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TaittirÁya-BrÀhmaÉa, edited by Subramania Sarma, Chennai 2004-2005, page 1- www.sanskritweb.net/yajurveda TaittirÁya-BrÀhmaÉa Book 3, Chapter 8 Edited by Subramania Sarma, Chennai Final proofread version, 1st April 2005 [[3-8-1-1]] सा॒हया॑ यजत। ं॒ इमा जनता॒ सग॑ा॒नीित॑। ंृ ाद॑शारी रशना भ॑वित। ाद॑श मासा ̎ सवरः। सवरमवाव॑। ॒॒ मौ॒ी भ॑वित। ऊव मा ̎ ऊज॑मवाव॑। ॒े िचा न॑ भवित। िवा एतम॑॥ १॥ [[3-8-1-2]] यद॑मधः समृ ॑ ै। पय॑नाम दवयज॑नमव॑ित। े॒ पया॑मव तन॑ की॒ितमिभज॑यित। अप॑दातीनृिज॑ समाव॑हा स॑याया ̎ सवग॑ लो॒क सम॑ ै। कशम व॑पत। े॒ ॒ नखािन िनकृ ॑ त। दतो धा॑वत। ाित॑। अह॑त वास पिर॑ ध।े पा॒नोऽप॑है। वाच॑ योप॑वसित। सवग॑ लो॒क गै ̎

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TaittirÁya-BrÀhmaÉa

Book 3, Chapter 8 Edited by Subramania Sarma, Chennai

Final proofread version, 1st April 2005

[[3-8-1-1]]

साहया यजत। इमा जनता सगानीित। ादशारी रशना भवित। ादश मासा सवरः। सवरमवाव। मौी भवित। ऊव मा । ऊजमवाव। िचा न भवित। िच वा एतम॥ १॥ [[3-8-1-2]]

यदमधः सम। पयनाम दवयजनमवित। पयामव तन कीितमिभजयित। अपदातीनिज समावहा सयाया । सवग लोक सम। कशम वपत। नखािन िनकत। दतो धावत। ाित। अहत वास पिरध। पानोऽपह। वाच योपवसित। सवग लोक ग ।

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राि जागरय आसत। सवग लोक सम॥ २॥ कम ध प च॥ १॥ [[3-8-2-1]]

चत आपो भवि। चतशफो वा अ ाजापः सम॥ ता िदः समाभता भवि। िद वा आप । अ वा आप । अो वा अ जायत। यदवाोऽ जायत। तदव। तास ौदन पचित। रत एव तधाित॥ १॥ [[3-8-2-2]]

चतशरावो भवित। िदव ितितित। उभयतो ौ भवतः। उभ यत एवािच दधाित। उरित ताय। सिपा वित माय। चार आषयाः ाि। िदशामव ोितिष जहोित। चािर िहरयािन ददाित। िदशामव ोती व॥ २॥ [[3-8-2-3]]

यदामित। तिशना नि। जापितवा ओदनः।

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रत आ म। यदा रशना नि। जापितमव रतसा समधयित। दभमयी रशना भवित। ब वा एष कचरोऽममपगित। यद। पिव व दभाः॥ ३॥ [[3-8-2-4]]

यभमयी रशणा भवित। पना वनम। पतमन ममालभत। अ वा आल मिहमोदामत। स महिज ािवशत। तहिजा महिम। यहिजः ाि। मिहमानमवािधित। अ वा आल रत उदामत। तवण िहरयमभवत। यवण िहरय ददाित। रत एव तधाित। ओदन ददाित। रतो वा ओदनः। रतो िहरयम। रतसवाितो दधाित॥ ४॥ दधाित दभा अभव॥ २॥ [[3-8-3-1]]

यो व ण दव जापतयऽितोा म बाित। आ दवता ो वत। पापीयावित।

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यः ितो। न दवता आवत। वसीयावित॥ यदाह। म भािम दव जापतय तन राासिमित। व ा। ण एव दव जापतय ितोा म बाित॥ १॥ [[3-8-3-2]]

न दवता आवत। वसीयावित। दव ा सिवतः सव इित रशनामाद स । अिनो बाािमाह। अिनौ िह दवानामय आा म। पो हा ािमाह य । वा एत। यदयजण ियत । इमामगशनामतिधवदित यज। य सम॥ २॥ [[3-8-3-3]]

तदाः। ादशारी रशना कता ३ योदशारी ३िरित। ऋषभो वा एष ऋतनाम। यवरः। त योदशो मासो िवप म। ऋषभ एष याना म। यदमधः। यथा वा ऋषभ िवप म। एवमत िवप म। योदशमरि रशनायामपादधाित॥ ३॥

