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SRJIS/BIMONTHLY/ SHAMIMA ANSARI & DR. SHIREESH PAL SINGH (5770-5783) MAY-JUNE 2017, VOL- 4/31 www.srjis.com Page 5770 : & , Ph. D. 1 () 2 , स स, ( ), - 442001, तुत शोध प मदरसा शा पर अधारत है | मदरसा मुशिम शशा के केर होते ह | आसके दो मुय ऄशभकरण होते ह-मकतब तथा मदरसा | मकतब म ार शभक शशा दी जाती है जबशक मदरस म ईच शशा की यवथा रहती है | ये ायः दो ऄथ म शिए जाते ह- सामाय ऄथथ म शवािय तथा द सरे ऄथथ म एक ऐसा शा स थान जो धाशमथक शशा दान करता है | आस शोध के मायम से मदरसा शा के गौरवपूणथ आशतहास, वतथमान म ईसकी शथशत पर काश डािा गया है | शजसके तहत मदरस के ईदेय, पाठ्यकमथ एव ईनके शवचार को जाने की कोशशश की गयी है | मदरसा म शिम शशा के केर होते ह | आसके दो म य ऄशभकरण होते ह -मकतब तथा मदरसा | मकतब म ार शभक शशा दी जाती है जबशक मदरस म ईच शशा की यवथा रहती है | ये ायः दो ऄथ म शिए जाते ह- सामाय ऄथथ म शवािय तथा द सरे ऄथथ म एक ऐसा शशा स थान जो धाशमथक शशा दान करता है , िशकन ये केवि हदीस और रान तक ही सीशमत नह ह। (आसैिोशपशडया ऑफ़ आिाम, 1974) | ऄथाथत यह धाशमथक और धमथशनरपे दोन ही कार की शशा दान करता है | यह ऄरबी भाषा के दसथ Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com Abstract

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    MAY-JUNE 2017, VOL- 4/31 www.srjis.com Page 5770

    :

    & , Ph. D.

    1( )

    2 , स स , ( ), -

    442001,

    प्रस्ततु शोध पत्र मदरसा शशक्षा पर अधाररत ह ै | मदरसा मशुस्िम शशक्षा के केन्द्र होते हैं | आसके दो मखु्य

    ऄशभकरण होते हैं-मकतब तथा मदरसा | मकतबों में प्रारंशभक शशक्षा दी जाती ह ैजबशक मदरसों में ईच्च शशक्षा की

    व्यवस्था रहती ह ै | ये प्रायः दो ऄथों में शिए जाते हैं- सामान्द्य ऄथथ में शवद्यािय तथा दसूरे ऄथथ में एक ऐसा

    शशक्षा संस्थान जो धाशमथक शशक्षा प्रदान करता ह ै | आस शोध के माध्यम से मदरसा शशक्षा के गौरवपणूथ आशतहास,

    वतथमान में ईसकी शस्थशत पर प्रकाश डािा गया ह ै | शजसके तहत मदरसों के ईद्दशे्य, पाठ्यकमथ एव ंईनके शवचारों

    को जाने की कोशशश की गयी ह ै|

    मदरसा मशुस्िम शशक्षा के केन्द्र होते हैं | आसके दो मखु्य ऄशभकरण होते हैं -मकतब तथा

    मदरसा | मकतबों में प्रारंशभक शशक्षा दी जाती ह ैजबशक मदरसों में ईच्च शशक्षा की व्यवस्था

    रहती ह ै| ये प्रायः दो ऄथों में शिए जाते हैं- सामान्द्य ऄथथ में शवद्यािय तथा दसूरे ऄथथ में

    एक ऐसा शशक्षा संस्थान जो धाशमथक शशक्षा प्रदान करता ह,ै िेशकन ये केवि हदीस और

    कुरान तक ही सीशमत नहीं हैं। (आन्द्सैक्िोशपशडया ऑफ़ आस्िाम, 1974) | ऄथाथत यह

    धाशमथक और धमथशनरपेक्ष दोनों ही प्रकार की शशक्षा प्रदान करता ह ै | यह ऄरबी भाषा के दसथ

    Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com

    Abstract

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    शब्द से बना ह ै शजसका ऄथथ ह ै शकसी को कुछ पढ़ाना/शसखाना (ऄिजनैुद और हुसैन

    2005) | वह संस्थान जो दसवी तक की शशक्षा प्रदान करते हैं, ईन्द्हें मदरसा कहते हैं दारुि-

    ईिमू शब्द का ईपयोग बारहवीं की आस्िाशमक शशक्षा के शिए शकया जाता ह,ै जबशक

    जाशमया शब्द शवशिद्यािय स्तर की शशक्षा के शिए ईपयोग शकया जाता ह ै(ररयाज़, 2008)

    | संके्षप में ऐसा कोइ संस्थान जो आस्िाशमक मिू की कुरान की शशक्षा प्रदान करता ह,ै

    मदरसा कहिाता ह ै| आनका ईद्दशे्य अशिम का शनमाथण करना होता ह,ै जो आस्िाशमक शशक्षा

    का प्रसार कर िोगों की शखदमत करे (बानो, 2008) दसूरे शब्दों में हम कह सकते हैं शक

    मदरसा एक ऐसी संस्था ह ैजहााँ शशक्षण-ऄशधगम प्रशिया चिती ह,ै चूाँशक मदरसा शशक्षा का

    मखु्य कायथ परम्परागत आस्िाशमक शशक्षा का प्रसार करना ह ै ,आसशिए मदरसा शशक्षा और

    ईसके ईद्दशे्यों को समझने के शिए ये अवश्यक ह ैशक आस्िाशमक शशक्षा को समझा जाये |

    आससे हमें यह समझने में सहायता शमिेगी शक मदरसा शशक्षा शकस प्रकार ऄनौपचाररक

    शशक्षा से शभन्द्न ह ै|

    इस्लाम में शिक्षा

    आस्िाम पणूथतः ऄल्िाह के प्रशत समपथण ह ै और मसुिमान वो ह ै जो समपथण करता ह ै

    जबशक कुरान आस्िाम और आस्िाशमक शशक्षा का केन्द्र ह ैएवं यह सभी प्रकार की आस्िाशमक

    शशक्षा में एक महत्वपणूथ भशूमका ऄदा करता ह ै | कुरान के ऄशतररक्त आस धमथ के प्रवतथक

    हजरत मोहमद साहब का आस्िाशमक शशक्षा व्यवस्था में एक बेशकीमती स्थान ह ै(शसकंद,

    2004) | दसूरे शब्दों में हम कह सकते हैं शक आस्िाशमक ज्ञानमीमांसा धमथ और

    अध्याशत्मकता से पररपणूथ ह ै (ऄि-ज़ीरा, 2001) | आस्िाम में शशक्षा पर बहुत जोर शदया

    गया ह,ै पशवत्र ग्रन्द्थ कुरान के ऄनसुार शशक्षा प्राप्त करना प्रत्येक व्यशक्त का कतथव्य ह ै |

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    महुम्मद साहब के ऄनसुार ज्ञान की खोज करो चाह ेआसके शिए चीन ही क्यों ना जाना पड़े (

    शमया साशहब, 1991) | कुरान की पहिी अयत ही आकरा से शरुू होती ह ैशजसका ऄथथ ह ै

    पढ़ना | कुरान में कहा गया ह ै शक प्रत्येक मदथ और औरत को शशक्षा हाशसि करना

    ऄशनवायथ ह।ै ऄशशशक्षत व्यशक्त एक मरे हुए आसंान की तरह ह ैऄथाथत वह शारीररक तौर पर

    तो शजंदा ह ैिेशकन ईसकी रूह मर चकुी ह ै| शशक्षा पर ज़ोर दतेे हुए कहा गया ह ैशक शशक्षा

