशशु के हांथ� क� सफाई का �यान

    रख�।

    Ÿ िशशु को बार बार थोड़ी - थोड़ी मा�ा म� ज़�रत के अनुसार घोल द।�

    Ÿ अपने ब�े को अ�य �� पदाथ� िपलाते रह,े जैसे - दधू, नी�बू पानी,

    ना�रयल पानी, एवं दधू दतेे समय हमेशा कप और च�मच का

    उपयोग कर�, फ��डग बोतल का उपयोग नह� कर�।

    Ÿ य�द आपका ब�ा चार महीने का ह ैया बड़ा ह ैतो उसे ठोस आहार

    दनेा जारी रख�।

    Ÿ य�द 24 घंटे बाद भी ब�े को ओ.आर.एस. क� ज़�रत ह ैतो ताज़ा

    घोल तैयार क�िजये।

    Ÿ याद रह ेक� ओ.आर.एस. द�त को नह� रोकता, यह शरीर म� होने

    वाली पानी क� कमी को रोकता ह।ै

    Ÿ य�द आपका ब�ा उ�टी करता ह ैतो १० िमनट तक इंतज़ार कर� और

    �फर दबुारा ओ.आर.एस. द,� आमतौर पर उलटी �क जाती ह।ै

    Ÿ य�द द�त बढ़ जाए और उलटी जारी रहती ह ैतो ब�े को �वा��य क� �

    या डॉ�टर के पास तुरंत लेकर जाएँ।

    डॉ. िवजय मु�छाल

    क�स�ट�ट - पीिडअ��शन

    शै�बी हॉि�पटल - इंदौर

    संपक� : +91 70499 18800

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201606

    मरीज के सुझाव

    वे�दका �ीवा�तवा

    मेरा नाम वे�दका �ीवा�तव ह,ै िपछले कई �दन� से मुझे पीठ म� काफ� दद � था।

    कई जगह कंस�ट करने के बाद भी मुझे कुछ आराम नह� िमल पा रहा था। एक

    �दन असहनीय दद � �आ तो हम लोग रात के करीब 10:30-11:30 बजे शै�बी

    हॉि�पटल इंदौर म� आये, यहाँ पर �ाथिमक उपचार के 1:30-2 घंटे के बाद घर

    जाने को बोल �दया। �क�तु अचानक सुबह ब�त �यादा दद � बढ़ जाने से हम

    दबुारा शै�बी हॉि�पटल आये, जहाँ मुझे एडिमट होने के िलए कहा। यहाँ मुझे

    डॉ. �वीण अ�वाल सर िमले और उ�ह�ने मुझसे मेरे िह��ी पूछी, मेरी िह��ी

    जान कर उ�ह�ने एफ.एम.एस. (फ़ाइ�ोमयाि�जया �स�ोम) होने क� जानकारी

    दी। �य��क इस बीमारी का नाम हमने पहली बार सुना था, म�ने अपने बड़ ेभाई

    जो क� अमे�रका म� रहते ह � उनसे इस बीमारी क� िव�तृत जानकारी दी। मेरे

    भाई के अनुसार इस बीमारी को ५ िमनट म� पकड़ना आसान नह� ह,ै और इस

    बीमारी क� जांच करने वाले िसफ� 2-3 डा�टर ही उपल�ध ह।� वह यह सुन कर

    अचंिभत रह गए क� डॉ. �वीण अ�वाल सर ने िसफ� मुझसे ५ िमनट बात करके

    इस बीमारी का पता लगा िलया।

    डॉ. अ�वाल ने मुझे बोल क� आप अपने मन और प�रवार वाल� को समझाने के

    िलए कोई भी जाँच जैसे एम.आर.आई. / सी.टी. �कैन / ए�स-रे कुछ भी करा ल�

    �रपोट� नाम�ल ही िनकलेगी। उनक� आवाज़ म� काफ� िव�ास था। उनक� सलाह

    लेकर हम घर वापस चले गए। पर�तु अपने प�रवार के दबाव म� आकर म�ने

