gender, school and society - uou · 2018. 6. 2. · bed iv- pe 5 जेडर, िव(ालय...

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BED IV- PE 5 जेडर, विालय तथा समाज Gender, School and Society विक विा विभाग , विािा विािाखा उराखड म विविालय , हवानी

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Page 1: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

BED IV- PE 5

जणडर विदयालय तथा समाज

Gender School and Society

विकषक विकषा विभाग विकषािासतर विदयािाखा

उततराखणड मकत विशवविदयालय हलदवानी

ISBN 13-978-93-85740-88-6

BED IV- PE 5 (BAR CODE)

BED IV- PE 5

जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

िशक िशा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय हानी

अययन बोड( िवशषamp सिमित ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर मह$मद िमया (बा िवशष)- सदय) पव$ अिध(ाता िशा सकाय

जािमया िमिampलया इ)लािमया व पव- कलपित मौलाना आजाद रा+ीय उद0

िविव$ालय हदराबाद

ोफसर एन० एन० पाडय (बा िवशष)- सदय) िवभागाampय( िशा िवभाग

एम० ज० पी० हलखampड िविव+ालय बरली

ोफसर क० बी० बधोरी (बा िवशष)- सदय) पव( अिधाता िश0ा सकाय

एच० एन० बी० गढ़वाल िविव(ालय ीनगर उराख1ड

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड

म िवampिवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा उ5राख6ड

म िवampिवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा एव सह-

समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िव2ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर िश3ाशा4

िवाशाखा एव सम+वयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िवालय

ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर सी० बी० शमा$ (बा िवशष)- सदय) अampय रा+ीय

म िवampालयी िशा सथान नोएडा

ोफसर पवन कमार शमा (बा िवशष)- सदय) अिध(ाता

िशा सकाय व सामािजक िवान सकाय अटल िबहारी बाजपयी िह7दी

िविव$ालय भोपाल

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा)

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा एव सह-समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म

िविव$ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर

िशाशा िवाशाखा एव सम-वयक बी० एड० काय$म उ(राखड

म िवampिवालय

िदशाबोध (ोफसर ज० क० जोशी पव$ िनदशक िश+ाशा- िवाशाखा उ1राख3ड म7 िव8िवालय हlt=ानी काय$म सम(वयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िविव$ालय हानी ननीताल उ+राखड

काय$म सह-समवयक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी ननीताल

उराखampड

पाठयampम सम)वयक ी बीरamp िसह रावत

िशा िवभाग क+ीय िशा स0थान िदली िविव(ालय नई िदली

पाठयampम सह समवयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उ(राख+ड

धान सampपादक डॉ० वीण कमार ितवारी

समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उराखampड

उप स$पादक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह()ानी ननीताल उराख2ड

िवषयवत स)पादक भाषा सपादक ाप सampपादक फ़ सशोधक ीमती मनीषा प)त

अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशampदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता

िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

साम$ी िनमा(ण ोफसर एच० पी० शल

िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड म4 िव5िव+ालय ोफसर आर० सी० िम

िनदशक एम० पी० डी० डी० उराखampड म िविव$ालय copy उराखampड म िवampिवालय 2017 ISBN-13-978-93-85740-88-6 थम सampकरण 2017 (पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5) सवा$िधकार सरित इस पतक क िकसी भी अश को ान क िकसी भी मा+यम म- योग करन स पव- उराख2ड म6 िव8िव9ालय स िलिखत अनमित लना आवgtयक ह इकाई लखन स सबिधत िकसी भी िववाद क िलए पण56पण लखक िज8मदार होगा िकसी भी िववाद का िनपटारा उराखampड उ(च यायालय ननीताल म2 होगा िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उ$राखampड म िव-िवालय 1ारा िनदशक एम० पी० डी० डी० क मायम स उ)राखड म िव2िव3ालय क िलए मि6त व 8कािशत काशक उराखampड म िव-िवालय मक उराखampड म िव-िवालय

काय$म का नाम बी० एड० काय$म कोड BED- 17

पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5

इकाई लखक खड सया

इकाई सया

डॉ० राकश िसह डी-67 गट सampया 3 क समीप िदलशाद कालोनी नई िदली

1 4

सी सतोष यादव िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

1 5

सी रजनी िसह िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

2 1 व 3

ी मनोज कमार चािहल िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव$ालय नई िद+ली

2 2 व 5

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

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4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

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मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

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मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

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सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 12

जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 13

विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 20

सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 21

दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

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54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

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इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

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आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

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अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

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अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 28

वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 29

औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

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सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

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गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 32

चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 33

अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 35

57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 36

परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 37

3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

Feb

2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

Feb 2017 at 348pm

5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

Retrieved on 10th Feb 2017

11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes

12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 38

16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

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17 Mathew PD PM Bakshi (2009) Women and the Constitution Legal

Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

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18 NCERT (2013) Training Material For Teachers Educators On Gender

Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

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खणड 2

Block 2

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इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 41

लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 45

143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

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उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

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5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

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दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

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की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 50

पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 51

उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 52

इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

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राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

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कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

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क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

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घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

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क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

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धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

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उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 60

26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 61

यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 62

6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 66

b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 67

सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

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उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

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11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 73

इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 74

पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 75

3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

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िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

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यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

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सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

Page 2: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

ISBN 13-978-93-85740-88-6

BED IV- PE 5 (BAR CODE)

BED IV- PE 5

जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

िशक िशा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय हानी

अययन बोड( िवशषamp सिमित ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर मह$मद िमया (बा िवशष)- सदय) पव$ अिध(ाता िशा सकाय

जािमया िमिampलया इ)लािमया व पव- कलपित मौलाना आजाद रा+ीय उद0

िविव$ालय हदराबाद

ोफसर एन० एन० पाडय (बा िवशष)- सदय) िवभागाampय( िशा िवभाग

एम० ज० पी० हलखampड िविव+ालय बरली

ोफसर क० बी० बधोरी (बा िवशष)- सदय) पव( अिधाता िश0ा सकाय

एच० एन० बी० गढ़वाल िविव(ालय ीनगर उराख1ड

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड

म िवampिवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा उ5राख6ड

म िवampिवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा एव सह-

समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िव2ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर िश3ाशा4

िवाशाखा एव सम+वयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िवालय

ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर सी० बी० शमा$ (बा िवशष)- सदय) अampय रा+ीय

म िवampालयी िशा सथान नोएडा

ोफसर पवन कमार शमा (बा िवशष)- सदय) अिध(ाता

िशा सकाय व सामािजक िवान सकाय अटल िबहारी बाजपयी िह7दी

िविव$ालय भोपाल

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा)

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा एव सह-समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म

िविव$ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर

िशाशा िवाशाखा एव सम-वयक बी० एड० काय$म उ(राखड

म िवampिवालय

िदशाबोध (ोफसर ज० क० जोशी पव$ िनदशक िश+ाशा- िवाशाखा उ1राख3ड म7 िव8िवालय हlt=ानी काय$म सम(वयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िविव$ालय हानी ननीताल उ+राखड

काय$म सह-समवयक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी ननीताल

उराखampड

पाठयampम सम)वयक ी बीरamp िसह रावत

िशा िवभाग क+ीय िशा स0थान िदली िविव(ालय नई िदली

पाठयampम सह समवयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उ(राख+ड

धान सampपादक डॉ० वीण कमार ितवारी

समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उराखampड

उप स$पादक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह()ानी ननीताल उराख2ड

िवषयवत स)पादक भाषा सपादक ाप सampपादक फ़ सशोधक ीमती मनीषा प)त

अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशampदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता

िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

साम$ी िनमा(ण ोफसर एच० पी० शल

िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड म4 िव5िव+ालय ोफसर आर० सी० िम

िनदशक एम० पी० डी० डी० उराखampड म िविव$ालय copy उराखampड म िवampिवालय 2017 ISBN-13-978-93-85740-88-6 थम सampकरण 2017 (पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5) सवा$िधकार सरित इस पतक क िकसी भी अश को ान क िकसी भी मा+यम म- योग करन स पव- उराख2ड म6 िव8िव9ालय स िलिखत अनमित लना आवgtयक ह इकाई लखन स सबिधत िकसी भी िववाद क िलए पण56पण लखक िज8मदार होगा िकसी भी िववाद का िनपटारा उराखampड उ(च यायालय ननीताल म2 होगा िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उ$राखampड म िव-िवालय 1ारा िनदशक एम० पी० डी० डी० क मायम स उ)राखड म िव2िव3ालय क िलए मि6त व 8कािशत काशक उराखampड म िव-िवालय मक उराखampड म िव-िवालय

काय$म का नाम बी० एड० काय$म कोड BED- 17

पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5

इकाई लखक खड सया

इकाई सया

डॉ० राकश िसह डी-67 गट सampया 3 क समीप िदलशाद कालोनी नई िदली

1 4

सी सतोष यादव िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

1 5

सी रजनी िसह िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

2 1 व 3

ी मनोज कमार चािहल िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव$ालय नई िद+ली

2 2 व 5

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 8

4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 9

मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 10

मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 11

सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 12

जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

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विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 20

सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 21

दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

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54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

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इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

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आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

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अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 27

अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 28

वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 29

औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 30

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

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गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

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चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

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अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 35

57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 36

परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 37

3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

Feb

2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

Feb 2017 at 348pm

5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

Retrieved on 10th Feb 2017

11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes

12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 38

16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

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17 Mathew PD PM Bakshi (2009) Women and the Constitution Legal

Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

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18 NCERT (2013) Training Material For Teachers Educators On Gender

Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

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खणड 2

Block 2

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इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 41

लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 45

143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 46

उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 47

5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 48

दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 49

की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 50

पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 51

उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

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इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

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राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

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कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

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क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

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घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

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क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

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धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 59

उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 60

26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 61

यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 62

6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 66

b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

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सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

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उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

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11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 74

पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

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3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

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िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

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यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 82

सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

Page 3: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

BED IV- PE 5

जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

िशक िशा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय हानी

अययन बोड( िवशषamp सिमित ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर मह$मद िमया (बा िवशष)- सदय) पव$ अिध(ाता िशा सकाय

जािमया िमिampलया इ)लािमया व पव- कलपित मौलाना आजाद रा+ीय उद0

िविव$ालय हदराबाद

ोफसर एन० एन० पाडय (बा िवशष)- सदय) िवभागाampय( िशा िवभाग

एम० ज० पी० हलखampड िविव+ालय बरली

ोफसर क० बी० बधोरी (बा िवशष)- सदय) पव( अिधाता िश0ा सकाय

एच० एन० बी० गढ़वाल िविव(ालय ीनगर उराख1ड

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड

म िवampिवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा उ5राख6ड

म िवampिवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा एव सह-

समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िव2ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर िश3ाशा4

िवाशाखा एव सम+वयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िवालय

ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर सी० बी० शमा$ (बा िवशष)- सदय) अampय रा+ीय

म िवampालयी िशा सथान नोएडा

ोफसर पवन कमार शमा (बा िवशष)- सदय) अिध(ाता

िशा सकाय व सामािजक िवान सकाय अटल िबहारी बाजपयी िह7दी

िविव$ालय भोपाल

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा)

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा एव सह-समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म

िविव$ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर

िशाशा िवाशाखा एव सम-वयक बी० एड० काय$म उ(राखड

म िवampिवालय

िदशाबोध (ोफसर ज० क० जोशी पव$ िनदशक िश+ाशा- िवाशाखा उ1राख3ड म7 िव8िवालय हlt=ानी काय$म सम(वयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िविव$ालय हानी ननीताल उ+राखड

काय$म सह-समवयक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी ननीताल

उराखampड

पाठयampम सम)वयक ी बीरamp िसह रावत

िशा िवभाग क+ीय िशा स0थान िदली िविव(ालय नई िदली

पाठयampम सह समवयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उ(राख+ड

धान सampपादक डॉ० वीण कमार ितवारी

समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उराखampड

उप स$पादक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह()ानी ननीताल उराख2ड

िवषयवत स)पादक भाषा सपादक ाप सampपादक फ़ सशोधक ीमती मनीषा प)त

अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशampदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता

िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

साम$ी िनमा(ण ोफसर एच० पी० शल

िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड म4 िव5िव+ालय ोफसर आर० सी० िम

िनदशक एम० पी० डी० डी० उराखampड म िविव$ालय copy उराखampड म िवampिवालय 2017 ISBN-13-978-93-85740-88-6 थम सampकरण 2017 (पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5) सवा$िधकार सरित इस पतक क िकसी भी अश को ान क िकसी भी मा+यम म- योग करन स पव- उराख2ड म6 िव8िव9ालय स िलिखत अनमित लना आवgtयक ह इकाई लखन स सबिधत िकसी भी िववाद क िलए पण56पण लखक िज8मदार होगा िकसी भी िववाद का िनपटारा उराखampड उ(च यायालय ननीताल म2 होगा िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उ$राखampड म िव-िवालय 1ारा िनदशक एम० पी० डी० डी० क मायम स उ)राखड म िव2िव3ालय क िलए मि6त व 8कािशत काशक उराखampड म िव-िवालय मक उराखampड म िव-िवालय

काय$म का नाम बी० एड० काय$म कोड BED- 17

पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5

इकाई लखक खड सया

इकाई सया

डॉ० राकश िसह डी-67 गट सampया 3 क समीप िदलशाद कालोनी नई िदली

1 4

सी सतोष यादव िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

1 5

सी रजनी िसह िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

2 1 व 3

ी मनोज कमार चािहल िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव$ालय नई िद+ली

2 2 व 5

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 8

4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 9

मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 10

मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 11

सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 12

जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

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विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 20

सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

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दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

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54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

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इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 25

आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 26

अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 27

अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 28

वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 29

औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 30

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 31

गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 32

चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 33

अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 35

57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 36

परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 37

3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

Feb

2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

Feb 2017 at 348pm

5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

Retrieved on 10th Feb 2017

11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes

12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 38

16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

http1037128243atlasstate_profilehtml Retrieved on 11th Feb 2017 at

1208pm

17 Mathew PD PM Bakshi (2009) Women and the Constitution Legal

Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

Social Institue

18 NCERT (2013) Training Material For Teachers Educators On Gender

Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

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खणड 2

Block 2

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 40

इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 41

लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 45

143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 46

उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 47

5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 48

दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 49

की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 50

पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 51

उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 52

इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 53

राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 54

कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 55

क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 56

घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 57

क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 58

धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 59

उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 60

26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 61

यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 62

6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

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b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

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सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 72

11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 74

पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

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3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

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िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 81

यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 82

सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

Page 4: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

अययन बोड( िवशषamp सिमित ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर मह$मद िमया (बा िवशष)- सदय) पव$ अिध(ाता िशा सकाय

जािमया िमिampलया इ)लािमया व पव- कलपित मौलाना आजाद रा+ीय उद0

िविव$ालय हदराबाद

ोफसर एन० एन० पाडय (बा िवशष)- सदय) िवभागाampय( िशा िवभाग

एम० ज० पी० हलखampड िविव+ालय बरली

ोफसर क० बी० बधोरी (बा िवशष)- सदय) पव( अिधाता िश0ा सकाय

एच० एन० बी० गढ़वाल िविव(ालय ीनगर उराख1ड

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड

म िवampिवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा उ5राख6ड

म िवampिवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा

उराखampड म िव-िवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0 िव2ाशाखा एव सह-

समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िव2ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर िश3ाशा4

िवाशाखा एव सम+वयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म िव1िवालय

ोफसर एच० पी० शल (अय$- पदन) िनदशक िश(ाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर सी० बी० शमा$ (बा िवशष)- सदय) अampय रा+ीय

म िवampालयी िशा सथान नोएडा

ोफसर पवन कमार शमा (बा िवशष)- सदय) अिध(ाता

िशा सकाय व सामािजक िवान सकाय अटल िबहारी बाजपयी िह7दी

िविव$ालय भोपाल

ोफसर ज० क० जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा)

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

ोफसर रभा जोशी (िवशष आम)ी- सदय) िशाशा

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० िदनश कमार (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

डॉ० भावना पलिड़या (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा उ(राखड म िविवालय

सी ममता कमारी (सदय) सहायक (ोफसर िशाशा0

िवाशाखा एव सह-समवयक बी० एड० काय$म उ(राख+ड म

िविव$ालय

डॉ० वीण कमार ितवारी (सदय एव सयोजक) सहायक -ोफसर

िशाशा िवाशाखा एव सम-वयक बी० एड० काय$म उ(राखड

म िवampिवालय

िदशाबोध (ोफसर ज० क० जोशी पव$ िनदशक िश+ाशा- िवाशाखा उ1राख3ड म7 िव8िवालय हlt=ानी काय$म सम(वयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िविव$ालय हानी ननीताल उ+राखड

काय$म सह-समवयक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी ननीताल

उराखampड

पाठयampम सम)वयक ी बीरamp िसह रावत

िशा िवभाग क+ीय िशा स0थान िदली िविव(ालय नई िदली

पाठयampम सह समवयक डॉ० वीण कमार ितवारी समवयक िश)क िश)ा िवभाग िशाशा िवाशाखा

उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उ(राख+ड

धान सampपादक डॉ० वीण कमार ितवारी

समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह23ानी ननीताल उराखampड

उप स$पादक सी ममता कमारी

सह-समवयक िश)क िश)ा िवभाग िश)ाशा- िवाशाखा उराखampड म िव-िवालय ह()ानी ननीताल उराख2ड

िवषयवत स)पादक भाषा सपादक ाप सampपादक फ़ सशोधक ीमती मनीषा प)त

अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशampदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता

िशाशा िवाशाखा उराखड म िवampिवालय ह-ानी

ीमती मनीषा प)त अकादिमक परामशदाता िशाशा िवाशाखा उ(राखड म

िविव$ालय ह)ानी उराख1ड

साम$ी िनमा(ण ोफसर एच० पी० शल

िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उराख0ड म4 िव5िव+ालय ोफसर आर० सी० िम

िनदशक एम० पी० डी० डी० उराखampड म िविव$ालय copy उराखampड म िवampिवालय 2017 ISBN-13-978-93-85740-88-6 थम सampकरण 2017 (पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5) सवा$िधकार सरित इस पतक क िकसी भी अश को ान क िकसी भी मा+यम म- योग करन स पव- उराख2ड म6 िव8िव9ालय स िलिखत अनमित लना आवgtयक ह इकाई लखन स सबिधत िकसी भी िववाद क िलए पण56पण लखक िज8मदार होगा िकसी भी िववाद का िनपटारा उराखampड उ(च यायालय ननीताल म2 होगा िनदशक िशाशा) िव+ाशाखा उ$राखampड म िव-िवालय 1ारा िनदशक एम० पी० डी० डी० क मायम स उ)राखड म िव2िव3ालय क िलए मि6त व 8कािशत काशक उराखampड म िव-िवालय मक उराखampड म िव-िवालय

काय$म का नाम बी० एड० काय$म कोड BED- 17

पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5

इकाई लखक खड सया

इकाई सया

डॉ० राकश िसह डी-67 गट सampया 3 क समीप िदलशाद कालोनी नई िदली

1 4

सी सतोष यादव िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

1 5

सी रजनी िसह िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

2 1 व 3

ी मनोज कमार चािहल िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव$ालय नई िद+ली

2 2 व 5

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

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4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 9

मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 10

मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 11

सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

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जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

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विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 18

411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 19

इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

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सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

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दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

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54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

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इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 25

आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 26

अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 27

अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

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वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

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औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 30

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 31

गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 32

चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 33

अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

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57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

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परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

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3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

Feb

2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

Feb 2017 at 348pm

5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

Retrieved on 10th Feb 2017

11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes

12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

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16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

http1037128243atlasstate_profilehtml Retrieved on 11th Feb 2017 at

1208pm

17 Mathew PD PM Bakshi (2009) Women and the Constitution Legal

Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

Social Institue

18 NCERT (2013) Training Material For Teachers Educators On Gender

Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

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खणड 2

Block 2

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इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 46

उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 47

5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 48

दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 49

की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

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पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

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उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

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इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

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राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

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कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

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क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 56

घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 57

क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 58

धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

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उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

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26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

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यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

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6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

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b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

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सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 71

उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 72

11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 73

इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

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पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

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3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

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िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 80

सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 81

यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 82

सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

Page 5: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

काय$म का नाम बी० एड० काय$म कोड BED- 17

पाठयampम का नाम जडर िव(ालय तथा समाज पाठयampम कोड- BED IV- PE 5

इकाई लखक खड सया

इकाई सया

डॉ० राकश िसह डी-67 गट सampया 3 क समीप िदलशाद कालोनी नई िदली

1 4

सी सतोष यादव िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

1 5

सी रजनी िसह िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव(ालय नई िदली

2 1 व 3

ी मनोज कमार चािहल िशा िवभाग क$ीय िश)ा स-थान िदली िविव$ालय नई िद+ली

2 2 व 5

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

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4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

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मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 10

मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 11

सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 12

जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

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विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 20

सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 21

दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

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54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

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इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 25

आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 27

अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 28

वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 29

औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 30

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

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गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 32

चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 33

अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 35

57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 36

परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 37

3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

Feb

2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

Feb 2017 at 348pm

5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

Retrieved on 10th Feb 2017

11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes

12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

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16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

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17 Mathew PD PM Bakshi (2009) Women and the Constitution Legal

Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

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18 NCERT (2013) Training Material For Teachers Educators On Gender

Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

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खणड 2

Block 2

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इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 41

लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

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143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 48

दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 49

की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 50

पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 51

उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

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इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 53

राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

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कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

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क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

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घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

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क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 58

धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 59

उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 60

26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 61

यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 62

6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 66

b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

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सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

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उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

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11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 73

इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 74

पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

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3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

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िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

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यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 82

सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

Page 6: Gender, School and Society - UOU · 2018. 6. 2. · BED IV- PE 5 जेडर, िव(ालय तथा समाज Gender, School and Society िश#क िश#ा िवभाग,

BED IV- PE 5 जडर िव(ालय तथा समाज Gender School and Society

खड 1 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 इकाई एक - 2 इकाई दो - 3 इकाई तीन - 4 वत$ता पव) और वतता प-ात भारतीय मिहला आ$दोलन 2-18

5 समकालीन प)र+य समाज म याamp जडर आधारत भदभाव का सामना लड़िकय8 व मिहलाओ क) िश+ा और उनका सवा2गीण िवकास

19-38

खड 2 इकाई स० इकाई का नाम प स०

1 भारत मamp प(रवार यवथा क सदभ म0 ज0डर अिमता और समाजीकरण क रीितया 40-51

2 िशा म जडर सरोकार 52-62

3 पाठयम म िनिहत जडर सampब(धी म- 63-72

4 इकाई चार - 5 यौन उपीड़न क िनवारण हत कानन एव पहल 73-84

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 1

खणड 1

Block 1

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 2

इकाई 4- सवतनतरता पवव और सवतरता पशचात भारतीय महिला आनतदोलन

41 परसतािना

42 उददशय

43 सितनतरता पिव मविला आनतदोलन

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनतदोलन

44 सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषय

441 विकषा म िागीदारी

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

443वनजी काननो म सिार

45 राषटरीय सितरता आनतदोलन म मविलाए

46 शरम आनतदोलन म मविलाए

47 सितनतरता उपरानतत का मविला आनतदोलन

471 वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारी

472 परतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा िागीदारी

473 आवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन

474 उपिोकता क वित म आिाज

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

48 साराि

49 अभयास परशनो क उततर

410 सनतदिव गरनतथ सची

411 वनबिातमक परशन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 3

41 परस ताव ना िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा ि परतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो

का सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि ििी सब यिाा िी वदखाई दता ि सतता का

अपना एक वििष चररर िोता ि वजसम अपन अविकार का सिजता स बटिार को लकर नकारिादी

दवि रिती ि िारतीय लोकतर म िी कमोिि ििी वसथवतया वदखाई दती ि तिी तो आिी आबादी 33

परवतित की विससदारी तक िी निी पि ाच पाई इवतिास दख तो मलतः 49 िी िताबदी म सगवठत

िारतीय मविला आनतदोलन की जड़ परष सिारिावदयो क कायव म दखन को वमलती ि वजसक अतगवत

परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत आवद रिा इसम

विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न मितिपरव िवमका

वनिाई इस िवमका को आनतदोलनो पर-पवरकाओ और सामावजक चतना की सिायता स वनिाया

गया इसक साथ िी सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी

दशमन और िासन स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सरल था अपनो स अपन अविकार मागना

िीख मागन िाली सी अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकयावकनतत

य राि कतई आसान निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए

वकनतत िकीकत क सतर म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का

उपिोग और उपयोग इतना सरल निी िोता गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी

वदखाई वदया तिागा आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर

की जड म मविलाओ तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी

वदखाई दी

42 उदद शय 1 िारतीय मविला आनतदोलन क इवतिास की समझ विकवसत करना

2 मविला आनतदोलन की सीमाओ म परष सिारिावदयो दवारा वकय कायव की आिारित सरचना

समझना

3 सिरत रप स मविलाओ दवारा वकय जान िाल कायव और आदोलनो का मविला अविकारो की

वसथवत पर परिाि जाचना

4 लवगक समझ को वियातमक रप स समझना 5 लवगक समानता क रासत म आन िाली बािाओ और सीमाओ को जानना

6 िारतीय समाज क पररपकषय म मविला आनतदोलन को लकर एक दवि बनान म सिायता करना

7 सकल सतर पर या विकषा क पररपकषय म लवगक समानता की जड़ो को समाज की गवतविवियो म दखन की दवि दना

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 4

8 लवगक समझ को इवतिास क िम म वयापक आिार परदान करना

43 सव तनतर त ा प वव महिल ा आ नतदोल न परमपराओ और िमव की गलत वयाखया की आड़ म िारत क परष-सततातमक समाज म कई परकार की

करीवतयाा म फली ि ए थी वजसक आिार पर िोषर करन का अविकार पाए समाज िाली वसथवतया िी

िारतीय समाज की कई बार दखन को वमलती ि मविला िोन का अथव िी दोयम दज की वजदगी जीना

िोता था समान अविकार तो छोवडय अपन िी जीिन क अविकार की सोचना िी ककतय समान था ऐस

म राजा राम मोिन रॉय परमख सिारक बन कर उिर वजनतिोन इस वसथवत क विरदध आिाज़ उठाई रॉय

न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा िादी तथा परषिादी सोच

िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी परथा का विरोि करन क साथ

मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म सती-परथा को समापत करन क

वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

इसी क समातर ईशवरचि विदयासागर न विििा पनविविाि क वलए अवियान चलाया इन अवियानो का

असर यि ि आ वक सतरी िी सामावजक-राजनवतक वचनततन क मधय म आ गई आज क विसाब स यि बात

चाि वकतनी कम मायन रखती िो लवकन इन बातो न िी िि मवजल तयार करन म मदद की वजसक

आिार पर 49 िी िताबदी खतम िोत-िोत मविलाओ न अपन सगठनो क वनमावर पर गौर करना िर कर

वदया था यि परारि म सथानीय तथा वफर राषटरीय सिरप म वदखाई वदया

सितनतर पिव िारतीय मविला आनतदोलन की वििषताओ को समझन क वलए उसक चररर को समझना

िोगा वजसस उसका सिी सिरप अपन समपरव पररपरकषय म सामन आ सक निी तो आज क सनतदिव म

समझन और जानन का परयास उसक बवनयादी चररर तक पि चन स रोक सकता ि वजस आग समझन का

परयास वकया जाएगा

431 परषो दवारा सचावलत मविला अविकारो िाल सगठन

सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता पिव

िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी वजनम बरहम समाज क परमख िसताकषर

किब चनति सन(बगाल)का नाम आता ि 4832 म बरहम समाज की सथापना ि ई वजसन इस वदिा म मील

क पतथर का काम वकया बरहम समाज न वनमन बातो पर बल वदया

मविला-पवरका का परकािन

मविला पराथवना सिा का गठन

मविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकास

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 5

अतजावतीय वििाि का समथवन

बरहम समाज का कायव उललखनीय इस दवि स था वक उसन अपन विचारो म ऐस कायविम को पराथवमकता

दी वजसस मविला िगव म अपन िोन की चतना अथावत अवसतति को लकर चतना आ सक और विचार

सतर पर मविला अविवयवकत फलाि पा सक जस मविला-पवरका क परकािन स लखन क रप म एक

सिकत तथा जन माधयम की सिीकारोवकत क साथ साथ समाज क एक िगव को अपनी अविवयवकत क वलए

रासता सझाया ििी दसरी तरफ अपन सि म झााकन तथा समाज क सम-समसामवयक मददो स जोड़न की

पिल की

समाज स जड़न क वलए पराथवना क माधयम स एक िगव स जड़ना िी इसका उददशय था इसी तरि मविला

कवनतित कायविमो का िी वयापक उददशय अततः विकषा की उपयोवगता का विसतार िी था मलतः सिी

कायविमो का उददशय मविलाओ को घर क अवतररकत अपन आप अवसतति क रप म घर स बािर एक बड़

समाज स जोड़ कर दखना िी रिा

अतजावतीय वििाि का समथवन इस रप म अनोखा था वक इसन जावत तथा िगो म बट इस समाज को एक

दसर स जड़न को परररत वकया िदो की दवनया म एकाकार की िािना जो अततः समानता की और जाती

ि इसी स आग जाकर लवगक समानता का रासता जड़ता ि

इसी तरि पराथवना समाज वजसकी नीि 4867 म रखी गई थी न मिाराषटर और गजरात म बरहम समाज की

िावत लगिग समान तरीक और उददशयो क वलए कायव वकया मािि गोविनतद रानाडनारायर गरि

चदािरकर और आरजी िडारकर आवद पराथवना समाज क माधयम स सतरी सितरता का समथवन करत थ

इस समाज स जड़ वचतको न अनतय बातो क अलािा वनमन बातो पर िी बल वदया

बाल वििाि वनषि

विििा पनविविाि

मविला विकषा

बाल वििाि एक ऐसी करीवत थीि वजसक मल म सतरी िोषर क सार बीज विदयमान ि बाल-वििाि क

कारर पढन-वलखन-खलन की अबोि उमर म वििाि कर उस िारीररक कि स गजरना पड़ता था कम उमर

म बचची को गिव- िारर करन को बाधय कर वदया जाता थावजसक कारर उनम स अविकतर अपन

परसि काल म िी इस लोक स विदा िो जाती थी अपन बार म सोचना और आग बढन का तो परशन िी

निी उठता अब इस करीवत म तो कमी आई ि वकनतत यवद िम उस समय की बात सोच तो पता चलगा

वक वकस तरि का विरोि समाज सिको को इस करीवत क विरोि करन पर झलना पड़ा वकन वकन तको

स यि वसदध करन का परयास वकया गया वक सतरी का कम उमर म कनतया दान कयो जररी ि मविलाओ क

