note on sericulture hindi jan,19 - ministry of...

29
1 के Ûġȣय रे श म बोड[ के काय[कलाप एवं भारतीय रे श म उɮयोग का Ǔनçपादन (01 जनवरȣ, 2019 के अन सार) के Ûġȣय रे श म बोड[ (वèğ मंğालय, भारत सरकार) बɅगल ǽ -560068

Upload: others

Post on 04-Aug-2020

0 views

Category:

Documents


0 download

TRANSCRIPT

  • 1

    के य रेशम बोड के कायकलाप एवं

    भारतीय रेशम उ योग का न पादन

    (01 जनवर , 2019 के अनुसार)

    के य रेशम बोड

    (व मं ालय, भारत सरकार) बगलू -560068

  • 2

    के य रेशम बोड के काय तथा रेशमउ पादन पर ट पणी

    क. के य रेशम बोड के काय : के य रेशम बोड (केरेबो), ससंद के एक अ ध नयम (1948 का अ ध नयम स.ं 61) वारा 1948 म था पत सां व धक नकाय है । यह व मं ालय, भारत सरकार के नयं णाधीन कायरत है िजसका मु यालय बगलू म है । बोड म कुल

    39 सद य होत ेह िजनक नयिु त केरेबो अ ध नयम, 1948 क धारा -4 क उप -धारा 3 वारा द शि तय और ावधान के अनसुार, 3 वष क अव ध तक के लए क जाती है । बोड के अ य क नयिु त के य सरकार वारा क

    जाती है और दो पदधा रय को के य सरकार वारा ना मत कया जाता है िजनम स ेएक उपा य के प म व मं ालय के रेशम भाग के धान होत ेह तथा एक बोड के स चव, दोन सरकार के सयंु त स चव क ेणी स ेकम नह ं होत े। व भ न रा य म रेशम उ पादन वकास काय म के सम वयन तथा रेशम साम ी के लदान-पवू नयात करने हेत ुके य रेशम बोड ने नई द ल , मु बई, कोलकता, हैदराबाद, भवुने वर, गवुाहाट , लखनऊ, पटना म 8 े ीय कायालय था पत कए ह । केरेबो के े ीय कायालय ौ यो गक ह तातंरण के सम वय के लए रा य के रेशम उ पादन वभाग , े इकाईय तथा केरेबो े कायकताओ ंके साथ नकट स पक रखत ेह । के य रेशम बोड वारा ग ठत रा य तर य रेशम उ पादन सम वय स म त क बठैक के सयंोजक भी े ीय कायालय ह । 01.01.2019 को यथा व यमान केरेबो के कमचा रय क सं या 2,781 है।

    केरेबो के अ धदे शत कायकलाप म अनसुधंान व वकास, चार तर के रेशमक ट बीज उ पादन के नेटवक का रखरखाव, वा णि यक रेशमक ट बीज उ पादन म अगवुाई भू मका, व भ न उ पादन याओ ंम गणुव ा मापद ड को लाग ूकरना तथा रेशम उ पादन एव ंरेशम उ योग स ेसबंं धत सभी वषय पर सरकार को सलाह देना है । के य रेशम बोड के इन अ धदे शत काय को परूा करने के लए देश के व भ न रा य म ि थत 192 केरेबो एकक वारा एक एक कृत के - े क योजना नामत: “ स क सम ”, रेशम उ योग के वकास हेत ुएक एक कृत योजना के मा यम स ेन न चार घटक के साथ सचंा लत कया जाता है।

    1. अनसंुधान व वकास, श ण, ौ यो गक ह तांतरण तथा सचूना ौ यो गक पहल 2. बीज सगंठन 3. सम वयन तथा बाजार वकास 4. गणुव ा माणन णाल , नयात, ा ड उ नयन व ौ यो गक उ नयन

    1. अनसुधंान व वकास, श ण, ौ यो गक ह तांतरण तथा सचूना ौ यो गक पहल

    के य रेशम बोड के मखु अनसुधंान व श ण सं थान, नए अ भगम के मा यम स े रेशम उ पादन के था य व हेत ुउ पादन एव ंउ पादकता बढ़ाने के लए वै ा नक एव ं ौ यो गक सहायता दान करत ेह । मसैरू (कनाटक), बहरमपरु (पि चम बगंाल) और पा पोर (ज म ूव क मीर) ि थत मखु सं थान शहततूी रेशम उ पादन का काय करत ेह; जब क राँची (झारखंड) तसर का और लाहदोईगढ़ ,जोरहाट (असम) मगूा एव ंएर रेशम उत ् पादन का काय करता है । े ीय रेशम उ पादन अनसुधंान के े ीय आव यकता के अनसुार े व श ट ौ यो गक पकेैज एव ंअनसुधंान उपलि धय का सार कर रहे ह । इसके अ त र त, अनसुधंान व तार के (अ व के) एव ंउनक उप -इकाइयां रेशम उ पादक को सार सहायता दान करती ह । कोसो र े म अनसुधंान व वकास समथन दान करने के लए, बोड ने बगलू म के य रेशम ौ यो गक अनसुधंान सं थान (केरे ौअस)ं था पत कया है । इसके अ त र त, के य रेशम बोड ने बगलू (कनाटक) म रेशमक ट बीज ौ यो गक योगशाला (रेबी ौ ), होसरू (त मलनाडु) म के य रेशम जनन य ससंाधन के (केरेजसकें) और बगलू म रेशम जैव - ौ यो गक अनसुधंान योगशाला (रेजै ौअ ) था पत कया है ।

  • 3

    वष 2018-19 के दौरान दसबंर, 2018 के अतं तक केरेबो के व भ न अनसुधंान व वकास सं थान म कुल 16 नई अनसुधंान प रयोजनाए ं ारंभ क ग तथा 30 प रयोजनाए ँसमा त क ग एव ंवतमान म कुल 98 अनसुधंान प रयोजनाए ंअथात ्शहततूी े म 58, व य े म 30 और कोसो र े म 10 प रयोजनाएं ग त पर ह ।

    अनसुधंान व वकास (अनसुधंान काय म के मु य आकषण)

    (i) परपोषी पौधा (शहततू) पर अनसुधंान व वकास :

    द ण के लए जी4, पवू और उ र े के लए सी 2038 और पवू और उ र पवू अचंल के पहाड़ी इलाक के लए वा णि यक उपयोग हेत ुट आर-23 क पहचान क गई है ।

    उ च पण उपज नामत: सी - 108 (15.4 मी.ट.) सी- 384 (9.7 मी.ट.) और सी-212 (9.2 मी.ट.) के साथ कम तापमान तबल स ह णु शहततू जीन प क पहचान क गई ।

    पि चम बगंाल म सी-9, न न नवेश दशा के अनकूुल एक शहततू सकंर वक सत कया गया (प ी उपज 49.9 व 34.0 टन/हे/वष पणू एव ंअ ध एनपीके खुराक बनाम 44.1 एव ं26.8 टन/हे/वष एस-1635) ।

    सी-2028, जला ांत स ह ण ुशहततू जा त को पि चम बगंाल, असम और अ य पवू और पवू र रा य म लोक य कया जा रहा है ।

    पांच जीन प सी -01, सी -384, सी -11, सी -02 और सी -05 पि चम बगंाल अव था के अधीन उ म वृ ध ल ण और जाचं जा त एस -1635 पर उ म पण उपज दज कया गया ।

    अ खल भारतीय समि वत योगा मक पर ण के अगल ेचरण म पर ण के लए तीन नयी शहततू जा त जैस ेएजीबी-8, पीपीआर-1 तथा सी1360 (गगंा) सचूीब ध क गयी है ।

    शीतो ण े हेत ुशीत स ह णु शहततू जा त के वकास के लए तीन यात शीत स ह णु जीन क पहचान क गयी ।

    पण रोलर(डयाफा नया पलवे लटे लस) के नर क ट को जाल म पकड़ने के लए फेरोमोन म ण जेड-11 हे साडे सनल,ऑ टाडेकेन तथा जेड.ई-7,11-हे साडे सनेल ए सटेट पहचाने गए। अभी फेरोमोन यो गक के ईएजी और स थे सस ग त पर है ।

    नाइ ोजन रड टेज और चा कोने सथेंस जीन के लए ाईमर के साथ बढ़ने के लए 110 सतं तय स ेडीएनए नकाले गए ।