    मााँ की गोद से शरुू होकर कब्र की गोद तक हाशसि की जाये, शजसे ऄरबी में ‘लहद से

    लेकर अहद’ तक कहा गया ह ै (साशजद कासमी 2005) | आसशिए सामशूहक मसुिमानों

    को शशशक्षत करने के शिए एक प्रणािी शवकशसत की गयी शजसे मदरसा शशक्षा प्रणािी कहा

    जाता ह ै|

    मदरसा शिक्षा का इशिहास

    मदरसा शशक्षा का आशतहास ईतना ही परुाना ह ै शजतना की आस्िाम धमथ | आस्िाम धमथ के

    प्रवतथक महुम्मद साहब के द्वारा आस्िाशमक शशक्षा (मदरसा शशक्षा) की शरुुअत मक्का में

    सफा पहाड़ी के पास ‘दारुि ऄकरम’ से होती ह ै (साशजद कासमी,2005) | 622 इ0 में

    जब महुम्मद साहब मक्का से मदीना गए तब वहां पर मशस्जद-ए–नबवी शशक्षा का केन्द्र

    बना । यहााँ पर स्त्री एवं परुूष दोनों ही शशक्षा हाशसि करने के शिए अते थे (ऄिवी,1998)

    | हज़रत महुम्मद साहब के यगु के बाद ऄरब प्रायद्वीप के बाहर मदरसों और ईल्िेमाओ ंने

    धाशमथक शवशेषज्ञों के रूप में आस्िाशमक शशक्षा के प्रसार में योगदान शदया (योगेन्द्र शसकंद,

    2011) | बग़दाद में ईमययााँ वंश में मदरसे का प्रचिन हुअ, आस यगु में जो पहिे से

    ऄनौपचाररक शशक्षा चि रही थी ईसे औपचाररक शशक्षा का रूप शदया गया, ऄशधकांश

    मशस्जद, घर एवं दकुानों को प्राथशमक शशक्षा के केन्द्र के रूप में तब्दीि कर शदया गया

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    (ऄहमद, 1985) | ऄब्बासी यगु के दौरान जब मशुस्िम सभ्यता और संस्कृशत ऄपने चरम

    सीमा पर थी तब मशुस्िम न केवि यनूाशनयों के साशहत्य और दशथन में कुशि थे बशल्क

    शवज्ञान में भी पारंगत हो गये | आस ऄवशध के दौरान ऄि-मॉमनू ने 830 इ० में बैत-ईि-

    शहकमा शशक्षा संस्था के रूप में स्थाशपत शकया (कासमी, 2005) | यह एक ईच्च शशक्षा का

    संस्थान था शजसमें शोध कायथ के शिए प्रशसद्ध शवद्वानों को शनयकु्त शकया गया | आन शवद्वानों में

    इसाइ, यहूदी, भारतीय और मसुिमान थे | ऄि मामनू द्वारा वैज्ञाशनकों के काम करने के

    शिए एक वैधशािा का शनमाथण कराया | संस्थान में एक ईत्कृष्ट पसु्तकािय भी था, शजसमें

    दिुथभ पांडुशिशपयााँ और पसु्तकें शाशमि थीं | यह संस्थान अिमणकारी हजाजी खान

    द्वारा 1258 इ० में जिा शदया गया | ऐसा कहा जाता ह ैशक जब पांडुशिशपयााँ फें की गयी तो

    ईसकी श्याही से टाआगरस नदी का पानी कािा हो गया था | पहिी आस्िाशमक संस्था जो

    व्यापक स्तर पर स्थाशपत हुइ | ऄि-मआुज़ (925-975 A.D) द्वारा ऄि-ऄजहर काशहरा

    शवशिद्यािय के रूप में ऄशस्तत्व में अया (ितीफ़, 1998) | 9 वीं शताब्दी में बग़दाद शवि