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[[3-8-3-4]]

यथषभ िवप सरोित। तागव तत। पव आ यिष िवदथष काह। आयरवािधाित। तया दवाः सतमाबभविराह। भितमवोपावतत। ऋत साम रमारपीाह। स वा ऋतम। सनवनमतनारभत। अिभधा असीाह॥ ४॥ [[3-8-3-5]]

तादमधयाजी सवािण भता िभभवित। भवनमसीाह। भमानमवोपित। याऽसीाह। यारमवन करोित। धताऽसीाह। धतारमवन करोित। सोऽि व ानरिमाह। अाववन वानर जहोित। सथसिमाह॥ ५॥ [[3-8-3-6]]

जयवन पशिभ थयित। ाहाकत इाह। होम एवाषः। पिथािमाह। अामवन ितापयित। या रााऽिस यमनो धताऽिस धण इाह।

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पमवातिहमान ाच। क ा माय ा र ा पोषाय ाह। आिश षमवतामाशा । गा ा दव इाह। दव एवन गा करोित। ाहा ा जापतय इाह। ाजापो वा अ । या एव दवताया आलत । तयवन समधयित॥ ६॥ बाित समा उपादधासीाह सथसिमा ह दव इाह प च॥ ३॥ [[3-8-4-1]]

यः िपतरनजाया पः। स परा यित। यो मातरनजाया पः। स पायित। िवमवाा ाान िववहतः। यो अव िजघा सित तममीित वण इित ान चतर सौित। परो मत परः ित शनतर हि। व व पाा ातः। पाानमवा ात हि। सक मसल भवित॥ १॥ [[3-8-4-2]]

कम कमवा साधयित। पौलयो हि। प ा व दवाः शच दधः । शचवा शच हि। पाा वा एतमीतीाः। योऽमधन यजत इित। अाधदमपा ित।

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वी वा अ ाजापः। वणव पाान ातमवामित। दिणाऽपावयित॥ २॥ [[3-8-4-3]]

पाानमवाामलम पावयित। ऐषीक उहो भवित। आयवा इषीका । आयरवािधित। अमत वा इषीका । अमतमवािधित। वतसशाखोपसबा भवित। अयोिनवा अ । अजो वतसः। ादवन योनिनिममीत। परा म हित। परादवाितीमत दधाित। अह च च वहिित ा यजमान ह गाित। एव सदधाित। अिभ भरधिययजमान वाचयिभिज॥ ३॥ भवित ावयित िममीत प च॥ ४॥ [[3-8-5-1]]

चार ऋिज समि। आ एवन चतसो िदोऽिभसमीरयि। शतन राजपः सहायः। परा िोित। अननान मना। अय राजा व वािदित। रा वा अयः। राजपः।

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रानवाि दधाित। शतनाराजिभः सह ा॥ १॥ [[3-8-5-2]]

दिणत उदिोित। अननान मना। अय राजाऽितधो ऽिित। बल व ा। बलमराजोः। बलनवािल दधाित। शतन सतामिणिभ सह होता । पाािोित। अननान मना। अय राजाऽ िवशः॥ २॥ [[3-8-5-3]]

बव बाय बजािवकाय । बीिहयवाय बमाषितलाय । बिहरयाय बहिकाय। बदासपषाय रियम पिम। बरायोषाय राजाऽिित। भमा व होता । भमा सतामय । भवािमान दधाित। शतन सहीतिभ सहोाता। उरतो दिणा ित ोित॥ ३॥ [[3-8-5-4]]

अननान मना। अय राजा सवमायरिित। आयवा उाता। आय सहीतार ।

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आयष वािायदधाित। शत शत भवि। शताय पषः शतियः। आयविय ितित ित। चत शता भवि। चतो िदश। िदव ितितित॥ ४॥ ा िवश उिित िदश एक च॥ ५॥ [[3-8-6-1]]

यथा व हिवषो गहीत ित। एव वा एतद ित। यिमनालमजि। योा अाह। सवत मवन करोाय। अ िह तत। यत ित। सहमाह। सहसिमतः सवग लोकः। सवग लोकािभिज॥ १॥ [[3-8-6-2]]

यिरिमता अनयात। पिरिमतमवीत। अपिरिमता अाह। अपिरिमतः सवग लोकः । सवग लोक सम। ोा जहोित। या एव वा आप । ता अव। अा जहोित।

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इय वा अिव ानरः॥ २॥ [[3-8-6-3]]