    इंदौर के सबसे बड़ ेडॉ�टर िजनका अपॉइंटम�ट मुझे ब�त ही मुि�कल से िमला

    था, उनको �दखाने गयी। उ�ह�ने मुझे कहा क� मुझे कोई बड़ी सम�या ह,ै यह

    सुनते ही म�ने डॉ. �वीण अ�वाल �ारा बताई गयी बीमारी क� चचा� क� तो उस

    डॉ�टर ने िजनका म� नाम नह� लेना चाहती (पर इ�छा तो ह)ै पूरे िव�ास के

    साथ बोला क� "नह� वह बीमारी हो नह� सकती"। यह सुनने के बाद सच म� ही

    म� और मेरे प�रवार वाले रोते �ए वहां से िनकले, अगले �दन उस डॉ�टर �ारा

    बताई क� सारी जांचे इंदौर के एक बड़ ेहॉि�पटल म� करने के बाद जब �रपो�स�

    आई तो वह नाम�ल थी। हम �रपो�स� लेकर उस नामी डॉ�टर के पास प�चें जो

    कल यह बोल रहा था क� मुझे कोई बड़ी बीमारी ह,ै उसी डॉ�टर ने मुझे बोला

    क� "�रपो�स� के अनुसार आपको कोई ग�भीर बीमारी नह� ह"ै। हम वहां से

    आंसु� के साथ िनकले पर अब ये आंसू ख़�शी के थे। म� तुरंत शै�बी हॉि�पटल

    आई जो क� मेरे िलए मं�दर के समान ह ैआई और मेरे भगवान् - डॉ. �वीण

    अ�वाल सर से िमली। आज म� पूरी तरह �व�थ �,ँ डॉ�टर साहब �ारा बताई

    गयी सावधािनयां और उनके �ारा �कये गए इलाज से आज मुझे दद � से काफ�

    राहत ह।ै मेरे �दल से यही इ�छा रहगेी क� हर मरीज़ को डॉ. �वीण अ�वाल

    जैसा ही नेक�दल डॉ�टर िमले। मेरी यही भगवन से �ाथ�ना ह ैक� हर डॉ�टर,

    डॉ. �वीण अ�वाल क� तरह नेक�दल बन सके और सभी मरीज� क� मानिसक

    ि�थित और वेदना को �यान म� रख कर अ�छे से इलाज कर सके।

    मेरे �पाइन म� कुछ सम�या होने के कारण, मेरे पैर� क� गितिविध बंद हो गयी

    थी। इस सम�या क� जांच करने हते ु म� शै�बी हॉि�पटल, इंदौर आया, जहाँ डॉ.

    �वीण अ�वाल जी ने मेरा परी�ण �कया और सज�री करने क� सलाह दी। और

    सज�री पूण�तः सफल रही, म� यहाँ क� सेवा� से अित संतु� �।ँ यहाँ के �ीटम�ट,

    समय से होने वाले डॉ�टस� राउंड, समय पे �फिजयोथेरेपी सेवा और 24*7

    न�सग �टाफ क� िन�वाथ� सेवा से काफ� आराम एवं ि�थित म� सुधार आया ह।ै

    शै�बी हॉि�पटल म� कािबल डॉ�टर� क� टीम और उ�तम सुिवधा� से म� खुश

    �।ँ यहाँ क� �म फैिसिलटी ब�त अ�छी ह ैऔर इसके साथ ही सारी सुिवधाएं

    एक छत के नीचे उपल�ध ह।�

    �दलीप संघवी

    डॉ. �वीण अ�वाल

    क�स�ट�ट - ऑथ�पेिड�स

    शै�बी हॉि�पटल - इंदौर

    संपक� : +91 70499 18800

    जुलाई महीने म� राज�थान म� तीन के�प अजमेर भीलवाड़ा व �कशनगढ़ म�

    आयोिजत �कये गये िजसमे 956 मरीजो क� जांच डॉ. दीपक सैनी, डॉ.

    अिवनाश टाक, डॉ. कन�व पटेल, डॉ. जीनल दोशी, डॉ. अिमत शमा� व डॉ.