जीन क अविकार म बाल-वििाि वनषि न बि त मितिपरव िवमका वनिाई

विििा-वििाि का समथवन समाज म वििाि और तथाकवथत पविरता की सोच पर एक परिार था परष तो

बि -पतनी रख सकता था वकनतत सतरी जनतम-जनतम क वलए वसफव एक िी वयवकत स बि कर रिन क वलए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 6

मजबर थी समाज म विििाओ को बि त िीनता स दखा जाता था सती-परथा वनषि क साथ जररी था

वक विििा पनविविाि की िी बात सोची जाए ऐस म विििा पनविविाि कई अथो म दरगामी वसदध ि आ

वजसन समाज म सतरी-परष क ररशत पर पनविवचार करन की ओर कदम बढ़ाया

यवद दखा जाय तो परष सिारिादी आनतदोलनकाररयो न मितिपरव काम वकया वजसकी बवनयाद पर आग

चलकर मविला आनतदोलन खड़ा िो सका एक दवििा िी परष सिारिावदयो म वदखाई दती ि

अविकतर सतरी की पराथवमकता म घर को क ि म रख कर सोचत वदखाई दत ि

432 मविलाओ दवारा सचावलत मविला आनदोलन

49 िी िताबदी क अत म कछ उचच तथा नामी (कछ सभात िबद का परयोग िी करत ि ) पररिार की

मविलाओ दवारा परारमि म मविला विषयक जागवत सगठन सचावलत वकए गए इनम स एक रविनतिनाथ

टगोर की बिन सिनावकमारी दिी दवारा 4882 ई0 म सतरी सोसाइटी का गठन उललखनीय िरआत किी जा

सकती ि वजसन कछ मिततिपरव वसतरयो स समबवनतित विषयो को छआजस

विििाओ तथा गरीब मविलाओ क आवथवक सिाबलबन क वलए विकषा तथा कौिल का

विकास

मविला कवनतित पवरका lsquoिारतीrsquo का परकािन

इसक कछ समय बाद िी रमाबाई सरसिती न आयव मविला समाज की पर म सथापना की िारत मविला

पररषद का बनना िी एक अचछा कदम वसदध ि आ वजसक क ि म ndash

बाल वििाि

विििाओ की वसथवत

दिज़ जसी करीवतयाा आवद थ

4940 म सरला दिी चौिरानी (धयातवय रि य सिनावकमारी दिी की परी थी) न िारत सतरी मडल नाम स

सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो

और मविलाओ की िागीदारी को सिी मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय

सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक

करना था( see BangalJC4964rdquoSarala Devi ChaudhuranirdquoSahitya Sadhak

Charitmalano99Bangiya Sahityya Parishad Calcutta) सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 7

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन का

पकषिर था इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत

वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

4 4 स व तर ता पवव महिल ा आ नतदोल नो दवार ा उ ठ ाए गए हव हिनन हव षय सितरता पिव मविला आनतदोलनो दवारा उठाए गए विविनतन विषयो पर विचार एि विसतत विशलषर करन पर

कई तरि क मदद िारतीय मविला आनतदोलन क बीच वदखाई दत ि बड़ी सखया म राजनीवतक ि

सामावजक िागीदारी क वलए छटपटािट क अलािा ितवमान िवकषक वसथवत क परवत असतोष तथा

बराबरी क अविकार को पान की िािना उसक मल म रिी मविलाओ की िासतविक िागीदारी 4920 क

बाद सितरता आनतदोलनरड यवनयन आनतदोलन जावत विरोिी आनतदोलन नारी-मवकत आनतदोलन क रप

म वदखाई दती ि वजस विविनतन आनतदोलनो और सगठनो क माधयम स अविवयवकत वमली समगर रप स

समझन क वलए िम सितरता पिव क मविला आनतदोलन को अगरवलवखत िीषवको म सरलता स समझ

सकत ि

विकषा म िागीदारी

राजनवतक एि सामावजक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

441 विकषा म भागीदारी

मलतः सितरता स पिव क मविला आनतदोलनो का धयय मविलाओ को विवकषत करना था चाि घर की

चारदीिारी क अदर िो या बािर चाि राजा राम मोिन रॉय ईशवरचि विदयासागर किब चनति सन मािि

गोविनतद रानाडनारायर गरि चदािरकर और आरजीिडारकर आवद परष समाज सिारक िो या

सिनावकमारी दिी सरला दिी चौिरानी रमाबाई सरसिती आवद जस सतरी समाज सिारक िो सिी न

बाकी मददो क साथ और सबस पिल सतरी-विकषा पर अविक बल वदया मविलाओ क अविकारो पर तमाम

दवििाओ क बािजद अविकतर सितरता सनानी तथा समाज सिारक सतरी विकषा क पकषिर थ विकषा म

िागीदारी को पढन-वलखन की सीमाओ स आग बढ़ कर पवरकाओ क माधयम स अपन को अविवयकत

करन पर रिा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 8

4887 क िारतीय राषटरीय कागरसक तीसर राषटरीय अविििन म िी मविलाओ क िवकषक मददो पर बात

रखी गई िारत मविला पररषद (4905) क गठन न मविलाओ को सगठन बनान और उसक परबिन की

वयिािाररक विकषा की वदिा म एक कदम बढ़ाया इस तरि क अनिि न समाज की िर िगव की

मविलाओ को सगठन वनमावर और उसस जड़न की विकषा दी वजसन विनतद मवसलम वसख पारसी आवद

िगो की मविलाओ को समाज म अपनी वसथवत क बार म आग बढ़ कर अपन विचार वयकत करन का

सािस िी वदया

सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम अगररी रप

म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत आनतदोलन की

पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस वकया उनक

पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि आवद

करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

डॉ िोड़ो किि कि( मिवषव कि) न मविलाओ की विकषा और कलयार क कषर म मितिपरव काम वकया

4896 म एक lsquoविनतद विििा िोम एसोवसएिनrsquo की सथापना क साथ 4907 म मविला विदयालय की

िरआत िी की 4946 म पर म मविलाओ का पिला विशवविदयालय सथावपत वकया 4947-48 क

दौरान पराथवमक सकल विकषक और लडवकयो क वलए रवनग कॉलज की िरआत की मिातमा फल की

तरि कि जी का योगदान मविला आनतदोलन म मविलाओ की िवकषक िागीदारी की इचछा और सपन को

बल और पख दोनो दता ि

मविला आनतदोलन क िरआती चरर म अनतय परष सिारिावदयो न मविला विकषा क मिति को समझा

वजनम सिामी वििकाननतद जी रामकषटर वमिन न िारत म विकषा की योजना म मविलाओ की िागीदारी

की िकालत की इसी तरि बदरददीन तयबजी सयद इमाम वजनतिोन जनाना मदरस की सथापना पर जोर

वदया तथा जनाब िदरी सािब का नाम उललखनीय ि गािी जी का नाम मविला विकषा क सनतदिव म लना

मार औपचाररकता िोगा गािीजी सतरी-विकषा क पकक समथवक थ वजसका पररराम यि रिा वक lsquoऑल

इवणडया िीमन काफर सrsquo स बड़ी सखया म मविलाए जड़ी

िवकषक- िागीदारी का पररराम यि वनकला वक आग क मविला आनतदोलन म िवकषक गमिीरता िी

वयापक सतर पर झलकी वजसकी दन क रप म समाज को मिान वििवतयाा वमली जस- सविरी बाई

फलसरला दिी चौिरानी ताराबाई विदपवडता रमाबाईराजकमारी अमत कौरसचता कपलानी वससटर

वनिवदता मथलकषमी रडडी सिीला नायर अररा आसफ अली विजय लकषमी पवडत सरोजनी नायड

सिरव कमारी घोषालकमला निर रोकया सखाित ि सनदीदी सबबलकषमी कमला दिीआवद

442 राजनवतक एि सामावजक अविकार और विससदारी

जब लाडव एडविन मोटागएसवचि सटट ऑफ़ इवडया िारत आए और सििावनक सिारो क वलए लाडव

चलमसफोडव न राजनवतक सि वकया उस समय िारतीय मविलाओ क वलए अपन राजनवतक अविकार

पान का अचछा अिसर था 4947 म lsquoिीमन इवडयन एसोवसएिनrsquo की नीि रखी गई इस तरि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 9

मविलाओ का नतति अपनी राजनवतक आजादी क वलए खड़ा ि आ इसका नतति वकया तीन आयररस

मविलाओ न- एनी बसट मागवरट कोउवसस और डोरोथी वजनाराजदासा उनक साथ मालती

पटििवनअमम सिामीनाथनशरीमती ददािोय और शरीमती अमबजममल आवद िारतीय मविलाए िी थी

राजनवतक बराबरी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता िवकनतत यि िी वबना

सघषव क निी वमला पर दि स २३ मविलाओ न इसक वलए जञापन मोतागए और चलमसफोडव को वदया

वजसम उनतिोन मविलाओ की िागीदारी क वबना कायवपावलका को अिरा बताया मविलाओ क

परवतवनविमडल न सरोजनी नायड क नतति म जोरदार तरीक स अपनी बात रखी इसक वलए पर दि म

मविला सगठनो न समथवन वदखान क वलए परमखता स जोरदार सिाए रखी यदयवप साउथबोरोघ कमटी

(4948) न किा था वक अिी िारतीय मविलाए इसक वलए तयार निी ि सरोजनी नायड और एनी बसट

दोनो न मविलाओ का पकष सयकत ससदीय सवमवत क समकष रखन क वलए इगलड गई अततः lsquoसयकत

ससदीय सवमवतrsquo लवगक िद को वमटान क वलए तयार िो गई वकनतत उनतिोन इस लाग करन का वनरवय

परातीय वििानसिाओ पर छोड़ वदया इस वदिा म रािनतकोर-कोचीन परातीय राजय न पिल कर सबस

पिल 4920 म मविलाओ को िोट का अविकार वदया यदयवप इस अविकार को सीमाओ क साथ

विविनतन राजयो न दना िर वकया

4928 म lsquoसाइमन कमीिनrsquo क समकष वदए अपन साकषय म डॉ अमबडकर न वबना िद-िाि क वयसक

मताविकार को जोरदार तरीक स रखा इसी िम म 4942 म गिनवर जनरल की कायवकारररी म शरम सदसय

वनयकत िोन पर पिली बार मविलाओ क परसवत अिकाि की वयिसथा की गई

राजनवतक अविकार को उपयोग करन की वदिा म मिास वििानसिा कौवसल क चनाि को माना जा

सकता ि वजसम मगलोर स कमलादिी चटटोपाधयाय खड़ी ि ई और बि त कम अतराल स िि परावजत

ि ई इसन एक नई राजनवतक ऊजाव का सचार राजनवतक बराबरी क वलए वकया मिास सरकार न डॉ

मथलकषमी रडडी को वििान सिा कौवसल म मविलाओ क पकष क वलए नामावकत वकया मविलाओ को

राजनवतक बराबरी क अविकार क वलए लमबा इतज़ार करना पड़ा वजसकी पररवरवत आज़ाद विनतदसतान

म सिी को समान राजनवतक मताविकार क रप म िो पाई

443 वनजी काननो म सिार

4927 म lsquoअवखल िारतीय मविला सममलनrsquo पर म ि आ वजसम बावलकाओ की विकषा पर िी चचाव ि ई

इस चचाव स यि तथय वनकल कर सामन आया वक लडवकयाा बि त स काररो स विदयालय निी जा पाती

वजसम बाल वििाि पदाव परथा सामवजक परथाए मल रप स िावमल ि अवखल िारतीय मविला

सममलन म वनजी काननो म बदलाि की बात उठी यदयवप ििाा िी समान नागररक कानन को लकर कछ

विरोि वसथवत रिी लगातार मविलाओ क दिाब क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी

क बाद पास ि आ वनजी काननो क कारर िी मविलाओ की वसथवत परिावित िोती ि वजस समझ

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 10

मविला सगठनो न कई बार आनतदोलन वकय वकनतत सफलता अिी िी परी तरि निी वमली इसवलए इस

वदिा म सघषव िी जारी ि

4 5 राषट रीय स व तर ता आ नतदोल न म म हि लाए बगाल म 4905-44 तक lsquoसिदिी आनतदोलनrsquo और lsquoिोम रल आनतदोलनrsquo म मविलाओ न सविय

िागीदारी वदखाई गाािी जी क राजनवतक पररदशय म आत िी मविलाओ की िागीदारी सपि बढती

वदखाई दती ि िारतीय कागरस क 4930 क कराची अविििन म पाररत विियक पास ि आ वजसन

मविलाओ क समान अिसर की वदिा म एक कदम और बढ़ाया माचव 4930 म 240 मील की डाडी

यारा म मविलाओ की िागीदारी न दि म मविलाओ को अचछी राजनवतक पिचान वदलिान म मदद की

यि पिचान lsquoसविनय अिजञा आनतदोलनrsquo क दसर चरर म और अविक समबल ि ईजब अगरज सरकार

दवारा की गई सामानो की नीलामी का मविलाओ न बविषटकार वदया4930 क बाद का समय मविलाओ

राजनवतक पिचान की वदिा मितिपरव वसदध ि आ 4930 मविलाओ न पवलवसया दमन सि वजसम

4930 म मबई म चनाि-क ि पर चनाि क विरदध िरन म बठी 400 मविलाओ की एक साथ वगरफतारी

परमख ि राजनवतक विकषा और नतति को आग बढान की दवि स इसम विचारपरक सगठनो का वनमावर

िी िावमल ि

मविलाओ न अनक सगठनो का वनमावर वकया जस नारी सतयागरि सवमवतमविला राषटरीय सघ दि

सविका सघसतरी सिराज सघ सिय सविका आवद इन सगठनो क वनमावर न मविलाओ म राजनवतक

इचछा-िवकत तथा अपनी मागो को मनमान की ररनीवत क वनमावर को परोतसावित वकया वजसन मविलाओ

को सगठन वनमावर क साथ जलस िरन परदिवन और समय आन पर वगरफतारी क वलए िी तयार रिन की

इचछा िवकत परदान की 4939 म राजनवतक कवदयो की ररिाई क वलए आनतदोलन म मविलाओ न सविय

िवमका वनिाई वजसम िवमगत िामपथी दल की मविला सदसय सविय रिी इसी िम म 4942 क

ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा क राजनवतक

उपवसथवत िी दज़व करिाई

4 6 शर म आ नतदोल न म म हिल ाए 4947 म अनसया सारािाई न अिमदाबाद टकसटाइल कमवचाररयो की िडताल का नतति वकया 4920

म मजर मिाजन नामक यवनयन का गठन वकया आज़ादी स पिव कई मजदर यवनयनो म मविलाओ की

अगररी िागीदारी धयान योगय ि कई मविला मजदर नता इस बीच उिरी वजसम मवरबनउषाबाई दग

पारिती िोर जस नाम परमख ि इन सब मविलाओ न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन

सािस आग बढ़ कर वनरवय लना मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता

को खतम करन का काम वकया

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 11

सितरता स पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि

वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर आन का परयास वकया पिली बार िारतीय चतना म

मविलाओ क अविकार तथा बराबरी जस परशन आए सवदयो स चली आई परथाए िी तकव और बराबरी

की माग करन लगी सबस अचछी बात य ि ई की इस परथम लिर का आिार बनान म परष समाज

सिारक िी पीछ निी थ वकनतत असली बात मविलाओ दवारा इस आनतदोलन को गवत दन स आई

47 स व तनतर ता उ प रा नतत का महिल ा आ नतदोलन सितर िारत म अलग तरि की समसयाए मविला आनतदोलन को झलनी पड़ी विदिी दशमन और िासन

स लड़ना िािनातमक दवि स अविक सिज था अपनो स अपन अविकार मागना िीख मागन िाली सी

अनिवत लकर आया वजसन मविलाओ को नवतक रप स सिकत तो वकया वकनतत य राि कतई आसान

निी िोन िाली थी आजाद िारत न वबना िद क सिी को समान अविकार वदए वकनतत िकीकत क सतर

म य वसथवत उतनी समान निी रिी परष सततातमक समाज म अपनी समानता का उपिोग और उपयोग

इतना सरल निी था गरीब तथा मजदर मविलाओ की वसथवत म कोई सिार निी वदखाई वदया तिागा

आनतदोलन तलगाना आनतदोलन (आधरपरदि) नकसली आनतदोलन क िरआती दौर की जड म मविलाओ

तथा गरीबो का यि कषरीय असतोष िी था वजसम मविलाओ की सविय िागीदारी वदखाई दती ि

सितरता क पशचात क मविला आनतदोलन को आग विविनतन िीषवको म समझन का परयास वकया जाएगा

471 वनराायक पदो सतता पर वनराायक भागीदारी

िारत म राजनवतक मविला नतति उतसािििवक निी किा जा सकता अररा आसफ अली का वदलली म

4958 म परथम मिापौर चना जाना िी उललखनीय राजनवतक घटनािम ि जो सितर रप स राजनवतक

वनरवय लन की और बढ़ता कदम माना जाना चाविएइवदरा गाािी क परिानमनतरी बनन क बाद िी राजनीवत

म मविलाओ क वलए सघषव अिी कम निी ि आ ि इसका परमख कारर वपतसततातमक समाज का िोना

ि 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल वकया

गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी विजयलकषमी

पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज रसलसरोजनी नायड

बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

4975 म िारत म मविलाओ की वसथवत सवमवत ररपोटव(CSWI) क परकािन क साथ िी पचायती

वनकायो म मविलायो क आरकषर की माग उठन लगी पररराम सिरप ससद न 4992 म जाकर 73ि

सवििान सिोिन अविवनयम दवारा पचायत वनकायो म मविलाओ को 43 सीट आरवकषत करन का

पराििान वकया 4992 का िी 74 िा सवििान सिोिन अविवनयम नगरपावलका कषर म ििाा की कल

जनसखया क अनपात म अनसवचत जावतयो और अनसवचत जनजावतयो क वलए सथान आरवकषत करता

ि यि कल सीटो म स 43 सथान मविलाओ वजनक अतगवत अनसवचत जावतयो और अनसवचत

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 12

जनजावतयो की मविलाओ क वलए आरवकषत सथानो की सखया सवममवलत ि-क वलए आरवकषत करता ि

राजनवतक दवि स मविलाओ की सितनतरता परव उड़ान और उनक बराबरी क आनतदोलन क वलए य दोनो

सवििान सिोिन बि त माइन रखत ि

अतर ससदीय यवनयन की ररपोटव 2043 क अनसार 488 दिो म स िारत का 408 िा सथान ि इतन

सघषव क बािजद पावटवयो म उवचत परवतवनविति निी वमल पान क कारर 2044 म जाकर ररकॉडव

64मविला सासद चनी गई य कल का मार 4423 परवतित िी रिा मविलाओ की राजनवतक राि को

सिी वदिा दन क अिी 9 माचव 2040 को राजयसिा दवारा पाररत विियक को लोकसिा स मजरी वमलनी

जररी ि वजसक बाद िारत म लोकसिा और राजय वििान सिाओ म मविलाओ को 33 परवतित

आरकषर दना अवनिायव िो जायगा दि की आिी आबादी क 33 परवतित नाकाफी ि वफर िी यि

ितवमान दयनीय वसथवत को सकारातमक बनान क वलए उपयोगी िोगाइस वदिा म मविलाओ को अिी

सघषव करना जररी ि

472 परतयक सामावजकआवथाक एि राजनवतक सतर पर बराबरी तथा भागीदारी

आजादी क पिव कई समावजकआवथवक एि राजनवतक आदोलनो म मविलाओ की सविय िागीदारी रिी

इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद वमला दि आजादी क कछ समय बाद िी िदान

आनतदोलन अपना वयापक परिाि वदखाता ि 4950 म िर ि ए िदान आनतदोलन म मविलाओ की

सविय परिसनीय रिीवजसन समावजक रप स अपन को सविय करन की परररा एि ताकत दी

विविनतन आनतदोलन म सवियता एि नतति मविलाओ की सामावजक चतना का परतीक क रप म वचपको

आनतदोलन मील का पतथर सावबत ि आ इस आनतदोलन न परी दवनया को एक नई राि वदखाई चमोली

वजल क गोपशवर कसब स िर इस आनतदोलन म गाि की मविलाय पड़ो को बचान क वलए उनस वचपक

गई इस तरि मविलाओ न पयाविरर को लकर िवशवक जागरकता पदा की इस आनतदोलन स मविला

सिवकतकरर को नई ताक़त और ऊा चाई वमली4972-4973 म अपन सिरप म आए इस आनतदोलन म

गौरा दिी को परमख पिचान वमली वजसन मविला नतति को बि त बल वदया

इला िटट 4972 म lsquoसिाrsquo सगठन की ससथापक ि मविलाओ क परव रोजगार और आवथवक

आतमवनिवरता क लकषयो क परवत समवपवत सशरी िटट को कई राषटरीय तथा अतरावषटरीय सममानो स सममावनत

वकया गया इला िटट न सिकाररता शरम और मविलाओ क विततीय आनतदोलन को परोतसािन वकया ि

इसी तरि िारतीय लोकतावनतरक मविला सगठन (एडिा) मविला विषयक मददो क परवत समवपवत सगठन ि

यि सगठन मविलाओ की समानतालोकतर म उवचत सथान तथा िर सतर पर िोन िाल िोषर क विरदध

आिाज़ बलद करता ि 4984 म राषटरीय सिरप वलए यि सगठन लगिग सिी राजयो म मविलाओ क

मददो पर सविय ि

सामवजक पिचान क रप म नमवदा आनतदोलन न मिा पाटकर को नई पिचान दी 4985 म िर

मविलाओ दवारा चलाय इस आनतदोलन न परी दवनया को वदखा वदया वक वकस तरि स एक गिीर

सामावजक पयाविरर और विसथापन स जड़ गमिीर मदद को आिाज़ दी तथा परी दवनया का धयान

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 13

विकास की िकवलपक अििाररा की और खीचा मिा पाटकर क किल नतति म नमवदा नदी क वकनार

सरदार सरोिर क विरदध आवदिासी-जनजातीय लोगवकसान सामवजक सरकषरिादी मानि अविकार क

परवत समवपवत कायवकताव सविय ि ए मविला नतति की िािना क विकास की दवि स यि एक सफल

आनतदोलन रिा वजसन अनतय मविलाओ को नतति की नई राि वदखाई

मविला नतति की दवि स एक अनतय गािीिादी विचारिारा स परिावित नाम वनमवला दि पाड का ि

उनतिोन अवखल िारत रचनातमक समाज अवखल िारतीय िररजन सिक सघ आवद सगठनो क वलए

मितिपरव कायव वकया वनमवला दिपाड जी का जीिन िवचतोआवदिावसयो और मविलाओ क विकास क

वलए समवपवत रिा 4980 क दिक क आसपास आतक स गरसत पजाब और जमम-कशमीर म बड़ पमान म

लडवकयो और मविलाओ को िावनतत सथापना क वलए परररत वकया 2006 म वनमवला दि पाड जी क

इनतिी परयासो क कारर िारत सरकार न पदम वििषर परसकार स सममावनत वकया गया

मविला नतति की दवि स समपत पाल क गलाबी गग का नाम िी वलया जा सकता ि 4980 म समपत

पाल तथा उनकी अनतय सियोवगनी मविलाओ न मविलाओ क परवत उनक पवतयो दवारा वकय जा रि िोषर

और दवयवििार क विरदध एक सगवठत परयास परारमि वकया अपनी अलग पिचान क वलए इस सगठन स

जडी मविलाए गलाबी रग की साड़ी पिनती ि मविलाओ म आतमबल बढ़ान क वलए इस समि स जडी

मविलाओ न लाठी चलान का परविकषर वलया और अनतय मविलाओ को िी उसक वलए तयार वकया इस

सगठन का परिाि वििष रप स बदलखड क कषरो म फला ि आ ि

473 आवथाक िोषर क विरदध आनदोलन

आजादी क पिव िी आवथवक िोषर म मविलाओ की सविय िागीदारी की नीि पड़ चकी थी जो

आजादी क बाद िी लगातार जारी वदखाई दती ि आजादी क तरत बाद 4948 म सिराजयमअखला

कमला दिी परवमला इलामा आवद मविलाओ की सविय िागीदारी न तलगाना म मविलाओ न

जमीदारीमिाजनो और मार-पीट क िोषर का विरोि वकया इस आनतदोलन क पररराम-सिरप आधर

यिती मडल आधर मविला सिा मविला सघम जस मविलािादी सगठन सामन आए

अिमदाबाद म मविला कामगार यवनयन ( SEWA)का गठन इला िटट जीक दवारा 4972 ि आ यि

सगठन असगवठत कषर म गरीब मविला कामगारो की बितरी क वलए काम करन की परवतबदधता को

दिावता ि सिा मविलाओ को परविकषर तथा तकनीकी सिायता परदान करती ि इस सगठन का आिार

गािीिादी ि

474 उपभोकता क वित म आिाज

मविला नतति क सनतदिव म िी 4973 म मबई म मराल गोर और अिलया रगनकर दवारा कीमत बढ़ान को

लकर सघषव वकया वजसम मविलाओ की बढती मिगाई क मदद पर जागरक वकया गया इस आनतदोलन

न उपिोकता अविकारो को लकर जन आनतदोलन का रप िारर वकया इस आनतदोलन न सघषव क तरीक

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को नया रप वदया िजारो मविलाए िाथ स थाली पीटती ि ई बढ़ती मिगाई और कीमतो क वखलाफ खड़ी

ि ई इसन मविलाओ म अपन अविकारो क सघषव को लकर अवतररकत सजगता िरी इसी तरि गजरात म

नि वनमावर आनतदोलन म मविलाओ की सविय िागीदारी बढ़ती राजनवतक किलता का सचक ि

4970 म मविलाओ न मिाराषटर म मलयिवि क विरदध lsquoयनाइटड विमस एटी पराइस राइज फरटrsquo की

सथापना की 4973 म मबई म मराल गौरसमाजिादी पाटी और अविलया रगनकरसीपीआई(एम) न

मविला उपिोकताओ क वलए जन विकषर आनतदोलन क दवारा वकया

475 सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटता

िराबबदी क विरदध 4972-73 का मविला आनतदोलन उललखनीय िवजसम उनतिोन इसस घरल विसा को

जोड़ा िराब मावफया क विरदध उततराखड वबिार और गजरात म मविलाओ क एकजटता न अपना असर

वदखाया वबिार म िराबबदी क पकष म एकजटता क कारर 2046 म परव िराब बदी लग ि ई गजरात म

तो यि पिल स िी लाग ि इसी तरि इस समय उततर-परदि और छततीसगढ़ म मविलाए िराबबदी को

लकर आनतदोलनरत ि

4996 म lsquoद लायसव कलवकटि विमस राईट इवनविएवटिrsquo न घरल विसा क विरदध मिीम चलाई िारत म

बि त जोरदार माग क बाद lsquoघरल विसा वनिारर अविवनयम 2005rsquo म पास ि आ वजसन मविलाओ को

अपन घर म काननी सरकषा का िरोसा वदलाया 4997 म उचचतम नतयायालय न कायव-कषर पर िोन िाल

िोषर पर मितिपरव फसला सनाया वजस वििाखा जजमट क नाम स जाना जाता ि इसन मविला

अविकारो और मविला आदोलनो को काफी मजबती दी इन सबक बािजद अिी लड़ाई काफी बाकी ि

46 वदसमबर 2042 को ि ए सामविक बलातकार काणड न विला कर रख वदया वनिवया की मौत क बाद

नतयायमवतव जएस िमाव सवमवत का गठन वकया गया एक मिीन क िीतर इस सवमवत न अपनी 600 पिो

की ररपोटव म कई मितिपरव और दरगामी वसफाररि की इन वसफाररिो म मविलाओ क विरदध िोन िाली

यौन विसा बाल यौन उतपीडन विसा क बाद िोन िाली वचवकतसा जाच पवलस जाच आवद म सिारो की

वसफाररि िावमल ि इस सवमवत न अपनी दवि को वयापक बनात ि ए िवकषक सिारो और बलातकार स

समबवनतित काननो म सिारो की िी िकालत की

48 सा राश िारतीय मविला आनतदोलन परारमि स िी सामावजक सासकवतक िावमवक परवतमानो एि आदिो की

जवटल बवनयादी सरचना रिा िपरतयक परष-सततातमक समाजो म वजन जवटल पररवसथवत और दरागरिो का

सामना मविला अविकारिावदयो को करना पड़ता ि सितनतरता पिव मविला आनतदोलन म सामावजक-

िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न मविलाओ क अविकारो को

लकर बिस को िार दीइस बिस को ताकत दन क वलए मविला-पवरका का परकािन मविला पराथवना

सिा का गठनमविला-कवनतित िवकषक कायविम का विकासअतजावतीय वििाि का समथवनबाल वििाि

वनषिविििा पनविविािमविला विकषा आवद पर जोर वदया49 िी िताबदी क अत आत-आत

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मविलाओ क अविकार की बात उचच िगव स आम िगव क बीच आन लगी वजसस विकषा म िागीदारी

की बात 4887 क िारतीय राषटरीय कागरस क तीसर राषटरीय अविििन म िी बात रखी गई राजनवतक

एि सामावजक अविकार और विससदारी की वदिा म िोट का अविकार एक बड़ा कदम माना जा सकता

िवकनतत यि िी वबना सघषव क निी वमला िर िमव क मानन िालो म वनजी काननो म सिार की माग क

सनतदिव म समान नागररक कानन को लकर कछ विरोि की वसथवत िी रिी लगातार मविलाओ क दिाब

क कारर अततः 4950 म lsquoविनतद कोड वबलrsquo आजादी क बाद पास ि आ

इसी िम म 4942 क ऐवतिावसक िारत छोड़ो आनतदोलन म िजारो मविलाओ न सविय िागीदारी वनिा

क राजनवतक उपवसथवत िी दज़व करिाई सितरता पिव का मविला आनतदोलन िारतीय नारीिादी

आनतदोलन का परथम सोपान माना जा सकता ि वजसन परमपरागत िारतीय मविला की छवि स बािर

आन का परयास वकया सितनतरता उपरानतत क मविला आनतदोलन को म कछ मदद तो पिव क िी रि साथ म

शरम आनतदोलन न मविला नतति को एक किल आयाम वदया वजसन सािस आग बढ़ कर वनरवय लना

मकाबला करना ररनीवत बनाना तथा आवथवक वचनततन की िनतयता को खतम करन का काम वकयाइसक

साथ िी वनरावयक पदो सतता पर वनरावयक िागीदारीपरतयक सामावजकआवथवक एि राजनवतक सतर पर

बराबरी तथा िागीदारी की माग उठन लगी इस िागीदारी को उतकषव आजादी क बाद बाद

वमलाआवथवक िोषर क विरदध आनतदोलन म िी मविलािादी सोच रखन िाल सगठनो न मितिपरव

िवमका अदा की सामावजक बराइयो एि िोषर क विरदध एकजटतािराब मावफया क विरदध आिाज़

िी मविला आनतदोलन को एक वयापक सिीकारोवकत दती ि कल वमला कर िारतीय मविला आनतदोलन

अपन सिरप का लगातार विसतार कर रिा ि

49 अभ य ास पर शनो क उततर परशन 1 िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत वकस रप म दखन को वमलती ि