अामवना ितापयित। उवाच ह जापितः। ोास वा अहममध सापयािम। तन तत सितन चरामीित। अय ाहाह। अय एवन जहोित। सोमाय ाहाह। सोमायवन जहोित। सिव ाहाह। सिव एवन जहोित॥ ३॥ [[3-8-6-4]]

सर ाहाह। सरा एवन जहोित। प ाहाह। प एवन जहोित। बहतय ाहाह। बहतय एवन जहोित। अपा मोदाय ाहाह। अ एवन जहोित। वायव ाहाह। वायव एवन जहोित॥ ४॥ [[3-8-6-5]]

िमाय ाहाह। िमायवन जहोित। वणाय ाहा ह। वणायवन जहोित॥ एता एवन दवता ो जहोित।

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दश दश सपाद जहोित। दशारा िवराट। अ िवराट। िवराजवाामव। वा एषो ऽाोकावत। यः पराचीरातीजहोित। पन पनरावत जहोित। अि व लोक ितितित। एता ह वाव सो ऽमध स िितमवाचााय। अ िह तत। य स ित ित॥ ५॥ अिभिज वानरः सिव एवन जहोित वायव एवन जहोित वत ष॥ ६॥ [[3-8-7-1]]

जापतय ा ज ोामीित परा िोित। जापितव दवानामादो वीयावान। अामवािीय दधाित। ताद पशनामादो वीयावमः॥ इािा ित दिणतः। इाी व दवाना मोिजौ बिलौ। ओज एवािल दधाित। ताद पशनामोिजो बिलः। वायव ित पात। वायव दवानामाशः सारसािरतमः॥ १॥ [[3-8-7-2]]

जवमवािधाित। ताद पशनामाशः सारसािरतमः। िव ा दव इरतः। िव व दवा दवाना यशितमाः। यश एवािधाित।

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ताद पशना यशितमः। दवधा त। दवा व दवानामपिचततमाः। अपिचितमवािधाित। ताद पशनामपिचततमः॥ २॥ [[3-8-7-3]]

सवा दव इपिरात। सव व दवाििषमो हरिन । ििषमवािरो दधाित। ताद पशना ििषमारितमः। िदव ाऽिराय ा पिथ ाह। ए एवन लोक ोित। सत ाऽसत ाऽौषधीा िव ा भत इाह। तादमधयािजन सवािण भतापजीवि। वािदनो वदि। याजापोऽ । अथ कादनमाो दवताोऽिप ोतीित। अ व सवा दवता अा याः। त यि ा भत इित ोित। दवता एवािायातयित। ताद सवा दवता अायाः॥ ३॥ सारसािरतमोपिचततमः ाजापोऽ प च॥ ७॥ [[3-8-8-1]]

यथा व हिवषो गहीत ित। एव वा ए तद ित। योितमनालमजि। यदचिरतािन जहोित। सवतमवन करोाय। अ िह तत।

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यत ित। काराय ाहकताय ाहाह। एतािन वा अचिरतािन। चिरतरवन समधयित॥ १॥ [[3-8-8-2]]

तदाः। अनातयो वा अचिरतािन। नता होता इित। अथो खाः। होता एव। अ वावव िवानमध सापयित। यदचिरतािन जहोित। ताोता इित। बिहधा वा एनमतदायतनाधाित। ातम जनयित॥ २॥ [[3-8-8-3]]

यानायतन ऽारातीजहोित। सािविया इा परा िकत । आहवनीय ऽचिरतािन जहोित। आयतन एवाातीजहोित। ना ात जनयित। तदाः। यमख यमख होता । य । सवग लोकानाा इित। अथो खाः। [[3-8-8-4]]

यमख यमख जयात। पशिभयजमान धयत।

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अव सवगाोकात। पापीयाािदित। सकदव होता । न यजमान पशिभधयित । अिभ सवग लोक जयित। न पापीयावित। अाचािर शतमपािण जहोित। अाचािर शदरा जगती। जागतोऽ ाजापः सम। एकमितिर जहोित। तादक जाधकः॥ ४॥ अधयित जनयित खाजगती ीिण च॥ ८॥ [[3-8-9-1]]

िवभमाा भः िपाह। इय व माता। असौ िपता। आामवन पिरददाित। अोऽिस हयोऽसीाह। शावनमतत। तािाः जा जाय। अोऽसीाह। ताद सवा शनऽित। ताद सवषा पशना गित॥ १॥ [[3-8-9-2]]

यश माोित। य एव वद। नरोऽवाऽिस सिरिस वासीाह। पमवातिहमान ाच। ययनामाऽसीाह।

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एता अ िय नामधय म। ियणवन नामधयनािभवदित। तादािमौ सग। नाा चयत। िममव भवतः॥ २॥ [[3-8-9-3]]