    सौरभ मुखज� ने क�। िजसमे ब�त से मरीजो ने अहमदाबाद आकर सज�री

    कराइ। राज�थान के मरीजो को ब�त ख़�शी ह � क� शै�बी हॉि�पटल ज�द ही

    जयपुर म� शु� �कया जा रहा ह।� इसके अित�र� जॉइंट ए�स�ेस का भी

    राज�थान म� मरीजो ने �वागत �कया जो �क जयपुर व आस पास क� जगह� पर

    गई ऐवं ७०० से अिधक मरीजो ने अपनी जांच व परामश� �कया।

    राज�थान म� जॉइंट ए�स�ेस क� धूम

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016 07

    गभा�व�था म� आहार के नु�खे

    हर मिहला �क यह इ�छा होती ह ै�क वह एक �व�थ ब�े को ज�म द।े इस इ�छा

    को पूण� करने के िलए गभा�व�था मे पौि�क आहार का सेवन पया�� मा�ा मे

    करना बेहद ज�री ह।� गभ��थ िशशु का िवकास माता के आहार पर िनभ�र होता

    ह।� गभ�वती मिहला को ऐसा आहार करना चािहए जो उसके गभ��थ िशशु के

    पोषण �क आव�य�ा� को पूरा कर सके।

    सामा�य मिहला को �ित�दन 2100 केलोरीज़ का आहार करना चािहए। फ़ूड

    और �यू��शन बोड � के अनुसार गभ�वती मिहला को आहार के माधयम से 300

    कैलोरीज़ अित�र� िमलनी ही चािहए। यािन सामा�य मिहला �क अपे�ा

    गभ�वती मिहला को 2400 कैलोरीज़ �ा� हो इतना आहार लेना चािहए और

    िविवध िवटािम�स, िमनर�स अिधक मा�ा म� �ा� करना चािहए।

    िवटािमन: आहार ऐसा होना चािहए �क जो अिधकािधक मा�ा म� केलोरीज़

    तथा उिचत मा�ा म� �ोटीन के साथ िवटािमन �क ज�रत �क पू�त कर सके। हरी

    सि�जयां, दलहन, दधू आ�द से िवटािमन उपल�ध हो जाते ह।�

    आयोडीन: गभ�वती मिहला�  के िलये �ित�दन  200-220 माइ�ो�ाम

    आयोडीन �क आव�यकता होती ह।�  आयोडीन आपके िशशु के �दमाग के िवकास

    के िलये आव�यक ह।� इस त�व क� कमी से ब�े म� मानिसक रोग, वजन

    बढ़ना और मिहला� म� गभ�पात जैसी अ�य खािमयां उ�प� होती ह।� अनाज,

    दाल�, ढूध, अंड़,े मांस आयोडीन के �ाकृितक �ो� ह।� आयोडीन यु� नमक

    अपने आहार म� आयोडीन शािमल करने का सबसे आसान और सरल उपाय ह।�

    �जक: गभ�वती मिहलाओ के िलये �ित�दन 15 से 20 िमली�ाम �जक �क

    आव�यकता होती ह।�  पया�� मा�ा म� शरीर को �जक �क पू�त करने के िलए हरी

    सि�जयॉ ले सकते ह।�

    �ोटीन: गभ�वती मिहला को आहार मे गभ�वती मिहला के गभा�शय, �तन� तथा

    गभ� के िवकास ओर वृि� के िलये �ोटीन एक मह�वपूण� त�व ह।� �ित�दन 60 से

    70 �ाम �ोटीन िमलना चािहए। �ोटीन यु� आ हार मे दधू और दधू से बने

    �ंजन, मूंगफली, पनीर, चीज़, काजू, बदाम, दलहन, मांस, मछली, अंड ेआ�द

    का समावेश होता ह।�   

       

    कैि�शयम: गभ�वती मिहला को आहार मे �ित�दन 1500-1600 िमली�ाम

    िमलना चािहए। गभ�वती मिहला और गभ��थ िशशु क� �व�थ और मजबूत

    हि�य� के िलये इस त�व �क आव�यकता रहती ह।�  कैि�शयम यु� आहार म� दधू

    और दधू से बने �ंजन, दलहन, म�खन, चीज, मेथी, बीट, अंजीर, अंगूर,

    तरबूज, ितल, उड़द, बाजऱा, मांस आ�द का समावेश होता ह।� अंजीर खाना

    चािहए। इसम� �चुर मा�ा म� कैि�शयम ह ैऔर इससे क�ज भी दरू होता ह।�

     

    फोिलक एिसड: पहली ितमाही वाली मिहला� को �ित�दन 4mg फोिलक

    एिसड लेने क� आव�यकता होती ह।� दसूरी और तीसरी ितमाही म� 6mg

    फोिलक एिसड ल ेने क� आव�यकता होती ह।�  आपको फोिलक एिसड का सेवन

    तब से कर लेना चािहए जब से आपने माँ बनने का मन बना िलया हो। फोिलक

    एिसड यु� आहार म� दाल, राजमा, पालक, मटर, म�ा, हरी सरस�, �भड़ी,

    सोयाबीन, काबुली चना, ��ॉबेरी, केला, अन�ास, संतरा, दलीया, साबुत

    अनाज का आटा, आटे क� �ेड आ�द का समावेश होता ह।�   

    पानी: गभ�वती मिहला हो या कोई भी �ि�, पानी हमारे शरीर के िलये ब�त

    मह�वपूण� ह।ै गभ�वती मिहला� को अपने शरीर �क बढ़ती �� आव�यकता�

    को पूरा करने के िलये �ित�दन कम से कम 3 लीटर (10 से 12 �लास) पानी

    ज�र पीना चािहए। गम� के मौसम म� 2 �लास अित�र� पानी पीना चािहए। 

    िडपाट�म�ट ऑफ़ फ़ूड ए�ड नु��शन

    शै�बी हॉि�पटल - जबलपुर

    संपक� : +91 95758 01200

    गभ�वती मिहलाओ को आहार संबंधी

    िन�िलिखत बात� का �याल रखना चािहए:

    Ÿ गभ�वती मिहला को हर 4 घंटे म� कुछ खाने क� कोिशश करनी

    चािहए। हो सकता ह ैआपको भूख न लगी हो, पर�तु हो सकता ह ै

    �क आपका गभ��थ िशशु भूखा हो। 

    Ÿ म�दरापान / धू�पान न करे। 

    Ÿ कैफ�न क� मा�ा कम करे। �ित�दन 200mg से अिधक कैफ�न लेने

    पर गभ�पात और कम वजन वाले िशशु के ज�म लेने का खतरा बढ़

    जाता ह।�

    Ÿ अनीिमया से बचने के िलए अख�ड अनाज से बने पदाथ�, अंकु�रत

    दलहन, हरे प�ेवाली साग भाज़ी, ग़�ड़, ितल आ�द लौहत�व से

    भरपूर खा�पदाथ� का सेवन करना चािहए। 

    Ÿ वेिजटेबल सूप और जूस लेना चािहए। भोजन के दौरान इनका

    सेवन करे। बाजार म� िमलने वाले रेडीमेड सूप व् जूस का उपयोग

    न करे।

    Ÿ गभ�वती मिहला को फ़ा�ट फू�स, �यादा तला �आ खाना, �यादा

    तीखा और मसालेदार खाने से परहजे करना चािहए।

    Ÿ अपने डॉ�टर क� सलाह अनुसार िवटािमन और आयरन क�

    गोिलया िनयिमत समय पर लेना चािहए।

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201608

    शै�बी क� �े� सेवाएं आपके घर� तक

    हॉि�पट�स ओपीडी से�टस�

    भारत म� अ�पताल और �लीिनक के �थान

    बारडोली

    भोपाल

    चे�ई

    ग�वा

    ब�गलु�

    गुवाहाटी

    जलगांव जमशेदपुर

    कोलकाता

    मु�बई

    पटना

    रांची

    वाराणसी

    लखनऊ

    मोहाली

    बड़नगर

    इंदौर

    रायपुर

    जबलपुर

    �वािलयर

    �फ़रोज़ाबाद

    गािज़याबाद

    वापी

    वड़ोदरा

    चंडीगढ़

    कोटा

    सुरत

    अहमदाबाद

    आगरा

    भरतपुर भीलवाड़ा

    �कशनगढ़

    मथुरा

    अजमेर

    भावनगर

    वेरावल

    राजकोट

    �द�लीहनुमानगढ़

    जलंधर

    अमृतसर

    भ�टडा

    अलवर

    बीकानेर

    सीकर

    बाड़मेर जयपुर

    जोधपुर

    सांचोर

    भुज

    बोपल-साउथ

    दहानू

    दमन

    खंडवा

    नवसारी

    पारडी

    रतलाम

    िसलवासावलसाड

    सािहबाबाद

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    शै�बी क� �े� सेवाएं आपके घर� तक

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    9322256700

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    9322256700

    9714380777

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    9714780777

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    9624088842

    9624844452

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    Every Tue/Sat

    Every Mon/Wed

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    जोधपुर

    खंडवा

    �कशनगढ़

    कोलकाता-प�स

    कोलकाता-वे�टन�

    कोटा

    लखनऊ

    मथुरा

    मोहाली

    मु�बई-मरीन �ाइव

    मु�बई-अँधेरी ई�ट

    मु�बई-घाटकोपर

    मु�बई-कां�दवली

    मु�बई-मुलुंड

    नवसारी

    नई �द�ली

    पारडी

    पटना

    रायपुर

    राजकोट

    रांची

    रतलाम

    सािहबाबाद

    सांचोर

    सीकर

    िसलवासा

    सुरत

    वलसाड

    वापी

    वाराणसी

    वेरावल

    ओपीडी से�टस� ओपीडी अनुसूची संपक� कर��मांक ओपीडी से�टस� ओपीडी अनुसूची संपक� कर��मांक

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201610

    शै�बी इंदौर - ह�ेथ िशिवर और इव�टस

    �यू�मस िलिमटेड म� मिहला कम�चा�रय� के िलए डॉ. सोनू कांठेड (�ीरोग एवं

    �सूित रोग िवशेष�) �ारा थाइरोइड एवं एनीिमया िवषय पर संचािलत ह�ेथ

    टॉक।

    �दनांक 29/5/2016 को आयोिजत टीकमगढ़ क� प म� डॉ. अिखलेश

    जैन (�दय रोग िवशेष�) एवं डॉ. अनीश गग� (ह�ी रोग िवशेष�) ने

    कुल 280 मरीज� क� जांच क�।

    �दनांक 29/05/2016 को डॉ. अिखलेश जैन (�दय रोग िवशेष�) एवं डॉ.

    अनीश गग� क� उपि�थित म� टीकमगढ़ म� आयोिजत CME म� कुल 25 डॉ�टस�

    सि�मिलत �ए।

    �दनांक 11/06/2016 को दितया म� आयोिजत िशिवर म� 1000 लोग उपि�थत

    �ए एवं इस िशिवर का लाभ उठाया। शै�बी इंदौर के ह�ी रोग िवशेष� - डॉ.