    चार शहततू जा तय के ोटो ला ट का म ण और म त ोटो ला ट स े े रत कैलस ा त हुआ।

    पवू तथा उ र पवू े म ा धकृत शहततू जा त वशाला क लोक यता ग त पर है । पि चम बगंाल म सं चत अव था के अधीन वशाला स े12.21% अ धक पण उपज दज क गई अथात ्एस 1635 स ेअ धक जैस े9150 क ा./हे/फसल स े10267 क ा./हे/फसल ।

    17236 मदृा वा य काड वत रत कये गए।

    केरेजसकें, होसरू म अनरु त शहततू अ भगम क सं या 55 नए सं हण के साथ 1291 तक बढ़ गयी ।

    88-94% रोग दमन क भावका रता के साथ मलू गाठं रोग के सापे एक नया सं प “रॉट फ स” वक सत कया गया ।

    अकुंर, जैव एव ंअजैव पोषक त व के सि म ण क अनशुसंा क गई य क यह शहततू प ी उपज 14% और कोसा उपज 11% तक बढ़ाती है ।

    शहततू के पीड़क के भावी बधंन के लए पवू और उ र-पवू े के व भ न कृ ष जलवाय ुम शहततू पीड़क के आपतन क काय म सारणी वक सत क गई ।

  • 4

    “नीमाहार ” एक जैव-सू कृ मनाशी के े मू यांकन स ेउ नत पण उपज (15-18%) के साथ मलू गाँठ रोग म 80% क कमी आयी ।

    क मीर े म मलू वगलन रोग के आपतन का सव ण कर ह लकोबे स डयम मा पा और यूसे रयम ऑि सफोरम के प म कारक जीव क पहचान क गई ।

    व भ न अतंराल के अतंगत शहततू के े न पादन स ेपता चला क अ धकतम उपज (150+90) सेमीx 60 सेमी अतंराल म (13174.83 क ा/हे/फसल) और यूनतम प ी 270 सेमी x 60 सेमी (8842.17 क ा/हे/फसल) के अतंराल म होती ह ।

    अनसुधंान व वकास यास ने शहततू उ पादकता 2005-06 के 50 मीट/हे/वष स े2017-18 के दौरान 60 मीट/हे/वष तक सधुार करने म मदद क है ।

    (ii) शहततू रेशमक ट पर अनसुधंान व वकास : दो नय े व ज सकंर नामत: जी11xजी19 एव ंबी कॉन1x बी कॉन4 मश: 68.5 क ा/100 रोमचु और 58

    क ा/100 रोमचु कोसा उ पादन को सकंर ा धकरण स म त ने ा धकरण के लए अनशुं सत कया है । राजप अ धसचूना सबंधंी या ग त पर है

    कृषक तर पर एमवी1xएस8 और एस8xसीएसआर16 का बड ेपमैाने पर बहु थानीय पर ण ग त पर है ।

    एन-21×एन-56, एक ताप सहनशील व ज वसकंर 72 कलो ाम/100 रामचु एव ं21.5% कवच के उपज सभंा यता के साथ े पर ण के लए चय नत कये गए ।

    ताप-सहनशील यु त एसएसआर माकर (एलएफएल 0329 व एलएफएल 1123) का उपयोग करत े हुए चार ताप-सहनशील रेशमक ट वशं को वक सत कया गया ।

    एनपीवी के त सहनशील दो व ज सकंर नामत: सीएसआर52एनxसीएसआर26एन; (सीएसआर 52एनx एस8एन)x (सीएसआर16एनxसीएसआर26एन) को े म आग ेपर ण के लए सचूीब ध कया गया ।

    दो उ नत सकंर न ल, एल3xएस8 और एचबी4xएस8 उ च तापमान बीएमएनपीवी को स ह णु और 90% स ेअ धक को शतीकरण दर, 20-21% कवच अनपुात तथा 14-15% क च े रेशम को उ पादन और तापमान स ह ण ुसभंा यता के मू याकंन के लए े पर ण हेत ु लए गये ।

    उ र भारत म शरत क टपालन के लए चार सकंर नामत: सीएसआर46 x एपीएस9; एपीएस9 x बीबीई198 एव ंएपीएस5 x एपीएस9 तथा एसके6 x एसके7 पहचाने गए ।

    दो नए व ज एकल सकंर नामत: बीएचपी-2xबीएचपी-8 और बीएचपी-3xबीएचपी-8 व यमान सकंर स ेउ च कवच तशत के साथ शटल जनन के मा यम स े वक सत कये गये ।

    50-55 क. ा उपज/100 रोमचु क कोसा उपज सभंा यता रखने वाल े1 नए व ज रेशमक ट सकंर जेन-3x एसके6 तथा 45-50 क. ा उपज/100 रोमचु के बहु ज x व ज रेशमक ट सकंर एम6 डीपीसी x (एसके6 xएसके7) का वकास पवू े के लए कया गया।

    पारजीनी रेशमक ट, न तर स ेआरएनएआई या के अनु मण स ेसीएसआर4 तथा सीएसआर27 के एनपीवी तरोधी वशं वक सत कए गए । सीएसआर 4 तथा सीएसआर 27 के ये वशं एनपीवी के त अ धक तरोध दशाए ।

    डीएनवी तरोधी जीन एनएसडी-2 क उपि थ त या अनपुि थ त के आधार पर तीन रेशमक ट सकंर जैस ेएपीएस-5, एपीएस-एचट पी5 तथा बीबीई198, डीएनवी तरोध के प म पहचाने गए।

  • 5

    पाँच न ल नामत: ,एम.कॉन.4आईडी एम.कॉन.4 आईडी एम.कॉन4 आईडी बी.कॉन.4 आईडी बीएचबी आईडी ल ण के साथ वक सत क गयीं ।

    पणू लबंाई के लपो ोट न जीन वक सत कये गये और पनुसयंोजक ोट न न कषण और ल ण-वणन के लए प चया पा टो रस म लोन कया गया ।

    द ण भारत म बीज एव ंवा णि यक क टपालन े म रोग आपतन के अनु वण के लए पा क सव ण सचंा लत कया गया ।

    बलुगे रया और भारतीय पतैकृ स ेनए जनन वशं (अडंाकार और ड बेल वशं) वक सत कये गये और एफ3 पीढ़ परूा क गयी ।

    मलू वगलन और मलू गाँठ सं मण के त रोग त या के लए कृ म इनो यूलेशन अ ययन के अधीन मू यां कत 32 सकंर म स ेछह सकंर ने दोन बीमा रय के त तरोध त या दशाया।

    न पादन के आधार पर उ च उ पादकता एव ंउ नत रेशम गणुव ा के साथ दो सकंर आईसीबी14 x एन23 तथा आईसीबी17 x एस8 पहचाने गये ।

    उ च उ पादकता वाल े रेशमक ट सकंर वक सत करने के लए बु गे रया स ेपाचं शु ध न ल तथा दो सकंर खर दे गये और आग ेचयन एव ंउपयोग के लए व लेषण कया जा रहा है ।

    आरएनएआई तकनीक के मा यम स े वक सत एनपीवी तरोध ांसजीनी रेशमक ट के साथ बहु थानीय पर ण द ण, पवू तथा उ र भारत म ग त पर है । नयं ण क तुलना म ांसजीनी रेशमक ट उ च एनपीवी तरोध दशाया ।

    द ण भारत के उ च तापमान तथा आ ता वाल े े के लए उ चत रेशमक ट सकंर को वक सत करने के लए कुल 35सकंर सयंोजन को सचूीब ध कर इनका व लेषण कया जा रहा है ।

    पवू तथा उ रपवू भारत के लए सबसे बेहतर को सचूीब ध करने हेत ुसामा य तथा दबाव क ि थ त के अधीन उ च तापमान तथा उ च आ ता स ह णु रेशमक ट के 25 सकंर का क टपालन परूा कया गया ।

    पे न और एनपीवी के लए पीसीआर आधा रत ारं भक पहचान णाल वक सत क गई ।

    व भ न कृ ष जलवाय ुअव था म एनपीवी तरोध अनु मण के मा यम स ेएनपीवी तरोध सीएसआर2 रेशमक ट के तीन वशं (एमएएसएन-4,6 एव7ं) का े मू यांकन ारंभ कया गया।