उततर परष सिारिावदयो क कायव म िारतीय मविला आनतदोलन की िरआत दखन को वमलती ि

वजसक अतगवत परानी परमपराए सती-परथा बालवििाि दिदासी-परथा आवद अिविशवास स मवकत

आवद रिा इसम विविनतन सगठन जस आयव समाज बरहम समाजपराथवना समाज रामकषटर वमिन आवद न

मितिपरव िवमका वनिाई

परशन 2 राजा राममोिन रॉय क योगदान को सवकषपत रप स कस समझा जा सकता ि

उततर राजा राममोिन रॉय न सतरी-विषयक या कवनतित सोच क विचार को पिली बार िारत जस परमपरा

िादी तथा परषिादी सोच िाल दि म आग बढ़ाया रॉय न सती परथा तथा कलीन िगव दवारा बि पतनी

परथा का विरोि करन क साथ मविलाओ क परोपटी अविकार की बात किी उनतिी क परयासो स 4829 म

सती-परथा को समापत करन क वलए सती-परथा वनषि अविवनयम बनाया गया

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परशन 3 सितनतरता पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार वकसन दी

उततर सामावजक-िावमवक-सासकवतक सिारिादी आनतदोलन को नतति दन िाल सिारको न सितनतरता

पिव िारतीय मविलाओ क अविकारो को लकर बिस को िार दी

परशन 4 सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स जो सगठन बनाया था उस सगठन न कस मविला

सोच क वयापक सतर को बढ़ाया

उततर 4940 म सरला दिी चौिरानी न िारत सतरी मडल नाम स सगठन बनाया इस सगठन न सिी माइन

म सोच क वयापक सतर को बढ़ायाइसन मविलाओ स जड़ मददो और मविलाओ की िागीदारी को सिी

मविलाओ तक पि ाचान का परयास वकया इस सगठन का उददशय सिी मविलाओ को जावतिगविमव दल

आवद क िद वबना समान वितो क वलए सगवठत एि जागरक करना था सवकषपत समय क फलाि तक

सीवमत रिन क बािजद इस सगठन की नीवतयो न आग अनतय मविला सगठनो क वलए सोचन क नीवतगत

अिसर पदा वकए इस सगठन को दो वििषताओ क वलए याद वकया जा सकता ि

पिलासगठन म वसफव मविलाओ को िी िावमल िोन की अनमवत थी

दसरा सगठन परष िचवसि स इतर मविलाओ को अपन मददो क वलए सिय विवकषत िोन क पकषिर था

इसक वलए आिशयकता पड़न पर जररतमनतद मविलाओ क घर जाकर िी विवकषत वकया जाता था

वजसका परिाि यि ि आ वक मविलाओ म अपन बलबत अपन सगठन बनान समाज को मविला नतति

परदान करन तथा उसक वलए मनोिजञावनक रप स तयार िोन की िािना आई वजस बाद क आदोलनो म

दखा जा सकता ि

परशन 5 सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म कया विषय थ

उतर सितनतरता पिव मविला आनतदोलनो क मल म अगरवलवखत विषय रि-

विकषा म िागीदारी

राजनवतक अविकार तथा विससदारी

सामावजक सिार

वनजी काननो म सिार आवद

परशन 6 सितरता पिव क मविला आनतदोलन म साविरी बाई फल और जयोवत बा फल को वकस रप म याद

वकया जाता ि

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उततर सितरता पिव क मविला आनतदोलन म मविला विकषा क विकास म साविरी बाई फल का नाम

अगररी रप म याद वकया जाता ि साविरी बाई फल दि की पिली मविला अधयावपका ि नारी मवकत

आनतदोलन की पिली नता थी वजनतिोन उनतनीसिी िताबदी म बराहमरिाद को सीिी चनौती दन का सािस

वकया उनक पवत मिान समाज सिारक जयोवतबा फल थ वजनतिोन सती-परथा छआ-छत बाल-वििाि

आवद करीवतयो का विरोि वकया तथा मविला विकषा और विििा-वििाि का समथवन वकया

परशन 7 वदलली की परथम मविला मिापौर कौन चनी गई

उततर अररा आसफ अली का वदलली म 4958 म परथम मिापौर चना गया

परशन 8 िारत की परथम मविला परिानमनतरी कौन थी

उततर सिइवदरा गाािी िारत की परथम मविला परिानमनतरी थी

परशन 9िारतीय सवििान सिा क वनमावर म वकतनी और कौन मविलाय चनी गई

उततर 4946 म िारत की सवििान सिा क वनमावर क समय 44 मविलाओ को सदसय रप म िावमल

वकया गया था वजसम अमम सिामीनाथन दकषयानी िलायदधदगावबाई दिमख सचता कपलानी

विजयलकषमी पवडत मालती चौिरीिसा मितापवरवमा बनजीकमला चौिरी बगम अज़ीज

रसलसरोजनी नायड बगम जिाा नारा िाि निाज़ बगम इकरमललाि और लीला राय जी थी

410 स नतदि व गरनतथ सच ी 1 गोपा जोिीिारत म सतरी असमानता विदी माधयम कायावनतियन वनदिालय वदलली

विशवविदयालयवदलली

2 उतपल कमार सकस और सोिल जवसटसिबद सिान नई वदलली

3 मि राठौर पचायती राज और मविला विकासपॉइटर पवबलकिनजयपर राजसथान

4 सटवटवसटकस ओ िीमन इन इवडया 2040 निनल इवसटटयट ऑफ़ पवबलक कोऑपरिन एड चाइलड

डिलपमट नतय वदलली

5 राम आिजा सामावजक समसयाए राित पवबलकावतयोजयपर

6 िभा परमारनारीिादी वसदधात और वयििारओररयट बलकसिान पराइिट वलवमटड नई वदलली

7 सतया एम राय(समपादक)िारत म उपवनिििाद और राषटरिाद विदी माधयम कायावनतियन

वनदिालय वदलली विशवविदयालयवदलली

8 अपराव बास मदला सारािाईरबल विथ अ कॉजऑकसफ़ोडव यवनिवसवटी परस वदलली

9 मनमोिन कौर रोल ऑफ़ िीमन इन द फरीडम मिमट 4857-4947 सटवलिग नई वदलली

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411 हनब धातम क परशन 1 आप सितरता पिव क परष सिारिावदयो क योगदान को िारतीय मविला आनतदोलन म वकस रप म

रखत िो

2 सितरता पिव क मविला आनतदोलन पर समगर रप स अपन विचार वयकत कीवजए

3 राषटरीय सितनतरता आनतदोलन म मविलाओ की उपवसथवत पर आलोचनातमक वटपपरी कीवजए

4 सितरता उपरानतत मविलाओ की समानता क सघषव को आप वकस रप म दखत िो विसतार स

विचार वयकत कीवजए

5 आज़ादी क बाद क मविला आनतदोलन की बदली पराथवमकता की समीकषा कीवजए

6 िारतीय मविला आनतदोलन की समगर वसथवत पर अपन विचार वयकत कीवजए

7 सितरता पिव और उपरानतत क मविला आनतदोलन की तलनातमक समीकषा कीवजए

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इकाई 5 - समकालीन पहरदशय समाज म वयापत जडर आधाहरत भदभाव का सामना लड़हकयो व महिलाओ की

हिकषा और उनका सवागीण हवकास

51 परसतािना

52 उददशय

53 सििावनक पराििान

54 लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत िदिाि का सामना और मविलाओ का

सिािगीर विकास नीवतयाा आयोग एि सवमवतया

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

542 आयोग और उनक सझाि

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

544 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1928) 55 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा योजनाए एि कायविम

56 साराि

57 िबदािली

58 अभयास परशनो क उततर

59 वनबिातमक परशन

51 परसताव ना इस इकाई क तित समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो और लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा तथा

उनक सिािगीर विकास को धयान म रखत ि ए इस वदिा म वकए गए सििावनक पराििानो विविनतन

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो दवारा पिचान गए मददो ि सझाए गए उपायो की चचाव की जा रिी ि

िारतीय समाज म लमब समय स जडर आिाररत िदिाि रि ि और इस कारर लड़वकयो की वसथवत

वनमन दज की रिी ि इसका पररराम ि वक िारतीय सवििान म समानता क वसदधात को िावमल वकया

गया और राजय ि क ि सरकारो दवारा जडर वििदीकरर का सामना करन क वलए कई परकार क कायविम

ि योजनाए चलाई जा रिी ि समय-समय पर बनी सवमवतयो ि आयोगो न िी विविनतन कषरो म िो रि

जडर वििदीकरर की ओर धयान वदलाया ि उसक उनतमलन क वलए सझाि रख इस बात की मितता को

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सिीकारा जा रिा ि वक यवद मविलाओ ि लड़वकयो की विकषा को सिी वदिा निी वमलगी और समाज म

वयापत जडर वििदीकरर का सामना निी वकया जाएगा तब तक उनका सिािगीर विकास निी िोगा

यि धयान रखना िोगा वक जडर वििदीकरर का मददा किल लड़वकयो ि मविलाओ स िी समबवित निी

ि इसम सतरी परष क अलािा अनतय जडर िी िावमल ि lsquoजडरrsquo लोगो स समबवित मददा ि इस

इकाई म अधययन का विषय समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो को लड़वकयो ि मविलाओ की

विकषा क सनतदिव म दखना ि

52 उदद शय इस इकाई क अधययन क उपरात आप -

1 लड़वकयो मविलाओ की विकषा एि जडर आिाररत िदिाि क समकालीन पररदशय स पररवचत िो

सक ग

2 लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क परवत िारतीय सवििान क दविकोर स अिगत िो सक ग

3 विविनतन नीवतयो आयोगो एि सवमवतयो न जडर आिाररत िदिािो का सामना करन एि लड़वकयो

ि मविलाओ की विकषा ित वजन मितिपरव मददो को पिचाना और सझाि वदए उनति जान सक ग

4 विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा एि मविलाओ क सिािगीर विकास क वलए चलाय जा रि

कायविमो ि योजनाओ स पररवचत िो सक ग

5 जडर आिाररत िदिािो को पिचान पाएग और मविलाओ क सिािगीर विकास की आिशयकता क

परवत सजग एि सिदनिील िो सक ग

53 सवधाह नक पराव धा न िारतीय सवििान समानता क वसदधात (सवििान की परसतािना और िाग- III म समानता का वसदधात )

की बात करता ि वजसक आिार पर मविलाओ को वलग (सकस) क आिार पर िोन िाल वकसी िी

िदिाि क वखलाफ सरकषा िावसल ि इस परकार सवििान म िवरवत सिी अविकार और सितरताए

वजतनी परषो पर लाग िोती ि मविलाओ पर िी िोती ि

सिवपरथम िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी

िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए

अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन

काम करन िाल लोगो क बीच वलग क आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 21

दसरा सवििान मानता ि वक कछ मामलो म मविलाओ क साथ सिी बतावि निी ि आ ि उनति समान

दजाव निी वमला ि और उनति वनमन दज पर रखा गया इस अनतयाय को समापत करन और समानता को

सरवकषत करन क वलए सवििान राजय को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत

दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान

कर सकता ि rdquo

इस पराििान को धयान म रखत ि ए िारत क सिोचच नतयायालय न कछ पदो को मविलाओ क वलए

आरवकषत करन को िि माना ि इसी तरि मविला कॉलजो म कछ पदो पर मविलाओ क वलए

पराथवमकता रखना अनचछद 14 एि अनचछद 16 का उललघन निी माना जायगा

इसी पराििान क मददनजर अनचछद 243 D और 243 T पचायतो और नगरपावलकाओ म मविलाओ क

वलए 33 सीटो को आरवकषत करन की बात करता ि

तीसरा सवििान राजय को यि दावयति दता ि वक िि समाज क कमजोर तबक की वसतवथ म सिार लान

ित वििष परयास कर वजसम मविलाए िी िावमल िोगी चौथा सवििान राजय को यि िी अनमवत दता

ि वक िि मविलाओ क िोषर को रोकन क वलए कदम उठा सक

पिली दो बात मलित अविकारो क तित किी गयी ि और तीसरी ि चौथी बात राजय क नीवत वनदिक

वसदधातो म किी गयी ि वजनति दखन का दावयति राजय का ि

अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क अनसार

6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

इस परकार विकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा बवलक यि

एक मलित अविकार ि और परतयक लड़की ि मविला िी इसकी िकदार

मलित अविकारो क अलािा राजय क वनवत वनदिक वसदधातो म िी मविलाओ क वलए कछ परासवगक

पराििान वकए गए ि जस वक

अनचछद 39 (डी) - परष और मविला दोनो क वलए समान कायव क वलए समान ितन

अनचछद 51 A (e) ndash दि क नागररको का कततववय ि वक ि वकसी िी ऐस परचवलत वयििार को जो

मविलाओ क सममान क वलए अपमानजनक िो उस ितोतसावित कर उसकी वनदा कर

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 22

54 लड़ह कय ो की ह शकषा जड र आधाहर त िदिाव का साम ना औ र म हिल ाओ का सवागीण हव क ास नीहतय ा ा आय ोग एव स हमह तय ा

समाज म वयापत जडर आिाररत िदिाि को दखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास म

बािा उततपनतन न िो और उनति िी सामान अिसर वमल इसक वलए कई नीवतयाा बनाई जाती रिी ि

विविनतन आयोगो न अपन परवतिदनो और ररपोटवस म लड़वकयो की विकषा की बात करत समय जडर

आिाररत िदिाि को सबोवित वकया गया ि इसक साथ िी कई सवमवतयो को िी इन मददो पर कायव

करन क वलए वििष रप स गवठत वकया जाता रिा ि वजनतिोन अपनी ररपोटवस म लड़वकयो ि मविलाओ

की विकषा और उनक साथ िोन िाल िदिाि को धयान म रखत ि ए कई सझाि रख ि यिाा इनतिी

नीवतयो आयोगो और सवमवतयो की चचाव की जा रिी ि

541 नीवतगत पराििान एि सझाि

राषटरीय विकषा नीवत (1986) परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) और राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत

(2001) लड़वकयो की विकषा और जडर आिाररत िदिािो की बात करन िाल बि त िी मितिपरव

दसतािज़ कि जा सकत ि

1 मविलाओ की समानता ित विकषा 1986 की राषटरीय विकषा नीवत

राषटरीय विकषा नीवत (1968) का किना था वक ldquoलड़वकयो की विकषा पर बल किल सामावजक

नतयाय क कारर निी बवलक इसवलए दना िोगा कयोवक यि सामावजक रपातरर को गवत परदान

करता ि rdquo

इसी िम को आग बढ़ात ि ए 1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की

समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म

बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म वकया जायगा अतीत स चली आ रिी

विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ

क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी वजनस मविलाए जो अब तक

अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की सथापना क वलए विकषर

ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की पनरवचना की जायगी

तथा अधयापको ि परिाशको का पनःपरविकषर वकया जाएगा इस काम को सामावजक पनरवचना

का अविनतन अग मानत िइस परव कतसकलप िोकर वकया जाएगा मविलाओ स समबवित

अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगा

इसी नीवत का वबद 43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को

वजनक कारर लड़वकया परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जाएगी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 23

इस काम क वलए वििष वयिसथाए की जाएगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और

उनक वियानतियन पर कड़ी वनगाि रखी जाएगी विवभिनतन सतरो पर तकनीकी और वयिसावयक

विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर ख़ास ज़ोर वदया जाएगा लड़क और लड़वकयो म वकसी

परकार का िदिाि न बरतन की वनवत पर परा ज़ोर दकर अमल वकया जाएगा तावक तकवनकी

तथा वयिसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ रि वलगमलक वििाजन

(सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक काम-ििो म

मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परोदयोवगकी म िी मविलाओ की

िागीदारी बढ़ाई जायगी

(सरोत राषटरीय विकषा नीवत 1986 पि स ndash 45)

2 परोगराम ऑफ़ एकिन (1992)

परोगराम ऑफ़ एकिन (1992) न मविला सिवकतकरर क वलए वजन परयासो की बात की उनम स

कछ इस परकार ि -

मविलाओ का आतमसममान एि आतमविशवास बढ़ाना

राजनवतक सामावजक एि आवथवक कषरो म मविलाओ क योगदानो को पिचान कर उनकी

सकारातमक छवि बनाना

आलोचनातमक नज़ररए का विकास करना

वनरवय लन की कषमता और एक साथ आकर कायव करन को बढ़ािा दना

विकषा रोजगार और सिासथय वििषकर परजनन समबनतिी सिासथय क कषर म सचत िोकर

विकलपो को चनन की कषमता का विकास

विकासातमक परवियाओ म मविलाओ की समान िागीदारी को सवनवशचत करना

आवथवक आतमवनिवरता क वलए सचना जञान और कौिल परदान करना

यि धयान म रखत ि ए वक लड़वकयो ि मविलाओ की सिी कषरो म बराबर िागीदारी िो काननी

साकषरता तक उनकी पि ाच बनाना उनक अविकारो स समबवित सचना परापत करना तथा समाज

म वजन अविकारो की ि िकदार ि उनति वदलाना

( सरोत परोगराम ऑफ़ एकिन(1992) पि स-2)

3 राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) लड़वकयो की विकषा और मविलाओ क

सिवकतकरर की बात राषटरीय मविला सिकतीकरर नीवत (2001) न िी उठाई इस नीवत का

किना ि वक-

एक ओर सवििान वििानो नीवतयो योजनाओ कायविमो और समबनति तरो म परवतपावदत

लकषयो तथा दसरी ओर िारत म मविलाओ की वसथवत क समबनति म पररवसथवतजनतय

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िासतविकता क बीच अिी िी बि त बड़ा अतर ि िारत म मविलाओ की वसथवत पर

सवमवत की ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo 1974 म इसका विसतत रप विशलषर वकया गया ि

(वबद 17)

जडर समबनतिी असमानता कई रपो म उिरकर सामन आती ि वजसम स सबस परमख

विगत कछ दिको म जनसखया म मविलाओ क अनपात म वगरािट की रझान ि

सामावजक रवढ़िादी सोच और घरल तथा समाज क सतर पर विसा इसक कछ अनतय रप ि

बावलकाओ वकिोररयो तथा मविलाओ क परवत िदिाि िारत क अनक िागो म जारी ि

(वबद 18)

मविलाओ और लड़वकयो क वलए विकषा तक सामान पि ाच को सवनवशचत वकया जाएगा

िदिाि वमटान विकषा को जन-जन तक पि ाचान वनरकषरता को दर करन वलग सिदी

विकषा पदधवत बनान लड़वकयो क नामाकन और अििारर की दरो म िवदध करन तथा

मविलाओ दवारा रोजगारवयिसावयक तकवनकी कौिलो क साथ-साथ जीिन पयित विकषर

को सलि बनान क वलए विकषा की गरितता म सिार क वलए वििष उपाय वकए जाएग

माधयवमक और उचच विकषा म वलग िद को कम करन की ओर धयानाकवषवत वकया जाएगा

लड़वकयो और मविलाओ वििष रप स अनसवचत जावतयो अनसवचत जनजावतयोअनतय

वपछड़ा िगो अलपसखयको समत कमजोर िगो की लड़वकयो और मविलाओ पर वििष

धयानाकवषवत करत ि ए मौजदा नीवतयो म समय समबनतिी सकटोरल लकषयो को परापत वकया

जाएगा वलग िद क मखय काररो म स एक क रप म लवगक रवढ़बदधता का समािान

करन क वलए विकषा पदधवत क सिी सतरो पर वलग सिदी कायविम विकवसत वकए जाएग

(मविलाओ का सामावजक सिकतीकरर वबद विकषा 61)

542 आयोग और उनक सझाि

सितरता क बाद लड़वकयो और मविलाओ की विकषा क मिति को सिीकार करत ि ए कई आयोगो और

सवमवतयो न इस ओर धयान आकवषवत वकया लड़वकयो की विकषा क रासत म बािक कारको को पिचान

कर इनक वनिारर क वलए कई सझाि िी वदए विशवविदयालय विकषा-आयोग (1948-49) माधयवमक

विकषा आयोग ( 1952-53 ) शरीमती दगावबाई दिमख कमटी(1958-59) शरीमती िसा मिता कमटी

(1962) िकतितसलम कमटी ( 1963 ) कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66 ) तथा राषटरीय

विकषा नीवत (1986) आवद न अपनी ससतवतया दी यिाा पिल विविनतन आयोगो क परवतिदनो ि ररपोटवस

की चचाव की जा रिी ि इसक बाद कमवटयो की ररपोटवस की चचाव की जाएगी

1 विशवविदयालय विकषा आयोग (1948-49) डॉ रािाकषटरन की अधयकषता म गवठत इस

आयोग न लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क मिति पर जोर वदया इस आयोग का विचार

था वक लोगो की राय ऐसी मालम िोती ि वक 13 या 14 िषव की आय स लगिग 18 िषव की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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आय तक लड़क- लड़वकयो क विदयालय अलग-अलग िो आयोग न अनिि वकया वक यि

सपि निी िोता वक इस विचारिारा का आिार रीवत ndashररिाज़ ि या अनिि आयोग की

वसफाररिो क अनसार-

कॉलज म परिि की आय लगिग 18 िषव िो अतः कॉलज म सिविकषा िो सकती ि जसा वक

आज तक मवडकल कॉलज म ि इस सतर पर अलग कॉलजो क बनान म अनािशयक रप म

वयय की िवदध िोगी लड़वकयो क अलग कॉलजो म सािाररतया िीन उपकरर

अपकषाकत कम योगयता िाल अधयापक और

अनपयकत विदयालय ििन िोत ि यथासिि कॉलज सतर पर सिविकषा को परोतसािन वदया

जाए

मविलाओ को परषो क सामान िवकषक अिसर परापत िोन चाविए

ऐसी वयिसथा की जानी चाविए वक मविलाओ को उनकी आिशयकताओ क अनसार विकषा

परापत िो तावक ि अचछी माता और अचछी गिरी बन सक

वसतरयो की विकषा म गि- अथविासतर और गि- परबि का समवचत विकषा वयिसथा म पराििान

अिशय िो उनति इन विषयो क वलए अविक परररत वकया जाए

2 माधयवमक विकषा आयोग (1952-53) डॉ ए लकषमरसिामी मदावलयर की अधयकषता म बन

इस कमीिन को मदावलयर कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कमीिन न अपनी ररपोटव म

मविलाओ की विकषा की बात करत ि ए सवििान क अनचछद 16(a) का ििाला वदया और

किा वक- विकषा ि रोजगार क कषर म lsquoसकसrsquo क आिार पर कोई िदिाि निी वकया जा सकता

इसवलए विकषा क सिी कषरो म लड़वकयो की िागीदारी िोनी चाविए एक लोकतावरक समाज

म लड़क और लड़वकयो दोनो की विकषा पर धयान वदया जाना चाविए

3 कोठारी कमीिन विकषा आयोग (1964-66) िारत सरकार दवारा 14 जलाई 1964 को

पाररत परसताि क अनसार एक कमीिन वनयकत करन की घोषरा की गई और इसवलए विकषा

आयोग का गठन सिी सतरो पर तथा सिी पिलओ पर विकषा क विकास क वलए एि विकषा की

राषटरीय पदधवत एि सामानतय वसदधातो और नीवतयो क वनिावरर स समबवित परशनो पर सरकार को

परामिव दन क वलए वकया गया इस कोठारी कमीिन क नाम स िी जाना जाता ि कयोवक इसक

अधयकष परो दौलतवसि कोठारी थ इस आयोग न लड़वकयो ि वसतरयो की विकषा क वलए जो

वसफाररि की िो इस परकार ि

आयोग न इसस पिल की विविनतन सवमवतयो की वसफाररिो का अनमोदन इन िबदो म वकया -

वसतरयो की विकषा की समसया पर िाल क िषो म अनक सवमवतयो न विचार वकया ि शरीमती दगावबाई

दिमख की अधयकषता म राषटरीय सतरी विकषा सवमवत शरीमती िसा मिता की अधयकषता म लड़को और

लड़वकयो की पाठयचयावओ क वििदीकरर क वलए वनयकत सवमवत और शरी एम िकतितसलम की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

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अधयकषता म वनयकत सवमवत वजसन कम विकवसत लडवकयो की विकषा िाल छ राजयो म समसया का

अधययन वकया िम इन सवमवतयो की वसफाररिो का परव अनमोदन करत ि (वबद 655)

इसक बाद आयोग अपन परवतिदन क (वबद 656) म किता ि वक- िमारी सममवत म लड़वकयो और

वसतरयो की विकषा क विकास क वलए दो परकार की नीवत अपनानी पड़गी पिली यि वक राषटरीय सतरी

विकषा सवमवत दवारा वसफाररि वकए गए lsquoवििषrsquo कायविमो पर बल वदया जाए और दसरी यि वक सिी

सतरो पर और सिी कषरो म विकषा क सिार और विसतार क सामानतय कायविमो क अविनतन अग क रप म

लड़वकयो की विकषा की ओर धयान वदया जाए पिली नीवत क बार म िमारी वसफाररि ि वक जसा वक

राषटरीय सवमवत न किा ि वनमन ढग स कायविािी की जाए

i अगल कछ िषो तक वसतरयो की विकषाक को विकषा का एक मखय कायविम मन जाए और उसम

आन िाली कवठनाईयो का सामना करन और परषो और वसतरयो की विकषा क बीच क अतर को

यथसिि कम स ऍम समय म दर करन क वलए सािस और दढ़ता क साथ परयतन वकया जाए

ii इस परयोजन क वलए वििष योजनाए बनाई जाए और उनक वलए आिशयक िन की वयिसथा

पराथवमकता क आिार पर की जाए और

iii क ि और राजयो दोनो म लड़वकयो और वसतरयो की विकषा की दखिाल क वलए एक वििष

सगठन सथावपत वकया जाए यि सगठन सरकारी और गर-सरकारी वयवकतयो को वसतरयो की

विकषा क कायविमो क आयोजन और वियानतियन क वलए एक जगि लाए

(वबद 657) घर की चिारदीिारी क बािर वसतरयो का कायव आज दि क सामावजक और आवथवक जीिन

का एक मितिपरव अग बन गया ि और आगामी िषो म िि और बड़ा आकार िारर कर लगा वजसका

परिाि अविकतर वसतरयो पर पड़न लगगा इसवलए यि आिशयक िोगा वक वसतरयो को परविकषर और

रोजगार दन की समसयाओ की ओर पयावपत धयान वदया जाए

i अिकावलक रोजगार क अिसर वजनस वसतरयाा अपन घरो की दखिाल िी कर सक और बािर

जीिन क वलए कोई पिा िी अपना सक बड़ पमान पर बढान िोग

ii साथ िी परवकावलक रोजगार क अिसर िी बढ़ान पड़ग

अब उन सवमवतयो की ररपोटवस और ससतवतयो को दखत ि वजनति लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा और

उनक सिकतीकरर क वलए सझाि दन क वलए गवठत वकया गया था

543 सवमवतयाा और उनक सझाि

1 राषटरीय सतरी विकषा सवमवत (1958) िारत सरकार दवारा सतरी-विकषा पर विचार करन क वलए

शरीमती दगावबाई दिमख की अधयकषता म एक सवमवत का गठन वकया गया इस सवमवत का

कायव सतरी-विकषा क पराथवमक और माधयवमक कषरो म सझाि दना था पराथवमक विदयालयो म

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 27

अधयावपकाओ का काफी अिाि था सन 1959 म अपना परवतिदन परसतत करत िक़त इस

सवमवत न वनमनवलवखत सझािो को रखा-

कछ समय क वलए लड़वकयो की विकषा को विविि समसया क रप म सिीकार वकया जाए आन

िाल िषो म उवचत िन की वयिसथा की जाए तावक पराथवमक और माधयवमक सतर पर लड़वकयो

क वलए अविक विकषा सवििाए परदान की जा सक

कनतिीय सतर पर ldquoराषटरीय मविला विकषा पररषदrdquo की सथापना की जाए और समबवित कायविमो

क वलए विविि इकाईया बनायी जाए

परतयक राजय म ldquo राजय मविला विकषा पररषद िोrdquo और लड़वकयो की विकषा क वलए पथक

वनदिालय िो

इस सवमवत की वसफाररिो क आिार पर 1959 म राषटरीय मविला पररषद की सथापना की गई

और विकषा मरालय म सतरी विकषा की समसयाओ पर विचार करन क वलए पथक इकाई िी

वनयकत की गई थी

2 िसा मिता सवमवत(1962) लड़क-लड़वकयो क पथक पाठयिम की आिशयकता एि

सिािना पर विचार करन क वलए शरीमती िसा मिता की अधयकषता म एक सवमवत का गठन

वकया गया सवमवत न काफी विचार-विमिव क पशचात यि तय वकया वक- िम वजस गरतावरक

और समाजिादी ढग क समाज की कलपना करत ि उसम विकषा का रप ियवकतक योगयता िाि

और अविरवचयो पर वनिवर िोगा वजनका वलग स कोई समबनति निी ि इसवलए ऐस समाज म

विकषा पाठयिम म वलग क आिार पर िदिाि करना आिशयक निी ि पर इसक साथ िी

सवमवत न यि िी सिीकार वकया वक इस परकार क समाज क वनमावर म अिी काफी दर लगगी

इस सिावत-काल म िम लड़क-लड़वकयो क बीच मनोिजञावनक विनतनताए और समाज की

वयििाररक विनतनता को मानना िोगा और इस िी लड़क-लड़वकयो क वलए पाठयिम बनान क

वलए वयििाररक आिार मानना िोगा ऐसा करत समय इस बात का धयान रखना चाविए की ि

मानतयताए और िािनाए उतपनतन िो जो आग आिशयक ि और ऐसा कोई िी कायव न वकया जाए

वजसस ितवमान समय क जडर िदिािो म िवदध िो इस सवमवत का किना था वक- यवद नए

आिार क समाज का वनमावर करना ि तो वसतरयो को िासतविक और परिािपरव ढग स परषो क

सामान अिसर दन िोग

3 भकतितसलम सवमवत (1963) राषटरीय सतरी-विकषा पररषद न मिास राजय क मखयमरी शरी

िकतितसलम की अधयकषता म 1963 म सवमवत को वनयकत वकया वजसन लड़वकयो की विकषा क

समबनति म वििषकर गरामीर कषरो म जनता क सियोग क अिाि क काररो की जाच की तथा

वनमनवलवखत वसफाररि की

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 28

वििावित वसतरयो को कम स कम पाटव-टाइम अधयावपकाओ और सकल मदसव क रप म कायव

करन क वलए परोतसािन दन क वलए तथा लड़वकयो की विकषा क परवत विरोि िािना को समापत

करन क वलए पयावपत परचार करन म जनता क सियोग की माग की

परचार कायविमो जस वक रवडयो दवारा िातावलाप शरवय- दशय सािनो और पार-पवरकाओ क

परोयग दवारा राजय सरकार सतरी- विकषा क परवत जनमत बनाए

राजय सरकारो का यि लकषय िोना चाविए वक सिी पराथवमक सकलो म अधयावपकाए वनयकत की

जाएा और सि-विकषा िाल सकलो म िी अविक स अविक अधयावपकाए वनयकत की जाए

अविक अवधपपकाओ की वनयवकत स सि-विकषा िाल सककलो म बचचो को िजन क वलए

अवििािको को परोतसािन वमलगा

4 ldquoसमानता की ओरrdquo मविलाओ की वसथवत पर गवठत सवमवत (1971-74) की

ररपोटा इस सवमवत का किना ि वक दि म िोत आवथवक और सामावजक बदलािो न मविला

सिार स जड़ी नई चनौवतयो समसयाओ को पि वकया िारतीय सरकार को इस कारर

मविलाओ क अविकार एि िवसयत स जड़ परशनो की विसतत पड़ताल की आिशयकता ि ई जो

सामावजक नीवतया वििषकर विकषा नीवतयो म सिायक वदिा- वनदि द सक इस उददशय क

साथ विकषा एि सामावजक कलयार मरालय िारतीय सरकार न वसतमबर 221971 को इस

सवमवत का गठन वकया सवमवत न अपनी ररपोटव ldquoसमानता की ओरrdquo (Towards Equality)