    राजीव �हगोरानी, �फिजिशयन - डॉ. िपयूष जोशी, और �दय रोग िवशेष� -

    डॉ. सुधांशु अि�हो�ी ने 150 लोगो क� जांच क�।

    �दनांक 11/06/2016 को दितया म� आयोिजत सी.एम.ई म� लगभग

    २३ लोग सि�मिलत �ए और शै�बी इंदौर से ह�ी रोग िवशेष� -

    डॉ. राजीव �हगोरानी, �फिजिशयन - डॉ. िपयूष जोशी, और �दय

    रोग िवशेष� - डॉ. सुधांशु अि�हो�ी भी उपि�थत �ये।

    �दनांक 29/05/2016 को रतलाम म� आयोिजत आ���ला�टी क� प म�

    उपि�थत शै�बी अ���ला�टी टीम (डॉ. �वीण अ�वाल, डॉ. अं�कत

    थोरा, डॉ. आशीष सेठ, डॉ. िवकास सावला, डॉ. वीर�� च�दोरे) ने

    कुल ३०० मरीज� क� जांच क�।

    �दनांक 24/06/2016 को राऊ म� आयोिजत सी.एम.ई. म� कुल 34 लोग

    उपि�थत �ए, इस काय��म म� शै�बी इंदौर से �दयरोग िवशेष� - डॉ. अिखलेश

    जैन एवं डॉ. सुधांशु अि�हो�ी, और तंि�का िवशेष� - डॉ. अिमत माह�ेरी

    सि�मिलत �ए।

    �दनांक 26/06/2016 को उ�ैन म� आयोिजत �ए ह�ी रोग एवं

    �दय रोग से स�बंिधत सम�याय� क� जांच ह�ी रोग िवशेष� - डॉ.

    �वीण अ�वाल, डॉ. अं�कत थोरा, डॉ. आशीष सेठ एवम �दय रोग

    िवशेष� - डॉ. अिखलेश जैन, डॉ. सुधांशु अि�हो�ी, डॉ. सोनम

    �ास �ारा क� गयी। इस िशिवर का लाभ लगभग 300 लोगो ने

    उठाया।

    �दनांक 26/06/2016 को उ�ैन म� आयोिजत सी.एम.ई. म� सि�मिलत होने

    वाल� क� सं�या 85 थी। इस काय��म म� शै�बी इंदौर से (�दय रोग िवशेष�)

    डॉ. अिखलेश जैन, डॉ. सुधांशु अि�हो�ी, (क� सर िवशेष�) डॉ. एस.पी.

    �ीवा�तव, (जोड़ रोग िवशेष�) डॉ. आशीष सेठ सि�मिलत �ए।

    काय��म: अपने डॉ�टर को जाने - डॉ. इिशता गांगुली

    थाइरोइड एवं कैि�शयम क� कमी चचा� का िवषय:

    MY FM, 16 ओनली लेडीज �ुपमा�यम: समूह:

    काय��म: अपने डॉ�टर को जाने - डॉ. सोनू कांठेड़ 

    दद � रिहत िडिलवरीचचा� का िवषय:

    MY FM, 16 ओनली लेडीज �ुपमा�यम: समूह:

    शैलबी होम केयर जबलपुर का शुभार�भ.