    में ज्ञान का केन्द्र बन गया | शविभर के दशथनशास्त्री, गशणतज्ञ तथा वैज्ञाशनक अशद बग़दाद

    अये | शवशभन्द्न पसु्तकों का ऄनवुाद प्रत्येक ज़बान जैसे- िैशटन, फ्रें च, संस्कृत अशद में

    कराया गया | आब्न-ए-रूशद और आब्न-ए- शसना ने ऄरस्त ु के कायों को सरुशक्षत करने में

    महत्वपणूथ योगदान शदया | बीजगशणत, शत्रकोणशमशत, ऄशभयांशत्रकी तथा खगोि शवज्ञान

    अशद शजनकी बात अज हम करते हैं ईसकी शरुुअत कइ सौ वषथ पहिे बग़दाद में हो चकुी

    थीं (आस्िाम: एम्पायर ऑफ़ फेथ, 2013) | स्टेनिी िीन्द्पोि (2012) की पसु्तक A

    World Without Islam के ऄनसुार दशथन, शचशकत्सा तथा संगीत के के्षत्र में ऄरब

    सभ्यता ने महत्वपणूथ योगदान शदया तथा कइ शशक्षा संस्थाएं ऄशस्तत्व में अयीं जैसे बग़दाद

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    का मदरसा मसु्तम सररयाह एवं जाशमया शनज़ाशमया, ईत्तर ऄफ्रीका का करावें शविशवद्यािय

    ,काशहरा का ऄि-ऄज़हर तथा स्पेन का कोराडोवा शविशवद्यािय | ऄि-गज़ािी जैसा

    महान शोधाथी आन्द्ही संस्थाओ ंकी ईपज ह ै| आन संस्थानों में धाशमथक एवं धमथ-शनरपेक्ष दोनों

    ही प्रकार की शशक्षा दी जाती थी (मजमूदार, 2003) | आन सारे मदरसों ने शवि को महान

    गशणतज्ञ, वैज्ञाशनक तथा दशथनशास्त्री शदए | The Medico (Novel) के ऄनसुार स्पेन का

    कोराडोवा शविशवद्यािय शजसे ऄब शगरजाघर बना शदया गया ह,ै वहां पर पादररयों ने

    िगभग 10 िाख शकताबों को जिा शदया, शजसमें गशणत, शवज्ञान एवं दशथन अशद की

    शकताबें शाशमि थीं | महान आशतहासकार A.J.Joybee की शकताब ‘आशतहास का ऄध्ययन’

    में 600 साि की 25 संस्कृशतयों का ऄध्ययन कर बताया शक जब परूा यरूोप ऄन्द्धकार में

    जी रहा था तो ईनको रोशनी में िाने का कायथ ऄरबवाशसयों ने ही शकया था |

    भारि में मदरसा शिक्षा

    भारत में मशुस्िम हुकूमत 12 वीं शताब्दी से 19 वीं शताब्दी तक चिी | भारत में मदरसा

    शशक्षा को दो प्रमखु कािखडंो में दखे सकते हैं -

    सल्तनत काि के दौरान मदरसा शशक्षा

    मगुिकािीन मदरसा शशक्षा

    भारत में सल्तनत काि की शरुूअत शहाबदु्दीन महुम्मद गौरी (1203-1206) से हुइ | आसने

    शशक्षा के शवकास के शिए ‘िाजुल मशसर’ नाम से मदरसे की बशुनयाद डािी | साथ में कइ

    मकतब और मदरसे स्थाशपत शकये | सिुतान आल्ततुशमश (1206-1210) ने ‘मदरसा

    मोशिया’ कायम शकया (खान,1973) । आसके बाद कइ और सलु्तानों जैसे नसीरुद्दीन

    महुम्मद (नसररया मदरसा) बिबन ,ऄिाईद्दीन शखिजी (मकबरा-ए- ऄिाईद्दीन शखिजी)