िीषवक स वदसमबर 1974 म पि की सवमवत क मोट तौर पर वनमनवलवखत तीन आयाम और

उददशय इस परकार थ

मविलाओ की सामावजक वसथवत उनकी विकषा और रोजगार पर सििावनक काननी और

परिासवनक पराििानो क असर की जाच-पड़ताल करना वििषकर गरामीर कषरो म वपछल दो

दिको म मविलाओ की वसथवत क सनतदिव म इन पराििानो की परिाविकता को आाकना वजसस

वक और अविक परिािी कायविम सझाए जा सक

मविलाओ की वसथवत को बदलत ि ए सामावजक परवतरपो क सदिव म दखना

क़ानन विकषा रोजगार जनसखया नीवतयो आवद क कषर म उन कारको को वनिावररत करना जो

इन कषरो म मविलाओ की िीमी परगवत क वलए उततरदायी ि और इन कारको क वनिारर ित

उपाय सझाना वजसस वक मविलाए राषटर वनमावर की परविया म अपनी उपकत और परी िवमका

वनिा सक (वबद 101 पि स- 1)

सवमवत न मविलाओ की विकषा ि समाज म वयापत जडर आिाररत िदिािो पर विसतार स चचाव

की ि और उपरोकत उददशयो को धयान म रखत ि ए कई वसफाररि िी की जस वक सवमवत की

ररपोटव का अधयाय VI विकषा पर चचाव करत ि ए िवकषक विकास समबनतिी वसफाररिो की बात

करता ि इन वसफाररिो को मोट तौर पर इन दो िागो म बाटकर दखा जा सकता ि 1)

औपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि 2) अनौपचाररक वयिसथा समबनतिी वसफाररि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 29

औपचाररक विकषा वयिसथा क तित वजन मददो पर वसफाररि की गई उनम परमख थ सि-विकषा

का विकास लड़क तथा लड़वकयो दोनो क वलए सामान पाठयचयाव का सझाि विदयालय पिव

विकषा की बात 6 स 14 िषव तक क सिी बचचो क वलए विकषा का सािविौवमकरर और

वमवडल सकल स सकस एजकिन दन की बात आवद

अनौपचाररक विकषा वयिसथा क अतगवत मविलाओ की सामावजक परिाविकता को बढ़ान की

बात की ि जो वक एक वनरतर चलन िाली परविया िोगी इसक तित उन मविलाओ की विकषा

को मितति दन की बात की गई ि जो अपनी उमर सामावजक वजममदाररयो और साकषरता की कमी

क कारर औपचाररक वयिसथा तक निी पि ाच पाई ि

कामकाजी मविलाओ की समसयाओ वजसम रोजगार और पाररशरवमक वदए जान क तित िोन

िाला िदिाि िी िावमल ि जस मददो पर िी इस ररपोटव म चचाव की गई

5 लड़वकयो की विकषा समान सकल वयिसथा और वििष बचचो क वलए समाििी विकषा

(2005) - 8 वदसमबर 2004 को असम क मखयमरी शरी तरर गोगाई की अधयकषता म एक

सवमवत का गठन वकया गया एन सी ई आर टी क वनदिक परो कषटर कमार सवमवत क

सवचि-सदसय थ कल 15 सदसयो की इस सवमवत न वजन मददो पर काम वकया उनम स एक मददा

लड़वकयो की विकषा िी रिी इस सवमवत का एक उददशय वलग आिाररत िदिाि को कम करन

िाली वििष नीवतयो और तातकावलक पराििानो का परीकषर करना एि विकषा क सिी कषरो म

लड़वकयो ि मविलाओ की िागीदारी को बढ़ािा दना था लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म

सवमवत की कछ मितिपरव बात इस परकार ि

मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार

तरीक स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत

करन बितर सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद

क वलए िी मविलाओ को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और

अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़

रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-

stereotyped) स गरवसत ि अिी िी लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म उनक परदिवन और

विकषा क परतयक कषर म उनकी अथविान िागीदारी स जयादा जोर उनकी साकषरता और

अनौपचाररक-विकषा (जो वक परायः औसत दज की िी िोती ि) तथा सकलो म उनक नामाकन

तक िी वसवमत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल

उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention) तक िी वसवमत करक न दखा जाए

बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि परदिवन को दखा जाए साथ

िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को परारविक सतर स

ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 30

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक

परवतबदधता पर जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी

गरिततापरव वनयवमत सकवलग (रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी

तरि क विकलप को सिीकार निी वकया जाना चाविए

क ि ि राजय सरकार िी समय-समय पर कई योजनाए ि कायविम लकर आती ि वजनक माधयम

स ि लड़वकयो ि मविलाओ क सिािगीर विकास का लकषय परापत करन का परयास करन का

परयास करती ि यिाा उनम स कछ योजनाओ ि कायविमो का उललख वकया जा रिा ि

55 लड़ह कय ो व महिल ाओ की हशकषा य ोज नाए एव कायव कर म i मविला समाखया - मविला समाखया योजना गरामीर कषरो खासकर सामावजक और आवथवक

रप स वपछड़ समिो की मविलाओ की विकषा तथा उनक सिवकतकरर क वलए 1989 म िर

की गई रावषटरय विकषा नीवत 1986 क उददशयो क अनरप लकषय िावसल करन क वलए एक ठोस

कायविम क रप म इसकी िरआत ि ई समानता िावसल करन ि मविलाओ को विवकषत बनान

म इस योजना को मितिपरव मन जा सकता ि मविला सघ गाि सतर पर मविलाओ क वमलन

सिाल करन और अपन विचार रखन तथा अपनी आिशयकताओ को वयकत करन क अलािा

अपनी इचछाओ को जाविर करन का सथान मिया करात ि मविला सघो न गरामीर मविलाओ

क दविकोर म विविनतन कायविमो और जागरकता अवियानो क माधयम स बदलाि वकया ि

वजसका परिाि अब घर पररिार म सामदावयक तथा बलॉक और पचायत सतर पर दखा जा

सकता ि कायविम म बचचो खासकर लड़वकयो की विकषा की आिशयकता पर जागरकता पदा

करन पर िी धयान क वित ि आ ि वजसस वक लड़वकयो को िी बराबर का दजाव और अिसर

वमल सक इसक पररराम सकलो म लड़वकयो क नामाकन म िवदध और सकल न छोड़न क रप

म सामन आए ि मविला समाखया योजना आधर परदि असम वबिार झारखड कनावटक

करल गजरात उततर परदि और उततराखड मधय परदि और छततीसगढ़ आवद कई राजयो म चल

रिी ि

उततराखड म मविला समाखया कायविम न अपन पररयोजना कषरो म लड़वकयो की विकषा को

परोतसािन दन क उददशय स मविलाओ को जटाया ि मविला सघ यि सवनवशचत करन म

मितिपरव िवमका वनिा रि ि वक लड़वकयो को उनकी पारता वमल और विकषा म सामान रप

स उनकी िागीदारी िो

ii कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना िारत सरकार दवारा 2004 म अनसवचत जावत

जनजावत ि वपछड़ िगव की बावलकाओ क वलए सदर गरामीर कषरो म आिासीय उचच पराथवमक

विदयालय की सथापना क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना का ििारि वकया

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गया था कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की िरआत परथम दो िषव तक एक अलग

योजना क रप म सिव विकषा अवियान बावलकाओ क वलए पराथवमक सतर पर विकषा वदलान का

राषटरीय कायविम ि मविला समाखया योजना क साथ सामजसय बठात ि ए िर की गई थी

लवकन 1 अपरल 2007 स इस सिव विकषा अवियान म एक अलग घटक क रप म विलय कर

वदया वदया

यि योजना िषव 2004 स उन सिी वपछड़ कषरो म वियावनतित की जा रिी ि जिाा गरामीर मविला

साकषरता का दर राषटरीय सतर (4613 परवतित) स कम िो और 2001 की जनगरना क अनसार

वलग िद राषटरीय औसत- 2159 स अविक िो

िारत सरकार न दि क दर-दराज कषरो म रिन िाल अनसवचत जावत जनजावत वपछड़

िगवअलपसखयक समदाय क बावलकाओ क वलए परारविक सतर पर 750 आिासीय विदयालय

(ठिरन की सवििा सवित) खोलन क वलए कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना की

िरआत की ि यि नई योजना परारविक विकषा एि साकषरता वििाग क अतगवत चल रिी

योजनाएा जस सिव विकषा अवियान परारविक सतर पर बावलका विकषा क वलए राषटरीय कायविम

तथा मविला समाखया क साथ वमलकर कायव करगी

कसतरबा गाािी बावलका विदयालय क मखय उददशय इस परकार ि

विषम पररवसथवतयो म जीिन-यापन करन िाली अवििवचत िगव की बावलकाओ क वलए

आिासीय विदयालय क माधयम स गरिततायकत परारविक विकषा उपलबि करिाना

माता-वपता अवििािको को उतपरररत करना वजसस बावलकाओ को कसतरबा गाािी आिासीय

बावलका विदयालय म िजा जा सक

मखय रप स ऐसी बावलकाओ पर धयान दना जो विदयालय स बािर(आनामवकत ) ि तथा

वजनकी उमर 10 िषव स ऊपर ि

वििषकर एक सथान स दसर सथान घमन िाली जाती या समदाय की बावलकाओ पविविष

धयान कवनतित करना

75 अनसवचत जावत जनजावतअतयनतत वपछड़ा िगव तथा अलपसखयक समदाय की

बावलकाओ तथा 25 गरीबी रखा स नीच िाल पररिार की बवचचयो को कसतरबा गाािी

आिासीय बावलका विदयालय म पराथवमकता क आिार पर नामाकन कराना

iii गौरा दिी कनयािन योजना गौरा दिी कनतयािन अनदान योजना क अतगवत उततराखड राजय

म वनिास कर रि अनसवचत जावत अनसवचत जनजावत एि गरीबी रखा स नीच रि रि समसत

पररिारो की ऐसी बावलकाओ को वजनतिोन राजय म वसथत क ि सरकार राजय सरकार दवारा

मानतयता परापत बोडव क अिीन वकसी विदयालय स इटरमीवडएट ककषा की परीकषा उततीरव की िो

को रखा गया ि यि योजना इन लड़वकयो को विवकषत वकए जान ित परोतसावित करन क वलए

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चलाई जा रिी ि इस योजना का सचालन िषव 2006-07 स वकया गया ि योजना क अतगवत

गरामीर कषर म िावषवक आय र15976- तथा ििरी कषरो म र 21206- िावषवक आय िाल

पररिारो की बावलकाओ को इणटरमीवडएट परीकषा उततीरव करन पर यि लाि वदया जाएगा (यवद

बी०पी०एल० शररी क िो तो आय परमार-पर की आिशयकता निी िोगी )

iv बटी बचाओ बटी पढ़ाओ योजना यि योजना 22 जनिरी 2015 को मविला एि बाल

विकास मरालय सिासथय मरालय और पररिार कलयार मरालय एि मानि ससािन विकास

की एक सयकत पिल क रप म समवनतित और अविसररत परयासो क अतगवत बावलकाओ को

सरकषर दन और उनति सिकत करन क वलए िर की गई वनमन वलग अनपात िाल 100 वजलो

म परारि वकया गया वजस बढ़ाकर बाद म 161 वजल कर वदए गए ि योजना क उददशय इस

परकार ि

पकषपाती वलग चनाि की परविया का उनतमलन

बावलकाओ का अवसतति और सरकषा सवनवशचत करना

बावलकाओ की विकषा को सवनवशचत करना

इसक दोिर लकषय म न किल वलग असमानता की दर म सतलन लाना ि बवलक कनतयाओ को विकषा

वदलाना िी ि 100 करोड़ रपए की िसआती रावि क साथ इस योजना क जररय मविलाओ क

वलए कलयारकारी सिाओ क परवत जागरकता फलान का काम वकया जा रिा सरकार दवारा वलग

समानता क कायव को मखयिारा स जोड़न क अवतररकत सकली पाठयिमो म िी वलग समानता स

जड़ा एक अधयाय रखा जाएगा इसक आिार पर विदयावथवयो अधयापको और समदाय कनतया विि

और मविलाओ की जररतो क परवत अविक सिदनिील बनग और समाज का सौिादवपरव विकास

िोगा (िारत2016 831-32)

योजना की ररनीवतयो म बावलकाओ की विकषा को बढ़ािा दन क वलए एक सामावजक आनतदोलन

और समान मलय को बढ़ािा दन क वलए जागरकता अवियान का कायावनतिय करना इस मदद को

सािवजवनक विमिव का मददा बनाना वनमन वलग अनपात िाल वजलो की पिचान कर गिन और

एकीकत कायविािी करना आवद िावमल ि

v राषटरीय मविला सिवकतकरर वमिन विविनतन मरालयो और राजय सरकारो की

सकीमोकायविमो क सवममलन दवारा मविलाओ क सामावजक आवथवक और िवकषक

सिवकतकरर क उददशय स 8 माचव 2010 को यि नया कायविम िर वकया गया िीषव सतर पर

राषटरीय वमिन पराविकरर नीवतगत वदिा-वनदि करगा इसकी अधयकषता परिानमरी करग और

13 मरी इसक सदसय िोग इनकी सिायता क वलए क िीय सवमवत और अतर मरालयी समनतिय

सवमवत िोगी

क िीय सतर पर राषटरीय मविला ससािन क ि वमिन वनदिालय को तकनीकी सिायता दगा यि

क ि सरकार की नीवतयो कायविमो और सकीमो क सबि म अनसिान और परिाि मलयाकन

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 33

अधययन आयोवजत करगा और विदयमान ससथाओससथानो क समपकव म रिगा सरकारी

सकीमो और कायविमो पर परकाि डालन क वलए यि मीवडया ररनीवतया तयार करन क साथ-

साथ समाज म अवििपत सामावजक करीवतयो क बार म जागरकता कायविम िी तयार करगा

इसी तजव पर राजय सतर पर राजय वमिन अविकरर और राजय मविला ससािन क ि िोग

आनतधर परदि उततराखड छततीसगढ़ वमजोरम वबिार मधय परदि झारखणड वरपरा राजसथान

गजरात पवशचम बगाल पजाब राजय और सघ परदि चडीगढ़ परिासन न राजय वमिन अविकरर

की सथापना की सचना दी ि गजरात और जमम-कशमीर न राजय मविला क ि िी गवठत वकया ि

राषटरीय वमिन क परमख कायव इस परकार ि-

मविलाओ का आवथवक सिवकतकरर

मविलाओ क परवत विसा को समापत करना

सिासथय और विकषा पर वििष जोर

परवतिागी मरालयोससथानो और सगठनो क कायविमो नीवतयो ससथावनक वयिसथाओ

और परवियाओ क जनतडर मनसरीवमग कायव की वनगरानी

vi सिा विकषा अवभयान सिव विकषा अवियान का कायावनत ियन िषव 2000-2001 स वकया जा

रिा ि वजसका उददश य सािविौवमक सलिता एि परवतिारर परारविक विकषा म बालक-बावलका

एि सामावजक शररी क अतरो को दर करन तथा अविगम की गरित ता म सिार ित विविि

अतकषपो म अनत य बातो क साथ-साथ नए स कल खोला जाना तथा िकवलपक स कली सवििाए

परदान करना स कलो एि अवतररक त ककषा-ककषो का वनमावर वकया जाना परसािन-ककष एि

पयजल सवििा परदान करना अध यापको का पराििान करना वनयवमत अध यापको का

सिाकालीन परविकषर तथा अकादवमक ससािन सिायता वनिल क पाठय-पस तक एि िवदवया

तथा अविगम स तरोपरररामो म सिार ित सिायता परदान करना िावमल ि सिव विकषा

अवियान वजला आिाररत एक विविि विकवनतित योजना ि इसक माधयम स परारविक विकषा

का सािविौमीकरर करन की योजना ि इसक वलए सकल परराली को सामदावयक सिावमति म

विकवसत करन ररनीवत अपनाकर कायव वकया जा रिा ि यि योजना पर दि म लाग की गई ि

और इसम सिी परमख सरकारी िवकषक पिल को िावमल वकया गया ि इस अवियान क

अतगवत राजयो की िागीदारी स 6-14 आयिगव क सिी बचचो को 2010 तक परारविक विकषा

उपलबि करान का लकषय रखा गया था

लड़वकयो वििषकर अनसवचत जावत एि अनसवचत जनजावत की लड़वकयो की विकषा सिव

विकषा अवियान का एक परमख लकषय िोगा

vii जडर बजवटग पिल जडर बजवटग मविलाओ को मखयिारा म लान का लकषय िावसल करन

का सिकत माधयम ि तावक विकास क लाि परषो क सामान िी मविलाओ तक िी पि चना

सवनवशचत िो सक जडर बजवटग लखाकन का कायव निी बवलक एक सतत परविया ि तावक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 34

नीवत कायविम वनिावरर उसक कायवनतिय और समीकषा म मविलाओ समबनतिी पररपकषय वनरतर

बना रि सक

िारत म जडर बजवटग को ससथागत रप दन क वलए वितत मरालय न िषव 2005 म सिी

मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि का अवनिायव रप स गठन वकय जान आदि वदया ि

मविला एि बाल विकास मरालय न जडर बजवटग क वलए नोडल एजसी क रप म इस राषटरीय

और राजय सतरो तक ल जान वलए कई उपाय वकए ि मरालय न वजन कषरो म परमख रप स

बल वदया ि उनम सिी मरालयो वििागो म जडर बजवटग परकोि (जीबीसी) का गठन

आतररक एि बािरी कषमताओ को सिकत बनाना और जीबीसी म वििषजञता सथावपत करना

तावक ि नीवतयोयोजनाओ कायविमो म मविलाओ को मखयिारा म लान का दावयति वनिा

सक (िारत 2016 829-830)

viii उड़ान तकनीकी विकषा म छारो की कल िती की तलना म लड़वकयो क आइआइटी म

िावमल िोन की सखया काफी कम ि इन परमख तकनीकी विकषर ससथानो की परिि परीकषा

मार 10-12 लडवकया िी उततीरव कर पान म सफल िोती ि इसक सबस बड़ काररो म स

एक ि वक लड़वकयो क माता-वपता उनति परिि परीकषा की तयाररयो क वलए दरसथ सथानो पर

िजना निी चाित और साथ िी नजदीकी इलाको म गरिततापरव अधययन क अिसरो की कमी

ि छाराओ क वलए िकषवरक अिसरो को परोतसावित करन क मकसद स सीबीएसई न उड़ान

कायविम िर वकया ि इस उन योगय छाराओ क वलए एक बड़ा मच मिया करान क वलए

तयार वकया गया ि जो इजीवनयररग म उचच विकषा पाना चािती ि और इसका मकसद ककषा 11

और 12 क दौरान छाराओ को आइआइटी जीईई की तयारी म मदद करना ि इस पररयोजना

का लकषय इजीवनयररग कॉलजो म लड़वकयो क कम दावखल की समसया स वनपटना ि (िारत

2016 281)

58 सा राश अिी तक िम लगिग परतयक सामावजक आवथवक ि राजनवतक कषर म जडर आिाररत िदिाि वदख िी

रिा ि इसवलए अिी िी सवििान दवारा तय वकया गया lsquoसमानता का लकषयrsquo किाा तक साधय िो पाया ि

यि अधययन ि विशलषर का विषय ि इस बात पर जोर ि वक समाज इन िदिािो क परवत सिदनिील

ि वचतनिील िो सक लड़वकयाा ि मविलाएा िी सिय अपन िक़ क वलए आिाज़ उठान म सकषम िो

सक और यि तिी सिि िोगा जब उनकी पि ाच विकषा तक िोगी और ि अपन खद क अविकारो क बार

म सजग िोगी लड़वकयो को विवकषत करन की उपयोवगता को रढ़ीबदध दायरो म िी रखकर दखत रिन

क सथान पर उनकी विकषा को असल म उनक बौवदधक तौर पर सितर िोन स जोड़कर दखना िोगा तिी

असल मायनो म विकषा का लकषय सििावनक लकषयो स वमल पाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 35

57 शबदाव ली 1 सकस और जडर lsquoसकसrsquo एक िारीररक वििषता ि जस वक वलग क आिार पर वकसी को परष

किा जा रिा ि और योवन क आिार पर सतरी लवकन lsquoजडरrsquo एक सामावजक सरचना ि lsquoसकसrsquo क

आिार पर वकसी क साथ कोई ख़ास सामावजक वसथवत जोड़ दना lsquoजडरrsquo ि जस वक सतरी या परष

मार िोन क नात समाज म एक वसथवत िोना

2 जडर आिाररत भदभाि जडर विभदीकरर वकसी वयवकत वििष क साथ उसक lsquoसकसrsquoक

आिार पर िोन िाला िदिाि ऐसी वसथवत जिाा वकसी को उसक lsquoसकसrsquo क आिार पर दोयम दज

का माना जाए

3 सकस सटीररयोटाइवपग वकसी क सकस क आिार पर उस पर समि क बार म कछ वििषताओ

िवमकाओ को उस समि पर सामानतयीकत कर दना िल िी ि उस समि क सिी लोगो पर लाग न

िोती िो

4 मविला सिवकतकरर मविलाओ को वनरवय लन की आज़ादी मविलाए जो करना चािती ि और

जो िो खद क साथ निी चािती ि इस वनयवरत करन की सितरता और िवकत िावसल करन की

परविया सिी सतरो पर मविलाओ म आतमविशवास पदा कर उनति सिकत बनाए की परविया

58 अभय ास परशनो क उततर परशन- सवििान मविलाओ और परषो क बीच समानता कस सवनवित करता ि

उततर- िारतीय सवििान यि सवनवशचत करता ि वक मविला एि परष दोनो क साथ समान बतावि वकया

जाए अनचछद 14 ndash राजय िारत क राजयकषर म वकसी िी वयवकत को कानन क समकष समानता ि

कानन क तित समान सरकषर स िवचत निी कर सकता

परशन- सवििान मविलाओ क वखलाफ भदभाि को कस रोकता ि

उततर- अनचछद 15 (1) किता ि वक राजय को वकसी िी नागररक क साथ िमव नसल जावत वलग या

जनतम क सथान क आिार पर िदिाि निी करना चाविए अनचछद 16 (1) एि (2) - सामानतय तौर पर

िदिाि को रोकता ि और वयिसाय म तथा राजय क अिीन काम करन िाल लोगो क बीच वलग क

आिार पर िोन िाल िदिाि को रोकता ि दसरा समानता को सरवकषत करन क वलए सवििान राजय

को मविलाओ क पकष म कछ वििष पराििान करन की अनमवत दता ि जसा वक अनचछद 15 (3) किता

ि वक ldquoराजय मविलाओ और बचचो क वलए वििष पराििान कर सकता ि rdquo

परशन - ldquoविकषा न किल वकसी एक का पराविकार ि न िी वकसी क दवारा की जा रिी कपा rdquo यि

बात अनचछद 21(A) कस सवनवित करता ि

उततर - अनचछद 21(A)- सवििान क 86 ि सिोिन एकट 2002 क तित एि अनचछद 21(A) क

अनसार 6-14 िषव क सिी बचचो को वनःिलक एि अवनिायव विकषा परापत करन मलित अविकार ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 36

परशन- 1986 की राषटरीय विकषा नीवत न मविलाओ की वसथवत म पररितान लान क वलए विकषा की

भवमका को कस दखा ि

1986 की राषटरीय विकषा नीवत का वबद 42 मविलाओ की समानता ित विकषा की बात करत ि ए किता

ि वक विकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को ख़तम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल करगी

वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो

परशन- लड़वकयो की विकषा क सनदभा म (2005) म शरी तरर गोगई की अधयकषता म बनी कमटी

न लड़वकयो की विकषा स जड़ी वकन जडर रवढ़यो की ओर धयान वदलाया और इसक सथान पर

उनकी विकषा क परवत कसा दविकोर विकवसत करन की वसफाररि की

उततर- मविलाओ को दी जान िाली विकषा क परवत अपनाए जान िाल यावरक दविकोर का जोरदार तरीक

स विरोि करन की जररत ि वजसक तित यि समझा जाता ि वक जनतमदर को वनयवरत करन बितर

सिासथय सिाए सिाओ म िोन िाल कम खच तथा वगरती ि ई विि मतयदर आवद क वलए िी मविलाओ

को विवकषत करन की जररत ि इस तरि क दविकोर का परतयकष और अपरतयकष तरीक स लड़वकयो को

दी जान िाली विकषा क सतर और उसक परकार पर असर पड़ रिा ि और आज िी लड़वकयो की विकषा

जडर आिाररत रवढ़िावदता (gender-stereotyped) स गरवसत ि यि जररी ि वक लड़वकयो की

विकषा क सनतदिव म लकषय की परावपत को किल उनक नामाकन ि उनक सकलो म रक पान (retention)

तक िी वसवमत करक न दखा जाए बवलक सिी विषयो और सिी सतरो पर िी उनकी उपलवबि एि

परदिवन को दखा जाए साथ िी इस बात को समझन की सखत जररत ि वक लड़वकयो क वलए विकषा को

परारविक सतर स ऊपर िी सवनवशचत वकया जाए इस समथवन वदया जाए

सवमवत न मिसस वकया वक सिी को एक िद तक गरिततापरव विकषा दन की सििावनक परवतबदधता पर

जोर वदए जान की जररत ि इस तरि लड़वकयो की विकषा क वलए अचछी गरिततापरव वनयवमत सकवलग

(रगलर सकवलग) क सथान पर िकवलपक सकवलग क वकसी िी तरि क विकलप को सिीकार निी वकया

जाना चाविए

59 सनतदि व गर नतथ सच ी 1 अगरिाल ज सी (1991) िारतीय विकषा पदधवत सरचना और समसयाएा नई वदलली आयव

बक वडपो

2 अवगनिोरी रिीनति (1994) आिवनक िारतीय विकषा समसयाएा और समािान जयपर

राजसथान विदी गरनतथ अकादमी

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 37

3 कसतरबा गाािी बावलका विदयालय योजना क वलए-

httphivikaspediaineducationpolicies-and-

schemes92c93e93293f91593e-93693f91594d93793e Retrieved on 2nd

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2017

4 गौरा दिी कनतयािन योजना क वलए -

httpescholarshipukgovinfrmGauradeviDefaultaspx Retrieved on 2nd

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5 वनरतर (2010) कोठारी आयोग ररपोटव िारत सरकार का दसतािज़ जडर और विकषा रीडर

िाग-1 नई वदलली वनरतर पि स- 100-112

6 िारत सरकार (1968) राषटरीय विकषा नीवत नई वदलली विकषा मरालय

7 िारत सरकार (1986) राषटरीय विकषा नीवत मानि ससािन विकास मरालय नई वदलली

विकषा वििाग

8 िारत सरकार (2016) िारत 2016 परकािन वििाग नई वदलली सचना और परसारर

मरालय

9 मविला समाखया क वलए- httpshiwikibooksorgwiki

10 राषटरीय मविला सिवकतकरर नीवत (2001) httpicds-wcdnicinh_empwomenhtm

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11 सिव विकषा अवियान क वलए- httphivikaspediaineducationpolicies-and-

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12 Aggarwal JC (2010) Landmarks in the History of Modern Indian

Education New Delhi Vikas Publishing House Pvt Ltd

13 GoI (1952-53) Mudaliar Commission Report Report of the Secondary

Education Commission Ministry of Education

14 GoI (1964-66) Education and National Development Report of the

Education Commission Ministry of Education

15 GoI (1975) Towards Equality Report of the Committee on the Status of

Women in India Delhi Department of Social Welfare Government of

India

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16 Digital Gender Atlas for Advancing Girlrsquos Education

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Educational Series No-17 Revised by Vasundhara New Delhi Indian

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Equality And Empowerment Volume I Perspectives on Gender and

Society pno-13 14

19 National Policy on Education (1986) Programme of Action (1992) New

Delhi MHRD

510 ह नबध ातम क परशन

1 लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा क सनतदिव म विविनतन नीवतयो आयोगो और सवमवतयो न वजन

मददो की पिचान की और अपन सझाि रख उनम स आज क सनतदिव म परासवगक कछ मददो को

चनकर उन पर चचाव कर और अपन सझाि द

2 उपरोकत चचाव को धयान म रखत ि ए लड़वकयो ि मविलाओ की विकषा एि उनक सिवकतकरर

क वलए क ि ि राजय सरकारो दवारा चलाई जा रिी योजनाओ ि कायविमो का विशलषर कीवजए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 39

खणड 2

Block 2

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 40

इकाई 1- भारत म पहरवार वयवसथा क सदभव म जडर अससमता और समाजीकरण की रीहतयाा

11 परसतािना

12 उदशय

13 पररिार की अििाररा और परकार

131 पररिार का अथव 132 सगठनो क आिार पर पररिार

133 सतता क आिार पर पररिार- सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म

बाटा जा सकता ि

14 समाजीकरर की अििाररा 141 पराथवमक समाजीकरर 142 वदवतीयक समाजीकरर 143 समाजीकरर की विविनतन एजवसया

15 जनतडर की अििाररा

151 जडर अवसमता का वनमावर 16 विकषा समाजीकरर और जडर अवसमता

17 साराि 18 िबदािली 19 सदिव गरनतथ सची

110 वनबिातमक परशन

11 परस ताव ना िारतीय समाज विनतनताओ और विवििताओ को समावित वकय ि ए एक बि त िी वििाल समाज ि

िारतीय समाज म कई सतरो जस ndash रिन-सिनिाषारीती-ररिाजिष-िषाखाना-पान कषर ि जीिन

िवलयो की सासकवतक पििवमयो क आिार पर विवििता समावित ि िारतीय समाज अतयविक पराना

और जवटल ि परचवलत अनमान क अनसार पाच िज़ार िषव पिव की पिली जञात सभयता क समय स

आज तक लगिग पाच िज़ार िषो की अिवि समावित ि इस लमबी अिवि म विविनतन परजातीय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 41