    सी.एम.डी. डॉ. िव�म शाह शैलबी अकादमी के छा�� के साथ

    शै�बी हॉि�पटल का एक आधार ह � जहां घर पर ही मरीज� को

    उपचार पैथोलॉजी क� जांच� सहायक क� सेवाएं दवाइयां मेिडकल

    अफसर व �फिजयोथेरेपी क� सुिवधाएं उपल�ध कराई जात� ह।� इन

    िविश� सेवा� को "शै�बी होम केयर" का नाम �दया गया ह।�

    िवशेषकर टी.के.आर. के मरीज� को यह प�ित अ�यंत लाभदायक

    होती ह।� इ�ह� िवचार� के साथ शे�बी के सी.एम.डी. डॉ. िव�म

    शाह ने शै�बी अकेडमी के छा� छा�ा� के साथ इस सुिवधा का

    शुभार�भ �कया।

    शै�बी जबलपुर - ह�ेथ िशिवर और इव�ट

  • 11

    शै�बी जबलपुर - ह�ेथ िशिवर और इव�टस

    अहमदाबाद से िवशेष जनजा�ित अिभयान के चलते "जॉइंट

    ए�स�ेस" दशे के �मुख नगर� से गुजरते �ए जबलपुर प�चंा। इस

    िवशेष�प से बनाये �ए वैन म� जोड़ ��यारोपण संबंधी िव�तृत

    जानकारी दशा�ई गयी ह।� यह नगर के कई मु�य माग� से गुजरते �ए

    कुछ िवशेष �थल� पर खड़ी क� गयी। शै�बी से �िशि�त डॉ�टर व

    अिधकारीगण ने इन �थान� पर लोग� को शै�बी जोड़ ��यारोपण व

    घुटन� क� बीमारी स�बंिधत जानकारी दी इसके साथ ही चु�नदा लोग,

    मु�यतौर पर मिहला� का िनःशु�क बी.एम.डी. टे�ट भी कराया

    गया।

    जॉइंट ए�स�ेस म� बी.एम.डी. जांच

    िमशनरी वृ�ा�म म� ने� प�र�ण

    रोमन कैथिलक समाज �ारा संचािलत वृ�ा�म िवजय नगर के करीब ि�थत

    मदर टेरेसा नगर म� एक िमशनरी �कूल के �ांगण म� ि�थत ह,� साथ ही िस�टरस

    व न�स का भी रहवास शािमल ह।� शै�बी हॉि�पटल जबलपुर �ारा इस वृ�ा�म

    व ननरी म� िनःशु�क �वा��य प�र�ण िशिवर का िनयिमत आयोजन �कया

    जाता ह।� मु�यतौर पर वृ�� को ने� स�बंिधत सम�याएं होत� ह।� शै�बी

    हॉि�पटल के ने� रोग व आई.ओ.एल. िवशेष� डॉ. कमला लालवानी ने िवशेष

    ने� रोग प�र�ण िशिवर का आयोजन �कया।

    Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016

    अंतरा��ीय आथ�राइ�टस �दवस

    आधुिनक िच�क�सा के म�ेनजर समाज म� बुजुग� वग� क� सं�या बढ़ती जा रही

    ह।� बढ़ती उ� से स�बंिधत िबमा�रय� क� अिधकता पायी जाती ह।� �दय रोग

    मधुमेह के अलावा जोड़� क� बीमारी, �िथिमक तौर पर "आथ�राइ�टस", बुजुग�

    को �िसत करती ह।� कई �कार के "अथ�राइ�टस" होते ह � िजनका समय पर

    प�र�ण व पहचान होनी चािहए। "आथ�राइ�टस" के �ित जनसाधारण म�

    जाग�कता पैदा करने के िलए शै�बी हॉि�पटल जबलपुर के िच�क�सक व

    अिधका�रय� ने एक "आथ�राइ�टस जाग�कता पदया�ा" का आयोजन �कया।

    पदया�ा �ारा �थानीय मु�य ��ड़ांगन म� कतार से घूमते �ए वहां उपि�थत

    करीब 800 लोग� को जाग�कता दी गयी। इसी के साथ संद�भत िवषय पर कई

    मा�यम जैसे �क पच�, शै�बी िचि�हत बिनयान व टोिपय� का िवतरण भी �कया

    गया। उपि�थत नाग�रक� को िच�क�सक� ने "आथ�राइ�टस ल�ण, बचाव व

    उपचार" पर एक संिछ� �ा�यान भी �दया। काय��म म� डॉ. अिमत

    �रछा�रया, डॉ. अिमत जैन, डॉ. उ�सव कटकवार, अिधकारीगण व �टाफ आ�द

    स�मिलत �ए।

    अंतरा��ीय �दय �दवस

    िवजय नगर ि�तथ निचकेता �कूल के 300 ब�� के साथ शै�बी

    हॉि�पटल जबलपुर के अिधकांश िच�क�सक� व अिधकारीगण ने

    अंतरा��ीय �दय �दवस पर एक िवशाल जाग�कता पदया�ा का

    आयोजन �कया। पदया�ा क� ग�रमामय शुरआत आयु�व�ान

    महािव�ालय क� अिध�ाता डॉ. �ीमती �पा चौहान ने �कया। "िव�

    �दय �दवस" पर �थानीय �े� के �मुख माग� से गुजरते �ए करीब 5

    �कलोमीटर क� दरूी तय करते �ए शै�बी हॉि�पटल के �ांगण म�

    समापन �आ। इसी अवसर पर एक िवशाल �दय रोग प�र�ण िशिवर

    का भी आयोजन �कया गया िजसम� िनःशु�क परामश� व �रयायती दर�

    पर सभी स�बंिधत जांच कराय� गय�। �दय रोग िवशेष� डॉ.

    पु�पराज पटेल ने करीब 120 मरीज� का परी�ण �कया। इसके

    अित�र� िच�क�सक� ने उपि�थत �कूल के ब��, िश�कगण मरीज व

    �र�तेदार� को �दय रोग के बचाव पर �ा�यान �दया।

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201612

    हमारे िवशेष अितिथगण

    श�ैबी हॉि�पटल, इंदौर म� पवू� म�ुय म�ंी �ी स�ुदर लाल पटवा जी क� धमप� �ी का �वा��य दखेने प�चें म�ुय म�ंी �ी िशवराज �सह जी चौहान

    मं�ी �ी पारस जैन जी, उ�ैन क� प का उ�ाटन करते �ए

    �ीमित मािलनी गौड़ (महापौर इंदौर), शै�बी हॉि�पटल, इंदौर का उ�ाटन करते �ए

    िवशेष मेिडिसन एच.डी.यू. के लोकाप�ण समारोह म� म.�. आयु�व�ान िव�िव�यालय के कुलपित �ो. डॉ. आर.एस. शमा� का