आिदाना पाऽिहीाह। आिदानवन गमयित। अय ाहा ाह ािािमित पवहोमाहोित। पव एव िष ातमितामित। भरिस भव ा भाय ा भिवत जित सवाय। दवा आशापाला एत दवोऽ मधाय ोित गोपायताह। शत व ता राजपा दवा आशापालाः। त एवन पिरददाित। ईरो वा अ म परा परावत गो । इह धित ाहह िवधित ाहह रि ाहह रमित ाहित चतष प जहोित॥ ३॥ [[3-8-9-4]]

एता वा अ बनम। तािभरवन बाित। ताद मो बनमागित। ताद मो बन न जहाित। रा वा अमधः। रा ख वा एत ाय। यऽ म रि। तषा य उच गि। राादव त रा गि। अथ य उच न गि॥ राादव त वि। परा वा एष िसत।

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योऽबलोऽमधन यजत। यदिमा अ िवरन । हता यः। चत शता रि। याघाताय। अथामानीय ोयः। सव तत ायििः॥ ४॥ गित भवत प जहोित न गि नव च॥ ९॥ [[3-8-10-1]]

जापितरकामयतामधन यजयित। स तपोऽतत। त तपान। सानो दवता उदामन। सा दीाऽभवत। स एतािन वदवापयत। ताजहोत। तव स दीामवा। यदवािन जहोित। दीामव तयज मानोऽव॥ १॥ [[3-8-10-2]]

स जहोित। स िह ता दवता उदामन। अह जहोित। अहमव दीामव। ीिण वदवािन जहोित। चाय हणािन। स सप। स व शीषया ाणाः। ाणा दीा।

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ाणरव ाणाीामव॥ २॥ [[3-8-10-3]]

एकिवशित वदवािन जहोित। एकिवशितव दवलोकाः। ादश मासा पतव । य इम लोकाः। असावािद एकिव शः। एष सवग लोकः। त म। सा ीः। त िवप म। तारामत॥ ३॥ [[3-8-10-4]]

िशतमौहणािन जहोित। िशदरा िवराट। अ िवराट। िवराजवाामव। धा िवभ दवता जहोित। ावतो व दवाः। ावत इम लोकाः। एषा लोकानामा । एषा लोकाना । अप वा एता ाणाः ामि॥ ४॥ [[3-8-10-5]]

यो दीामितरचयित। साह चरि। स व शीषा ाणः। ाणा दीा। ाणरव ाणाीामव।

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पणाितममा जहोित। सव व पणाितः। सवमवाोित। अथो इय व प णाितः। अामव ितितित॥ ५॥ ाणाीामव उत ामि ितित॥ १०॥ [[3-8-11-1]]

जापितरमधमसजत। त स न िकचनोदयत। त व दवावोदय न। यदवािन जहोित। यो। ाहाऽऽिधमाधीताय ाहा । ाहाऽऽधीत मनस ाहा । ाहा मन जापतय ाहा । काय ाहा क ाहा कतम ाहित ाजाप म भवतः। जापितमखािभरवन दवता िभत॥ १॥ [[3-8-11-2]]

अिद ाहाऽिद म ाहाऽिद समडीकाय ाहाह। इय वा अिदितः। अा एवन ितायोत। सर ाहा सर बह ाहा सर पावकाय ाहाह। वाव सरती। वाचवनमत॥ प ाहा प पाय ाहा प नरिषाय हाह। पशवो व पषा। पशिभरवनमत। ाहा तरीपाय ाहा पपाय ाहाह। ा व पश ना िमथनाना पकत।

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पमव पशष दधाित। अथो परवनमत। िवव ाहा िवव िनखयपाय ाहा िवव िनभयपाय ाहाह। यो व िव । यायवनमत। पणाितममा जहोित। सयाय॥ २॥ यत पपाय ाहाहाौ च॥ ११॥ [[3-8-12-1]]

सािवमाकपाल ातिनवपित। अारा गायी। गाय ातःसवनम। ातसवनादवन गायियाछसोऽिध िनिममीत। अथो ातःसवनमव तना ोित। गाय छ ॥ सिव सिव एकादशकपाल मिन। एकादशारा िप। भ मािन सवनम। मािनादवन सवनािभछसोऽिध िनिममीत॥ १॥ [[3-8-12-2]]

अथो मािनमव सवन तना ोित। िभ छ । सिव आसिव ादशकपालमपरा। ादशारा जगती। जागत ततीयसवनम। ततीयसवनादवन जगाछसोऽिध िनिममीत। अथो ततीयसवनमव तना ोित। जगत छ। ईरो वा अ म परा परावत गो ।