    पे ीन का पता लगान ेके लए लपू-मी डएटेड आइसोथमल एि ल फकेशन (एलएएमपी), एक सरल तकनीक वक सत क गई, इसक वै यता पणधा रय के तर पर क जा रह है ।

    कोस के लॉस हटाने के लए एक साधारण उपकरण वक सत कया गया और भा वकता के लए पर ण कया जा रहा है ।

    उ च तापमान और उ च आ -अव था के त स ह णु उपयु त जनन ससंाधान साम ी क पहचान कर आधारभतू सकंर को तैयार कया गया, इसका आगामी जनन काय ग त पर है।

    473 रेशमक ट जनन य टॉक (81 बहु ज, 369 व ज तथा 23 उ प रवत ) का रखरखाव अनसूू चत क टपालन के मा यम स े कया जा रहा है ।

    अनसुधंान व वकास यास स े वष 2005-06 के दौरान 48 क. ा./100 रोमबुीच स े वष 2017-18 के दौरान 60.3 क. ा./100 रोमचु तक उपज म सधुार लाने म सहायता मल है ।

    (iii) व य रेशम पर अनसुधंान व वकास :

  • 6

    व य परपोषी पौधा

    तसर रेशमक ट पालन के लए एक वकैि पक खा य पौधा लेजर ो मआ पी सयोसा को पहचाना गया, जो आसानी स ेजड़ पकड़ने वाला तथा तेजी स ेबढ़ने वाला है । क टपालन न पादन को वधै करने हेत ुपर ण कए जा रहे ह ।

    शी बढ़ने वाल,े शु क स ह णु ट मने लया अजुना अ भगम के चयन के लए 10 उ च अ भगम (अ भगम स.ं 102, 115, 123, 135, 424,507, 523, 525, 614 तथा 718) आगे क जाँच के लए चय नत कए गए ।

    पौधारोपण थान पर अ प पानी सु ाह , व य फल पौध (मुकुना ा ट टा) और फॉ फेट सोलु बलाईिजंग बै ट रया (पीएसबी) को शा मल करत ेहुए टे मने लया पौधारोपण म मदृा के आ सरं ण और पोषकत व क वृ ध के लए पकेैज वक सत कया गया । इस पकेैज के उपयोग स ेपण उपज क औसत वृ ध 49.51% तक रह ।

    पण च ी रोग, पण फफंूद तथा पण क ट रोग तरोधी दो सोम अ भगम (एस3 तथा एस6) को े म लोक य बनाया जा रहा है ।

    अरंडी कृ ष के लए एक कृत पोषक बधंन णाल (आईएनएम) वक सत क गई है तथा यह े म पर णाधीन है ।

    एर रेशमक ट पालन के लए एले थस ाि डस (बरपत) को एर रेशमक ट पालन के लए सव म बहुवष भो य पौधे के प म पहचाना गया और े म उपयोगाथ सं तुत कया है। इस केसे पौधे क पण उपज 25मी.ट./हे/वष क तुलना म 32 मी.ट./हे/वष रकाड क गयी।

    झारख ड म साल पौध के भावी उपयोग तथा साल पर ला रया क उ पादकता के उ नयन हेत ुपकेैज णाल क अनशुसंा क ग ।

    एरंडी और ए लयथंस ां डस दोन के पण जैवरसायन म जवै-रासाय नक व लेषण समानता सा बत हुई ।

    सं मत एरंडी प य स ेशु ध प म एलटरना रया र सनी को पथृक कया गया । जवै आमापन अ ययन म आइसोलेट रजोबै ट रया के वरोधी गणु का पर ण कया गया और आइसोलेट एलआरपी4 तथा एचएफ-3 पर ण रोगजनक का अ धकतम सहल नता दशाया ।

    कयोझार े के 10 रज़ोि फयर मदृा नमनू स ेकुल 64 पीएसबी वलगन को पथृक कया गया और इन पीएसबी वलगन के बीच पा ेफोसफेट वलेयीकरण मता आकलन ग त पर है ।

    व य रेशमक ट

    तसर डाबा व ज रेशमक ट ‘बीडीआर-10’ को लोक य बनाया जा रहा है ।

    उ च बहु जता तसर रेशमक ट वशं, सीट आर-14 के लए बहु थानीय े पर ण पाचँ थान म सचंा लत कये गये । उ पादन ल ण के, नयं ण पर 20-22% लाभ अ भ ल खत कये गये ।

    तसर रेशमक ट के दो मखु वशं, डीट एस एव ंडीट -12 का चयन कया गया और इन वशं के 38250 बीज कोस ेसरं णाधीन है ।

    एर रेशम क ट न ल ‘सी2’ को लोक य बनाया जा रहा है ।

    दो े ठ मगूा रेशमक ट वशं सीएमआर-1 तथा सीएमआर-2 े के पर णाधीन ह ।

    समान अडं- फुटन क सु वधा हेत ु मगूा रेशमक ट अडं सरं ण अनसुचूी वक सत क गई जो े पर णाधीन है ।

    आं देश क अ ध-शु क ि थ त म एर पा र - जा त एसआर -025 का े पर ण ग त पर है।

  • 7

    व य से र सजीनी क ट के ल ण -वणन, मू यांकन तथा वग करण के आधार पर ,ए थे रया थी को उ र-पवू े के लए भ व य क भावी जा त के प म चय नत कया गया है ।

    एर रेशमक ट के छह आशाजनक भेद अथात ् वाईपी, वाईएस, वाईजडे, जीबीपी, जीबीएस एव ंजीबीजेड बोरदआुर एव ंट टाबार पा र जा त स ेशर र पर च न एव ंरंग के आधार पर अलग कया गया । दो सयंोजन अथात ्वाईज़ेड×वाईएस तथा जीबीएस×जीबीजेड क टपालन न पादन के आधार पर आशाजनक पाए गए । इन सयंोजन का एक बीजागार पर ण परूा कया गया ।

    मगूा और अ य व य रेशम शलभ क जा तय के लए व थाने सरं ण काय उपू ेवसयंो काय म के अधीन चार रा य अथात ् असम, मघेालय, अ णाचल देश एव ंबीट सी म कया जा रहा है ।

    तसर परपोषी पौधा स े नचोड़ ेगये वा पशील व तओु ंस ेपील म खी क ृं गका त या तथा अशन एव ंकताई चरण म ए थी रया माइ ल टा का अ ययन इले ोए ट नो ाम (ईएजी)का उपयोग करत े हुए कया गया ।

    मगूा रेशमक ट के पीडक एव ंरोग के व ध एक जैव मापांक वक सत कया गया ।

    मगूा रेशमक ट लेचर रोग सबंधंी पथैोबयोमी को तुलना क जीनो म स के साथ था पत कया गया ।

    68 स े72 घंटे क उ के णू म णूीय वकास का सबसे ल बा चरण पाया गया जो उपयु त अडंा सरं ण अनसुचूी वक सत करने म मदद करता है ।

    कई बु नयाद बीज गणुन व श ण के तथा झारख ड, उड़ीसा, छ ीसगढ़, म य देश के पीपीसी म ह के माइ ो कोपी के साथ पे ीन बीजाण ुक आसानी स ेपहचान के लए “पे ीन वज़वुलाइज़ेशन सॉ यूशन” का े पर ण कया गया ।

    ए थी रया माई ल टा डी. म लेचर रोग स ेसबं ध वषाण ुएव ंजीवाि वक रोगजनक को अलग कया गया और पहचान क गई ।

    बौलोवायरस के परेू जीनोम एथंी रया ॉयल म जो टाइगर बड बीमार क कारक है, को पहचाना गया (अ भगम :जीआई 1371952746)।

    मगूा पा र- णाल म बै सलस एसपी. तथा यूडोमोनस एसपी. स ेहोन ेवाल े लचैर रोग के जीवाणु नयं ण हेत ुएक नया रासाय नक सं मणहार तैयार कया गया है तथा योगशाला दशा के अ तगत इसका जैव आमापन अ ययन ग त पर है ।

    जेएसडीआई राँची, पीपीसी खरसवा,ँ पीपीसी हटगम रया तथा पीपीसी बगाबाद (झारख ड), ेतअके बा रपदा (उड़ीसा), ेतअके भ डारा (महारा ), अ वके क प ता (पब)ं तथा अ वके कटघोरा (छ ीसगढ़) म अ ध सिं ल ट आहार “तसर अमतृ” का पर ण कया गया ।