    �वागत करते �ए शै�बी के सी.ओ.ओ. �ी अिमत चौहान

    के��ीय �ामीण ब�क व शै�बी हॉि�पटल के बीच �वा��य सुर�ा िशिवर म� ब�क के चेयरमेन(दांये),

    शै�बी के एम.एस. डॉ. ड�गरे (बाएं) को �मृित िच�ह भ�ट करते �ए

    �ीमित आशा लाकड़ा, महापौर रांची �ारा शै�बी हॉि�पटल, इंदौर �ारा आयोिजत क� प का उ�ाटन

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016 13

    इं�योरंस और टी.पी.ए. कंपिनय� के साथ गठबंधन (शै�बी हॉि�पटल - इंदौर)

    कारपोरेट कंपिनय� के साथ गठबंधन (शै�बी हॉि�पटल - इंदौर)

    इ मेिडटेक फेिमली ह�ेथ

    �लान (टीिपए) िलिमटेडह�ेरटेज ह�ेथ

    पेरामाउंट

    ह�ेथ स�विसस (टीिपए)

    एमडी इंिडया मेड़ी अिस�ट मेडसेव र�ा (टीिपए)

    यूिनवस�ल शोमपो

    जनरल इं�योर�स का. ली िवडाल ह�ेथ

    िवपुल मेडकॉप�

    (टीिपए) �ाइवेट िलिमटेड चोला एमएस

    �रलायंस इंडस�ीस िलिमटेड लूिपन िलिमटेड �िच सोया इंड��ीस िलिमटेड अिनक इंड��ीस िलिमटेड