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इह धित ाहह िवधित ाहह रि ाहह रमित ाहित चत आतीजहोित। चतो िदश। िदिरवन पिरगाित। आो जो भवित। जापितदवो िनलायत। अो प का। सोऽ सव रमितत। तदा म। यदाो जो भवित। एवन योनौ ितापयित॥ २॥ िभछसोऽिध िनिममीत जहोित नव च॥ १२॥ [[3-8-13-1]]

आ ाणो वचसी जायतािमाह। ाण एव वच स दधाित। तारा ा णो वचजायत। आऽिा राज इष शरो महारथो जायतािमाह। राज एव शौय मिहमान दधाित। तारा राज इष शरो महारथोऽजायत। दोी धनिराह। धा मव पयो दधाित। तारा दोी धनरजायत। वोढाऽनािनाह॥ १॥ [[3-8-13-2]]

अनडव वीय दधाित। तारा वोढाऽनानजायत॥ आशः सििराह। अ एव जव दधाित। ताराऽऽशरोऽजायत॥

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परिधयषाह। योिषव प दधाित। ताी यवितः िया भावका। िज रथा इाह। आ ह व त िज रथा जायत॥ २॥ [[3-8-13-3]]

यतन यन यज। सभयो यवाह। यो व पववयसी। स सभयो यवा । तावा पमा ियो भावकः। आऽ यजमान वीरो जायतािमाह। आ ह व त यजमान वीरो जायत। यतन यन यज। िनकाम िनकाम नः पजो वषिाह। िनकाम िनकाम ह व त पजो वषित। यतन यन यज। फिलो न ओषधयः पािमाह। फिलो ह व तौषधयः प। यतन यन यज। योगमो न कतािमाह। कत ह व त जाो योगमः। यतन यन यज॥ ३॥ अनािनाह जायत वषित स च॥ १३॥ [[3-8-14-1]]

जापितदवो याािदशत। स आमधमध। त दवा अवन। एष वाव यः।

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यदमधः। अव नोऽािित। त एतानहोमाायत। तानजहोत। तव स दवानीणात। यदहोमाहोित॥ १॥ [[3-8-14-2]]

दवानव तयजमानः ीणाित। आन जहोित। अवा एतपम। यदाम। यदान जहोित। अिमव तीणाित। मधना जहोित। मह वा एतवताय पम। यध। यधना जहोित॥ २॥ [[3-8-14-3]]

महतीमव तवता ीणाित। तडलजहोित। वसना वा एतपम। यडलाः। यडलजहोित। वसनव तीणाित। पथकजहोित। ाणा वा एतपम। यथकाः। यथकजहोित॥ ३॥ [[3-8-14-4]]

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ानव तीणाित। लाजजहोित । आिदाना वा एतपम। याजाः। याजजहोित। आिदानव तीणाित। कर जहोित। िवषा वा एतवाना पम। यरा । यर जहोित॥ ४॥ [[3-8-14-5]]

िवानव तवाीणाित। धानािभजहोित। नाणा वा एतपम। यानाः। यानािभजहोित। नायव तीणाित। सिभजहोित। जापतवा एतपम। यवः। यिभजहोित॥ ५॥ [[3-8-14-6]]

जापितमव तीणाित। मस जहोित। सवासा वा एत वताना पम। यसािन। यसजहोित। सवा एव तवता ीणाित। ियतडलजहोित।

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ियाा ह व नामत। एतव दवा अाािन समदधः। यियतडलजहोित। अवाािन सदधाित । दशाािन जहोित। दशारा िवराट। िवरााााव॥ ६॥ जहोित मधना जहोित पथकजहोित कर जहोित सिभजहोित ियतडलजहोित चािर च॥ १४॥ अहोमानानामधना तडलः पथकलाजः कर धानािभः सिभमस ियतडलदशाािन ादश॥ [[3-8-15-1]]

जापितरमधमसजत। त स रािजघासन। स एताजापितन होमानपयत। तानजहोित। तव स याा पाहन। यहोमाहोित। यादव तयजमानो रा पहि। आन जहोित। वो वा आम। वणव याा पहि॥ १॥ [[3-8-15-2]]

आ ितपद करोित। ाणो वा आम। मखत एवा ाण दधाित। अहोमाहोित। शरीरवदवाव। ास जहोित।

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उभयाव। न जहोित। रसामपह। आनातो जहोित॥ २॥ [[3-8-15-3]]