लकषरो िाल और विविि िाषा-पररिारो क परिावसयो की लिर यिाा आकर इसकी आबादी म घल वमल

गई और इस समाज की विवििता समदवि और जीिनततता म अपना-अपना योगदान वदया (दब19851)

इस अतयविक जवटल और वििालता क उपरात िी िारतीय समाज म बि त सी ऐसी बात ि जो िारत

क परतयक विसस क समाजो की सरचना म वयापत सामानतय वििषताओ क रप म उिर कर सामन आती ि

इनतिी वििषताओ म एक परमख वििषता ि lsquoपररिारrsquo िारत की अविकाि आबादी वकसी-न-वकसी रप

म lsquoपररिारrsquo क रप म िी सगवठत िोकर जीिन यापन करती ि पररिार वकसी वयवकत को उसकी

अवसमता(पिचान) वनवमवत करन ि समाजीकरर क दवारा एक सामावजक परारी बनान म मितिपरव िवमका

वनिाता ि एक वयवकत क रप म समाज म उसक कायवआचार-विचार वयििारविकषा ि िवमकाओ का

वनिविन पररिार म िी तय वकया जाता ि इस तरि सामावजक सरचना क रप म lsquoपररिारrsquo समाज की

मितिपरव इकाई बन जाता ि पररिार म जीिन पयित चलन िाली परविया क तित वयवकत की पिचान

(वलगजावतिमवनसल ) वनवमवत िोती ि इसवलय समाज की सरचनातमक इकाई क रप म पररिार और

उसक िीतर चलन िाली परवियाओ को िवकषक रप स समझना अतयत मितिपरव ि चावक आज िम ऐस

समाज म ि जिाा विकषा क कषर म कई बदलाि आ चक ि और वनरतर आ रि ि और वसखन-वसखान की

विविि उपागमो को सरािा जा रिा ि यि उपागम एक ओर सीखन की परविया म बचचो क मनोविजञान

को मिति दत ि तो दसरी ओर बचच ि उसक मनोविजञान को सामावजक सदिो म जानन ि वििवचत

करन पर िी बल दत ि बचच बवचचया अपन सजञान ि वयििारो म कई तरि की lsquoसामावजक-

सासकवतकrsquo वनवमववतयो को लकर विदयालय आत ि ऐस म विदयालय िि सथान बन जाता ि जिाा य

बचच बवचचया अपन lsquoसामावजक रपrsquo स वनवमवत lsquoवयवकतगतrsquo अनििो को दवनया को समझन ि जञान की

रचना करन म परयोग करत ि विदयालय दवारा बचचो की इन पिव वनवमवत अििारराओ ि समझ का परयोग

कस वकया जाय वक ि जीिन को मकत तावकव क और आलोचनातमक सदिो म जान पाएतिी विकषा क

सामवजक सरोकारो को जगि वमल पायगी परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार क रप म िारत

म पाररिाररक वयिसथा क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि अवसमता वनमावर क जडर

आिररत सिरपो को समझान का परयास वकया गया ि सकलो दवरा बचचो की पिव वनवमवत अििारराओ

का पोषर कई तरि की रढीिादी मानतयताओ का पोषर करना िोगा जोवक विकषा क िितर िवकषक

लकषयो को वसवमत कर दना िोगा ि इसवलए िवकषक रप स यि अतयत आिशयक िो जाता ि वक बचच

क सामावजक सदिो ( जस पाररिाररक सरचना समाजीकरर ि जडरndashिद की वनवमववतयो ) को गिराई स

समझा जाए तिी विकषा क सामावजक सरोकारो को विकषा म जगि वमल सकती ि

परसतत इकाई म समाज की सरचना क आिार रप म िारत म पररिार वयिसथा ि उसक विविनतन परकारो

को समझान तथा इन वयिसथाओ क िीतर चलन िाली समाजीकरर की परविया ि जडर आिाररत

वयििाररक साचो को समझान का परयास वकया गया ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 42

12 उ दद शय इस इकाई को पढ़न क बाद आप -

1 िारत म विविनतन पाररिाररक ढाचो को जान पाएग 2 समाजीकरर की परविया को जान पाएग 3 जडर ि जडर अवसमता की अििाररा को समझ सक ग

4 विनतन ndashविनतन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर जडर आिाररत वयििारो की पिचान कर सक ग

13 पहरव ा र की अव धा रणा औ र पर कार पररिार सामानतय रप स परचवलत िबद ि तथा अपन सािारर अथो म इस अचछी तरि समझा िी जाता

ियि दयोतक ि एक सािविौवमक सथायी तथ वयापक ससथा का वजसकी वििषता ि सामावजक दवि स

अनमत यौन समबनति तथा परजनन समान घर आिास और घरल सिाए तथा आवथवक सियोग आवद

िारतीय समाज म पररिार क रपो म बि त विविविता ि इन रपो को विनतन-विनतन आिारो जस िि नाम

आिास सदसयता तथा यौन सावथयो की सखया क आिार पर अलग वकया जा सकता ि िारत क

अविकतर समदायो म िि नाम वपता की परमपरा म तलािा जाता ि इस वपतििी िि नाम किा जाता

ि मात समाजो- उतर पिव म गारोखासी और पनार तथा दवकषर िारत क नायरमावपपल लकषदवीप िासी

और अनक आवदिासी तथा गर-आवदिासी समि आवद परमख ि ( दब1985 59) आइय पररिारो की

इन सरचनाओ को जानन स पिव पररिार क अथव पर एक दवि डाल

131 पररिार का अथा

अलग ndash अलग विचारको न पररिार क अथव वनमन तरि स सपि वकय ि

मक और यग क अनसार ndash पररिार मौवलक रप स एक पराथवमक समि ि जो वयवकतति क वलए

पराकवतक पररिि उपलबि करता ि

इलीअट और मररल क अनसार ndash पररिार एक जविक और सामावजक इकाई ि वजसम

पवतपतनी और बचच िोत ि

बजसव एड लॉक क अनसार ndash पररिार वयवकतयो का समि ि वजसम वयवकत वििाि रकत और

अनकलन स बि िोत ि

िारत म समावजक ndashसासकवतक विवििता क आिार पर पाररिाररक सरचनाओ को सगठनो ि सतता क

आिार पर वििावजत वकया जा सकता ि

132 सगठनो क आिार पर पररिार

सगठनो क आिार पर पररिार को दो िागो म बाटा जा सकता ि ndash

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 43

एकल और सयकत पररिार - एकल और सयकत पररिारो को पराय पररिार क सदसय सखयाओ क

आिार पर वििावजत वकया जाता ि एकल पररिार म पराय पवतपतनी और उनक बचच िोत ि यि

पररिार छोट िोत ि और आिवनक समाज की एक वििषता क रप म दख जात ि जबवक सयकत

पररिार म सदसयो की सखया अविक िोती ि इस तरि क पररिार म पवत पतनी ि बचचो क साथ- साथ

ताऊ-ताई चाचा-चाची बआ नाना- नानी मामा-मामी उनक बचच ि दादा- दादी आवद एक साथ

इककठ रित ि िारत को पराय lsquoसयकत पररिारोrsquo का दि किा जाता ि( ििी 60)

133 सतता क आिार पर पररिार

सतता क आिार पर िी पररिारो को दो िागो म बाटा जा सकता ि-

वपतसततामक पररिार ndash वपतसततामक पररिार िि पररिार िोत ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और

िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष)

क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ि िारत

क अविकाि पररिारो म समदायो म िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि( ििी 59) कछ

अपिादो को छोड़ कर िारततीय सामावजक वयिसथा की वििषता ि वपतसतता िी ि वपत सतता परष क

परिति और सतरी की अिीनता को मानतयता दती ि वििाि क अिसर पर िि का अपन पतक घर स नाता

टट जाता ि तथा िि उस पररिार की सदसय िो जाती ि वजसम उसका वििाि िोता ि उसकी सतान

उसकी पवत की परमपरा म िोती ि पररिार क िीतर अविकार परष का िोता ि पररपकि वसतरयाा अपनी

बात जोर दकर किती ि परनतत पराय पििवम म िी िोती ि (ििी 99)

मातसततातमक पररिार - मातसततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि नाम माता की परमपरा म

तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो

और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि - मातसततातमक िबद का परयोग बि त िी िलक-फलक ढग

स वकया जाता ि और यि भम उतपनतन करता ि वपतसततामक िबद का परयोग परष परिान सरचनाओ क

वलए िोता ि और िसततः यि िारतीय समाज क बड़ विसस का परवतमान (नॉमव) ि वकनतत मातसततातमक

(सतरी परिान) का अवसतति निी ि िारत म मातििी समाज क छोट वसवमत क ि ि जस-एगलो इवनतडयन

और जनजावत समि (खासी) लवकन सतता का कोई साकषय वमलता निी ि म मातसततातमक पररिारो म

समदायो म िि का मल सतरी क माधयम स खोजा जाता ि लवकन राजनवतक सतता सामानतयत परषो म

िी वनवित िोती ि इन वयिसथाओ म सतरी और परष क कायव कषर अलग- अलग िोत ि एक खासी

किाित ि ndash lsquoयदध और राजनीवत परषो क वलए ि जबवक समपवत और बचच वसतरयो क वलएrsquo उनम

मवखया तथा िवकत का इसतमाल करन िाल सिी परष ि वकनतत वसतरयो की मितिपरव आवथवक िवमकाए

ि(ििी 100)

िारतीय पाररिाररक सरचना म मखयतः उपरोकत वयिसथाय पाई जाती ि इसक अवतररकत कई अनतय तरि

क वििाजन िी वमलत ि परनतत िि मलतः इनतिी वयिसथाओ का विससा िोत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 44

14 सम ाज ीकरण की अव धा रणा समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी को सामावजक

परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क विविनतन वयििार रीती-

ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक अवसतति म मनषटय का रपातरर

समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम स िी िि ससकवत को आतमसात

करताकरती ि सीखन की यि परविया समाज क वनयमो क अिीन चलती ि समाजिासतर की िाषा म

कि तो समाज म अपनी पररसथवत या दाि क दज का बोि और उसक अनरप िवमका वनिान की विवि

को िम समाजीकरर कित ि( कमार दब1995 ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता

ि पराथवमक समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

141 पराथवमक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि क जनतम क साथ िी िर िो जाता

ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम ि वजसम सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथाओ क

वयििाररक वसथवतयो साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की तरि बनत ि(लकमन और बजर 1962) इस

परविया म विि पाररिाररक वयिसथाओ म वयापत वनयमो और वयििारो क अतबोि क साथ बड़ा िोता

िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव अनतय( significant others) जस ndash

पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क

अविगम का विससा िोता ि पररिार स बचचा िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक

ससकवत को आतम सात करता ि करती ि

उदािररत एक नि जनतमीजनतमा विि जनतम क बाद िरआती कछ िषो म िी समाजीकरर क माधयम स

लवगक रप म अपनी इस पिचान को बना पान म सकषम िो जाताजाती ि वक िि lsquoलड़का िrsquo या

lsquoलड़कीrsquo लवगक रप म अपनी पिचान का यि बोि पराथवमक समाजीकरर क दवरा िी िोता ि

142 वदवतीयक समाजीकरर

वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक समाजीकरर क उपरात िोती ि सीखन

की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता

िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

उदिाररत पराथवमक रप स समाजीकत lsquoलड़कीrsquo या lsquoलड़काrsquo समाज म वकस तरि अपनी िवमकाओ

का वनिविन कर और एक राजय वयिसथा का वजममदार नागररक कस बन जस वयििाररक साचो को

जानन और सीखना वदवतीयक समाजीकरर किलाता ि सकल वदवतीयक समाजीकरर की परविया म

मितिपरव िवमका वनिाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 45

143 समाजीकरर की विवभनन एजवसया

समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क समाजीकरर म अपना

योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि वमवडया सकल और राजय की

िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनान म

अपना योगदान दत ि

1 5 जनतड र की अव धारण ा जडर की अििाररा को समझन स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा जाय जडर िबद

पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि

जविक रप स सतरी परष उियवलगी ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी

बधद करन क वलए इस िबद का परयोग समाज म वकया जाता ि जडर स समबवित अििाररा स तातपयव

एक वयवकत क जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी लवगक अवसमता ( gender identity) क

बोिन क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवत करर( gender expression)

उसक दवरा वनिाई जान िाली लवगग िवमकाओ ( gender roles) स जडा िोती ि( बकव 2006 521)

151 जडर अवसमता का वनमाार

जडर रप म अवसमता का वनमावर अपन आप म एक परकार की मनोिजञावनक और सामावजक-सासकवतक

परविया ि जडर अवसमता क वनमावर को लकर जडर सकीमा वसदधात का मानना ि वक एक वयवकत का

समावजक रप स सतरीपरष उियवलगी और अनतय िोन की अवसमता उसक समावजक अविगम और

सजञानातमक विकास की समबदता का पररराम ि वजसक अतगवत समाज म जडर रप स परचवलत

मानतयताए पिावगरि ि िवमकाए आवद िावमल िोती ि ( ििी523)

जडर अवसमता क वनमावर की परविया को सयोवजत और वयापक रप म समझन क वलए आिशयक ि वक

पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया को धयान म रखा जाय िारत वििष क सदिव म

यवद जडर आिररत रप स वनवमवत पिचान (अवसमता) की परविया को समझ तो पाएग वक िारतीय

पररिारो म lsquoसतरी-परषrsquo क रप म बड़ िोन क अनिि अविकाित विनतन िोत ि पराय पररिारो म

वयििार िवमकाओ ि कायो को लकर क लड़का (परष ) और एक लड़की (सतरी) िोन का एिसास और

अनिि दोनो विनतन िोत ि पररिारो स वमली वलग चतना िदातमक ततिो को समाजीकरर की अनतय

एजवसया िी परखर रप म पोवषत करती ि

जडर आिररत अवसमता का वनमावर पराय पररिारो म जनतम क साथ िी िर िो जाता ि इस िरआत म

एक नि जनतमाजनतमी विि को सिवपरथम यि बोि कराया जाता ि वक िि lsquoलड़की िrsquolsquoलड़का िrsquo या

lsquoअनतयrsquo lsquoलड़कrsquorsquoलड़कीrsquo ि lsquoअनतयrsquo िोन का यि बोि पररिार की दवनक वियाओ म कई सतरो पर

िावमल िोता ि जस- घर म वकय जान िाल कायो का वििाजनवजममदाररया ि विकषा आवद जनतम क

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उपरात एक बचचा वकसी- न-वकसी रप म पररिार को परापत करता करती ि िारतीय सदिो म पररिार की

अििाररा म एक परकार का वयिसथागत िचवसि कायम रिता ि िि ि ndash वपतसतता कछ अपिादो को

छोड़कर िारतीय समाज की वििषता ि वपतसतता (दब 198599) इस विदधमान वपतसतता म lsquoलड़कrsquo ि

lsquoलड़कीrsquo का बचपन समान निी िोता( कमार कषटर 201614) असमानता की यि परविया िाषागत

सबोिनो स लकर उठन-बठनआचार-विचार वयििार पिनािा कामकाज और कायव कषर तक फली

िोती ि िारतीय समाज म िवमका वनिावरर क सदिव म lsquoपरष क कायवrsquo और lsquoवसतरयो क कायवrsquo म िद

वकया गया ि गिसथी क परबिन का काम वनरपिाद रप स सतरी क कषर म आता ि यवद ि घरल

कामकाज म िाथ बटान क वलए कोई सिक रख निी पाती ि तो उनति िी घर क सार कामकाज खद िी

करन पड़त ि जस पानी िरना खाना पकाना घर की सफाई अपन और घर क परषो और बचचो क

कपड िोना तथा बचचो की दखिाल परष यवद इनम स कोई काम करत ि तो उनका उपिास वकया जाता

ि परष यवद य काम तिी कर सकत ि यवद पतनी घर पर न िो या असिसथ िो तथा उसका काम सािालन

िाली कोई अनतय सतरी घर म न िो यि िाररा इतन गिर जमी ि ई ि की वयिसायो म कायवरत तथा

परवकावलक सिारत वसतरयो स िी यि अपकषा की जाती ि वक ि इसक अवतरकत गिसथी क काम-काज िी

दखती रि ( दब101) सतरी-परष की िवमकाए सबिो क सममचय क िीतर कवलपत ि अविनीत िोती ि

और सीखी जाती ि इस परविया को समझन क वलए पररिार की सरचना वजसम पररिार सवनतनवित रिता

ि को समझना जररी िपररिार की सरचना तथा नातदारी क सरप जावत ससथा स बि ि जावत

वयिसथा म अलग- अलग समिो की सदसयता जनतम स पररिावषत रिती िइसी कारर वििाि तथा यौन

सबिो पर वनयरर ि सीमाए बनाय रखना अतयत आिशयक िो जाता ियदधवप अविकाि विनतद िारत म

वयवकत की सदसयता का वनिावरर वपतििीय परमपरा क वनयमो क दवरा सचावलत िोता ि ( दब

19992-93)

इस तरि जडर अवसमता क वनमावर की परविया बचच क जनतम स िी उसक सामावजक ndashसासकवतक ि

पररिि म िर िो जाती ि जिाा कछ तय मानक ि पटनव िोत ि वजनक अनसार एक बचच का लालन-

पालन िोता ि

यवद इन तय मानको ि पटनव क िीतर वकय जान िाल वििष वयििारो की सची बनाई जो सिितः नीच

वदए गए उदधररो की एक सची बन सकती ि यि कछ ऐस उदिारर ि वजनति आप सिी न अपन आस-

पास क पररिि म परयोग िोत ि ए सना िोगा ndash

लड़को स समबवित परचवलत सबोिन ि

पिाागरि

लड़वकयो स समबवित परचवलत सबोिन ि

वयििार

1 लड़क बलिान िोत ि

2 लड़क रोत निी ि

3 िािनातमक रप स मजबत िोत ि

4 लड़को क बाल छोट िोन चाविए

1 लड़वकया कोमल ि मद िोती ि

2 लड़वकया रो सकती ि

3 लड़वकया िािक िोती ि

4 लड़वकयो क बाल लमब िोन चाविए

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5 लडक जोर स िस सकत ि

6 लड़क समि म खड़ िोकर वकसी िी

सड़क और चौराि पर खड़ िोकर बात

कर सकत ि

7 लड़क घर क काम काज निी करत

8 लड़क गावरत- विजञान ि िावरजय की

पढाई करत ि

9 लड़क खल- कद कर सकत ि ि उसम

बितर कर सकत ि

10 लड़क गलाबी रग क कपड़ निी पिन

सकत ि उनति वखलौन म बनतदक

साइवकल आवद पसद िोती ि

11 लड़क बढ़ाप का सिारा िोत ि

5 लड़वकया जोर स निी िस सकती उनति

मसकराना चाविए

6 घर क कामकाज लड़वकया करती ि

7 लड़वकयो क वलए सड़क का मतलब

सकल स घर और घर स सकल जान क

वलए िोता ि िि सड़क पर समि म

खड़ िोकर बात निी कर सकती

8 कला ि गि विजञान की पढाई लड़वकया

करगी

9 लडवकया साफ़- सफाई वसलाई-

कढाई बनाई का काम करती ि

10 लड़वकया गवडया जस वखलौनो को

पसद करती ि

11 लडवकया पराया िन िोती ि

आप म स सिितः अविकाि वयवकतयो न इस तरि की मानतयताओ या वयििारो को अपन आस-पास ि

पररिारो म सना या मिसस वकया िोगा िवबदक और वयाििाररक रप स परयोग वकय जान य िाल

परवतमान बचच अपन पररिार म पराथवमक समाजीकरर दवरा जानत ि और सीखत ि यिी परवतमान उनकी

जडर सबिी पिचान और िवमकाओ को वनिावररत करत ि पराय घरो म परयोग की जान िाली िाषा

समारोि रीवत-ररिाजो ि ििाविक कमवकाडो क गीतो क परतीक माधयम स सतरी-परष की असमान छवि

गढ़ी जाती ि जो जडर आिररत अवसमता को वनवमवत करन म मितिपरव िवमका वनिाती ि आइय लीला

दब क अधययन स विनतद पररिारो म िोन िाल कमवकाडो और रीती-ररिाजो म परचवलत किाितो ि गीतो

क कछ उदिारर दख जो विनतद समाज म लवगक रप स िदिाि और लालन- पालन को वचवरत करती

ि-

lsquoबटी को पलना-पोसना तो दसर क आागन म लग पौि को पानी दन जसा िी ि( दब एससी

1955148)

बजगव लोग लड़वकयो और वसतरयो को परिती िोन का आिीिावद दत ि दिो निाओ-पतो फलो(बस एक

परी िो) (ििी94) एक उवड़या मिािर म परी को घी क समान बताया गया ि दोनो मलयिान ि लवकन

समय रित उनति वठकान न लगान पर दोनो बदब दन लगत ि यि एक तलग अविवयवकत ि वजसका वसतरयो

ि लड़की का वििाि समय पर कर दन की वचता क सदिव म काफी इसतमाल करती ि ndash िय सवि(

लड़वकया जो मावसक िमव को परापत कर लती ि ) परापत परी को छाती का फोड़ा किा गया ि(ििी94)

ििाविक कमवकाडो म परयोग िोन िाल गीत -

झलो बचची झलो तमहार पयार बालो म कघी

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दलहा जलदी ही आकर तमह ल जायगा (वही98)

मत रो मर सनदर बचच म तमहार ललए दलहलिया लाऊगी

मरा बटा पट भर कर खायगा

उसकी पतिी उसकी खाली थाली चाटगी(वही99)

इन उदािररो स आपको िारतीय पाररिाररक वयिसथा म सिय क सतरी या परष िोन स समबनतिी पिचान

की वनवमवती म वयापत ततिो और तरीको को पिचानन म सिितः कछ मदद वमली िोगी आइय अब

पररिार समाजीकरर और जडर अवसमता की अििारराओ क िवकषक वनविताथव को समझ

16 ह शकषा सम ाजी करण और जडर अमिस म ता उपरोकत इकाइयो म आपन पाररिाररक सरचनाओ क िीतर समाजीकरर की परविया क माधयम स जडर

अवसमता को जाना अब परशन यि ि वक समाजीकरर और अवसमता वनमावर की इस परविया म विकषा का

कया योगदान ि राषटरीय पाठय चयाव 2005 म विकषा क लकषयो पर किा गया ि वक लोकतर समानता

नतयाय सितरता परोपकार िमव वनरपकषता मानिीय गररमा ि अविकार तथा दसर क परवत आदर जस

मलयो क परवत परवतबदधता विकषा क उददशय िोन चाविए विकषा का उददशय कारर और समझ पर आिाररत

इनतिी मलयो क परवतबदधता का वनमावर करना िोना चाविए इसवलए पाठयचयाव म सकलो क वलए िि

गजाइि जरर िोनी चाविय तावक सिाद एि विमिव क वलए जगि पदा करत ि ए बचचो म इस तरि की

परवतबदधता का वनमावर वकया जा सक इन उददशयो म विचार तथा विया की आजादी सितनतरता तथा

सामविक रप स साििानीपिवक विचार वकय गए मलय-वनिावररत वनरवय लन की कषमता की तरफ इिारा

करत ि जञान और दवनया की समझ क साथ दसर लोगो की िािनाओ ि कलयार क परवत सिदनिीलता

को मलयो क परवत तावकव क पवतवबदधता का आिार िोना चाविए (पज 13) विकषा क इन वयापक लकषयो

को तिी परापत वकया जा सकता ि जब नीवत स लकर ककषागत विकषर तक इस बात की गिीरता को

समझा जाय वक िारत जस वििाल और विविि दि म बचच वकस तरि की सामावजक-सासकवतक

समझ लकर आ रि ि यि समझ वकन सदिो म कस वनवमवत िो रिी ि और कौन स माधयम स यि बचचो

म विकवसत की गई ि उनकी पिववनवमवत समझ को वकतना पोवषत करना ि और किाा आलोचनातमक रप

स इस समझ पर सिाद और विमिव क दायर म लान की आिशयकता ि दसरा मितिपरव पिल यि ि वक

सकल और विकषा िी बचच क समाजीकरर म वनरावयक िवमका वनिाती ि सकल का पररसर पाठयिम

पाठय-पसतक और विकषर की पदधवतयाा ि वयििार सकल म उन मानतयताओ को िी पोवषत करत ि जो

बचच पराथवमक रप म अपन पररिार स पराथवमक समाजीकरर क माधयम स सीख चक ि पराय िमारी

विकषा का सिरप िी जडर िद को नपथय म रखकर चलता ि सकल म आन क बाद िी lsquoलड़वकयोrsquo की

विकषा सासकवतक- ऐवतिावसक दायरो म िी आकर लती िराजय की नीवतयाा उन सासकवतक वबनतदओ को

समावित करन म नाकाम रिी ि जो lsquoलड़कीrsquo को आकार दती ि (कमार कषटर201075) सकल म आन

िाल बचच गिराइयो स जडर िदो म गढ़ी अवसमताओ को लकर आत ि और एक समानता आिररत

विकषा वयिसथा को इन वनवमववतयो क परवत िचाररक और वयाििाररक रप स सिदनिील ि सचत िोन

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की आिशयकता ि सकल ि िवकषक गवतविवियाा वकस तरि स रवढ़िादी मानतयताओ का सचालन करती

ि इस विषय पर अगली इकाई क परछनतन पाठयिम क वबद क अतगवत और विसतार स चचाव की जाएगी

17 सा राश इस परसतत इकाई म िमन िारत जस वििाल विविि दि म पाररिाररक सरचना को जाना वजसन ढाच

और सतता क रप म पररिार क रप जस- एकल पररिार सयकत पररिार वपतसततामक और मातसततामक

पररिारो क सदिव म जविक ि पराकवतक वयवकत को सामावजक वयवकत बनान की परविया क रप म

समाजीकरर की परविया को समझना बि त आिशयक ि समाजीकरर क माधयम स िी पररिार म जडर

आिाररत िवमकाओ का वनिावरर वकया जाता ि समाज म सपनतन िोन िाली इन परवियाओ क िवकषक

वनविताथो को समझना िी बि त आिशयक ि सिित तिी विकषा क वयापक लकषयो को परा वकया जा

सकता ि और एक समता मलक समाज की ओर बढ़ा जा सकता ि

18 शबदाव ली 1 पररिार ndash समाज की सबस मौवलक इकाई जो वकसी िी वयवकत क जीिन और लालन- पालन क

वलए बि त आिशयक ि

2 समाजीकरर ndash समाज म समाज क सदसयो दवरा वकसी वयवकत को समाज क वयििारो रीती-

ररिाजो और िाषा मानतयताओ ि ससकवत को सीखन की परविया

3 जडर अवसमता ndash वलग आिाररत अवसमता स अविपराय ि वयवकत की सामावजक सदिो म

वनवमवत अवसमता स ि वजसम समाजीकरर क दवरा सतरी-परष की िवमकाओ म बदध अवसमता को

वयवकतगत अवसमता क रप म वनवमवत वकया जाता ि

4 वपतसतता ndash समाज की िि वयिसथा वजसम परषो की परिान िोती ि और परष वनरावयक और

मखय िवमका म िोता ि

5 मातसतता - पररिार की िि वयिसथाए वजसम समदायो का नाम माता क िि म तलािा जाता ि

19 अभय ास पर शन उ ततर 1 पररिार कया ि वपतििीय और मार ििीय समाज म कया अतर

उततर ndash पररिार समाज की मितिपरव इकाई ि जो एक वयवकत क लालन- पलानोर समाजीकरर

म मितिपरव िवमका वनिाती ि वपत सततामक पररिार ndash वपत सततामक पररिार िि पररिार िोत

ि जिाा वपता की परिानता िोती ि और िि नाम को वपता की परमपरा म तलािा जाता ि ऐस

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 50

पररिारो म सिी तरि क मखय वनरवय वपता (परष) क दवरा वलए जात ि इस तरि की पाररिाररक

वयिसथा को परष परिान वयिसथा िी किा जाता ििारत क अविकाि पररिारो म समदायो म

िि नाम वपता की पमपरा म िी तलािा जाता ि मात सततातमक पररिारो म पराय समदायो क िि

नाम माता की परमपरा म तलाि जात ि इन पररिारो म माता क परिान िोन का बोि िोता ि

परनतत इस वयिसथा म िी वनरवयो और कायो क आिार पर सतताए बटी िोती ि

2 समाजीकरर की परवकया को बतात ि ए पराथवमक और वदवतीयक समाजीकरर को समझाइए

उततर -समाजीकरर की अििाररा स अविपराय उन अभयासो स वजनक दवरा वकसी जविक परारी

को सामावजक परारी बनाया जाता ि समाजीकरर िि परविया वजसक दवरा मनषटय समाज क

विविनतन वयििार रीती-ररिाज ि गवतविवियाा आवद सीखता ि जविक अवसतति स सामावजक

अवसतति म मनषटय का रपातरर िी समाजीकरर क माधयम स िोता ि समाजीकरर क माधयम

स िी िि ससकवत को आतमसात करताकरती ि वसखान की यि परविया समाज क वनयमो क

अिीन चलती ि ) समाजीकरर की परविया को दो परकार स समझा जाता ि पराथवमक

समाजीकरर और वदवतीयक समाजीकरर

पराथवमक समाजीकरर ndash पराथवमक समाजीकरर एक बचच का पिला समाजीकरर ि यि विि

क जनतम क साथ िी िर िो जाता ि सवकषपत रप स यि सजञानातमक अविगम वजसम वजसम

सामावजक रप स सगवठत पररिार वयिसथो क वयििाररक साच सकीमा ( जञान क सगठन ) की

तरि बनत ि इस परविया म विि पाररिाररक वयिसथो म वयापत वनयमो और वयििारो क

अतबोि क साथ बड़ा िोता िोती ि पराथवमक समाजीकरर म बचच क वलए उसक मितिपरव

अनतय( significant others) जस ndash पररिार क सदसय आवद मितिपरव िवमका वनिात ि

अपन lsquoमितिपरव अनतयोrsquo की िावत बनना विि क अविगम का विससा िोता िपररिार स बचचा

िाषा परवतक वचनति ि वयििार की िौवतक और अिौवतक ससकवत को आतम सात करता ि

करती ि

वदवतीयक समाजीकरर ndash वदवतीय समाजीकरर स अविपराय उस परविया स ि जो पराथवमक

समाजीकरर क उपरात िोती ि वसखान की इस परविया म पिल स समाजीकत वयवकत समाज

की िसतवनि िासतविकताओ स पररवचत िोता िोती ि बचच क वदवतीयक समाजीकरर म

सकल एक मितिपरव िवमका वनिाता ि

3 समाजीकरर की विविनतन एजवसयो कौन- कौन सी ि

उततर - समाजीकरर की एजवसयो स अविपराय उन ससथावनक सगठनो स ि वयवकत क

समाजीकरर म अपना योगदान दती ि इन एजवसयो म परमख ि पररिारपड़ोससमककष समि

वमवडया सकल और राजय की िचाररकी यि सिी सगठन वयवकत क जनतम क उपरात उस

सामावजक रप म विकवसत मनषटय बनन म अपना योगदान दत ि

4 जडर आिाररत अवसमता स आप कया समझत ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 51