    आईिडया सेलुलर िलिमटेड जेबीएम् �ुप अशोक लेल�ड ऐर इंिडया

    ऐरपोट� ऑथो�रटी ऑफ़ इंिडया �टेट ब�क ऑफ़ इंिडया

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 201614

    एक आधुिनक अिभशाप-मोटापा व ओबेिसटी

    व�ड � ह�ेथ ऑग�नाईजेशन (WHO) के अनुसार िव� म� करीब 100 करोड़

    वय�क� का वजन सामा�य के तुलना म� �यादा ह।� इनम� से 30 करोड़ का वजन

    औसत से 50% से भी �यादा ह।� इस अव�था को 'ओबेिसटी' कहा जाता ह।� इस

    अव�था म� मु�य �प से शरीर म� चब� क� अिधक जमावाट होती ह।ै कई �मुख

    �वा�थ संबंधी अव�थाय� ओबेिसटी व मोटापा क� वजह से होते ह।�

    गहन अ�ययन व वष� के शोध म� यह पाया गया ह,ै �क बे�रया��क सज�री वजन

    घटाने का सबसे कारगर िच�क�सक�य प�ित ह,� िजसके क� अ�यंत सफल

    दरूगामी नतीजे सामने आये ह।� नए शोध व अनुसंधान यह िस� करते ह,� �क

    बे�रया��क सज�री के कई ऑपरेशन जैसे - पेट का बायपास, पेट के आकार म�

    सज�री �ारा बदलाव व अ�य, शारी�रक मेटाबोिल�म को िनयंि�त करते ह।�

    अिधकतर मरीज बे�रया��क सज�री के बाद कम भूख लगती ह ैऔर खाने के �ित

    ज�दी संतु� हो जाते ह।� इससे वजन का संतुलन बना रहता ह ैऔर मरीज का

    वजन दोबारा नह� बढ़ता ह।ै शरीर के मेटाबोिल�म व हॉम��स क� मा�ा

    मिनयंि�त हो जाती ह।ै

    बे�रया��क सज�री

    डॉ. राज�ष िम�ा

    क�स�ट�ट - िमिनमल इनवेिसव सज�री

    शै�बी हॉि�पटल - जबलपुर

    संपक� : +91 95758 01200

    मोटापे क� अव�था म� मधुमेह, उ� र�चाप �दय क� बीमा�रयाँ व न�द क�

    अिनयिमता पायी जाती ह।ै यह एक लंबे समय तक रहने व धीरे-धीरे बढ़ने

    वाली बीमारी ह,� जो शरीर क� मु�य �ंिथय� म� अपना द�ु�भाव छोड़ती ह।ै

    अिधक मोटापे वाले �ि�य� को शारी�रक िवकलांगता व आकि�मक मृ�यु का

    खतरा औसत से �यादा बना रहता ह।� पूव� व�णत बीमा�रय� के अलावा

    हाइपरट�शन, िप�ाशय क� बीमा�रयाँ, अ�थमा, ह�नया एवं यकृत (लीवर) म�

    चब� का जमा होना, र� म� अिधक मा�ा म� वसा व कॉल�टोल का जमाव होना

    मोटापे के अ�य प�रणाम ह।� इसके अित�र� मोटापे म� पेशाब क� नली क�

    बीमा�रयाँ, समय के पूव� घुटन�, कू�ह� व रीढ़ क� ह�ी का िघसना व लगातार

    कमर व पीठ म� दद � का बना रहता ह।ै �तन, ब�ेदानी, �ो�टेट, व आंतो के क� सर

    क� बीमा�रय� क� अिधकता पाई गई ह।� मोटापा व ओबेिसटी के �मुख कारण

    हमारी आदत� व पया�वरण के बदलाव हो सकता ह।ै

    खाने म� अनेक �कार के रसायन, घटता शारी�रक �ायाम, बढ़ता मानिसक

    तनाव, अपूण� व �ावधान �िसत �न�ा को मोटापे का मु�य कारक बताया जा

    रहा ह।� इस बीमारी के उपचार के िलए अिधकांश लोग वजन घटाने के िलए कम

    खान-पान व कसरत का सहारा लेते ह,� ले�कन यह शरीर का मेटाबोिल�म आ�द

    कई गुण� पर िनभ�र रहता ह।� इसिलए अ�सर ये सब वजन घटाने के तरीके

    नाकाम हो जाते ह।�

    पुराने �िसत मरीज िजनका बीएम्आई 35 से ऊपर हो वह सब बे�रया��क

    सज�री के उिचत मरीज होते ह।� ऐसे मरीज� को बे�रया��क सज�री का सबसे

    अिधक लाभ िमलता ह।�

    NIH Body Mass Index Classifications:

    25 to 29.9 BMI Overweight

    30 or higher BMI Obese Class 1

    35 or higher BMI Obese Class 2

    40 or higher BMI Severely obese

  • Shalby Times | Issue No. 9 | Volume No.23 | September 2016 15

    इं�योरंस और टी.पी.ए. कंपिनय� के साथ गठबंधन (शै�बी हॉि�पटल - जबलपुर)

    ह�ेथ इंिडया

    टीपीए स�विसस �ा.िल.

    आईसीआईसीआई लो�बारड

    जनरल इं�योर�स

    इफको-टो�कयो

    जनरल इं�योर�स

    ऐल ए�ड टी इं�योर�स

    चोला एमएस फेिमली ह�ेथ

    �लान (टीिपए) िलिमटेड

    डीएचएस डिेडकेटेड ह�ेथकेरे

    स�विसस टीपीए (इंिडया) �ा.िल.

    ह�ेरटेज ह�ेथ

    ए�र�सन

    इं�योर�स टीपीए �ा.िल.

    एमडी इंिडया मेड़ी अिस�ट

    ऐसबीआई जनरल इं�योर�स�टार पश�नल ए�ड केय�रग

    ह�ेथ इं�योर�स

    पेरामाउंट

    ह�ेथ स�विसस (टीिपए)

    मेडसेव

    र�ा (टीिपए)

    उपचार:

    Ÿ बॉ��डग िजस म� दांत� के ऊपर रेिसन क� एक स�त परत लगाई जाती ह।ै

    Ÿ य�द �लोरोिसस �यादा गंभीर हो तो दांतो पर �ाउ�स, ि�जीस या

    िविनयस� करवाना चािहए।

    �लोरोिसस दाँतो क� एक �ापक बीमारी ह ै िजसम� दाँतो क� ऊपरी सतह

    (इनामल) कमजोर पड़ जाता ह।ै

    कारण: ज�म से 8 साल क� आयु �थायी दाँतो के िवकिसत होने का समय ह।ै इस

    दरिमयान य�द पीने के पानी म� �लूराइड क� मा�ा अिधक हो तो इनामल का

    िमनरालाइजेशन ठीक से नह� होता और दांत कमजोर हो जाते ह।ै

    �लोरोिसस �िसत दाँतो म� �दखाई पड़ते असर:

    Ÿ दाँतो म� पीले से लेकर भूरे रंग के ध�बे।

    Ÿ दाँतो म� सड़न होने क� संभावना बढ़ जाती ह।ै �लोरोिसस �िसत लोग� म�

    सडन अिधक होती ह ैऔर ज�द ही दाँतो क� नस� तक प�चँती ह।ै

    डट� ल �लोरोिसस और िनदान

    डॉ. द�शनी शाह

    डायरे�टर, डट� ल को�मे�ट�स ए�ड इ��लांटोलॉजी

    शै�बी हॉि�पटल - अहमदाबाद

    अहमदाबाद:

    जबलपुर:

    इंदौर:

    +91 99240 69400

    +91 95758 01200

    +91 70499 18800

  • RNI No. GUJBIL/2008/25426

    Registered Under Postal Registration No. GAMC-1667/2015-2017 valid up to 31st December 2017,st Posted on 21 of every previous month, LPWP License No. CPMG/GJ/75/2015 Valid up to 31/12/2017

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