ाणो वा आम। उभयत एवा ाण दधाित। परा ोपिरा। एक ाहाह। अिव लोक ितितित। ाा ाहाह। अमिव लोक ितितित। उभयोरव लोकयो ितितित। अि ामि । शताय ाहाह। शतायव पषः शतवी यः। आयरव वीयमव। सहाय ाहाह। आयव सह म। आयरवाव। सव ाहाह। अपिरिमतमवाव॥ ३॥ एव याा पहतो जहोित शताय ाहाह स च॥ १५॥ [[3-8-16-1]]

जापित वा एष ई तीाः। योऽमधन यजत इित। अथो आः। सवािण भ तानीित। एक ाहाह।

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जापितवा एक । तमवाोित। एक ाहा ाा ाहिभपवमातीजहोित। अिभपवमव सवग लोकमित। एकोर जहोित॥ १॥ [[3-8-16-2]]

एकवदव सवग लोकमित। सत जहोित। स वग लोक सत। शताय ाहाह। शतायव पषः शतवी यः। आयरव वीयमव। सहाय ाहाह। आयव सह म। आयरवाव। अयताय ाहा िनयताय ाहा यताय ाहाह॥ २॥ [[3-8-16-3]]

य इम लोकाः। इमानव लोकानव। अबदाय ाहाह। वावा अबदम। वाचमवाव। बदाय ाहाह। यो व वाचो भमा। तबदम। वाच एव भमानमव। समाय ाहाह॥ ३॥ [[3-8-16-4]]

सममवाोित ।

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माय ाहाह। ममवाोित। अाय ाहाह। अमवाोित। पराधाय ाहाह। पराधमवाोित। उषस ाहा ाहाह। रािवा उषाः। अहिः। अहोरा एवाव। अथो अहोरायोरव ितितित। ता यभयीिद वा वा न वा जयात। अहोरा मोहयत। उषस ाहा ाहोदत ाहोत ाहनिदत जहोित। उिदताय ाहा सवगाय ाहा लोकाय ाहिदत जहोित। अहोरायोर ितमोहाय॥ ४॥ एकोर जहोित यताय ाहाह समाय ाहाहाहिः स च॥ १६॥ [[3-8-17-1]]

िवभमाा भः िपनामािन जहोित। उभयोरवन लोकयोनामधय गमयित। आयनाय ाहा ायणाय ाह ावाहोित। सवमवनम सवग लोक गमयित। अय ाहा सोमाय ाहित पवहोमाहोित। पव एव िष ातमितामित। पिथ ाहाऽिराय ाहाह। यथा यजरवतत। अय ाहा सो माय ाहित पवदीा जहोित। पव एव िष ातमितामित॥ १॥ [[3-8-17-2]]

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पिथ ाहाऽिराय ाहकिव िशन दीा जहोित। एकिवशितव दवलोकाः। ादश मासा पतव । य इम लोकाः। असावा िद एकिव शः। एष सवग लोकः। सवग लोक सम। भवो दवाना कमणतदीा जहोित। ऋतनवा कयित। अय ाहा वायव ाहित जहोनिर॥ २॥ [[3-8-17-3]]

अवाः सामिाी ज होित। सवग लोका । भत भ भिविदित पया ीजहोित। सवग लोक पया । आ म गहा भविाभजहोित। सवग लोकाभ । अिना तपोऽभविदनभजहोित। सवग लोकान भ। ाहाऽऽिधमाधीताय ाहित समािन वदवािन जहोित। सममव िष ातमितामित॥ ३॥ [[3-8-17-4]]

दः ाहा हना ाहहोमाहोित। अ अ व पष पाोपिः। अादादवन पानन मित। अताय ाहा काय ाहा ताय ाहपािण जहोित। परवन समधयित। ओषधी ाहा मल ाहोषिधहोमाहोित। ो वा ओषधयः।

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प ोऽाः फल गि। मलोऽाः। ता एवोभयीरव॥ ४॥ [[3-8-17-5]]

वनसपित ाहित वनितहोमाहोित। आरयाााव। मषा पचतरविपा ािन जहोित। ाणा व दवा अपा ाः। ाणानवाव। का ाहाऽः ाहपा होमाहोित। अ वा आप । अ वा आप । अो वा अ जायत। यदवाोऽ जायत। तदव॥ ५॥ पवदीा जहोित पव एव िष ातमितामनिर ामित जायत एक च॥ १७॥ [[3-8-18-1]]

अािस जहोित। अय व लोकोऽा िस। त वसवोऽिधपतयः। अिित । यदािस जहोित। इममव लोकमव। वसना साय गित। अि ोितरव। नभािस जहोित। अिर व नभा िस॥ १॥ [[3-8-18-2]]