    वा णि यक उपयोग हेत ुइसके पथृ करण और ल णवणन हेत ुतसर रेशम तंत ुअवशषे स ेसे र सन अलग कया गया । व भ न तंत ुअवशषे म से र सन क उपल धता लगभग1.8-2.5% है।

    चालन के लए अनमुो दत नयी न ल/उपजा त :

    II. शहततू े - परपोषी पौधे

    क. हाल म ा धकृत शहततूी जा तया ं:

    # नयी न ल/ जा त े 1 जी4 द ण अचंल 2 सी2038 पवू और उ र पवू भारत 3 ट आर-23 पवू और उ र पवू भारत के पहाडी े

  • 8

    ख. ा धकरण पर ण के लए चय नत शहततू जा तया ं:

    # शहततू जा तया ं पर ण े 1 एजीबी-8 ससंाधन क क मय के अधीन द ण भारत 2 सी-1360 पवू और उ र पवू े 3 पीपीआर-1 भारत के शीतो ण े

    III. शहततू े - रेशमक ट

    क. हाल ह म, सकंर ा धकरण स म त (एचएसी) वारा ा धकरण के लए अनशुं सत रेशमक ट सकंर :

    # नयी न ल/ जा त े

    1 जी11x जी19 द ण अचंल

    2 बी.कॉन 1 x बी.कॉन 4 पवू और उ र पवू े

    3 एम6डीपी(सी) x (एसके6xएसके7) ख. ा धकरण पर ण के लए चय नत शहततू रेशमक ट सकंर :

    # रेशमक ट सकंर पर ण े 1 एस8 x सीएसआर16 सभी द ण रा य एव ंमहारा 2 एमवी1x एस8 सभी द ण रा य एव ंमहारा 3 एसएसबीएस5 x एसएसबीएस 6 भारत के शीतो ण े

    (iv) कोसो र म अनसुधंान व वकास : े ठ गणुव ा के आयात त थानी रेशम के उ पादनाथ देशी वचा लत रेशम धागाकरण मशीन (एआरएम)

    का वकास व दशन ।

    सौर ऊजा स ेचा लत कफायती कताई मशीन का दशन िजसे ामीण े म सौर ऊजा का योग करत ेहुए चलाया जा सकता है ।

    तसर कोस के अ धक भावी पकाने के लए “तसर लस” – एक पकाने/नरम करने का रासाय नक नु खा वक सत कया गया ।

    कन ् वेयर त त वाय ुशु कक का उपयोग करत े हुए तसर कोस के त त वाय ु सखुाने के लए ौ यो गक वक सत क गई ।

    तसर रेशम धागाकरण हेत ु कफायती आठ छोर क बहुछोर य धागाकरण मशीन को लोक य बनाया गया ।

    व य रेशम कोसो र े म तसर तथा मगूा कोस के लए आ धागाकरण, तसर रेशम के लए साइिजंग मशीन, तसर कोस के लए सशंो धत शु क धागाकरण मशीन, रेशम धागाकरण जल के पनुच ण हेत ुदाबकृत ल छ वग दन मशीन तथा उपकरण आ द को े म लोक य कया जा रहा है ।

    1.2 मी.टन कोस/े दन शु कन मता के साथ कन ् वेयर कोसा शु कन मशीन वक सत कया गया ।

    मगूा कोस के लए “भीर” धागाकरण मशीन के लए त थापना के प म नई धागाकरण मशीन “सोना लका” वक सत क गयी ।

  • 9

    भु तशषे रेशमक ट यूपा स ेपीलडै पत हटाने के लए पीलडै न कषण तथा यूपा पथृ करण मशीन का दशन ।

    “ लग हटाने के लए लग कैचर (पोशल न बटन के बदलाव के प म) के इ तेमाल” क वक सत ौ यो गक का वकास कर े पर ण कया जा रहा है ।

    “केरे ौअस ंपा र- वग दन मशीन का उपयोग करत े हुए सतू वग दन” क ौ यो गक वक सत क गई और इसका े पर ण कया जा रहा है ।

    सं थान वारा वक सत ऊ व थ धागाकरण मशीन को प र कृत कया गया और अ धक उ पादकता के लए 3 छोर य मशीन तैयार क गई ।

    शहततू, तसर, मगूा एव ंएर रेशम व को वक सत कया गया और फाइ ॉइन मै स के साथ सु ढ़ कया गया ।

    एचट एचपी णाल का उपयोग करत ेहुए रेशम सतू स ेसे र सन के न कषण के लए ौ यो गक वक सत क गयी ।

    चंदेर साड़ी (रेशमxरेशम) क व भ न क म वक सत क गयी ।

    शहततू एकल जस साधारण एव ं डजीटल कृत छपाई स ेम हलाओ ंका टॉप वक सत कया गया ।

    टाई व डाई सतू के साथ शहततू इंटरलॉक सरंचना का वकास कया गया ।

    रंग वै व य डज़ाइन के एक घटक के प म शहततू व कपास म त नट वक सत कय ेगये ।

    म हलाओ ंके टॉप के लए शहततू ज काड टक नट डजाइन वक सत क गयी ।

    शहततू व कपास म त सतू स ेबने नट वक सत कये गये ।

    बना बनेु एर रेशम व को सफलता के साथ तैयार कया गया और चेहरे पर लगान ेके लए कां तव धक का मे टक के साथ सं प के ससंेचन का पर ण ‘लो रयल’ म ग त पर है ।

    से र सन का ल ण नधारण कर कां तव धक का मे टक (साबनु, शै प,ू हेयर म आ द और टेलकॉम पाउडर म डालन ेके लए) म उपयोग करने का काय चल रहा है ।

    आ धागाकरण के लए रैल तसर कोस को पकाने के लए ौ यो गक वक सत क गई ।

    एक जैव प र करण वक सत कया गया, िजस ेतसर व के गणुधम म स दय और तापध मता क ि ट स ेकाफ आरामदेय पाया गया ।

    अतंररा य गणुव ा के भारतीय रेशम का उपयोग करत े हुए व वध रेशम नटवेयर उ पादन/पोशाक के वकास हेत ु ौ यो गक का वकास कया गया ।

    अनसुधंान व वकास यास स ेवष 2005-06 के दौरान रे ड टा म 8.2 स े2016-17 के दौरान 7.3 तक सधुार लाने म सहायता मल है ।

    (v) पेटे ट व वा णि यकरण :

    1) वष 2017-18 के दौरान क. पेटे ट ा त :

    1. अ धक रेशम उपज के लए मगूा कोस को पकाने हेत ुरासाय नक सं प । 2. जकाड के लए यूमे टक लि टंग मेक नजम के लए उ नत हथकरघा ।

  • 10

    3. उ नत धागाकरण सह ऐंठन मशीन

    ख. पेटे ट के लए फाइल कया गया आवेदन :

    1. उ पाद ‘रॉट फ स’ – शहततू म मलू वगलन के नयं ण के लए एक वशाल पे म पा र-नेह सं प को पटेे ट करने के लए आवेदन दया गया है ।

    ग. वा ण यीकृत ौ यो ग कया/ँउ पाद 1. वा णि यकृत i) अकुंर, मदृा उवरता और वा य के लए एक काब नक और अकाब नक पोषक त व परूक। ii) अकुंश, रेशमक ट के शर र के लए एक पयावरण अनकूुल रासाय नक सं प और क टपालन सीट क टाणुनाशक और iii) रोट फ स, शहततू म मलू वगलन रोग के नयं ण के लए एक यापक पे म पयावरण अनकूुल सं प ।

    (vi) सहयोगी अनसुधंान प रयोजनाएं तथा जैव-साम ी अनसुधंान:

    1) केरेबो के अ व व सं थान, आंत रक न ध ा त प रयोजनाओ ंके अलावा डीबीट , डीएसट , एमएनआरई, आ द क व ीय सहायता के साथ सहयोगी अनसुधंान प रयोजनाओं को भी सचंा लत कर रहे ह । वष 2018-19 के दौरान बा य न धय के साथ कुल 17 अनसुधंान प रयोजनाए ंसचंा लत क जा रह है ।