उततर - जडर की अििाररा को समझान स पिल आिशयक ि वक lsquoजडरrsquo िबद को समझा

जाय जडर िबद पराय समाज म जविक रप स विनतन सतरी परष ि मनोिजञावनक रप स

उियवलगी और अनतय वलगो का सामावजक सबोिन ि जविक रप स सतरी परष ि उियवलगी

ि अनतयो क वयििारो क वििावजत साचो ( patterns) को शररी बधद करन क वलए इस िबद

का परयोग समाज म वकया जाता ि और जडर स समबवित अििाररा स तातपयव एक वयवकत क

जविक वलग ( सतरी ndashपरष) और समाज म उसकी जडर अवसमता ( gender identity) क बोिन

क बीच क जवटल सबिो स ि एक वयवकत क वयििारो का परसतवतकरर( gender

expression) उसक दवरा वनिाई जान िाली जडर िवमकाओ ( gender roles) स जडी िोती ि

19 सदि व गरनतथ सच ी 1 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल

िीकली िोलम 17

2 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

3 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली

4 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली

5 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

6 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया

7 राषटरीय पाठयचयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

8 Peter LBerger ThomusLuckman(1966)The Social Construction Of

RealityUS

9 एनसीइआरटी(200) आिार पर 32 जडर इससस इन एजकिन एनसीइआरटी वदलली

110 ह नब धातम क पर शन 1 विकषा क सदिव म समाजीकरर ि जडर अवसमता क िवकषक वनविताथो को समझाए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 52

इकाई 2- हिकषा म जडर सरोकार

21 परसतािना

22 उददशय

23 नामाकन एि पि ाच का सिाल-

24 अिरोिन

25 उपलवबि

26 साराि

27 िबदािली

28 सदिव गरनतथ सची

29 वनबिातमक परशन

21 परस तावना आिवनक िारत म मविला विकषा का िावतकारी बीज बोन का कायव 9िी िताबदी क मधय म जयोवतबा

फल और साविरीबाई फल न वकया 848 म इनक परयासो स बावलकाओ क वलए पिली पाठिाला पर

म खोली गई इसी काम को आग बढ़ात ि य उनतिोन और िी कई सकल खोल वजस परविया म उनति समाज

क परिाििाली िगो क कड़ विरोि का सामना करना पड़ा मविला विकषा क पकष म उनका यि सामावजक

िसतकषप कोई एकाकी परयास निी था िरन जावतपरथा ि विििा पनविविाि जसी अनतय सामावजक करीवतयो

क वखलाफ़ िी उनतिोन मोचाव खोला इसी िम म 858 म जनतमी पवडता रमाबाई क उन पररितवनकामी

परयासो को िी दखा जा सकता ि वजनम उनतिोन बाल वििाि तथा बाल ििवय स पीवड़त लड़वकयो क

वलए आशरम खोल और तथा मवडकल कॉलज तथा विकषर म मविलाओ की िागीदारी को सथावपत करन

का ऐवतिावसक कायव वकया उपरोकत उदािररो स यि साफ िोता ि वक मविलाओ क िक़ म सघषव करन

िाल सामावजककवमवयो का अनिि था वक िारत क सदिव म जावत िगव िमव-ससकवत पर सिाल खड़

वकए बगर मविलाओ क िको की लड़ाई को बि त दर तक निी ल जाया जा सकता ि

इनतिी ऐवतिावसक िसतकषपो क परिाि क फलसिरप िारत क सवििान म मौवलक अविकारो मौवलक

कतववयो और नीवत वनदिक ततिो म मविला मददो की बात की गई ि सवििान का अनचछद 4 जिा वलग

क आिार पर िदिाि न वकए जान और सबको समान रप स दखन की िकालत करता ि ििी अनचछद

5(3) मविलाओ और बचचो क सबि म वििष पराििानो की िकालत करता ि सवििान क अवतररकत

समय-समय पर आए विविनतन नीवतगत दसतािजो न िी मविला विकषा पर ज़ोर वदया ि इस कड़ी म

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राषटरीय विकषा नीवत 986 को दखना उललखनीय िोगा वजसन पिली बार समानता क वलए विकषा नामक

खड म एक परा िाग मविला विकषा को समवपवत वकया मविलाओ की समानता ित विकषा क खड 42 म

मविला विकषा पर ज़ोर दत ि य नीवत किती ि वक-

ldquoविकषा का उपयोग मविलाओ की वसथवत म बवनयादी पररितवन लान क वलए एक सािन क रप म

वकया जायगा अतीत स चली आ रिी विकवतयो और विषमताओ को खतम करन क वलए विकषा-

वयिसथा का सपि झकाि मविलाओ क पकष म िोगा राषटरीय विकषा-वयिसथा ऐस परिािी दखल

करगी वजनस मविलाए जो अब तक अबला समझी जाती रिी ि समथव और सिकत िो नए मलयो की

सथापना क वलए विकषर ससथाओ क सविय सियोग स पाठयिमो तथा पठन-पाठन सामगरी की

पनरवचना की जायगी तथा अधयापको ि परिासको का पनःपरविकषर वकया जायगा मविलाओ स

सबवित अधययन को विविनतन पाठयचयावओ क िाग क रप म परोतसािन वदया जायगा इस काम को

सामावजक पनरवचना का अविनतन अग मानत ि ए इस परवकत सकलप िोकर वकया जायगा और विकषा

ससथाओ को मविला विकास क सविय कायविम िर करन क वलए परररत वकया जायगाrdquo

विविनतन समय पर आई पाठयचयाव की रपरखाओ न िी मविला विकषा की आिशयकता पर ज़ोर वदया ि

राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 की परविया म राषटरीय विकषा एि अनसिान पररषद न तो मविला

मददो पर अलग स एक position paper गवठत वकया इस समि की परमख अनिसाओ म स दो विकषा म

लड़वकयो की पि ाच और अिरोिन स सबवनतित थी

i सिी लड़वकयो क वलए विकषा तक पि ाच सरकार को चाविए वक िि विकषा पर जयादा खचव कर

मफत और गरिततापरव विकषा दन तथ दि क सिी इलाको म लड़वकयो क वलए सकलो की पि ाच

िो इसक वलए पराििान वकए जाए वजसस लड़वकयो दवारा समान रप स विकषा की परावपत को

सवनवशचत वकया जा सक

ii लड़वकयो की विकषा की गरितता तथा उनति विदयालय म बनाए रखना सािवजवनक विदयालय

खराब गरितता िाली विकषा क क ि बनत जा रि ि जिा समाज क िवचत तबको क बचच

वििषतः लड़वकया आती ि और जो बड़ी सखया म लड़वकयो क सकल छोडन (डरॉपआउट) स

िी जड़ ि इसवलए सािवजवनक सकलो म ढाचागत सवििाओ को दरसत वकए जान तथा विकषर

की गरितता को सिारन की आिशयकता ि (सि-अनवदत अविकत विनतदी अनिाद

अनपलबि)

जाविर ि इन दसतािजो म मविला विकषा एि लवगक समानता क उददशयो की परावपत ित राजय की सविय

िवमका की सकलपना ि परसतािना की गई ि िारतीय समाज क सदिव म राजय की िवमका इसवलए िी

और मितिपरव िो जाती ि कयोवक िारतीय समाज म पारपररक रप स सतरी विरोिी ससकवत का दबदबा

रिा ि एक आिवनक और लोकतावनतरक राजय स अपकषा रिती ि वक िि अपन नागररको वििषतः

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कमजोर तबको क वलए वििष उपबि कर उनति जीिन का साथवक अविकार ि मलित समानता क

अिसर उपलबि कराए

22 उदद शय इस पाठ को पढन क पशचात आप-

1 मविला विकषा स जड़ सरोकारो पर अपनी समझ बना सक ग 2 मविला विकषा म आन िाली चनौवतयो को समझ पाएग

3 मविला विकषा म पि ाच नामाकन अिरोिन और कल उपलवबि पर जडर सरोकारो पर अपनी

समझ बना सक ग

2 3 न ाम ाक न एव प ि ाच का सव ाल मविला विकषा की बात करत ि य सबस पिला धयान िमारा नामाकन और पि ाच क सिाल पर जाता ि

विकषा की बात तो तब की जा सकगी जब लड़वकया विदयालय तक पि ाच पाएगी और उनका नामाकन

िोगा अिी िी बि त सारी लड़वकया की पि ाच स सकल बािर ि इस कड़ी म िम सकलो म लड़वकयो क

न पि ाच पान क काररो की पड़ताल करनी िोगी

पि ाच क सिाल म घर स विदयालय की िौवतक दरी काफी मायन रखती ि िारत जस वपतसततातमक

समाज म जिा लड़वकयो को घर स बािर अकल िजना सिी निी समझा जाता ि घर स विदयालय की

िौवतक दरी लड़वकयो की पि ाच को कम करती ि बि त सारी लड़वकया वसफव इसवलए सकल बीच म िी

छोड़ दती ि कयोवक उनक घर और विदयालय क बीच दरी ि और इतनी दरी तय करना उनति ि उनक

पररजनो को सरवकषत निी लगता लवगक सरकषा क सिाल क अवतररकत आज िी िारत क एक बड़ िगव

क वलए िौवतक दरी अवतररकत ससािनो की माग करती ि वजसक सदिव म अविकतर पररिार अपन नतयन

ससािनो म स खचव करन म अपन को सासकवतकमनोिजञावनक रप स तयार निी पात ि इनतिी

पररवसथवतयो क कारर विविनतन राजय सरकारो दवारा अपनाई गई उन नीवतयो का मिति और बढ़ जाता ि

वजनम इस िौवतक दरी को पाटन क उददशय को धयान म रखा गया ि उदािरर क तौर पर कछ राजय म

सकली छाराओ क वलए सकल आन जान क वलए साइकल उपलबि कारिाई गई ि इसी तरि कछ

राजयो म लड़वकयो क सकलकॉलज आन जान की यारा को सािवजवनक पररििन म मफत रखा गया ि

वलग िद िगीय जातीय और िावमवक असमानता स गाथा ि आ ि मविलाओ पर इस तरि उतपीड़न कई

परकार स बढ़ जाता ि सबस कमजोर कड़ी लड़वकयो को िी दखा जाता ि विसा वक वसथवत म िी सबस

पिल मार इनति िी झलनी िोती ि जिा जिा सामदावयक विसा क परकरर ि य ि ििाा का अनिि यि

बताता ि वक विसा की मार झल रि समदायो का डर सबस पिल और सबस जयादा लड़वकयोमविलाओ

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क जीिन को िी परिावित करता ि उदािरर क तौर पर उनको सकल स वनकलिा लना घर स बािर न

वनकलन दना आवद

सकलो म सासकवतक सतर पर रवढ़बदध वयििार वक विकार मविलाए िोती ि समाजीकरर का सकली

ससकवत पर असर इसम दोनो तरि क परिाि काम करत ि ndash िो जो इस अििाररा पर आिाररत िोत ि

और इस बल दत ि वक दोनो वलग जनतमजात रप स अलग ि तथा इनति अलग-अलग िवमकाय िी

वनिानी चाविएा और िो जो इस एक कदम और आग लजाकर यि कित ि वक परष मविलाओ स शरि

ि उदािरर क तौर पर एक तरफ सकलो म लड़क-लड़वकयो विकषक-विवकषकाओ क वलए परसपर विनतन

िवमकाएा वनिावररत की जाती ि ििी दसरी तरफ कछ िवमकाओ को इस मायन म एक वलग क वलए

आरवकषत ि दसर क वलए िवजवत रखा जाता ि वक िो शरि ि या बकारकम मिति की ि इनक जीत-

जागत नमन िम सकलो की दवनक सिा समारोि-आयोजन पिव-तयोिार क अिसरो तथा अनौपचाररक

बातचीत क अलािा नवतक िकतवयोसबोिनो म िी दख सकत ि य वसथवत सकलो की परगवतिील

अथिा पररितवनकामी सिािनाओ पर गिर सिाल खड़ करती ि और चनौती िी परसतत करती ि

राजय दवारा समय-समय पर अनक कायविम चलाकर इस वदिा म परयास वकया गया ि वजसस वक

लड़वकयो की विदयालय म उपवसथती सवनवशचत की जा सक इसक तित लड़वकयो क वलए विविनतन राजय

सरकारो न विविनतन सतरो तक वनिलक विकषा की वयिसथा िी की ि विकषा का अविकार कानन इस

वदिा म लाया गया एक परिािी कानन ि जो काननी रप स 6 स 4 िषव तक क सिी बचचो को वनिलक

विकषा परदान करन का पराििान करता ि विविनतन राजयो ि सरकारो दवारा लड़वकयो क वलए अलग स

छारिवतयाा विदयालय पोिाक पसतको-कॉवपयो आवद क वलए अवतररकत सिायता रावि साइवकल आवद

परदान कर इस वदिा म सकारातमक कदम उठाए गए ि

िवकषक दसतािज़ो म जडर सरोकार

43 मविलाओ म साकषरता परसार को तथा उन रकािटो को दर करन को वजनक कारर लड़वकया

परारविक विकषा स िवचत रि जाती ि सिोपरर पराथवमकता दी जायगी इस काम क वलए वििष

वयिसथाएा की जायगी समयबदध लकषय वनिावररत वकए जायग और उनक कायावनतियन पर कड़ी वनगाि रखी

जायगी विविनतन सतरो पर तकनीकी और वयािसावयक विकषा म मविलाओ की िागीदारी पर खास जोर

वदया जायगा लड़क और लड़वकयो म वकसी परकार का िद-िाि न बरतन की नीवत पर परा जोर दकर

अमल वकया जायगा तावक तकनीकी तथा वयािसावयक पाठयिमो म पारपररक रियो क कारर चल आ

रि वलगमलक वििाजन (सकस सटीररयोटाइवपग) को खतम वकया जा सक तथा गर-परमपरागत आिवनक

काम-ििो म मविलाओ की विससदारी बढ़ सक इसी परकार मौजदा और नई परौदयोवगकी म िी मविलाओ

की िागीदारी बढ़ाई जायगी (राषटरीय विकषा नीवत 986 )

समाज म लड़को और लड़वकयो क सदिव म परचवलत सासकवतक मलयो क कारर और मविलाओ की

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घरल कामो और परजनन की िवमका क कारर िी लड़वकयो की विकषा पर बि त बरा परिाि पड़ता ि

मविलाएा विकषा म कयो निी िाग ल पाती इसक कछ अनतय कारर नीच वदय ि- माता-वपता म लड़वकयो

को सकल िजन क परवत उपकषािाि उनम लड़वकयो क सकल म पढ़ाई क परवत पिावगरि उनक घमन-वफरन

पर (वििष रप स यौिनारमि क बाद बािर वनकलन पर) परवतबि छोटी उमर म िादी और उनति

मविलाओ क दावयतिो को सिालन का दबाि इनक पीछ वपततरातमक मलय और रिया ि वजसका

िमार समाज पर गिरा परिाि ि वजन समदायो म यि िदिाि वजतना अविक िोता ि उतना िी यि

किदायक िोता ि वििष रप स कछ अलपसखयक समदायो म यि किी अविक ि गरीब पररिारो म

छोटी लड़की की अविक िवमका और गिसथ म उसकी वजममदाररयाा सकल जान म रकािट ि ितवमान

समाज म लड़क और लड़वकयो म िदिाि स विकषा परराली क बि त स पकषो पर सीिा परिाि पड़ता ि

जस- विकषा क विविनतन सतरो पर लड़वकयो की विकषा क वलए पयावपत सवििाओ का अिाि लड़वकयो क

गर-पारपररक कोसो म पि ाच न िोना पाठयचयाव क वनिावरर म िी लड़वकयो क बजाय लड़को को धयान

म रखना लड़वकयो क परवत अधयापको और परविकषको का नकारातमक रिया मविलाओ का उचच पदो

और वनरवय लन िाली वसथवत म न िोना इसवलए िमारी विकषा नीवत उस बड़ सामावजक-आवथवक और

सासकवतक सदिव को धयान म रखकर बननी चाविए वजसका लड़वकयो की विकषा पर परिाि ि (पि 26)

राममवतव सवमवत 990

सामदावयक अथिा वनजी परयासो पर टीक वछटपट उदािररो को छोड़ द तो यि साफ िो जाता ि वक

िारत की अविकतर लड़वकया सािवजवनक सकलो क माधयम स िी विकषा गरिर कर पाती ि छाराओ की

विकषा क परवत सरोकार रखन िाल लोगो ि ससथाओ न इस सदिव म राजय पर िी दबाब बनान को उवचत

माना िारत का सवििान िी राजय पर यि दावयति डालता ि वक िि समाज क कमजोर िगो क पकष म

सािवजवनक ससािन उपलबि करिाएा

वपछल कछ िषो म समाचारो म इन खबरो न परमख सथान गरिर वकया ि जिाा वक बोडव परीकषाओ म

लड़वकयो का लड़को स बितर परदिवन रिा ि इस पररघटना को कस दखा जाना चाविए कया इसस यि

सावबत िोता ि वक लड़वकयो न बराबरी िावसल कर ली ि इस पि ाच क सिाल स जोड़कर दखन की िी

आिशयकता ि वक वकतनी लड़वकया आग तक बनी रिती ि और वकतनी उचच विकषा या रोजगार म

आग जा पा रिी ि इसस तसिीर का यि पिल वछप जाता ि वक इन परीकषावथवयो म लड़वकयो का अनपात

वकतना था दसरी ओर लड़वकयो म मनोविजञान क परदिवन दबाब की पररघटना को िी दिावता ि वजसक

तित लड़वकयो का एक बड़ा िगव सिय को इस वसथवत म पाता ि वक उनति विकषा क अगल सतर पर जान

का मज़बत दािा ठोकन क वलए लड़को की तलना म अपनी अवतररकत कावबवलयत वसदध करनी पड़ती ि

आवखर यि उनकी िािी विकषा क रासतो क वलए जीिन मरर का सिाल िोता ि

पि ाच क बाद िी काम क अिसरो पर बराबरी का सिाल बना रिता ि कछ तो आवथवक वयिसथा और

कछ पाररिाररक सरचना ऐसी ि वक यि असमानता बनी रिती ि चाि िि पिव पराथवमक विकषर ि नवसिग

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क वयािसावयक कषर िो चाि सिा कषर म ररसपिवनसट जस कायव यि समाज म वयापत सासकवतक ि

पाररिाररक सरचना तथा मलयो स तय िोता ि वक विकषा गरिर करन क बाद िी कायव क अिसरो की

उपलबिता वलग स परिावित िोगी साथ िी इजीनतयररग और मवडकल जस विषयो म परिि क वलए मिगी

कोवचग की पररघटना यि सावबत करती ि वक ििावनक और औपचाररक रप स बराबरी क अिसर िोन

क बािजद यि तय निी िोता वक िासति म िी लड़क लड़वकयो क बीच अिसर बराबरी स वमलग

पररिारो म जिा मिगी फीस दकर कोवचग वदलिाना लड़को क वलए अविक सिज वनरवय िोता ि ििी

लड़वकयो क सदिव म यि इतना आसान और सिज निी िोता ि इस परकार पि ाच नामाकन एि बनाए

रखना अगर एक िद तक सवनवशचत िो िी जाएा तो उसक बाद िी सामावजक िवमका म बराबर की

िागीदारी का सिाल बना रिता ि

इस सदिव म आचायव राममवतव सवमवत का वनमन कथन परासवगक ि जो उपरोकत चचाव का समकन करता ि

सकल म लड़वकयो क दावखल म उनक बीच म सकल छोड़ दन की दर क पीछ किल सामावजक

आवथवक और सासकवतक कारर िी वजममदार निी ि बवलक िमारी नीवत और पराथवमकताए िी

उततरदायी ि उदािरर क तौर पर िमारी ितवमान िवकषक सवििाए कसी िो उसम वकतनी सामगरी िो

और उसकी गरितता कसी िो य सब बात विकषा नीवत दवारा वनिावररत िोती ि उपयवकत सदिव म या तो

यि लड़वकयो की विकषा की समसया को और अविक बढ़ाएगी या उनकी विकषा विकषा म िागीदारी

को सवििापरव बना सकगी (पि 26-27)

24 अव रोध न वदलली क सकलो क ताज़ा अनिि यि बतात ि वक जब परिासवनक निाचार अथिा ई-गिनस क नाम

पर परिि परविया को पिल स अविक जवटल बना वदया जाता ि तो आवथवक रप स कमजोर तबको क

वलए जो मवशकल पदा िोती ि उनस िताि िोकर िो सबस पिल अपनी बवटयो को आग न पढ़ान या घर

बठा लन क विचार वयकत करत ि इसस साफ िोता ि वक विकषा गरिर करन क रासत म वकसी िी परकार

की परिानी आन पर पररिार बट बटी म स सबस पिल वकसकी विकषा क अिसरो को दाि पर लगाएग

अिरोिन स पार पान क वलए िम वनमनवलवखत बातो का धयान रख सकत ि और कदम उठा सकत ि

वजसस न वसफव लड़वकया सकल तक पि च बवलक समय क साथ अपना अधययन िी परव कर सक

सिवपरथम उन काररो की तलाि की जानी चाविए वजनक कारर माता-वपता अपनी लड़वकयो को

सकल निी िज पात गरीबी क अलािा जातीय कठा असरकषा का िातािरर अधयापन म

अरोचकता और सकल का असिचछ एि गनतदा िोना आवद जस काररो स िी लोग अपनी

लड़वकयो को सकल म निी िजत या िज पात ि

छोटी लड़वकयो को सकल जान क वलए घर क तमाम कामो स मकत करन क वलए पररिार क

लोगो क वलए पानी ईिन और चार की सलिता को बढ़ाना िोगा नीवत वनमावताओ को इस ओर

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धयान दना िोगा इसक अवतररकत विकषा को इस बात पर िी बल दना चाविए वक गााि म

सामावजक िन कषर बनान पीन का पानी मिया करन और गााि म सािवजवनक िवम को िरा-िरा

बनान का काम किल इसवलए न वकया जाए वक इसस मविलाओ क जीिन की नीरसता समापत

िो जाएगी बवलक इसका उपयोग लड़वकयो क सकल जान और सकल की पढ़ाई जारी रखन क

सािन क रप म वकया जाए

यि सवनवशचत वकया जाना चाविए वक परतयक सकल म पानी िौचालय और विकषको तथा

छाराओ क वलए सवििाजनक सथान कसी मज आवद वक वयिसथा िोनी चाविए

सिी अधयापक परविवकषत अपन विषय म दकष सिदनिील और मिनती िो बचचो वक

मानवसकता को पिचानन िाल विकषको को िी छार िगव आतमीय मानन लगता ि अधयापन

िली म रोचकता और समपरषरता का धयान वििष रप स रखा जाना चाविए

पाठयिम सरवचपरव िजञावनक एि बि आयामी जञान को विकवसत करन िाला तथा जनतावरक

वसदधातो वक सिीकायवता स यकत िोना चाविए सपरदायिाद कटटरिाद तथा ससकवत क नाम पर

वकसी िमव वििष को बढ़ािा दन वक परिवत पाठयपसतको म अवकत निी िोनी चाविए

परतयक ककषा म अधयापक की मौजदगी अवनिायव िो और विकषक िनतय कमर की ियाििता तथा

एक अधयापक सिी ककषाओ की दखरख कर जसी िोचनीय वसथवत सिवथा समापत िोनी चाविए

माता-वपता तथा अवििािको को समय-समय पर जागरक वकया जाना चाविए वक ि अपन

बचचो को विदयालय म िज तथा विकषा क परवत उनका दविकोर सकारातमक बन

25 उ प लमिबध आकड़ वदखात ि वक पराथवमक स लकर उचचतर माधयवमक तक सिी सतरो म लड़वकयो क नामाकन दर

म िवदध िो रिी ि नामाकन क सतर पर िी सिी एक साखयकीय समानता की तरफ िम बढ़त ि य नज़र आ

रि ि िम मान सकत ि वक इस परापत करन म एक ओर जिाा राजय की िवमका रिी ि ििी दसरी तरफ जन

दबाब ि सासकवतक पररितवन की परविया न िी इसम योगदान वदया ि लवकन जसा वक िम अधयाय म

ऊपर चचाव कर चक ि सखयाओ क पीछ की तसिीर इतनी सपाट निी िोती ि और िम इस दखन क वलए

गिराई म उतरन की ज़ररत ि

नीच दी गई साररी म िम इस कषर म ि ई उपलवबि को दख सकत ि

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उपरोकत साररी स वदखाई पड़ता ि वक समय क साथ-साथ लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि और

सकल छोड़न की दर िी कम ि ई ि राजय दवारा वकया गया यि िसतकषपकारी कायव सरािनीय तो ि मगर

पयावपत निी दवनया क सबस बड़ लोकतनतर म अिी िी लाखो बचच सकल स बािर ि वजनम लड़वकयो

की एक बि त बड़ी तादाद ि इसवलए आिशयकता ि वक राजय ऐस कदम उठाए वजसस सिी बचचो की

विदयालय म उपवसथती एि नामाकन सवनवशचत वकया जा सक

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 60

26 सा राश सपितः लवगक िवमका का समाजीकरर एि लवगक-पिावगरियकत परछनतन पाठयचयाव लड़को एि लड़वकयो

क वलए एक असमान विकषा को बढ़ाती ि सब बचचो क वलए एक समान अविगम का मािौल बनान क

वलए कया पररितवन वकए जान चाविए पिला विकषको को लवगक-पिावगरि की परिवत क परवत सचत वकया

जाना चाविए दसरा उनति इस वयििार को पररिवतवत करन क वलए सिायता (सामगरी परविकषर आवद)

परदान की जानी चाविए और इस बात क परयास वकए जान चाविए वक िवकषक सामगरी लवगक पिावगरि स

मकत िो

जिा पाठयपसतक लवगक सिदनिीलता का कछ धयान रखती िी िो ििाा विदयालय एि सथानीय सतर पर

िोन िाल मलयाकन यि तय कर दत ि वक इनका परिाि नतयनतम रिगा कयोवक इनका परीकषाओ क साथ

कोई सबि निी बनाया जाता ि

बराजीली विकषाविद पाउलो फरर क अनसार कायावनतियन और सामावजक गवतिीलता स जोड़ वबना

साकषरता बमानी ि इसी तरि मविला विकषा ि लवगक सिदनतिीलता क मदद पर िारत म जो समझ

विकवसत ि ई ि उसका मिति तिी िोगा जब उस जडर क बार म सामावजक-सासकवतक और

ऐवतिावसक समझ क पररपरकषय म रखा जाए इस सदिव म राषटरीय पाठयचयाव की रपरखा 2005 क अतगवत

बन ldquoविकषा क लकषयrdquo आिार पर का यि कथन परासवगक ि वक विकषा को मकत करन िाली परविया क

रप म दखा जाना चाविए अनतयथा अब तक जो कछ िी किा गया ि िि अथविीन िो जायगा विकषा की

परविया को सिी परकार क िोषर और अनतयाय स मकत िोना पड़गा (जस गरीबी वलग िद जावत तथा

सापरदावयक झकाि) जो िमार बचचो को इस परविया का विससा बनन स िवचत करता ि (p 5 विकषा क

लकषय राषटरीय फोकस समि)

विकषा अपना अथव एक मवकतकामी िवमका वनिान म िी परापत करती ि और इस विषय म लड़वकयो क

वलए सिी तरि की बराबरी का सिाल आज िी एक चनौती की तरि खड़ा ि लवगक िदिाि अथिा

असमानता म जो वििष बात ि जोवक इस अनतय तरि क िदिािो या ग़र-बराबरी स अलग करती ि िो

इसका अदशय िोना ि यि िम या तो वदखाई निी दती या वफर िम इस यि किकर नकारत ि की यि

पराकवतक अतरो पर वटकी ि वजसपर िमारा कोई बस निी ि तथा जो जायज ि वतस पर इन

असमानताओ को एक लब इवतिास िावमवक वििान ि रीवत-ररिाजो का सिारा वमला ि आ ि जोवक

समाज म इनति एक सिािाविक तथय की िवसयत दता ि

वलग आिाररत िदिािो क काररो को यवद िम जानन का परयास कर तो िम पात ि वक इसका एक

परमख कारर वपतसततातमक समाज ि परोफसर कषटर कमार अपनी पसतक lsquoिवकषक जञान और िचवसिrsquo म

वलखत ि ndash ldquoसमाज म वजन तबको का िचवसि ि ि विकषा और वििषकर पाठयिम का इसतमाल यि

सवनवशचत करन म कर सकत ि वक उनकी आिाज़ो क अलािा और सिी आिाज इतनी नाकाफ़ी

कमज़ोर या वबगड़ रप म आय वक उनकी अपील नकारातमक िो जाय (पि 22)

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 61

यिाा यि िी दविगोचर िोता ि वक अनतय असमानताओ की तरि लवगक अनतयाय म िी एक सतता का

सतलन बनाए रखन का उददशय ि इवतिास गिाि ि वक एक वििष िगव क वलए ऐस सवििाजनक सतता

समबनतिो को सीि चनौती दकर िी उनति अविक नतयायसममत बनाया जा सका ि अथावत नतयाय पर

आिाररत लवगक सबि समाज म अपन-आप सथावपत निी िोत बवलक उनक वलए सतत ि सचत सघषव

करना पड़ता ि कयोवक ितवमान की इन पररवसथवतयो म एक िगव िोषक की िवमका म ि और उस इस

असमानता का िौवतक-मानवसक लाि वमल रिा ि इसवलए किल हदय-पररितवन क माधयम स बदलाि

की उममीद करना अनवचत ि िाा विकषा ज़रर िो सथल उपलबि कराती ि जिा स बदलाि क कम-स-

कम सासकवतक बीज तो बोय िी जा सकत ि अगर िम इसका इतना िी इसतमाल निी करग तो न वसफव

िम विकषा ि लड़वकयो क साथ अनतयाय करग बवलक बदलाि क और अवनवशचत ि िीितस रपो क वलए

िी िम तयार रिना िोगा

27 शबदाव ली 1 अिरोिन ndash ि कारक और परविया वजसक चलत लड़वकया विदयालय जान स िवचत िो जाती

ि

2 डरॉपआउट ndash बीच म िी सकल छोड़ दन की पररघटना को डरॉपआउट क नाम स जाना जाता ि

बि त स विचारक ि विकषाविद इस पिआउट कित ि वजसका आिय ि वक बि त स ऐस कारक

ि जो बचचो को विदयालय स बािर िकल दत ि बचचा अपनी सिचछा स विदयालय निी छोड़ता

बवलक उस इसक वलए बाधय कर वदया जाता ि

3 नामाकन ndash नामाकन क अतगवत विदयालय म नाम जोड़न को वलया जाता ि नामाकन क दवारा

िम आकड़ परापत िोत ि वक वकतन बचच सकल म ि और वकतन बािर और उसी क आिार पर

राजय ि नीवत वनयता नीवतयो का वनमावर करत ि

4 पि ाच ndash बचचो दवारा विदयालय म परिि को पि ाच क दायर म रखा जाता ि ऐस बि त स कारक ि