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    शफरोज़ शाह तगुिक तथा शसकंदर िोदी अशद ने मदरसे की स्थापना कर शशक्षा के के्षत्र में

    योगदान शदया | सलु्तान महमदू शाह (1375-1395) ने शशक्षा प्रदान करने के शिए प्रशतशित

    शवद्वानों को अमंशत्रत शकया तथा ऄनाथों एवं ज़रूरतमंदों के शिए मफु्त भोजन एवं रहने की

    व्यवस्था की तथा बीदर में मदरसा और पसु्तकािय बनवाया | शजसमें 30,000 पसु्तकें थीं

    (ऄहमद 2008) | जब तैमरू िंग ने भारत पर अिमण शकया, तब कुछ वक्त के शिए शशक्षा

    व्यवस्था ऄस्त व्यस्त हो गयी थी परन्द्त ु शसकंदर िोदी ( 1489-1395 ) ने आसमें सधुार

    शकया और जौनपरु, ऄहमदाबाद, शबहार,गिुबगाथ, बीदर, दौिताबाद अशद में मदरसे की

    स्थापना की |

    मुगल िासन के दौरान मदरसा शिक्षा

    पवूथवती मसुिमान शासकों की ऄपेक्षा मगुिों की शशक्षा में ऄशधक रुशच थी | भारत में

    मगुिों के समय में यह परम्परा थी शक ज़मीन का एक छोटा शहस्सा शजसे मदद-ए-महास

    (अशथथक सहायता) कहा जाता था ईसे ईिेमा को ज्ञान के प्रसार के शिए शदया जाता था |

    पहिे मग़ुि बादशाह ज़हीरुद्दीन बाबर (1526-1530) ने पहिे स े स्थाशपत मदरसों की

    मरम्मत करायी | ऄकबर ने महाभारत, रामायण, ऄथथवेद अशद का ऄनवुाद कराया तथा

    अगरा फतहेपरु और कइ जगहों पर मदरसे स्थाशपत शकये | जहााँगीर ने एक काननू बनाया

    शक जो व्यशक्त िावाररस मरेगा ईसकी संपशत्त शवद्याियों तथा धाशमथक भवनों की मरम्मत के

    शिए आस्तेमाि की जाएगी (भटनागर एवं कुमार, 2005) | आसके ऄिावा , शाहजहााँ तथा

    औरंगजेब अशद ने मदरसे के शवकास में महत्वपणूथ योगदान शदया | आसी यगु में मदरसा

    व्यवस्था में दसथ-ए-शनज़ामी के रूप में महत्वपणूथ शवकास हुअ | पहिे मदरसे का पाठ्यिम

    जो मलु्िा शनजामदु्दीन (1089-1161) द्वारा बनाया गया, जो शवज्ञान, किा और धाशमथक

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    शशक्षा पर अधाररत था (िान, 1973) | और शफर मगुिों के दौर में कइ यरूोपीय शशक्तयां

    व्यापार करने के शिए भारत अइ ं| ऄंगे्रजों का दखि शासन व्यवस्था के साथ-साथ सभी

    के्षत्रों पर पड़ा । वारेन होशस्टंग द्वारा 1781 में किकत्ता मदरसा की बशुनयाद डािी गइ तथा

    साथ ही हुगिी में मदरसा मोहशसशनयााँ कायम शकया गया (ऄखिाक,1985) | आसी प्रकार

    शदल्िी, पंजाब, गजुरात, शबहार एवं शसंध आत्याशद में कइ मदरसे कायम हुए, शजन्द्होंने शशक्षा

    के क्षेत्र में महत्वपणूथ योगदान शदया | सर सययद ऄहमद खां ऄपनी प्रशसद्ध पसु्तक “ऄसर-