    2) केरेबो सं थान, अ य अनसुधंान सं थान जैस ेआईआईट , खरगपरु, आईआईट , गवुाहाट आईएआरआई नई द ल , आईआईएचई, बगलू , सीसीएमबी हैदराबाद, आईआईएससी, बगलू , बीट आरए,मुबंई, जीकेवीके, बगलू , आईसीएआर,एनबीएआईआर, बगलू ,एनईएसएसी, शलाँग, एनईआईएसट ,जोरहाट, एनबीएसएस व एल यूपी, जोरहाट, आरएफआरआई, जोरहाट, बीआईट , मेसरा, एनसीएल पणेु आ द के साथ सहयोग भी करता है । वतमान म इन सं थान म स ेकुछ सं थान के सहयोग स े09 प रयोजनाए ंसचंा लत क जा रह ह।

    3) व भ न सं थान के साथ अ तररा य सहयोग भी लया गया है । कोसो र ौ यो गक पर ौ यो गक के वकास हेत ुडे कन व व व यालय, आ े लया के साथ तीन प रयोजनाए ंक गई है । न ल सधुार पर बलुगै रया के अनसुधंान सं थान के साथ प रयोजना क जा रह है और तसर रेशमक ट को सं मत करने वाल इ ला वषाण ुके आि वक ल ण वणन पर दसूर प रयोजना वी डश अनसुधंान प रषद के साथ अभी ार भ क गई है ।

    4) सकंर ओज म सधुार लाने हेत ुआनवुं शक साम ी के लेन-देन के लए बु गे रया, जापान, चीन व आ े लया के अनसुधंान सं थान के साथ समझौता करार कया गया ।

    श ण

    परेू देश म या त केरेबो के अ व व सं थान सभी चार रेशम उप- े स ेसबंं धत रेशम मू य - ृंखला क सभी ग त व धय को आवृ करत ेहुए गहनता स े श ण, कौशल नमाण तथा कौशल वकास आ द म नरंतर लगा हुआ है । केरेबो के मता वकास तथा श ण पहल को न न ल खत पाचँ शीषक के अ तगत पनु:सरं चत कया गया है: (i) कौशल श ण व उ यम वकास काय म (एसट ईपी)

  • 11

    इस ेणी के अ तगत उ यमी वकास, आंत रक तथा उ योग ससंाधन वकास, वशषे वदेशी श ण, रेशम उ पादन ौ यो गक का चार, योगशाला स े े तक ौ यो गक दशन काय म, श ण भाव मू यांकन सव ण आ द पर यान केि त करत े हुए अनेक अ पकाल न श ण मॉ यूल ार भ करने क योजना है ।इस घटक के अधीन के लोक य काय म उदयम वकास काय म, ौ यो गक उ नयन काय म, ससंाधन वकास काय म/ श क का श ण काय म, तयो गता वधक श ण काय म,अनशुास नक या श ण, बधंन वकास काय म आ द ह ।

    (ii) रेशम उ पादन ससंाधन के (एसआरसी) क थापना :

    ये श ण सह-सु वधा के चय नत शहततू व ज व व य ल टर म 2.00 लाख के इकाई मू य म था पत कये गये ह जो अनसुधंान व वकास योगशालाओ ंके व तार के तथा लाभा थय के बीच मह वपणू

    कड़ी का काय करग े। इन रेशम उ पादन ससंाधन के का उ दे य है – ौ यो गक दशन ,कुशलता म वृ ध , रेशम उ पादन नवेश के लए एक थान , ल टर तर पर ह सदेंह का नवारण तथा सम या का हल । आज क तार ख म 23 एसआरसी कायरत है ।

    (iii) केरेबो के अनसुधंान व वकास सं थान वारा मता वकास व श ण

    सरं चत द घाव ध श ण काय म (रेशम उ पादन म नातको र ड लोमा व गहन रेशम उ पादन श ण ) के अ त र त केरेबो के अनसुधंान व वकास सं थान, कृ ष मलेा, कृषक दवस, कृषक वचार- वमश कायशाला आ द के अलावा कृषक तथा अ य पणधा रय को सश त बनान ेके लए ौ यो गक आधा रत श ण भी आयोिजत करत ेहै ।

    (iv) बीज े म मता वकास रेशमक ट बीज सबसे मह वपणू े है जो परू रेशम मू य ृंखला को आगे बढ़ाता है । बीज क गणुव ा स ेउ योग क गणुव ा का प रणाम नधा रत होता है । अत: इस े म मता वकास तथा श ण क आव यकताए ंबहुत ह मह वपणू ह । उ योग के पणधार जैस े नजी रेशमक ट बीज उ पादक, अ भगहृ त बीज क टपालक, ब धक तथा सरकार बीजागार स ेसबं ध कायदल को शा मल करने हेत ुअनेक श ण काय म आयोिजत करने का ताव है ।

    (v) सचूना, श ा एव ंसचंार (आईईसी) सचूना, श ा तथा सचंार के न म ववर णका, प क, है डआउट, पिु तका आ द के मा यम स े अनशुं सत ौ यो ग कय को लोक य बनात ेहुए मता वकास एव ं श ण पहल क गयी है। यह घटक उ योग के दशन

    हेत ु ौ यो गक आधा रत अनदेुशा मक वी डय , अ ययन साम ी तथा डा यूमे फ म का नमाण भी ता वत है ।

    वष 2016-17, 2017-18 और चाल ू व ीय वष 2018-19 दसबंर-18 तक के दौरान केरेबो के अनसुधंान व श ण सं थान वारा आयोिजत काय म के अधीन श त यि तय क सं या के ववरण न न ता लका म व णत है :

    # श ण पा य म

    श त यि तय क सं या 2016-17

    2017-18

    2018-19

    ल य उपलि ध ल य उपलि ध ल य उपलि ध

    ( दसं-18

    1 संर चत पा य म (पीजीडीएस,शहतूत व गैर-शहतूत पा य म)

    100 111 265 216 230 73

  • 12

    2

    कृषक कुशलता श ण, ौ यो गक अ भ व यास काय म, कै यूल व तदथ ्पा य म तथा अ ययन दौरा

    9400 9034 8030 8853 8,290 3,328

    3 अ य श ण काय म 4000 6628 4945 6322 3,045 4,112

    4 एसट ईपी 1500 917 2030 1901 1,260 333

    कुल 15000 16690 15270 17292 12,825 7,846

    ौ यो गक ह तांतरण :

    समा त प रयोजनाओं स े वक सत ौ यो ग कय को व भ न व तार सचंार काय म अथात ्कृ ष मेला, समहू चचा, बोधन काय म, े दवस, कृषक सि मलन, य- य काय म, ौ यो गक दशन, आ द के मा यम स े े म ह तांत रत कया जा रहा है । वष 2018-19 के दौरान दसबंर,2019 तक, कुल 1195 ौ यो गक ह तांतरण काय म आयोिजत कए गए और 45 ौ यो ग कय को कोसापवू े के अधीन उपयोगकता के तर पर सफलतापवूक ह तातं रत कया गया है । इसके अ त र त, कोसो र े म कुल 152 े काय म/ ौ यो गक दशन सचंा लत कये गये तथा 83,322 कोसा एव ं रेशम नमनू क पर ा क गई एव ंइसके प रणाम दान कए

    गए ।

    (i) व ज रेशम हेत ुसमहू सवंधन काय म का काया वयन : 12वी ंयोजना के दौरान देश म आयात त थानी रेशम के सवंधन तथा व ज रेशम उ पादन के 1985 मी.टन (2012-13) के उ पादन तर को बढ़ाकर 5000 मी.टन तक करने पर वशषे जोर दया गया। इस ल ् य को ा त करने के लए के य रेशम बोड ने रा य के रेशम उ पादन वभाग के साथ मलकर 172 व ज ल टर का आयोजन कया .। वष 2017-18 के दौरान, देश के 6200 मी.ट. ल य के सापे सयंु त सकेंि त यास के साथ 5874 मी टन व ज क च े रेशम का उ पादन कया गया (2016-17 म उ पा दत 5266 मी.ट. स े11.5% क वृ ध) । व ज