जो बचचो की विदयालय म पि ाच को रोकत ि वजसकी चचाव िम अधयाय म कर चक ि

29 सदि व गरनतथ सच ी 1 एपपल माइकल(990) आइवडयोलॉजी एणड कररकलम नतययाकव ः रटलज

2 एपपल माइकल(993) ऑवफवसयल नॉलज डमोिवटक एडकिन इन कनतसिवटि एज

नतययाकव ः रटलज

3 कारनोय मावटवन (997) सासकवतक सामराजयिाद और विकषा नई वदललीः गरथविलपी

4 कमार कषटर (998) िवकषक जञान और िचवसि वदललीः गरथविलपी परकािन

5 गरामसी एटोवनयो (97) सलकिन फरॉम वपरजन नोटबक नतययॉकव इटरनिनल पवबलिसव

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 62

6 जडर और विकषा रीडर- िाग (200) नई वदललीः वनरतर

7 डीम रोजमरी (978) िमन एणड सकवलग लदनः रटलज एणड कीगन पॉल

8 डीिी जॉन (998) विकषा और लोकतर नई वदललीः गरथविलपी

9 दखीम एमील (2008) विकषा का सिरप और उसकी िवमका सरिचनति िकल एि कषटर

कमार (समपावदत) विकषा का समाजिासतरीय सदिव म (पि 7-30) नई वदललीः गरथविलपी

10 दब लीला (200) एनतरोपोलोजीकल एकसपलोरिन इन जडरः इणटरसवकटग वफलडस नई

वदललीः सज पवबलकिन

11 पासवनतस टोलकट (200) सामावजक वयिसथा क रप म सकली विकषाः अमररकी समाज म

इसक कछ परकायव विकषा विमिव माचव-जन (पि 75-89) जयपरः वदगनततर

12 फरर पाउलो (997) उतपीवड़तो का विकषािासतर नई वदललीः गरथविलपी

13 बजवर पी एि लकमन टी (99) वद सोशयल कनतसरकिन ऑफ़ ररयलटीः ए रीटाइज इन वद

सोशयोलाजी आफ नालज वदललीः पनतगइन बकस

14 बलनकीन जी एम एडिडव जी एि कली ए िी (992) चज एणड वद कररकयलम लदनः

पाल चपमन पवबलविग वलवमटड

15 िटटाचारजी नवनतदनी (202) आइन म अकसः पराथवमक विदयालयो म लवगक (जणडर)

समाजीकरर विकषा विमिव माचव-जन (पि 2-32) जयपरः वदगनततर

16 िारत सरकार (986) राषटरीय विकषा नीवत 986

17 िोग वदपता (2008) जडर एणड कररकयलम ई मरी जा न दवारा समपावदत िमनस सटडीज इन

इवडयाः ए रीडर म पि 352360 नई वदललीः पनतगइन बकस

210 हनब धातम क पर शन 1 विकषा म लड़वकयो क नामाकन म कमी क कारर बताइय 2 राजय की उन योजनाओ क उदािरर दीवजय वजनस लड़वकयो क नामाकन म िवदध ि ई ि

3 ldquoविकषा को मकत करन िाली परविया क रप म दखा जाना चाविएrdquo इस कथन स आप कया

समझत ि

4 जडर क सदिव म वटपपरी कीवजय जडर सिनिीलता को बढ़ान म सकल वकस परकार अपना योगदान

5 िावमवक-सामावजक रवढ़याा बावलका विकषा को वकस परकार परिावित कीवजय उदािररो सवित

विशलषर कीवजय

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 63

इकाई 3- पाठयकरम म हनहित जडर समबनतधी मदद

31 परसतािना

32 उददशय

33 जावत िगव िमव कषर और ससकवत क परवतचछदन क रप म जडर -

34 पाठयिम म वनवित जडर-िद क मदद

341 पाठयिम की अििाररा 342 पाठयिम क परकार

35 जीिन कौिल ि यौवनकता

36 साराि

37 िबदािली

38 अभयास परशन-उततर

39 सदिव गरनतथ सची

310 वनबनतिातमक परशन

31 परस ताव ना राषटरीय विकषा- नीवत(1986) म किा गया ि वक वजन वसदधातो पर राषटरीय विकषा वयिसथा की पररकलपना

की गई ि ि िमार सवििान म वनवित ि( परा 342) राषटरीय विकषक आयोग की मान तो लोकतर पथ

वनरपकषता तथा सामावजक नतयाय सवििान म िवरवत तीन सबस मितिपरव मलय ि (वसि वबरनति राित

201630) इन सिी मलयो क िवकषक रप म सथावपत िोन क वलए आिशयक ि वक विकषा स समबवित

सिी सतरो को वकसी िी तरि क िद स वनरपकष बनाया जाए विकषा क इन सिी उददशयो को विकषावथवयो

तक पि ाचान की मितिपरव कड़ी ि lsquoपाठयिमrsquo lsquoपाठयिमrsquo िवकषक परवियाओ का िि मितिपरव

विससा ि वजसम बचच क जीिन क समपरव अनििो का समािि वकया जाता ि िारतीय विकषा

वयिसथा का अपना एक औपवनिविक इवतिास रिा ि वजसम पराय पाठयिम क सतर पर इस तरि की

चीजो का समाििन िोता रिा ि जो इस ऐवतिावसक रप स परदत मानवसकता को आग ल जाती रिी ि

इसवलय विकषा नीवत का परतयक दसतािज ऐस मलयो की चचाव विकषा क उददशयो क रप म करता रिा ि जो

समानता और सितरता क मलयो को वयवकतगत जीिन का विससा बना सक चवक िम िारत जस विविि

दि म ि वजसम िौगोवलक कषरो स लकर लोगो क रिन-सिन आचार-विचार विशवास आवद सासकवतक

विििताओ क साथ-साथ जावतिमव ि जडर समबनतिी विनतनताओ का मािौल ि ऐस विविि दि म

विकषा म समानता और विवििताओ को समािि करत ि ए सवििान की गररमा को बनाय रखना अपन

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 64

आप म एक जवटल सिदनिील और गिीर मददा ि वपछल कछ दिको म िारत की विकषा वयिसथा

को लकर ि ए िोि यि दिावत ि वक िारत क सकलो म जावतिमविाषाकषर और जडर क आिार पर

िद-िाि िोता ि इसी सदिव म नि-समाजिासतरीओ न सकल की ककषाओ को lsquoबलक बॉकसrsquo की सजञा

दी ि वजसम परतयकष और परोकष रप म ऐसी गवतविवियाा की जाती ि जो सामावजक सरचना म

यथावसथवत( STATUS-QUO) को बनाय रखन का काम करती ि सकलो म वलवखत ि वयििाररक

पाठयिम म एक बि त बड़ी खाई नज़र आती ि जो जावत जडर िाषािमव ि कषर क आिार पर िद-

िाि को पि करती ि यि िदिाि अकसर इतन विकराल रप ल लत ि वक एक ियानक और िर विसा

को जनतम दत ि ऐस म विकषा का यि उददशय बन जाता ि वक िि ऐस नागररको का विकास कर जो बितर

जीिन कौिलो स लस िो और जीिन को बितरी और विकास की तरफ उनतमख कर सक एक बितर

जीिन क वलए मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और विकवसत िोना बि त आिशयक ि तिी एक

बितर समाज का वनमावर सिि ि इसवलए विकषा म वकिोरवकिोररयो क यौन समबनतिी मददो पर सिाद

िी अतयत आिशयक ि िारतीय समाज म पारमपररक रप स वकिोरो क यौन मददो को चचाव का विषय

निी बनाया जाता िमार समाज म पराय इन मददो को बिद वनजी माना जाता ि और बातचीत क दायरो स

बािर रखा जाता ि वजसक चलत वकिोरो म कई तरि की यौन समसयाए ि कठा पदा िो जाती ि

इसवलए वकिोर वकिोररयो क इन मददो को विकषा क कायवकषर म लाना बि त आिशयक ि वपछल पाच

दिको म विकषा स समबवित वलवखत दसतािज लगातार वयिसथा सकल-परिासन ि विकषको को यि

बतात रि ि वक सकली विकषा इन िदो और मददो क परवत सिदनिील रि परनतत वयििारगत सतर पर यि

लकषय अिी िी पि ाच स कोसो दर ि इसवलए यि आिशयक िो जाता ि वक सकल म विकषर कर रि और

िविषटय म विकषर करन िाल िािी विकषको का इन विवििताओ चनौवतयो और मददो को लकर

उनतमखीकरर वकया जाय विकषा क वयापक लकषयो की परावपत ित वलवखत पाठयिम वजतना आिशयक ि

उतना िी आिशयक ि विकषको को इस वदिा म विवकषत करना वक ि पाठयिम क वयििारगत सतरो पर

इन सिी चनौवतयो ि जडर िद क मददो को पिचान पाए ि उनक परवत सिदनिील िो पाए परसतत इकाई

म इनतिी सदिो को धयान म रखत ि ए पाठयिम और जडर िद क मददो को जावत िमव िगव कषर आवद क

िीतर बतान का परयास वकया गया ि इसक साथ िी पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो को समझन और

बतान का परयास वकया गया ि

32 उदद शय इस इकाई को पढ़न क उपरात पाठक

1 जडर समबनतिी अििाररा क जावत िमव िगव ि कषर क ससथाबदध चररर को जान पाएग

2 पाठयिम की वलवखत और परछनतन (hidden) अििाररा को जान पाएग

3 पाठय-पसतको और ककषागत अभयासो म वनवित जडर क मददो को पिचान पाएग

4 पाठयिम म वनवित जीिन कौिलो और यौवनकता क मददो को जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 65

3 3 जाह त व गव धम व कषर और सस कह त क परह तचछदन क र प म जड र - िारतीय समाज म जडर िद क मदद किल पररिार म िोन िाल समाजीकरर स आतमसात की गई

अििाररा तक िी वसवमत निी ि बवलक जीिन पयित इनका अभयास चलता रिता ि जडर आिाररत

वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात धयान म रखना चाविए वक

ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना जाता ि वक उनका मल

जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि ( दब लीला 199) यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ सदिो म

िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि(दब 198543) अथावत िारतीय वयिसथा

म वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि पाठयिम म

जावत िमव िगव और कषरीयता की सकलपनाओ म वनवित जडर क मददो को समझन स पिव आइय इन

अििारराओ की समझ को सपि कर ल

i जावत की अििाररा ndash जावत को अगरज़ी म सामानतयत कासट ( cast) कित ि यि एक परकार की

वयिसथा ि वजसम सामावजक ढाच म लोगो क समिो को सतरो म िगीकत वकया जाता ि िारत म

जावतया जनतम क आिार पर की जान िाली समान आनिावनक परवसथवत क आिार पर िरो म बटी

िोती ि जावत िबद का इसतमाल उस अनततविविािी समदायो क वलए वकया जाता ि वजसकी

आनिावनक परवसथवत कमोबि पररिावषत ि तथा वजसक साथ कोई वयिसाय पारमपररक तौर पर जड़ा

ि आ ि मसलमानो म वसथवत कछ विनतन ि नमाज़ अदा करन क वलए मवसजदो म कोई परवतबनति निी

ि और अछत परथा सपि निी ि िारतीय मल क िमो ndash जन बौि तथा वसख ndash म जावत क जारी

रिन क साकषय ि ( ििी47)

ii िगा स तातपया ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान

िवकत ि सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

iii ससकवत की अििाररा ndash ससकवत का अथव ि ndash lsquoजीिन जीन का तरीका( way of living)

समाजिासतरीय रप स ससकवत का अथव ि ndash सामावजक समिो क सााझा वकय जान िाल विशवास

वयििार और सामानतय चररर ससकवत क माधयम स लोग सिय क मलयो को पररिावषत करत ि

ससकवत क दो रप िोत ि पिला िौवतक और दसरा अिौवतक

a भौवतक ससकवत ndash िौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामवजक समि क िौवतक परवतक

वचनतिो स ि जो उसकी पिचान को पररलवकषत करत ि जस ndash िाषा िष-िषा ि दवनक जीिन म

परयोग िोन िाली िसतए

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 66

b अभौवतक ससकवत ndash अिौवतक ससकवत स अविपराय वकसी सामावजक समि वििष की

मानतयता और विशवासो स ि जस वकसी समदाय वििष की दवरा पर वकय जान िाल ररिाज

आवद

iv कषतरीयता की अििाररा ndash कषरीयता की अििाररा स अविपराय एक ऐस कषर का िासी िोन की

िािना स ि वजसम एक कषर वििष स सजातीय िोन की िािना जडी िोती ियि कषर अपन पडोसी

कषर स सासकवतक रप स विनतन िोत ि जस ndash आवदिासी समि

v ससथाए ndash ससथाए सामावजक उददशयो को परा करन क वलए कायव करती ि यि सामावजक वयिसथा

क ढाच का सञचालन करन ि समदायो क वयवकतयो क वयििार को अनिावसत ि वनयवरत करती

ि िमव जावत ि जडर की सकलपनाय सामावजक ससथाओ का िी रप ि जो समाज म वकसी वयवकत

क वयििार को सामावजक सरचनाओ क विसाब स सचावलत और वनयवरत करती ि

3 4 प ाठयकर म म ह नहित जड र-िद क म दद पाठयिम म जडर- िद क मददो को समझन क वलए आिशयक ि वक पाठयिम की अििाररा को

समझा जाय

341 पाठयकरम की अििाररा

पाठयिम स अविपराय उन सिी िवकषक गवतविवियो स वजसम बचच क सिी अनििो को समावित

वकया जाता ि इसकी कछ पररिाषाए इस परकार ि-

Mkuchu (2004) ndash पाठयिम स अविपराय उन सिी योवजत गवतविवियो स ि वजनति एक

सकल अपन अविगम कताव क वलए सवनवशचत करता ि इसक वलए पाठयिम म अनिि कताव क

परतयक अनिि को सवममवलत वकया जाता ि

Tanne (1990) पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम

सीखन अनिि ि अिीि सीख क आउटकम सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

Walker (1990) ndash पाठयिम की मौवलक अििाररा म वनमन बात िावमल िोती ि ndash

विषय- िसत (content) ndash वजसम अििारराय विषय ि थीमस सवममवलत िोती ि

उददशय (objectives) ndash सामानतयत इनति वयवकतगत सामावजक ि बौवदधक शरवरयो म

बाटा जाता ि

सगठन( organization) ndash यि योजनाओ अिसर ( scope) और िम पर आिाररत

िोती ि सगठन को मजबत और खला दोनो तरि स रखा जाता ि

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 67

सार रप म पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि और

जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक विवियाा

पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

342 पाठयकरम क परकार

पाठयिम को मखयतः वनमन िागो म बाटा जा सकता ि

i औपचाररक (Official) पाठयकरम ndash जो परतयकष और वलखी िोता ि

ii पढाया गया ( The tought) पाठयकरम ndash तयार वकय गए पाठयिम को विकषक दवरा पढाया

जाना वजसम पाठयिम की वदिा वनदिन क अनसार परतयय ि विषय ndash िसत का ककषाओ म

आना वजसम विकषर पररिि विकषर ररनीवतया ि विकषर सामगरी आती ि इस परविया म

वलवखत पाठयिम को बचचो तक सचाररत वकया जाता ि

iii सीखा गया ( learned) पाठयकरम ndash इस तरि क पाठयिम स अविपराय वनयत या अवनयत

पाठयिम स अविगम कतावओ न कया सीखा इस पाठयिम म दखा जाता ि वक बचचो न ककषा

म कया वसखा कस सीखा और ि सीख ि ए कस लाग करग ि उस सीख गए जञान का सगठन

कस करग यिाा विकषर-अविगम को दखा जाता ि

iv परचछनन वछपा पाठयकरम ndash इस पाठयिम स अविपराय ऐस पाठयिम स ि जो किी वलवखत

निी िोता लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि (Dwyer 1982 and

Print 1987) क अनसार पाठयिम क औपचाररक ि वलवखत रप स इतर िी एक रप ि वजस

lsquoवछपा पाठयिमrsquo किा जाता ि इस तरि क पाठयिम क अवनयत परिाि िावमल िोत ि परनतत

यि किी सपि कि निी जात इसम सीखन क अनौपचाररक तति िावमल िोत ि वछपा

पाठयिम नॉन अकादवमक ि सथावपत मानतयताओ ि अविगम उतपादो को आकार दता ि

(Witt(1997) न बताया वक वछपा पाठयिम एक परकार का िवकतिाली तरीका ि जो सकषम रप

स विकषक और छारो को परिावित करता ि इन सकषम रपो क परवत विकषक ि विकषाथी सचत

िी निी िोत ि वछपा पाठयिम एक समय पर उददवित पाठयिम स अलग िोता ि यि सकल

की सामानतय और वििष परवियो म वयकत िोता ि आइय अब कछ उदिारर की मदद स वछप

पाठयिम क ततिो को पिचानन का परयास करत ि ndash

यिाा कछ ऐसी घटनाय दी गई ि वजनति सिितः आपन अपन िल क समय या आस-पास क सकल क

पररिि म िोत ि ए दखा िोगा-इनति धयान स पवढ़ए और सोवचय -

i सकल म सबि पराथवना सिा क दौरान लड़क ि लड़वकयो का अलग-अलग पवकतयो म खड़ा

िोना

ii ककषा म बठन क दौरान लड़क ि लडवकयो की अलग- अलग वयिसथा का िोना

iii सकल म साज सजजा क कायव सामनतयत लड़वकयो दवरा वकया जाना

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iv सकल म िरी िरकम सामानतयत लड़को दवरा वकया जाना

v सकल म राषटरीय तयोिारो क अवतरकत वकन तयोिारो को वििष रप स मनाया जाता ि

vi सकल म जो बचच उनक घर म बोली जान िाली िाषा का इसतमाल करत ि उनको वकस तरि स

दखा जाता ि

vii सकल म जब छारिवत क बटिार क वलए lsquoआरवकषतrsquo शररी क छारोछाराओ को वकस तरि का

सबोवित वकया जाता ि

viii सकल म गि विजञान का विषय कौन स बचच ल सकत ि आवद- आवद

जब इन घटनाओ पर विचार करग तो समिित इस तरि क जबाि पाए वक सिा म लड़क ि लड़वकयो

की पवकतयाा अलग ndash अलग बनाई जाती ि ककषा म लड़क ि लड़वकया अलग-अलग बठती ि िारी

िरकम कायव लड़क करत िो और लड़वकया साज सजजा क कायव करती थी सकल म पराय उन तयोिारो

को मनाया जाता िो वजस तयौिार को मनान िाल विकषक ि बचच जयादा िो और अलपसखयक िगव क

तयौिार निी मनाय जात िो सकल म जो बचच अपन घर पर बोली जान िाली िाषा उसका का परयोग

करत ि उनति वयििाररक रप स कमतर िोन का बोि वकया जाता िो

छारिवत वितरर क समय बचचो को उनकी जावत क आिार पर lsquoवनमनrsquo िोन का बोि कराया जाता िो

और गि विजञान विषय को किल लड़वकयो क वलए अवनिायव वकया जाता िो

यि कछ ऐसी घटनाय ि जो सिितः आपन अपन सकल क वदनो म या सामानतयत सकलो की दवनक

परविया म अिलोकन की िो इस तरि का वयििार वकसी इस राषटरीय नीवतगत ि वदिावनदिक

दसतािज म वलवखत निी ि लवकन वयििारगत रप स सकल म इस तरि क वयििार को जा सकता

िसकल म वयििारगत सतर पर की जान िाली य चीज़ समाज की पारपररक मानतयताओ को िी पि करती

ि यवद जडर िदिाि क सदिव म बात कर तो सकल म िोन िाली दवनक वियाओ स लकर

पाठयपसतको की विषय िसत वचर और िाषा म यि िद वदखाई दता ि ndash यवद आप 2005 क पिल की

वकसी िी पसतक को दख तो आप इस अतर सिय िी दख सकत ि वजनम आप दख पायग वििषत

िाषा की पाठय पसतको म परषो स समबवनतित किावनया जीिवनयाा ि ितात ि इसक अवतररकत

lsquoपरषतिrsquo (masculine) वचर अविक ि जो ककषा और विकषा क कषर म lsquoलड़कीrsquo ि lsquoवसतरयोrsquo क सथान

को सीवमत करती ि और

जडर पिावगरि और मानतयताओ को बढ़ािा दती ि परायपाठय-पसतको स वकसी वििष समि को अदशय

रखा जाता ि और मविलाओ को िी अदशय रखा जाता ि( Schau 1994) पाठय-पसतक पिावगरिो स

िरी िोती ि वजनम परषो की तलना म वसतरयो का वचर कम िोता ि इस तरि लगातार मविलाओ का

बविषटकरर िोता रिता ि (Koza 1994)

अविकाि दिो की 51 परवतित नागररक वसतरयाा ि और उनति िी पाठय-पसतको स बािर रखा जाता ि

(Yin1990)इस परकार वछपा पाठयिम गवतविियो ि पाठय ndashपसतको क माधयम स तमाम तरि स

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यथावसतवथ( अथावत समाज क ढाच को जयो का तयो बनाय रखना) को सथावपत करन का कायव करता ि

जस की माइकल एपपल न अपन लख lsquoआइवडयोलॉजी एड कररकलमrsquo म किा ि वक ndash वछपा पाठयिम

पजी िादी वयिसथा की जररतो को परा करन म मदद करता ि(1982)

35 जीव न क ौशल व यौह नकता जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म मानवसक और

िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत ि जस ndash सिय की

कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि अधयातम आवद ऐस जीिन

कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म सिायक िोत ि सकल म

जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को सकल म सिासथय और कलयार को

परापत करन म सिायक िोआज विशव का सिरप तजी स बदल रिा ि िजञावनक अनसिानो एि वमवडया क

कषर म ि ए िावतकारी पररितवन ि ए ि वजसस िमारा यिा िगव सिावविक परिावित िो रिा ि विकास िादी

मनोविजञावनको न मानि क नवतक सामावजकसजञानातामक िािातमक तथा िारीररक विकास की िी

तरि lsquoयौन विकासrsquo को मौवलक एि सािविौवमक सिीकार वकया ि वकिोरािसथा म िोन िाल यौन

विकास का परिाि वयवकतति क सिी पकषो पर पड़ता ि( अरोड़ापकज 20121521)जीिन क विकास

म वकिोरािसथा एक ऐसा वनरावयक कषर ि जिाा बचचो की रवचयाा बनती ि विषयो का चयन तय िोता

िवयािसावयक अविरवचयाा तय िोती ि इन सबक क साथ एक मितिपरव पररितवन इस अिसथा म

आता िि ि वकिोर वकिोररयो म आन िाल िारीररक और सिगातमक पररितवन इस अिसथा म अपन

स विपरीत जडर क परवत आकषवर िोन िर िो जात ि इस अिसथा म बचच बवचचया कई तरि क

मानवसक और िारीररक सिगो स

गज़रत ि और कई बार उवचत वदिा न वमलन पर िि विसा का सिारा लत ि मानवसक तनाि म रित ि

ि कठा गरसत िो जात ि इसवलए पाठयिम म यौन समबनतिी मददो पर विकषा और जीिन कौिलो की

विकषा का िोना अवनिायव बन जाता ि

36 सा राश परसतत इकाई म िमन जडर को एक सामावजक ससथा क रप म जानत ि ए यि जानन का परयास वकया

वक वकस तरि सामावजक इकाई क रप म पररिार रपी सामावजक ससथा जडर िद को पराथवमक

समाजीकरर क माधयम स वयवकतयो की पिचान का विससा बनाती ि इस परविया म सकल और वछपा

पाठयिम एक मितिपरव िवमका वनिात ि सकल म िोन िाली गवतविविया पराय जडर िदो स िरी

िोती ि जो जडर समबनतिी पिावगरिो को बढ़ािा दती ि और समाज म सामवजक- सासकवतक पनरतपादन

करती ि तथा यथा-वसथवत को बनाय रखन म योगदान दती ि इसवलए आिशयक ि की पाठयिम म

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वनवित उन तमाम वबदओ को पिचाना जाय जो परतयकष ि परोकष रप स सकल म सामावजक- सासकवतक

रप स वििदीकरर को बढ़ािा दत ि इस इकाई म जीिन कौिल क रप म विकषा और यौन विकषा क

िवकषक मिति को िी समझान का परयास वकया गया

37 श बदावली 1 जावत- जावत एक सामावजक वयिसथा ि वजसम वििष सामावजक समि शररीबदध िोत ि

2 ससथा ndash सामावजक ढाच म वयवकत वििष क वयििारो को समदायो क अनसार अनिावसत और

वनयवरत करन की वयिसथा

3 कषतरीयता ndash एक िौगोवलक कषर वििष म सजातीय िोन की िािना 4 िगा ndash िगव स तातपयव उस सामावजक समि स ि जो वकसी सामावजक ढाच म सामान िवकत ि

सामथयव को सााझा करत ि यि अलग-अलग सामावजक समिो क बीच िवकत ि समवदध का

बटिारा ि

5 पाठयकरम- पाठयिम एक परकार का योवजत वदिावनदिन स तयार वकया गया ि वजसम सीखन

अनििो अिीि सीख क आउटकम को सकल म जञान क वनमावर ि अनििो म वनवमवत ि

वयिवसथत िोत ि

6 वछपा पाठयकरम- पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता

लवकन सकल की गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

7 जीिन कौिल ndash जीिन कौिलो जो एक बितर सामावजक सिसथय और मानवसक सतलन क

वलए आिशयक िोत ि

38 अभ य ास पर शन-उ ततर 1 सामावजक ससथा क रप म ( जडर ) की अििाररा को सपि कीवजय

उततर - जडर आिाररत वयििार िातीय समाज म ससथाबदध तरीक स सचावलत िोत ि यि बात

धयान म रखना चाविए वक ससकवतजनतय वलग िदो क विषय म लगिग वनरपिाद रप स यि माना

जाता ि वक उनका मल जीिविजञान म िउनति पराकवतक वयिसथा का विससा समझा जाता ि यि िद

परविया जावत िगव िमव और कषरीय सतर समान रप स चलती ि िारतीयो की पिचान कई परकार स

िोती ि सदिव स िी यि वनिावररत िोता ि वक िि अपनी पिचान वकस रप म कर सकता ि कछ

सदिो म िमववनिास सथान या पररिार सचक नाम पयावपत िो सकता ि अथावत िारतीय वयिसथा म

वयवकत की पिचान उसक िमव जावत कषर आवद क आिार पर िी तय िोती िोती ि और इन सिी

ससथाओ क िीतर जडर आिाररत िद वयापत िोता ि

2 परशन 2 पाठयिम स आप कया समझत ि

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उततर -पाठयिम वकनतिी योवजत गवतविवियो का सकलन ि वजनति वकसी िवकषक उददशय क अतगवत

तयार वकया जाता ि ि लाग वकया जाता ि यि उददशय ि ndash विषय िसत वजसम कया पढाया जाना ि

और जञान कौिल और अविरवचयो का विकास वजनको धयान म रखकर िी विषय िसत िवकषक

विवियाा पठन सामगरी ि मलयाकन परविया का वनिावरर वकया जाता ि

3 वछप पाठयिम की अििाररा को सपि कीवजय उततर - पाठयिम स अविपराय उस पाठयिम स ि जो किी वलवखत निी िोता लवकन सकल की

गवतविवियो म परोकष रप स िावमल िोता ि

4 जीिन कौिलो ि लवगकता क समबनति को सपि कीवजय उततर - जीिन कौिलो स तातपयव उन कौिलो स ि जो वयवकत को सामावजक जीिन ि पररिि म

मानवसक और िारीररक रप स सिसथ और सामावजक वयििारो को विकवसत करन म सिायक िोत

ि जस ndash सिय की कषमताओ को समझना दसरो स जड़ना सियोग वजममदारी और सिायतता ि

अधयातम आवद ऐस जीिन कौिल ि जो वयवकत को िारीररक और मानवसक रप स सतवलत िोन म

सिायक िोत ि सकल म जीिन कौिलो की विकषा दवद और असतवलत िोत वकिोर जीिन को

सकल म सिासथय और कलयार को परापत करन म सिायक िो

38 सदि व गर नतथ सच ी 1 शरीवनिासन एमएन (1967) आिवनक िारत म सामावजक पररितवन राजकमल परकािन नयी

ndash वदलली

2 कमार कषटर (2010) कलचर सटट एड गलस एन एजकिनल पसवपवकटि इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 17

3 कमार कषटर (2016) सटवडग चाइलड ि ड इन इवडया इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23

4 कमार कषटर (2014) चड़ी बाज़ार म लड़की राजकमल परकिन वदलली 5 दब एससी (1985) िारतीय समाज निनल बक रसट नई वदलली 6 दब लीला(1988) ओन द कसरकिन ऑफ़ जडर विनतद गलसव इन परीवलनअल इवडया

इकोनोवमक पोवलवटकल िीकली िोलम 23 सखया 18

7 बकव लौरा ( 2006) चाइलड डवलोपमट वपअरसन एजकिन साऊथ एविया 8 राषटरीय पाठय चयाव (2005) एनसीइआरटी नई वदलली

9 आिार पार

10 माइकल एपपल

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 72

11 मोिमद ि सन ( 2015) Analysis of Gender as Hidden Curriculum in primary

urdu language text books jammu and Kashmir Cie department of

education delhi university delhi

12 अरोड़ा पकज (2012) विदयालयो म यौन विकषा परिात परकािन वदलली 1521

13 लखानी सजाता (2001) STRESS MANAGEMENT FOR ADOLSCENT

GIRLS A LIFE SKILLS APPROACH CIE DELHI

39 ह नबनतधातम क परशन 1 वछप पाठयिम वकस लवगक िदिाि को बढ़ािा दता ि एक विकषक विवकषका क रप म

वछप पाठयिम को समझन क िवकषक वनविताथव बताइए

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 73

इकाई 5- यौन उतपीड़न क हनवारण ित कानन एव पिल

51 परसतािना

52 उददशय

53 िारतीय दड सविता (IPC) क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स सबवनतित िाराएा

54 बलातकार सबवनतित कानन ि जानकाररया

55 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013

56 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

57 साराि

58 िबदािली

59 सदिव गरनतथ सची

510 वनबिातमक परशन

51 परस तावना िारत क सवििान क अनचछद 14 क अनसार ldquoराजय िारत क राजय कषर म वकसी वयवकत को विवि क

समकष समता स या विवियो क समान सरकषर स िवचत निी करगाrdquo

अनचछद 15 (1) क अनसार ldquoराजय वकसी नागररक क विरदध किल िमव मलिि जावत वलग

जनतमसथान या इनम स वकसी क आिार पर कोई वििद निी करगाrdquo

अनचछद 15 (3) किता ि ldquoइस अनचछद की कोई बात राजय को वसतरयो और बालको क वलए कोई

वििष उपबि करन स वनिाररत निी करगीrdquo

अनचछद 16 (1) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी पद पर वनयोजन या वनयवकत स सबवनतित विषयो म

सिी नागररको क वलए अिसर की समता िोगीrdquo ि 16 (2) क अनसार ldquoराजय क अिीन वकसी वनयोजन