    ऄि-सनादीद” में शिखते हैं शक मग़ुि काि के दौरान मकतब तथा मदरसे दशे और दशे के

    बाहर तक फैिे हुए थे वह अगे शिखते हैं शक मग़ुि साम्राज्य का पतन औरंगजेब के समय

    से ही शरुू हो गया था िेशकन मदरसे की स्थापना ऄंशतम मग़ुि शासक तक होती रही (हक़,

    2013) |

    शिशिि भारि में मदरसा शिक्षा

    मग़ुि साम्राज्य के पतन के बाद शब्रशटश साम्राज्य का प्रशतस्थापन हुअ | आसका ऄसर दशे

    के प्रत्येक के्षत्र राजनीशत, समाज, संस्कृशत एवं शशक्षा पर हअु | मदरसा शशक्षा भी आसस े

    ऄछूता नहीं रहा क्योंशक सत्ता का ऄंतर केवि एक राजनैशतक शशक्त तक ही सीशमत नहीं था

    बशल्क मशुस्िम समदुाय के सामाशजक, अशथथक संस्कृशत एवं भावात्मक शस्थशत पर भी पड़ा

    | ईस समय मदरसा शशक्षा प्रणािी िोगों को तैयार कर रही थी परन्द्त ुऄब आसमें तेज़ी से

    पररवतथन अ रहा था मदरसा ईन संस्थानों में से एक था शजसने ईस समय के पररवतथन के

    कड़वे स्वाद को चखा (हक़, 2011) | शफर 1836 में ऄंगे्रजी सरकार द्वारा मैकािे शशक्षा

    पद्धशत िाग ूशकये जाने के बाद शहन्द्द ूऔर मसुिमान दोनों वगों को ऄपनी ऄपनी ऄशस्मता

    के शिए संघषथ करना पड़ा | मसुिमानों को ये डर था शक ईनकी सभ्यता और संस्कृशत नष्ट हो

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    जाएगी शिहाज़ा 1866 इ० में ईत्तर प्रदशे के नानौता शनवासी हजरत मौिाना महुम्मद

    याकूब नानौतवी ने सहारनपरु एवं मज़ुफ्फरनगर के बीच दवेबंद कस्बे में एक पेड़ के नीच े

    ऄपने एकमात्र शशष्य महमदू हसन को पढ़ाना शरुू शकया | अज यह मदरसा दारूि-ईिमू

    के नाम से प्रशसद्ध ह ै(दशाशहद रहीम) | आस मदरसे ने अधशुनक शैशक्षक प्रथाओ ंजैसे वाशषथक

    परीक्षाएाँ, शडग्री दनेा तथा दीक्षांत समारोह को ऄपनाया तथा शशक्षा को ऄिग ऄिग

    शवभाग में शवभाशजत शकया, सबसे महत्वपणूथ शवभाग दारुि आफ्ता या न्द्यायशात्र शवभाग था

    शजसका कायथ मशुस्िम समदुाय द्वारा सामाशजक राजनैशतक तथा अशथथक मदु्दों पर पछेू गए

    प्रश्नों पर प्रशतशिया व्यक्त करना था | आसी शसिशसिे में जाशमया शनज़ाशमया (1876)

    नदवतिु ईिेमा (1894) अशद मदरसे स्थाशपत शकये गये (ऄखिाक, 1985) |

    वितमान में मदरसे की शस्िशि

    आसमें कोइ संदहे नहीं ह ैशक मदरसा ने सशदयों से आस्िाशमक शशक्षा को बढ़ावा दनेे में ऄहम

    भशूमका शनभाइ ह,ै साथ आस्िाशमक शवचारों के शवकास एवं मशुस्िम समदुाय की प्रगशत में

    महत्तवपणूथ भशूमका ऄदा की ह ै| यह कहना गित नहीं होगा शक मशुस्िम समदुाय का कोइ

    ऐसा पहि ूनहीं ह ैजो मदरसे से ऄछूता रह गया हो | मदरसे ने समाज के सभी वगों को

    प्रभाशवत शकया | ऄगर हम आसका आशतहास दखे े तो पता चिता ह ै शक महान शवद्वान

    दशथनशास्त्री एवं गशणतज्ञ अशद को जन्द्म शदया, परन्द्त ुऄगर हम अज के पररपेक्ष्य में दखेें तो