    समहू ने 4100 मी.ट. व ज क च े रेशम का उ पादन कया, जो देश के कुल व ज क च े रेशम उ पादन 5874 मी.ट. का 70% योगदान करता है। वष 2019-20 के अतं तक देश म 8500 मी क टन के व ज क च ेरेशम उ पादन के ल य पर यान क त करत ेहुए 2017-18 स े 2019-20 तक के लए समहू सवंधन काय म जार है । भावी अनु वण उ दे य के लए उ र पि चम े के कुछ व यमान समहू के पनुसरचना करत ेहुए कुल समहू ल य को भा वत कए बना व यमान 172 ल टर स ेसमहू क कुल सं या 151 समहू तक कम कया गया । 2018-19 के दौरान 151 समहू स े4900 मी. टन व ज क च े रेशम का उ पादन करने क आशा है, जो 7200 मी.टन के कुल उ पादन ल य का लगभग 68% योगदान करता है । 2018-19 (अ लै स े सतंबर -2018) के दौरान कुल व ज क चा रेशम उ पादन 4737 मी क टन है, िजसम स ेसमहू ने 2980 मी.टन (63%) का योगदान दया।

    (ii) व य रेशम के लए समहू सवंधन काय म का काया वयन : तसर रेशम े के उ नयन के लए, के य रेशम बोड ने 9 तसर उ पादक रा य म समहू पहल के मा यम स ेरा य सरकार के सम वयन स े22 व य समहू क थापना क ह । इस काय म के अ तगत, मता वकास के अधीन कुल 2792 लाभा थय को आवृ कया गया, ौ यो गक ह तांतरण सेवाओं पर ए सपोज़र विज़ट, रोगाणुनाशक क डोर-टू-डोर आपू त एव ंजाग कता काय म आयोिजत कया गया । पहल बीज फसल म 960 अपनाए गए क ट

  • 13

    पालक वारा 1.997 लाख रोमबुीच का कूचन कया गया और 35.5 कोसा/रोमबुीच क दर पर 70.89 लाख बीज कोस का उ पादन कया गया । इन बीज कोस का ससंाधन 165 नजी बीज पालक वारा कया गया तथा 7.57 लाख रोमबुीच का उ पादन हुआ िजसम स े 6.79 लाख रोमबुीच का क टपालन 2627 वा णि यक कृषक वारा वतीय फसल (वा णि यक) म कया गया और समहू म 39.72 कोसा/रोमचु क दर पर 266.74 लाख कोस का

    उ पादन कया गया । शषे 0.78 रोमचु को समहू के बाहर के वा णि यक कृषक को आपू त क गई ।

    (iii) जाइका के अ तगत जापान समु पार य सहका रता वय ंसेवक (ज़ेओसीवी) : केरेबो, जाइका के साथ मलकर 1991 स ेभारत म व ज रेशम के था य व के लए कई काय म चला रहा है । जाइका काय म के चरण-1 के अ तगत केरेबो ने भारतीय दशाओ ंम तकृ त के लए उपयु त व ज न ल , शहततू क क म तथा एक यापक व ज रेशम उ पादन ौ यो गक पकेैज वक सत क है। काय म के वतीय चरण के दौरान इन ौ यो ग कय का े पर ण कया गया और तीसरे चरण के दौरान एक यापक व तार णाल वक सत क गई । इसे सीपीपी के मा यम स ेभारत म तकृ त कया जा रहा है तथा 12वी ंयोजना के अतं

    तक 5000 मी क टन के ल य के सापे 5200 मी.टन व ज रेशम का उ पादन हुआ । वष 2012-14 के दौरान जाइका अनवुत सहका रता काय म के अ तगत जाइका ने गणुव ा के रखरखाव के लए आधारभतू बीज के एक ह तरफ के गणुन के स त अनपुालन क सफा रश क है ता क जा त ल ण का रखरखाव कया जा सके, साथ ह साथ गणुव ापणू रेशमउ पादन के लए जाल सं हण तकनीक के साथ रोटर चि के ौ यो गक के स त इ तेमाल क भी सं तु त क है । कोसो र े म जाइका क सहायता के साथ एक वदेशी वचा लत धागाकरण मशीन का वकास कया गया है तथा जाइका वशषे क सहायता के साथ हरदा जल सचूी बेध णाल के मा यम स ेसधुार लाने का यास कया गया है ।

    समहू अ भगम के अलावा, व ज रेशम के सतत वकास के लए कसान के बीच ान/ ौ यो गक ह तांतरण करने के लए सामदुा यक आधारभतू सगंठन (सीबीओ), वय-ंसहायता समहू (एसजीएच) आ द के वतन के यास कए गए ह, यह मौजूदा व तार ग त व धय अथात ्समहू कायकलाप , ऋण सु वधा, ट तथा बेहतर मू य त ाि त के साथ -साथ है । हमारे यास को परूा करने के लए जाइका ने 10 समहू (कनाटक, आं देश और

    त मलनाडु म 8 और 2 उ राखंड म) म केरेबो/डीओएस सीडीएफ के साथ मलकर काम करने के लए जओेसीवी काय म के तहत 3 जापान वासी सहयोगी वयसंेवक (जओेसीवी) को नयु त कया है । जेओसीवी का मु य उ दे य े क सम याओ ंक पहचान करने के लए व ज समहू म केरेबो/रा य तभा गय क सहायता करना है तथा चय नत समहू म भावी ौ यो गक ह तांतरण हेत ु रेशम वद को सि न हत करत े हुए वय ंसहायता समहू /समदुाय आधा रत सगंठन के आयोजन म सार व धय म भी सहायता करना है । सचूना ौ यो गक पहल

    डीबीट एमआईएस: "रेशम उ योग के वकास" योजना के लए डीबीट एमआईएस का वकास परूा कया और इस ेएसट युसी स ेसरु ा लेखा पर ा अनमुोदन ा त कया ।

    एम- कसान : केरेबो ने कृषक को उनके मोबाइल टेल फोन स ेएम- कसान वेब पोटल के इ तेमाल वारा वै ा नक सझुाव को दान करने हेत ुसचूना- सार के लए वै ा नक तथा वशषे क पहंुच को और व ततृ कया है । सभी मु य सं थान ने इस पोटल के मा यम स े नय मत प स ेसलाह दान कर रहे है । आज तक 11,15,000 एसएमएस सदेंश के प म 320 सलाह भेज ेगए ।

    ‘एसएमएस सेवा’ : कृषक तथा उ योग के अ य पणधा रय के उपयोग के लए रेशम तथा कोस के दै नक बाज़ार दर के सबंधं म मोबाइल फोन के मा यम स े“एसएमएस सेवा” चा लत क गई है । दोन पशु और

  • 14

    पलु एसएमएस सेवा चालन म है ।रेशम उ पादन नदेशालय स े ा त मोबाइल सं याओ ंको अ यतन कया गया है और दै नक आधार पर सभी पजंीकृत 8517 कृषक को एसएमएस सदेंश ा त हो रहे ह ।

    स क पोटल : उ र -पवू अतं र अनु योग क , अतं र वभाग के सहयोग स ेउप ह के मा यम स ेछाया च को लेत े हुए रेशम उ पादन सचूना सपंक एव ं ान णाल पोटल का वकास कया गया और रेशम उ पादन ग त व धय के लए उपयोगी े के चयन एव ं व लेषण हेत ु इनका योग कया जाता है । बहुभाषी, बहु िजला ऑकडा नय मत प स ेअ यतन कया जा रहा है ।

    वी डयो का स : के य रेशम बोड म केरेबो कॉ ले स, बगलू , केरेअव स,ं मसैू व बहरमपरु, केतअव स,ं राचँी, केरेअव स,ं पा पोर, केमएूअव स,ं लाहदोईगढ़ तथा े ीय कायालय, नई द ल म ससुि जत वी डयो का े स सु वधा उपल ध है । अ लै,2018 स े दसबंर,2018 तक 26 बहु- टु डयो वी डयो का स सचंा लत कए गए ।

    केरेबो वेबसाइट : के य रेशम बोड क वेबसाइट “csb.gov.in” वभाषी प अथात ्अं ेजी तथा ह द म उपल ध है । इस पोटल के मा यम स ेसामा य नाग रक के लए, िज ह सगंठन तथा इसक योजनाओं एव ंअ य ववरण के बारे म जानना होता है, अ धका धक जानकार सा रत क जाती है । वेबसाइट म रेशम उ पादन योजना काय म, उपलि धया ँतथा सफलता क कहा नयाँ वशषे प स ेद गई ह । केरेबो ने भारत सरकार के दशा- नदश के अनसुार अपनी वेबसाइट को जीआईजीड य ूअनकूुल तथा सरु त बनान ेक