त ा अिधपत यः।

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वायित । यभािस जहोित। अिरमवाव। ाणा साय गित। वाय ोितरव। महािस जहोित। असौ व लोको महा िस। तािदा अिधपतयः। सय ोित ॥ २॥ [[3-8-18-3]]

यहािस जहोित। अममव लोकमव । आिदाना साय गित। सय ोितरव। नमो रा नमो वणायित यािन जहोित। अााव। मयोभवातो अिभ वाता इित गािन जहोित। पशनामव। ाणाय ाहा ानाय ाहित सतितहोमा होित। सवग लोक सत॥ ३॥ [[3-8-18-4]]

िसताय ाहाऽिसताय ाहित मीजहोित। सवग लोक म। पिथ ाहाऽिराय ाहाह। यथा यजरवतत। दत ाहाऽदकाय ाहित श रीरहोमाहोित। िपतलोकमव तयजमानोऽव। का यनि स ा यनिित पिरधीनि। इम व लोकाः पिरधय ।

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इमानवा लोकानि। सवग लोक सम॥ ४॥ [[3-8-18-5]]

यः ाणतो य आ दा इित मिह मानौ जहोित। सवग व लोको मह । सवगमव ताा लोक यजमानोऽव। आ ाणो वचसी जायतािमित समािन वचसािन जहोित। वचसमव तयजमानोऽव। जि बीजिमित जहोनिर। अ य समनमिथ समनमिदित सितहोमाहोित। सवग लोक सन। भताय ाहा भिवत ाहित भताभौ होमौ जहोित। अय व लोको भतम॥ ५॥ [[3-8-18-6]]

असौ भिवत। अनयोरव लोकयो ितितित। सवा । सवाव। यदः थम जायमान इोमीय जहोित। सवा । सव िज । सवमव तना ोित। सव जयित। योऽमधन यजत॥ ६॥ [[3-8-18-7]]

य उ चनमव वद। य रािजघासन। स एताजापितन होमानपयत। तानजहोत।

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तव स याा पाहन। यहोमाहोित। यादव तयजमानो रा पहि। उषस ाहा ाहतो जहोित। सवग लोक सम॥ ७॥ व नभािस सय ोित सत सम भत यजत नव च॥ १८॥ [[3-8-19-1]]

एकयपो वकादिशनी वा। अषा याना यपा भवि। एकिव िशमध। सवग लोकािभिज। ब ो वा खािदरो वा पालाशो वा । अषा यतना यपा भवि। रादाल एकिव शरिरमध। सवग लोक सम। नाषा पशना तजा अवि। अव॥ १॥ [[3-8-19-2]]

पाा व तजनी। पानोऽपह। शाखायामषा पशनामवि। वतसशाखायाम । अयोिनवा अ । अजो वतसः। एवा योनाववित। यपष ााशियि। आरोकारयाारयि। पशना ाव। आ ााशभ।

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ारया जि। पानोऽपह॥ २॥ अ ाव ीिण च॥ १९॥ [[3-8-20-1]]

रादालमि िमनोित। णहाया अपह। पौतवाविभतो भवतः। पय गाव। णहामवाादपह। पयन गनोभयत पिरगाित। षा भवि। व चसाव। षािदराः। तजसोऽव॥ १॥ [[3-8-20-2]]

षालाशाः। सोमपीथाव। एकिवशित सप। एकिवशितव दवलोकाः। ादश मासा पतव । य इम लोकाः। असावािद एकिव शः। एष सवग लोकः। सव ग लोक सम। शत पशवो भवि॥ २॥ [[3-8-20-3]]

शताय पषः शतियः। आयविय ितितित। सव वा अमाोित।

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अपिरिमता भवि। अपिरिमताव। वािदनो वदि। काात। दि णतो ऽषा पशनामवि। उरतोऽित। वाणो वा अ ॥ ३॥ [[3-8-20-4]]

एषा व वण िदक। ायामवा िदयवित। यिदतरषा पशनामवित। शतदव तनाव। िचत ऽाविधवतस कटऽ िचनोित। अ योिनवा अ । अजो वतसः। एवन योनौ ितापयित। परा तपर िचनोित। पााचीन गोमगम॥ ४॥ [[3-8-20-5]]

ाणापानाववाि ौ दधाित। अ तपर गोमगिमित सवत एताहोित। एषा लोकानामिभिज। आनाऽिभजहोित। साानमवन सतन करोित। सााऽमिोक भवित। य एव वद। अथो वसोरव धारा तनाव। इवदाय ाहा बिलवदाय ाहाह। सवरो वा इवद ।