    आसकी शस्थशत काफी शपछड़ी हुइ ह,ै आसको रूढ़ीवादी जबशक अधशुनक शशक्षा को

    प्रगशतशीि माना जाता ह ै | अज जब मदरसा शवद्याथी शडशग्रयााँ िेकर प्रशतवषथ रोजगार की

    तिास में बाहर शनकित ेह ैतो ईन्द्हें शकसी मलु्क में ईम्मीद की कोइ शकरण नहीं शदखाइ दतेी

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    ह ै| मदरसा शशक्षा मसुिमानों की शैशक्षक शस्थशत में सधुार क्य ूनहीं कर पा रहा ह ैआसके शिए

    शनम्न मदु्दों को दखेना होगा |

    आसका प्रमखु कारण परंपरागत मदरसा पाठ्यिम | यह पारंपररक शवषयों पर ऄशधक

    ज़ोर दतेे ह ैऔर अधशुनक शवषयों के प्रशत नकारात्मक दृशष्टकोण ऄपनाते ह ै (सना

    एवं शाशज़ि, 2015) | और जब वो राशष्िय स्तर की परीक्षाओ ंमें भाग िेना चाहत े

    ह ैतो ईनको कइ बाधाओ ंऔर चनुौशतयों का सामना करना पड़ता ह ैऔर ऐसा माना

    जाता ह ैशक ये बधाएं अधशुनक शवषयों जैसे शवज्ञान, गशणत एवं कंप्यटूर का ज्ञान न

    होने के कारण अती हैं |

    ऄशधकतर मदरसे सरकरी मान्द्यता प्राप्त नहीं होत ेहैं शजससे ईन्द्ह ेऄनदुान प्राप्त नहीं

    होता ह ैऔर अशथथक समस्याओ ंसे जझूते रहते हैं |

    मदरसे अधारभतू सशुवधाओ ंसे वंशचत हैं | शशक्षा, नइ शशक्षा तकनीकी से ऄनशभज्ञ

    ह ै केवि परम्परागत शशक्षा प्रणािी ही िाग ू ह ै | “अपरेशन ब्िैक बोडथ” के

    ऄनसुार बताइ गयी सशुवधाओ ं से वशंचत ह ै ऄधथ-वाशषथक तथा वाशषथक परीक्षा के

    ऄिावा कोइ ऄशतररक्त परीक्षा नहीं िी जाती ह ै | शवद्याशथथयों का शारीररक व

    मानशसक शवकास नहीं हो रहा ह ै| पाठ्यपसु्तक समय से नहीं दी जाती | शशक्षकों का

    वेतन कम होने से कौशि यकु्त शशक्षकों की कमी ह,ै ऄशधकांश शवद्याथी गरीब घर

    से अते हैं (ऄिी, 2014) |

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    मदरसे में शशक्षक कौशि यकु्त नहीं हैं | प्रशशक्षण की कमी ह ै | ऄशधकांश शवद्याथी