    या ारंभ क है ।

    एईबीएएस : आधार स य बायोमै क उपि थ त णाल के य रेशम बोड म लाग ूक गई है । उपि थ त पोटल म फाम कामगार स हत 4254 स ेअ धक कमचार पजंीकृत है । सभी 121 उपकरण आर डी सेवा स ेयु त है । केरेबो क पनुसरंचना के कारण, लगभग 450 कमचा रय को व भ न इकाइय म थानांत रत कया गया, उ ह अ यतन करने का काय ग त पर है ।

    कृषक तथा धागाकार के लए रा य डटेाबेस : रा य तर पर कृषक तथा धागाकार के डटेाबेस के लए कृषक एव ंधागाकार डटेाबेस को तैयार कर इस े वक सत कया गया है, इसस े भावी नणय लेने म समु चत सचूना के साथ नी त नधारक को मदद मलेगी । डटेाबेस म राज ् य वारा 31 दसबंर, 2018 को यथा व यमान 6,61,427 कृषक एव ं10493 धागाकार के ववरण रकाड कए गए ह ।

    “उ र पवू रा य म गहन व ज रेशम उ पादन वकास प रयोजना ” एनईआरट पीएस के लए एमआईएस : गहन व ज रेशम उ पादन के लए एमआईएस वक सत कर सभी पणधा रय वारा बना सम या के इसे देखने के लए सम पत सवर पर हो ट कया गया है ।

    एफआरडीबी कृषक के साथ सपंक करने के लए बीपीओ: येक अचंल के नोडल अ धकार एफआरडीबी ऑकडा आधार स ेमोबाइल नबंर लेत ेहुए चय नत कृषक स े नय मत प स ेसपंक कर रहे है ।

    स क सम पर मोबाइल ए प का वकास: डजाइ नगं एव ंआकंडा का सं हण ग त पर है ।

    2. बीज सगंठन

    के य रेशम बोड के पास रा य को बु नयाद बीज क आपू त करने वाल ेबु नयाद बीज फाम क एक ृंखला है । इसके वा णि यक बीज उ पादन के कृषक को वा णि यक रेशमक ट बीज क आपू त करने म रा य क मदद करत ेह ।

    वष 2016-17, 2017-18 और चाल ू व ीय वष 2018-19 दसबंर-18 तक के दौरान बीज उ पादन क कुल मा ा का प रमाण नीच ेता लका म दया गया है :

  • 15

    (इकाई: लाख रोमुच)

    ववरण 2016-17 2017-18 2018-19

    ल य उपलि ध ल य उपलि ध ल य उपलि ध ( दसं.18 तक)

    शहतूत 390.00 430.10 440.00 388.35 450.32 330.30

    तसर 47.43 48.60 51.08 52.81 51.66 46.81

    मूगा 8.13 6.87 8.07 7.08 8.43 2.60 एर 5.5 4.78 6.00 6.88 6.00 6.41

    कुल 451.06 490.35 505.15 455.12 516.41 386.12

    3. सम वय एव ंबाजार वकास

    के य रेशम बोड के शासन म बोड स चवालय, े ीय कायालय, माणन के तथा क चा माल बक शा मल ह । केरेबो का बोड स चवालय व भ न योजनाओ ं के काया वयन का अनु वण करता है तथा रेशम उ पादन े क व भ न प रयोजनाओ ंके काया वयन म मं ालय तथा रा य के साथ सम वय करता है । बोड स चवालय अनेक रा य बठैक, बोड क बठैक व पनुर ण बठैक तथा अ य उ च तर य बठैक आयोिजत करता है । क चा माल बक ाथ मक उ पादक को लाभकार मू य सु नि चत करने हेत ुकोस के बाजार मू य के थायीकरण हेत ुआधार मू य

    का चालन करता है । तसर के लए चाईबासा (झारख ड) म क चा माल बक (कमाब)ै और मगूा के लए असम म मगूा क चा माल बक (एमआरएमबी) (वतमान म े ीय रेशम उ पादन अनसुधंान के ( ेरेअके), जोरहाट के साथ मला लया है) ने वा त वक तसर व मगूा कोसा उ पादक को कफ़ायती और उ चत मू य सु नि चत कराने के मु य उ दे य स ेकाय कर रहा है । वष 2016-17, 2017-18 एव ंचाल ू व ीय वष 2018-19 दसबंर-18 तक के दौरान क चा माल बक तथा मगूा क चा माल बक तथा इसके उप डपो वारा कए गए कुल य- व य का यौरा न नानसुार है :

    (यू नट : मा ा लाख सं या म एव ंमू य .लाख म)

    वष कमाब (तसर) मूकमाब (मूगा)

    य व य य व य मा ा मू य मा ा मू य मा ा मू य मा ा मू य

    2016-17 200.76 287.10 171.68 229.88 1.55 2.77 1.55 2.92

    2017-18 158.18 180.78 157.65 225.32 1.59 2.32 1.59 2.43

    2018-19

    ( दसं-18 तक) 90.72 110.16 66.24 108.59 1.79 2.73 1.79 2.80

    उ पाद अ भक प, वकास तथा व वधीकरण (पी3डी)

    उ पाद अ भक प वकास तथा व वधीकरण (पी3डी) के व भ न कायकलाप जैस ेव अ भयं क , रेशम म ण , नव व सरंचना का अ भक प, रेशम तथा रेशम म ण म नए उ पाद का अ भक प एव ं वकास, समहू म उ पाद वकास, वक सत उ पाद का वा ण यीकरण, अ -प च सपंक दान करने म वा ण यीकरण, तभा गय को सहयोग दान करना, तकनीक सावधानी तथा नमनूा वकास म सहायता/सम वय आ द पर वशषे यान केि त कया जाता है ।

  • 16

    पी3डी के कायकलाप पारंप रक रेशम उ पाद का पनु धार म ण के साथ उ पाद क डजाइन का वकास और व वधीकरण उनक डज़ाइन और अं तम उपयोग दोन के सदंभ म कुछ व श ट ाथ मकताओ ंऔर आव यकताओ ंके

    आधार पर उ पाद वकास बाजार क जानकार का सजृन, बाजार के आंकड़ को अ यतन करना तथा फैशन वृ य का अनमुान करना रेशम ए सपो/ दश नय म वषय मडंप के अयोजन और उ पाद के दशन के ज रए भारतीय रेशम के

    जेन रक तथा ांड को बढ़ावा देना रेशम नमाताओ ंऔर नयातक को बाजार क मांग के अनु प नवीन डजाइन और कपड़ के वकास म

    मदद करना रेशम उ पाद म नवीनतम वकास का दशन और अतं म भारतीय रेशम म नव-प रवतन हेत ुउ कृ टता क

    बनाना

    वक सत उ पाद 1. व युत करघ पर मगूा सा टन व तथा कपड़ े2. लेजर तथा पोशाक हेत ुएर रेशम डे नम व , एर तथा शहतूत बनुाई, एर रेशम कंबल एव ंकाल न तथा

    एर रेशम गम कपड़ ेका पहनावा 3. शाद के न म व युत करघे पर तसर रेशम व 4. चंदेर ल टर म शु ध रेशम साड़ी और कपड़ े5. ज़र क त थापना के लए मगूा रेशम स ेकाचंीपरुम साड़ी का डजाइन कया जाता है । 6. ध बा सरु ा तथा सगु ध उपचा रत सा ड़या ँ 7. जीवन शलै वाल ेरेशम उ पाद – म हला पस, थलैा, मोज़ा, द ताना, अ य उप कर 8. बाघ (एमपी) ल टर म छपी रेशम साड़ी/व 9. परंपरागत लबानी कला काय के साथ उ पाद 10. बो काई डजाइन के साथ शहततूी x एर सा ड़या ँ11. नागालै ड आ दवासी आकृ तय के साथ शहततूी साड़ी तथा रेशम/ल नन, रेशम/कॉटन, रेशम/मोदल व