या पद क सबि म किल िमव मलिि जावत वलग उदभि जनतमसथान वनिास या इनम स वकसी क

आिार पर न तो कोई नागररक अपार िोगा और न उसस वििद वकया जाएगाldquo

अनचछद 21 क अनसार ldquoवकसी वयवकत को उसक परार और दविक सितनतरता स विवि दवारा सथावपत

परविया क अनसार िी िवचत वकया जाएगा अनतयथा निीldquo सिोचच नतयायालय क कई फसलो न यि

सथावपत वकया ि वक परार और दविक सितनतरता म गररमापरव जीिन का अविकार तथा अपनी पसद क

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 74

पि को चनन का अविकार िी सवममवलत ि सवििान क इसी दिवन क अतगवत कायवसथल पर यौन

उतपीड़न का अथव िोगा वकसी को उसक जीिन एि सितनतरता क अविकार स िवचत रखना

यौन उतपीड़न कया ि

इस अधयाय म िम यौन उतपीड़न और उसस जड़ काननो ि पिलो पर चचाव करग आग बढ़न स पिल

यि जान लना आिशयक ि वक lsquoयौन उतपीडनrsquo स िमारा आिय कया ि मविला विकास वनगम वबिार क

एक पच क अनसार ldquoवकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीड़न किलाता ि िि

अनवचत और गरकाननी ि यौवनक उतपीड़न मविलाओ और लड़वकयो क वखलाफ गिीर अपराि ि

यौवनक विसा क अतगवत य सिी अनचाि वयििार आत ि िारीररक सपिव यौवनक सिाद यौन

इचछापवतव की मााग या अनरोि अशलील वफलम या पसतक वदखाना वकसी तरि का मौवखक या

अमौवखक आचरर जो यौवनक परकवत का िो वजसस आप परिान िोत ि आपको चोट पि चती ि या

िीन िािना मिसस करत िrdquo

सयकत राषटर सघ न मविलाओ क वखलाफ िोन िाली विसा म यौवनक विसा को परमखता स रखा ि

मविलाओ क वखलाफ विसा क उनतमलन पर सयकत राषटर घोषरापर क अनचछद 1 म मविला विसा की

पररिाषा क अतगवत ldquoवलग आिाररत विसा का कोई िी कायव वजसका पररराम ि अथिा वजसम

मविलाओ को िारीररक यौवनक या मनोिजञावनक पीड़ा िोन की समिािना िो और वजसम वनजी या

सािवजावनक कषर म िमकी दबाि या सितरता का जबरन िनन करन िालrdquo कायो को रखा गया ि

बि चवचवत वििाखा बनाम राजसथान राजय कस क अतगवत सिोचच नतयायालय दवारा दी गयी पररिाषा क

अनसार यौन िािना स सचावलत मविला की इचछा क विरदध वकए गए वयििार को यौन परताड़ता माना

जाएगा

यौन उतपीड़न को समाज म एक ऐस अपराि क रप म दखा जाता ि वजस कई काररो स ररपोटव निी

वकया जाता ि अकसर विविनतन सासकवतक-सामावजक-आवथवक काररो स पीवड़त मविला या लड़की ि

उसक पररिार तथा नजदीक क लोग इस बि त तिजजो निी दत ि और lsquoसामानतयrsquo घटना मानकर छोड़ दत

ि इस सनतदिव म आिशयक ि वक पीवड़ता को आिशयक िािनातमक काननी आवथवक सामावजक और

मनोिजञावनक सियोग परदान वकया जाए

52 उ दद शय इस अधयाय क अधययनोपरात आप-

1 यौन उतपीड़न क बार म अपनी समझ विकवसत कर पाएग 2 यौन उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो क बार म जान सक ग

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 75

3 यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो पर सिय सिदनिील िोग तथा दसरो को सिदनिील बनान म अपनी िवमका का वनिावि कर पाएग

अधयाय क इस िाग म िम लवगक विसाउतपीड़न स समबवित विविनतन काननो ि पिलो का अधययन

करग इस कड़ी म सबस पिल िारतीय दड सविता क अतगवत लवगक विसाउतपीड़न स समबवित

विविनतन िाराओ को दखत ि

53 िार तीय दड स हित ा (IPC) क अतगव त लहगक हिसा उतप ीड़न स सबमि नत ध त धा राए ा िारा 166-ए यवद कोई लोक सिक एवसड अटक लवगक विसा तथा बलातकार क कस म दी गई

जानकारी को रकॉडव करन म असफल रिता ि तो ऐस लोक सिक को 6 मिीन स लकर 2 िषव तक क

कठोर कारािास तथ जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 294 दसरो को परिान करन क इराद स की जान िाली अशलील िरकत ि गान अगर कोई वयवकत

सािवजवनक जगि पर अशलील िरकत अथिा अशलील गान कविता या िबदो का परयोग करता ि तो

उसक वलए जमावन क साथ तीन मिीन की कद की सजा या दोनो का पराििान वकया गया ि

िारा 354 यवद कोई सतरी की लजजा िग (Outrage her Modesty) करन क उददशय स िमला या

आपराविक बल का परयोग करगा उस एक िषव स पााच िषव तक का कारािास या जमावना या दोनो स

दवडत वकया जाएगा

िारा 354-ए यवद कोई परष वकसी सतरी स िारीररक सपकव बनान सबिी परसताि या लवगक सबि बनान

क वलए कोई माग या अनरोि या सतरी की इचछा क विरदध अशलील सावितय वदखान या लवगक वटपपरी

करन का अपराि करता ि तो उस तीन िषव क कठोर कारािास की सजा या जमावना या दोनो स दवडत

वकया जाएगा लवगक वटपपरी क कस म सजा की अिवि एक िषव क कठोर कारािास या जमावना या

दोनो स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-बी ऐसा कोई परष जो वकसी सतरी को सािवजवनक सथल पर वनिवसतर करन या ऐसा करन क वलए

वकसी सतरी पर िमला या अपराविक बल का परयोग करता ि तो उस तीन िषव स सात िषव तक क कारािास

और जमावन स दवडत वकया जाएगा

िारा 354-सी यवद कोई परष वकसी सतरी को जब िो पराइिट कायव (sexual act) म वलपत िो दखता ि

या उसका वचर खीचता ि या उस वचर को परसाररत करता ि तो परथम बार एक िषव स तीन िषव का

कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा और दसरी या अनक बार दोष वसदध िोन पर तीन िषव स

सात िषव क कारािास और जमावन स दवडत वकया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 76

िारा 354-डी यवद कोई परष वकसी सतरी स सपकव बढ़ान का परयास उस सतरी की इचछा क विरदध एि बार-

बार अवनचछा परदविवत वकए जान क बािजद उस सतरी का पीछा करता ि या सतरी दवारा ई-मल इटरनट

अथिा वकसी अनतय इलकरोवनक मीवडयम का परयोग वकए जान को मॉवनटर करता ि या वकसी सतरी को

घरता ि या वबना िासन आदि क उसकी जाससी करता ि तो ऐस वयवकत को परथम बार तीन िषव का

कारािास और जमावना या वदवतीय या अनक बार दोष वसदध िोन पर पााच िषव क कारािास और जमावन स

दवडत वकया जाएगा

िारा 509- िबदो इिार आिाज़ो या वकसी आपवततजनक िसत परदिवन स यवद औरत क सममान को ठस

पि ाचती िो तो इसक वलए तीन िषव क कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

54 बलातक ार सबमि नतधत कान न व ज ान काह रया

बलातकार सबवनित कानन

वकसी िी लड़की या मविला क साथ जबरदसती चालाकी या िोख स उसकी सिमवत क वबना

उसक साथ िारीररक सिोग करना बलातकार ि

ऐस िारीररक सिोग जो मविला यि समझ कर करती ि वक ििी परष उसका पवत ि पर परष को

यि पता ि वक यि सतय निी ि िी बलातकार क दायर म आता ि

चाि रजामदी िी िो वफर िी वकसी पागल या कमजोर वदमाग िाली मविला स सिोग करना

बलातकार िोगा

िराब या नि की िालत म मविला चाि रजामद िी िो उसस सिोग करना बलातकार ि

18 साल स कम उमर की लड़की की रजामदी िी िो तो िी उसस सिोग बलातकार ि

पवत का उसकी पतनी क साथ िारीररक सिोग अगर पतनी की उमर 15 िषव स कम िो तो िी

बलातकार ि

विनतद कानन म अलगाि क दौरान वबना पतनी की सिमवत क सिोग बलातकार ि

अगर कोई मविला अपनी मज़ी स वकसी िी परष स सिोग करती ि तो उस बलातकार निी किा

जाएगा लवकन वकसी िशया स िी मजी क वबना सिोग करना बलातकार िोता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार की सजा

कोटव म अपराि वसदध िोन पर अपरािी को सात स दस िषव की सजा या उमर कद िो सकती ि

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गिविती मविला क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक का कठोर कारािास या

आजीिन कारािास तथा जमावन स दवडत वकया जाएगा

12 िषव स कम उमर की लड़की क साथ बलातकार क वलए दोषी परष को दस िषव स अविक क कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास तक की सजा और जमावन स दवडत वकया जाएगा

कछ वयवकत जस पवलसकमी सरकारी नौकर ि अनतय ससथाओ म काम करन िाल अगर अपनी वनगरानी

म रिन िाली मविला क साथ बलातकार कर तो कम स कम 10 िषव स लकर उमर कद की सजा तथा

जमावना िो सकता ि

सामविक बलातकार एक स अविक लोगो दवारा िोता ि तो उसकी सजा कम स कम बीस िषव का कठोर

कारािास स लकर आजीिन कारािास और जमावना िो सकता ि य जमावना पीवड़ता क पनिावस और

वचवकतसकीय खचो क वलए वदया जाएगा

अलगाि क दौरान बलातकार की सजा दो िषव स सात िषव का कठोर कारािास और जमावना दोनो िो

सकत ि

बलातकार का परयास करन पर 5 िषव की कद िो सकती ि

यवद बलातकार स पीवड़ता की मतय या विकतिील दिा िो जाती ि तो ऐस परष को बीस िषव स अविक

क कठोर कारािास स लकर आजीिन कारािास या मतयदड स दवडत वकया जाएगा

यवद कोई परष पिव म बलातकार क वलए दवडत वकया जा चका ि और वफर स बलातकार करता ि तो ऐस

वयवकत को आजीिन कारािास स लकर मतयदड तक की सजा स दवडत वकया जा सकता ि

सरोत िमार अविकार वदलली मविला आयोग

बलातकार पीवड़ता मविला को कया करना चाविए

1- जब तक डॉकटरी जाच परी न िो जाए तन पर पिन ि य कपड़ न तो बदल न िी उनति िोएा 2- खद अथिा अपन पररजनो ि दोसतो की मदद स तरत पवलस सटिन म ररपोटव करिाए यवद

पवलस मदद करन स इकार या आनाकानी कर तो डॉकटर स जाच करिाकर उसकी ररपोटव ल ल

और वकसी मविला आयोग या सामावजक ससथा स मदद ल

3- बलातकारी का चिरा या कोई वनिानी याद रखनी चाविए तावक बाद म पवलस क समकष उस पिचान सक और पवलस उस अपरािी को पकड़ सक

4- पीवड़ता वकसी समाजसिी ससथा या सथानीय या राषटरीय समाचार पर को िी पर वलखकर ि ई घटना की जानकारी द सकती ि

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मविलाओ क पवलस स सबवनित अविकार

पवलस को मविलाओ को यि बताना िोगा वक उनति वगरफतार कयो वकया जा रिा ि

उनति उनक जमव अथिा अपराि क बार म बताना िोगा वसफव यि किना पयावपत निी ि वक आपक वखलाफ

विकायत दजव ि ई ि बवलक उनति उसक बार म परी जानकारी दनी िोगी वदन ढलन क बाद वकसी िी

मविला को वगरफतार कर पवलस सटिन म रखना गर-काननी ि वकसी मविला को वगरफतार करन क वलए

किल एक मविला पवलस िी अविकारी ि

वगरफतारी क समय वकसी िी परकार वक ज़ोर जबरदसती करना गर काननी ि और पवलस सटिन ल जान क

वलए िथकड़ी निी लगाई जा सकती वबना िारट क पवलस वकसी मविला को वगरफतार निी कर सकती

साथ िी मविला को अपन साथ अपन वकसी ररशतदार अथिा वमर को ल जान का अविकार ि वगरफतार

वकए जान क 24 घट क अदर मविला को मवजसरट क कोटव म पि करना आिशयक ि और वबना

मवजसरट क आदि क 24 घट स जयादा जल म रखना गर काननी ि

55 म हि लाओ का क ायव स थल प र लहग क उ तप ीड़न (ह नवारण परह तषध एव परह तत ोष) अ हधहनयम 2 013 कायवसथल पर मविलाओ का यौन उतपीड़न उनकी गररमा तथा जीविका कमान क अविकार और उनक

मौवलक तथा मलित मनिाविकार का उललघन ि सन 1979 म बीवजग म ि य ldquoInternational

Convention on the elimination of all forms of discrimination against women

(CEDAW)rdquo वजस िारत सरकार न िी िसताकषर कर अपनाया म कायवसथल पर मविलाओ क समान

अविकारो को जगि दी गई तथा घोषरा की वक मविलाए यौन उतपीड़न का विकार निी िोनी चाविए

कायवसथल पर मविलाओ क यौन उतपीड़न स वनिारर क वलए िारत की ससद न 2013 म एक कानन

पास वकया वजसका नाम lsquoमविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष)

अविवनयम 2013 ि इस अविवनयम क अनसार ldquoयि कानन कायवसथल पर मविलाओ को यौन उतपीड़न

स सरकषर दन रोकथाम ि विकायत वनिारर क वलए बना ि यौन उतपीड़न क कारर मविला क

सवििान म वनवित समानता क अविकार (िारा 14 15) ि जीिन की रकषा ि सममान स जीन क

अविकार (िारा 21) ि वयिसाय करन की आज़ादी क वलए तथा कायवसथल पर सरवकषत िातािरर क न

िोन स उसक कायव करन म बािा को रोकन क वलए यि कानन िrdquo

इस अविवनयम क अनसार यौवनक परताड़ना क तित वनमन म स कोई एक या अनक सिीकायव कायव या

वयििार िावमल ि चाि िो परतयकष रप स िो या वनवित िो

िारीररक सपकव या उसका परयास करना

यौवनक ररशत बनान का परयास या उसकी मााग

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यौवनक िबदो िाली बात या वटपपरी करना

अनतय कोई िी ऐसा िारीररक मौवखक इिार आवद स ऐसा वयििार ि आचरर जो यौवनक

परकवत का िो और असिीकायव िो

इस अविवनयम क अनसार

1 वकसी िी मविला का वकसी कायवसथल पर यौन उतपीड़न निी िोगा

2 अनतय पररवसथवतयो क साथ-साथ यवद वनमन पररवसथवतया जो यौवनक उतपीड़न क साथ-साथ यवद

विदयमान ि तो िि यौवनक उतपीड़न किलाएगा

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि िादा करक पकषपातपरव वयििार करना

नौकरी म परतयकष अपरतयकष वनवित या सपि रप स नकसान पि ाचान की िमकी दना

ितवमान ि िविषटय की नौकरी क सबि म नकसान पि चान की िमकी दना

उसक कायव म िसतकषप करना या ऐसा िातािरर बनाना वक उसका कायव करना मवशकल िो

जाए

ऐसा उपिासपरव या अपमानजनक वयििार जो उसक सिासथय ि सरकषा को परिावित कर

यि अविवनयम कायवसथल पर यौन उतपीड़न की रोकथाम क वलए एक आतररक विकायत सवमवत क गठन

को परसतावित करता ि इसक अनसार कायवसथल का परतयक वनयोकता वलवखत म आदि वनकालकर एक

आतररक विकायत सवमवत का गठन करगा इस सवमवत क अतगवत 1) एक िररि मविला पीठासीन

अविकारी िोगी 2) कमवचाररयो म स 2 स कम सदसयो का चयन निी िोगा इसम सामावजक ि काननी

मददो स जड़ ि अनिि रखन िाल ऐस लोगो को वलया जायगा जो मविला मददो की समझ रखत िो 3)

एक सदसय गर सरकारी सगठन स िोगा जो मविला मददो स पररवचत तथा परवतबदध िो यि आिशयक ि

वक नामजद वकय गए कल सदसयो म स कम स कम आिी मविलाए िो इस सवमवत क सदसयो तथा

पीठासीन अविकारी का कायवकाल 3 िषव तक का िोगा

आतररक विकायत सवमवत क अवतररकत इस अविवनयम म एक सथानीय विकायत सवमवत क

गठन का िी पराििान ि इसक तित ldquoिर वजला सतर का अविकारी वजल क वलए एक सवमवत का गठन

करगा वजसम उन विकायतो को वलया जायगा जिाा आतररक विकायत सवमवत का गठन 10 स कम

कमवचारी िोन क कारर निी ि आ ि या विकायत वनयोकता क वखलाफ िrdquo इसक अतगवत वजलाविकारी

एक नोडल अविकारी की वनयवकत करगा यि बलॉक तालका तिसील और नगरपावलका सतर पर िोगा

नोडल अविकारी विकायत परापत कर सथानीय विकायत सवमवत को िजगा सथानीय विकायत सवमवत क

अधयकष क रप म सामावजक कषर म मविला मददो पर कायव करन िाली कोई परवतवित मविला िोगी वजल

म बलॉक तालका तिसील िाडव या नगरपावलका सतर पर कायवरत मविलाओ म स कोई एक इसकी

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सदसय िोगी दो सदसय उन गर सरकारी सगठनो स चन जाएाग जो मविला मददो क परवत सिदनिील िो

तथा यौवनक परताड़ना क मददो की समझ रखत िो इन नामजद सदसयो म स एक मविला अनसवचत जावत

अनसवचत जनजावत अनतय वपछड़ा िगव या अलपसखयक समदाय स समबवित िो

यौवनक परताड़ना की विकायत

कोई िी पीवड़त मविला कायवसथल पर यौन उतपीड़न की विकायत वलवखत म आतररक विकायत सवमवत

को दगी यवद आतररक विकायत सवमवत का गठन निी ि आ ि तो सथानीय विकायत सवमवत को दी

जाएगी पीवड़ता को विकायत घटना घटन क 3 मिीन क अनतदर करनी िोगी अगर पीवड़ता विकायत को

वलवखत म दन म असमथव ि तो सवमवत क सदसय या पीठासीन अविकारी अथिा अधयकष उस विकायत

वलखन म आिशयक मदद परदान करग यवद पीवड़ता 3 मिीन म विकायत निी कर पाती ि और सवमवत

को लगता ि वक दरी का कारर उवचत और तकव सगत ि तो सवमवत उस 3 मिीन का अवतररकत समय द

सकती ि यवद पीवड़त मविला िारीररक मानवसक या वकसी अनतय कारर स विकायत निी वलखिा पा

रिी ि तो उसका ििावनक उततराविकारी उसकी विकायत दजव करिा सकता ि

मआिज क वनिाारर

पीवड़त मविला को मआिज क वनिावरर क समबनति म वनमन बातो का धयान रखा जाना चाविए

मानवसक तनाि ददव परिानी िािनातमक तनाि मविला को पि चा िो

यौन परताड़ना क कारर वयिसाय क अिसरो का नकसान

दसर पकष की आय ि विततीय वसथवत

वनयोकता क दावयति

अविवनयम क अनसार वनयोकता क वनमनवलवखत दावयति ि

सिचछ कायव िातािरर परदान करना चाविए तथा सरकषा की परी वयिसथा िोनी चाविए

कायावलय क सािवजवनक सथान पर इस कानन क दडातमक पराििान ि आतररक सवमवत का

आदि नोवटस बोडव पर िोना चाविए

अपन कमवचाररयो म जागरकता क वलए सवमनार गोवियो की वयिसथा करत रिना चाविए

तावक उनति यौन उतपीड़न ि इसस जड़ मददो क परवत सिदनिील बनाया जा सक

आतररक ि सथानीय विकायत सवमवत को वििष सवििाएा परदान की जानी चाविए

वजस कानन या िारा क तित मामला जिाा दजव िो सकता ि उस ििा करिाया जाना चाविए

अगर पीवड़त करन िाला कमवचारी निी ि तो वजस जगि घटना ि ई ि उस जगि कस दजव करिान

म मदद करनी चाविए

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यौन उतपीड़न क परभाि-

यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को वनमनवलवखत परिावनयो का सामना करना पड़ता ि

िारत जस वपतसततातमक समाज म कररयर म जिाा यौन पीवड़ता को एक lsquoमजररमrsquo क तौर पर

दखा जाता ि ििा उस आग बढ़न क और नौकरी क अिसर का कम वमलत ि

यौन उतपीड़न क परररामसिरप पीवड़ता को कई परकार की िारीररक िािनातमक और

मनोिजञावनक परिानी उठानी पड़ती ि

पीवड़ता बि त बार आतमितया करन या कोई ऐसा कदम उठान की सोचती ि वजसक ियकर

पररराम िोत ि

यौन उतपीड़न क कारर उसक पाररिाररक जीिन को नकसान को नकसान पि ाचता ि

बि त बार यौन उतपीड़न स पीवड़त सतरी को या तो सिय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती ि अथिा उस

नौकरी स वनकाल वदया जाता ि

पीवड़ता को सामावजक दबाि क कारर अपन कायवसथल पर जान और बािर वनकलन म

कवठनाई का अनिि िोता ि और िि अपन कायावलय स अनपवसथत रिन लगती ि वजसक

कारर उतपादकता म कमी आती ि

56 बाल य ौ न शोषण स रकषण अ हधहनयम 20 12 (POCSO Act 20 12) बचच समाज का कमज़ोर िगव िोन क कारर िारीररक मनोिजञावनक और यौन सबिी दरपयोग क वलए

िीघर परिावित िोन िाल िोत ि िारत सरकार न बचचो क विरदध यौन अपरािो की रोकथाम ित एक

वििष कानन ldquoबाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012rdquo (POCSO Act 2012) बनाया ि

वजसका मखय उददशय बचचो को विविनतन यौन सबिी अपरािो स बचना ि तथा तिररत वनरवय क वलए

वििष अदालत का गठन करना ि तावक यौन अपरावियो को सखत सज़ा वमल सक इस अविवनयम क

तित कोई िी वयवकत वजसकी उमर 18 साल स कम ि बचच की शररी म रखा गया ि

इस अविवनयम क अतगवत 5 परकार क यौन अपराि मान गए ि वजनम िदन यौन िमला (Penetrative

Sexual Assault) (िारा 3) उततवजत िदन यौन िमला (Aggravated Penetrative Sexual

Assault) (िारा 5) यौन िमला (Sexual Assault) (िारा 7) उततवजत यौन िमला (Aggravated

Sexual Assault) (िारा 9) ि यौन उतपीड़न (Sexual Harassment) (िारा 11) ि

अविवनयम की िारा 11 क अनसार बार-बार या लगातार पीछा करना वनगरानी रखना सीिा

इलकरोवनक ि अकीय या वकसी सािन स बालक स सबि सथावपत करना यौन उतपीड़न ि जो वक इस

अविवनयम क तित दडनीय अपराि ि इसी परकार वकसी बालक को अशलील सामगरी क वलए परयकत

करना जस यौन अगो का परदिवन करना उततवजत यौन कायव म बालक को सवलपत कर परयोग करना

बालक का अिि एि अशलील परदिवन करना िी इस अविवनयम की िारा 13 क अतगवत अपराि ि

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उततराखणड मकत विशवविदयालय 82

सजा का पराििान

अविवनयम की िारा 4 क तित िदन सबिी यौन आिमर क वलए कम स कम 7 िषव ि अविकतम

आजीिन कारािास की सजा तथा जमावन का पराििान वकया गया ि इसी परकार िारा 6 क अतगवत

उततवजत िदन यौन िमलो क वलए कम स कम 10 िषव की कद स लकर आजीिन कारािास ि जमावन का

पराििान ि िारा 8 क अतगवत यौन िमला करन िाल पर कम स कम 3 िषव ि अविक स अविक 5 िषव

की सजा और जमावना परसतावित ि िारा 10 क तित उततवजत यौन िमला करन िाल को कम स कम 5

िषव ि अविकाविक 7 िषव ि जमावन की सजा का पराििान वकया गया ि अविवनयम की िारा 12 क

तित यौन उतपीड़न स सबवनतित अपरािी को 3 साल तक की सजा ि जमावन का पराििान ि

इस अविवनयम की िारा 28 क तित वििष अदालत का गठन वकए जान का पराििान ि जो बाल

मरीपरव िातािरर म मकदमो की तिररत सनिाई करती ि इस अविवनयम क अतगवत मकदम की

कायविािी करन क वलए राजय सरकार उचच नतयायालय क मखय नतयायािीि की मररा क अनसार परतयक

वजल की सर अदालत को वििष अदालत क रप म गवठत करती ि मकदम की सनिाई क दौरान वििष

नतयायालय को वनमन वििष इतजाम करन चाविए-

बाल मरीपरव िातािरर तयार करना वजसम पररिार क सदसय को सरकषक को वमर ि

ररशतदार को वजसम की बचच का विशवास िो इजाजत दना सवममवलत ि

बचच को बीच-बीच म विराम दना

बचच की गिािी क वलए बार-बार अदालत म न बलाना

आिामक एि चररर िनन िाल परशन बचच स ना पछ जाय

बचच की इजज़त को बरकरार रखा जाय

बचच की पिचान सािवजवनक ना की जाय

माता-वपता ि अनतय वयवकत वजसम बचच को विशवास िो की मौजदगी म मकदम की सनिाई

कमर म िोनी चाविए

बचचो स ि य यौन अपराि क मामल किल मविला सब-इसपकटर िी दखगी

बचचो स पछताछ ठार क अदर निी की जाएगी

पवलस बचचो स जब िी वमलगी पवलस िदी मन निी िोगी

बचचो क मामलो म बिद सिदनिीलता और गोपनीयता स काम वलया जाएगा

कोटव का मािौल बचचो क अनकल िोना चाविए

बचचो क परारवमिक उपचार दिाइयो और पोषक आिार क वलए कोटव दवारा अनततररम

मआिजा िी वदया जाएगा

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 83

जब िी बचच क वलए जररत िोगी सामावजक और मनोिजञावनक परामिवदाता िी उपलबि

कराय जाएग

यवद उपयवकत सिी रकषात मक उपायो का कड़ाई और सखती स पालन वकया जाता ि तो पीव तडत या पीव तडता

क वलए जाच और सनिाई एक डरािना अनिि निी िोगी और इसस पीव तडत या पीव तडता की गररमा को

िी कायम रखा जा सकता ि इसक अवतररकत आिशयकता ि वक ऐसा समाज म ऐसा सिदनिील मािौल

का वनमावर वकया जाए वजसस इस परकार क अपरािो को कम वकया जा सक तथा रोका जा सक

57 सा राश वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार वतरसकार आपवततजनक या अपमानजनक कथन अथिा

गोपनीयता का िनन गरकाननी और अिि िोता ि वजस यौन उतपीड़न ि यौन विसा क दायर म रखा जा

सकता ि यि आिशयक ि वक िम दसरो की आज़ादी और उनक चनािो (choices) को समझ और

उनका सममान कर तथा उनक परवत वकसी िी परकार क पिावगरि और असिजता वदखन िाल वयििारो पर

रोक लगाएा िम यि सवनवशचत करन की जररत ि वक इस तरि क सिी लोगो क अविकार और चनािो

की सरकषा और गररमा की रकषा की जा सक

जररी ि वक मविलाए अपन साथ िो रि अपराि का मजबती स सामना कर और अविकारो की जानकारी

रख यौन उतपीड़न जसी समसयाओ को छपान स िो खतम िोन की बजाए बढ़ती ि आपक चप रिन स

एक तो आप खद क साथ अनतयाय करगी और दसरा अनतय लड़वकयो क साथ िी दवयवििार करन क वलए

अपरािी की विममत बढ़ाएगी साथ िी पीवड़ता क घरिाल और सिकमवचारी िी उसका साथ द

मविलाओ को उतपीवड़त करन की इस मानवसकात को इसक वखलाफ आिाज उठाकर िी रोका जा

सकता ि मविलाओ क साथ किी िी यौन उतपीड़न िोन की वसथवत म िो अपन ऑवफस और पवलस म

विकायत अिशय कर

58 शबदाव ली 1 यौन उतपीड़न वकसी िी तरि का िदिाि बविषटकार अपमानजनक या अनादरपरव वटपपरी या

कथन जो वकसी की गोपनीयता और गररमा का उललघन करता ि यि यौवनक उतपीडन किलाता ि

2 कायासथल कायवसथल का मतलब वसफव चारदीिार स वघरा कायावलय कचिरी फकरी या

कारखाना िी निी ि अवपत कायव क वसलवसल म जिाा जिाा आिागमन िोता ि िि सब कायवसथल क

अतगवत आत ि

3 वनयोकता वनयोकता (employer) का अथव ि वकसी िी वििाग सगठन परवतिान ससथा कायावलय

िाखा या इकाई जो पराविकत अविकार या सथानीय सतता स ि इसक अवतररकत कोई िी वयवकत जो

ििा की वयिसथा वनगरानी ि वनयरर क वलए वजममदार िो

जडर विदयालय तथा समाज PE 5

उततराखणड मकत विशवविदयालय 84

अभयास परशन

1 यौन विसा कया ि इस वकस परकार रोका जा सकता ि 2 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 क विविनतन पराििानो की चचाव कीवजय

3 लवगक उतपीड़न स समबवित विविनतन काननो की चचाव कीवजय 4 एक विकषक क रप म आप अपन विदयावथवयो को यौन विसाउतपीड़न क बार म कस जागरक

करग

5 कायवसथल पर यौन उतपीड़न को वकस परकार रोका या कम वकया जा सकता ि मविलाओ का

कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम 2013 क सनतदिव म

चचाव कीवजय

510 सदि व सच ी 1 वदलली मविला आयोग (िषव अनपलबि) िमार अविकार नई वदलली वदलली मविला आयोग

2 जागोरी (2013) यौन उतपीड़न यिाओ ि वकिोरो क वलए नसख नई वदलली जागोरी

3 मविलाओ का कायवसथल पर लवगक उतपीड़न (वनिारर परवतषि एि परवततोष) अविवनयम

2013

4 िारत का सवििान िारत सरकार 5 बाल यौन िोषर सरकषर अविवनयम 2012 (POCSO Act 2012)

6 NCPCR Frequently Asked Questions New Delhi National Commission for

Protection of Child Rights

7 Jacol Reny (na) Sexual harassmet at the Workplace A manual New

Delhi Delhi Commission for Women

511 हनब धातम क पर शन 1 ldquoयौन िोषर और विसा पर इतन कठोर कानन िोन क पशचात िी िारतीय समाज म बलातकार

और यौन विसा की घटनाएा तज़ी स सामन आ रिी िrdquo इस कथन का आलोचनातमक परीकषर

कीवजय

2 िारतीय समाज म वयापत वपतसतता की यौन उतपीड़न और विसा को बनाए रखन और बढ़ान म

कया िवमका ि उवचत उदािररो दवारा अपन पकष की पवि कीवजय

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