    केवि शनःशलु्क अवास व शशक्षा के शिए ही प्रवेश िेते हैं (नेहि, सिमा एव ं

    हुसैन, 2016) |

    सीखने सीखने की परंपरागत शशक्षण शवशध,

    परीक्षा और मलू्याकन की दोषपणूथ प्रणािी,

    शवशभन्द्न मकतब और मदरसों के बीच अपसी समंजस्य की कमी,

    शनयोजन और प्रशासन की दोषपणूथ गणुवत्ता,

    नवाचार की कमी

    सुझाव

    शोधकताथओ ंनें मदरसे की शस्थशत को सधुारने के शिए शनम्न सझुाव शदये-

    सरकार को राष्िीय मानक के ऄनसुार गावों ब्िाक तथा मशुस्िम महुल्िों में

    प्राथशमक, माध्यशमक तथा ईच्च स्तर के शवद्यािय खोिने चाशहए | मदरसों में दीनी

    तािीम के साथ अधशुनक तािीम पर भी गौर करना होगा |

    सरकार को ऄंगे्रजी भाषा की पाठ्यपसु्तकों में कुछ ऐसे पाठ् जोड़ने चाशहए जो

    ईसकी शदनचयाथ में शाशमि हो और साथ ही ऐसी तकनीक पर भी ध्यान दनेा चाशहए

    जो मदरसे के बच्चों के ऄंगे्रजी भाषा ऄशधगम में सहायक शसद्ध हो |

    मदरसा शशक्षा के ईद्दशे्य एवं िक्ष्य को शवशशष्ट प्रकार से पररभाशषत होना चाशहए ,

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    मदरसे के पाठ्यिम में धाशमथक शशक्षा के साथ अधशुनक पाठ्यिम को भी स्थान

    दनेा चाशहए,

    एक ऐसी सशमशत स्थाशपत करनी चाशहए जो मकतब एवं मदरसा दोनों में ही

    अधारभतू अवश्यकताओ ंका ऄध्ययन करे |

    गणुवत्तापणूथ शशक्षा को प्रोत्साशहत करना चाशहए |

    शशक्षक प्रशशक्षण कायथिम का प्रावधान होना चाशहए जो शक मदरसा शशक्षा के साथ

    सहयोग करने के शिए जाते हैं | ईन्द्हें या तो शविशवद्याियों से संबद्ध मौजदूा प्रशशक्षण

    संस्थानों में समायोशजत होना चाशहए, या ईनके शिए प्रशशक्षण का एक ऄिग

    व्यवस्था करनी चाशहए |

    कें र एवं राज्य सरकार दोनों को ही मदरसों को ऄनदुान दनेा चाशहए |

    मशुस्िम बच्चों को राष्िीय शशक्षा प्रणािी के मानकों को प्राप्त करने में सक्षम बनाने

    के शिए मदरसा के सभी स्तर पर पसु्तकों और शशक्षण-ऄशधगम-सामग्री की

    ईपिब्धता अवश्यक ह ै|

    शवद्याशथथयों के शारीररक शवकास के शिए मदरसों में खिे के ईपकरण प्रदान करने

    चाशहए तथा आसके शिए भशूम की प्रमखुता सशुनशित करनी चाशहए और साथ में ही

    अंतररक मदरसा खिे प्रशतयोशगता को प्रोत्साहन दनेा चाशहए |

    मदरसे में सामाशजक और सांस्कृशतक कायथिमों का प्रावधान होना चाशहए ताशक एक

    शवद्याथी के संपपणूथ व्यशक्तत्व का शवकास हो |

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    शनष्कषथ

    आस ऄध्ययन में भारतीय मसुिमानों की वतथमान शैशक्षक शस्थशत, मदरसे में ईनका नामांकन

    तथा ईनके गौरवपणूथ आशतहास पर प्रकाश डािा गया ह ै | साथ ही भारतीय मदरसों की

    शैशक्षक समस्याओ ंएवं ईनकी शस्थशत में सधुार के शिए कुछ सझुाव भी शदया गया ह ै| ईत्तर

    अधशुनक यगु में मदरसों की शशक्षा व्यवस्था में गणुात्मकता एवं सचूना, प्रौद्योशगकी एवं

    शवज्ञान अशद पर ज़ोर दनेा चाशहए ताशक मदरसा को समाज की मखु्यधारा में शाशमि शकया

    जा सके शजससे वह से ईत्तीणथ हुए शवद्याथी समाज के शिए ईपयोगी नागररक बन सके |

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