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पिरवरो बिलवद । सवरादव पिरवरादायरव। आयरवािधाित। तादमधयाजी जरसा िवसाऽम लोकमित॥ ५॥ तजसोऽव भवो गोमगिमवदािर च॥ २०॥ [[3-8-21-1]]

एकिव शोऽिभवित। एकिव शः ोम। एकिवशितयपा । यथा वा अा वषभा वा वषाणः स ररन । एवमतोमा सर। यदकिव शाः। त यमरन । हता यः। ादश एवािः ािदाः। ादशः ोम । [[3-8-21-2]]

एकादश यपा । यादशो ऽिभवित। ादश मासा सवरः। सवरणवाा अमव। यश यपा भवि। दशारा िवराट। अ िवराट। िवराजवाामव। य एकादशः। न एवा सः। [[3-8-21-3]]

ह एवना तन।

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तदाः। यादशोऽिः ा ादशः ोम एकादश यपा । यथा िरणा यायात। तात। एकिव श एवािः ािदाः। एकिव शः ोम। एकिवशितयपा । यथा ििभयाित। तागव तत॥ ३॥ [[3-8-21-4]]

यो वा अमध ितः ककभो वद। कक राा भवित। एकिव शोऽिभवित। एकिव शः ोम। एकिवशितयपा । एता वा अमध ितः ककभ । य एव वद। कक राा भवित। यो वा अमध ीिण शीषािण वद। िशरो ह राा भवित। एकिव शोऽिभवित। एकिव शः ोम। एकिवशितयपा । एतािन वा अमध ीिण शीषािण। य एव वद। िशरो ह राा भवित॥ ४॥ ादशः ोम स एव तिरो ह राा भवित ष॥ २१॥ [[3-8-22-1]]

दवा वा अमध पवमान।

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सवग लोक न ाजानन। तम ाजानात। यदमधऽन मनोदो बिहवमान सपि। सवग लोक ा । न व मन सवग लोकमसा वद। अो व सवग लोकमसा वद। यातोाय त। यथाऽोऽन पथा ितपादय त। तात॥ १॥ [[3-8-22-2]]

उातारमप। अमीथाय वणीत। यथा ोऽसा नयित। एवमवनम सवग लोकमसा नयित। पमारभ। सवग लोक सम। िह करोित। सामवाक । िह करोित। उीथ एवा सः॥ २॥ [[3-8-22-3]]

वडबा उपि। िमथनाय जा । अथो यथोपगातार उपगायि। तागव तत। उदगासीदो म इाह। ाजापो वा अ । जापितीथः। उीथमवाव।

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TaittirÁya-BrÀhmaÉa, edited by Subramania Sarma, Chennai 2004-2005, page 38- www.sanskritweb.net/yajurveda

अथो ऋामयोरव ितितित। िहरयनोपाकरोित। ोितव िहरयम। ोितरव मखतो दधाित। यजमान च जास च। अथो िहरयोितरव यजमानः सवग लोकमित॥ ३॥ त उपाकरोित चािर च॥ २२॥ [[3-8-23-1]]

पषो व यः। यः जापितः। यद पशियि। यादव त य। अ तपर गोमगम। तानि आलभत। सनामखमव त यित। तााजमख भी भावकम। आय कीव परा लाट। पवािमव त कत॥ १॥ [[3-8-23-2]]

तावाि परा ापयि। पौम म। अ व पषा। तावाावाहायमाहरि। ऐापौमपिरात। ऐो व राजोऽ पषा। अानवनमभयत पिरगाित। तााजो ऽादो भावकः। आयौ कीवौ बावोः। बावोरव वीय ध॥ २॥

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तााजो बाबली भावकः। ाौ लोमशसौ सोः। सोरव वीय ध। तााज ऊबली भावकः। िशितपौ बाहौ प। वचसमवोपिरा। अथो कवच एवत अिभत पयहत। तााज सनो वीय करोित। धा पषोदरमधा त। ितामवता कत। अथो इय व धाता। अामव ितितित। सौय बल प । उधमव त कत। ताध भय जा अिभस यि॥ ३॥ कत ध कत प च॥ २३॥ साहया चतो यो व यः िपतारो यथा िन जापतय ा यथा ोित िवभराह जापितरकामयतामधन जापितन िक न सािवमाजापितदव जपती रा िस जापितमीित िवभरनामाा कयपो रादालमकिव शो दवाः पषयोिव शितः॥ २३॥ साहया तादमधयाजी यिरिमता यमख यो दीा दवानव य इम िसताय ाणापानाववािा ाज एकनवितः॥ ९१॥