    4. गणुव ा माणन णाल , नयात ा ड सवंधन व ौ यो गक उ नयन गणुव ा माणन णाल के मु य उ दे य म एक है गणुव ा आ वासन, गणुव ा मू यांकन और गणुवत ् ता माणन और इस ेमजबतू करने के त समु चत उपाय करना। योजना के अधीन, दो घटक यथा “कोसा और क चा रेशम पर ण एकक” और “रेशम माक का सवंधन”, का काया वयन कया जा रहा है। कोस क गणुव ा, धागाकरण के दौरान न पादन तथा उ पा दत क च ेरेशम क गणुव ा को भा वत करती है। उ वका क सहायता स े व भ न कोसा बाज़ार म था पत कोसा पर ण के , कोस के पर ण को सगुम बनाता है। े ीय कायालय स ेसबं ध क य रेशम बोड के माणन के क ृंखला/नेटवक, नयात के लए तैयार रेशम माल का लदान-पवू विै छक नर ण करता है। यह भारत स े नयात कये जाने वाल े रेशम माल क गणुव ा सु नि चत करता है। इसके अलावा के य रेशम बोड भारतीय रेशम माक सगंठन [भारेमास]ं के मा यम स े रेशम उ पाद क शु धता के लए “रेशम माक” को लोक य बना रहा है । “रेशम माक”, गणुव ा आ वासन लबेलु है, जो शु ध रेशम के नाम स ेनकल रेशम उ पाद क ब करने वाल े यापा रय स ेउपभो ताओ ंक हत क र ा करता है ।

  • 17

    वष 2016-17, 2017-18 और चाल ू व ीय वष 2018-19 दसबंर-18 तक के दौरान रेशम माक योजना के अतंगत ा त ग त न नानसुार है :

    ववरण

    2016-17 2017-18 2018-19

    ल य उपलि ध ल य उपलि ध ल य उपलि ध

    ( दसबंर-18 तक)

    पजंीकृत नए सद य क कुल सं या 250 254 250 271 250 228 ब हुई रेशम माक लेबलु क कुल सं या (लाख सं या म )

    25.00 25.53 27.50 23.94 27 18.956

    जाग कता काय म/ दशनी/मेला /कायशाला/रोड शो

    410 622 450 553 480 309

    (i) रेशम माक दशनी रेशम माक क व वसनीयता व इसका चार सु नि चत करने हेत ुदेश म रेशम माक ा धकृत उपयोगकताओं के लए रेशम माक दशनी आयोिजत क जा रह है । दशनी न केवल रेशम माक के चार के लए आदश मचं है बि क शु ध रेशम उ पाद के य- व य के लए नमाताओ ंतथा उपभो ताओ ंको एक मचं पर लाता है । इस काय म के दौरान तभा गय का काफ यापार होता है । इसके दौरान भारतीय रेशम माक सगंठन वारा यापक जाग कता तथा चार काय म भी चलाए जात ेह ।

    वष 2018-19 (अ लै स े दसबंर-2018 तक) के दौरान रेशम उ पाद के लए सु त बाजार और ा धकृत उपयोगकताओं स ेकम त या के चलत,े भारेमास ंने न न ल खत थान म चार स क माक ए सपो आयोिजत कया है।

    #

    ववरण 04 से 08 अ ैल, 2018 तक 5 दन

    20 से 25 जुलाई 2018 तक 6 दन

    26 अग त से 02 सतंबर, 2018 तक

    8 दन

    5से 9 सतंबर,2018 तक 5 दन

    संचयी

    थान एनईएफडीआई हाऊस, दसपुर, गुवाहाट

    रेना इवट हब, बानज रोड, कलूर, को ची,केरल

    योती ववाह भवन, चौक डगंी, द ूगढ़, असम

    एनईएफडीआई हाऊस,गुवाहाट , असम

    -

    1 टाल क सं या 42 44 23 43 152 2 ा. यो ताओ ं क

    सं या

    42 43 23 43 151

    3. रा य क सं या 8 11 8 7 11(अ धकतम)

    4. आगंतुक क सं. 10000 7800 8000 8000 33800

    5. यवसाय कारोबार 1.50 करोड़. 1.45 करोड़. 0.60 करोड़. 1.00 करोड़. 4.550 करोड़.

    हाल ह म उ च टाल भाड़ ेके कारण, ा धकृत उपयोगकता रेशम माक ए सपो म भाग लेने के त अ न छुक ह और इसस ेबचने के लए भारेमास ं वकास आयु त(हथकरघा) के सहयोग स े रेशम माक वशषे हथकरघा ए सपो आयोिजत करने क सभंावनाओ ंक पता कर रहा है। वकास आयु त(हथकरघा) ने पणेू, हैदराबाद और वज़ाग म 3 ए पो के लए व ीय सहायता दान करने के लए सै धां तक अनमुोदन दया है । अगल ेवष म व भ न शहर म ए सपो करने क सभंावनाओ ंका पता लगान ेके लए आग ेक कारवाई क जा रह है।

  • 18

    भारतीय रेशम माक सगंठन ने 21 नवबंर स े 4 दसबंर, 2018 तक 14 दवस क अव ध के लए हॉटल ीन पाक, वशाखपटटनम म “ रा य वशषे हथकरघा ए सपो” आयोिजत कया। इस ए सपो वकास आयु त हथकरघा, व मं ालय, भारत सरकार वारा व पो षत रहा।

    1. केरल रा य सरकार ने 21.05.2018 स े27.05.2018 तक 7 दन के लए टे डयम ाउंड पाल कड़ म एक भ य दशनी "नवकेरलम-2018" आयोिजत क है। भारेमास ंपाल कड़ चै टर ने 100 वग फुट म एक थीम पवी लयन क यव था क िजसम मदृा स ेलेकर तैयार उ पाद तक सभी ग त व धय का दशन कया ।

    2. हैदराबाद चै टर ने उपभो ताओ ं के बीच रेशम माक के बारे म जाग क लाने के लए रेशम उ पादन वभाग, जू बल ह स, हैदराबाद के प रसर म ीमती स क माक 2018 का एक पदाफाश ( थम दशनी) काय म आयोिजत कया ।

    3.भारेमास,ंहैदराबार चै टर ने 21 अ लै 2018 को क लगं हॉल, बजंारा ह स, हैदराबाद म ीमती स क माक -

    2018 का भ य छठा सं करण आयोिजत कया है। यह एक मेगा काय म है िजसम जीवन के सभी े स ेजुड े400 स ेअ धक लोग भाग लए िजसम सावज नक जनता, एनआईएफट , एट डीसी के छा एव ंफैक ट , केरेबो के अ धकार और कमचार , ति ठत सावज नक और नजी यि त व शा मल है । एक सां कृ तक काय म और पी3 डी, वरेबासकं वारा हाल ह म वक सत रेशम उ पाद को दशात े हुए मॉडल का रप चाल आयोिजत कया गया।

    4.लेपा ी के सहयोग स ेनई द ल म योगा मक आधार पर श कए गए रेशम घर-एक शु ध भारतीय रेशम घर के व मयकार त या के आधार पर, मेसस स ल कोटेज इं ड स कॉरपोरेशन (सीसीआईसी) के एम.जी.रोड, बगलू प रसर म एक और रेशम घर के शो म था पत कया गया ।

    कनाटक, तेलगंाना, झारखंड, पि चम बगंाल, नई द ल और असम के रेशम माक के छह ा धकृत यो ताओ ंको रेशम घर के लए सीसीआईसी म टॉल पेस दान कया गया ह। भारतीय रेशम माक सगंठन ने सीसीआईसी, के सहयोग स ेकोलकाता एव ंचे नई म एक-एक रेशम घर क थापना करने क कया ग त पर है ।

    5.भारेमास,ं बगल चै टर ने लास हाउस, लालबाग, बगलू म 4 स े15 अग त तक 12 दन के लए लॉवर शो का आयोजन कया है। 3 स क माक लोगो और रेशम माक इं डया को दशाने वाल ेएक थीम पवी लयन पु प के साथ सजाया गया है और रेशम माक के सवंधन के लए कोसा स े नकलन ेवाल े रेशम शलभ को द शत कया गया।

    6. व छता अ भयान के एक भाग के प म, भारेमास ं नग मत कायालय ने 29 सतंबर,2018 को लालबाग, बगलू और 30 सतंबर, 2018 को क बन पाक म तीन-तीन ट ल ेका आयोजन कया ता क दै नक उपयोग के लए जैव अपघटन यो य कंटेनर के उपयोग के बारे म आम जनता के बीच जाग कता पदैा कया जा सक ।

    7. भारतीय रेशम नयात सवंधन प रषद, नई द ल ने भारतीय रेशम उ योग के लए एक ांड इमेज बनान ेके लए तथा उ य मय को अपने उ पाद के दशन के लए अवसर दान करने के लए आरबीएसएम के साथ 16 स े18 अ टूबर 2018 तक ग त मदैान, नई द ल म 6व भारत अतंरा य रेश