जी.एस.टी डिजिटल बुक · जी.एस.टी.- सी.ए ....

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वत एवं सेवा कर- सुधीर हालाखंडी जी.एस.टी.ईGST E-BOOK वत एवं सेवा कर GST BY SUDHIR HALAKHANDI 15 JUNE 2017 Download Source- www.taxguru.in

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  • वस्तु एवं सेवा कर- सधुीर हालाखडंी

    जी.एस.टी.ई–बुक GST E-BOOK

    वस्तु एवं सेवा कर

    GST BY SUDHIR HALAKHANDI

    15 JUNE 2017

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 2

    जी.एस.टी. ई- बुक

    जी.एस.टी. ई – बुक का द्वितीय संस्करण जजसे नए अध्याय और जी.एस.टी. कानून की कुछ महत्िपूणण पररभाषाओं के साथ . इस पुस्तक को आप करदाता को भारत में लगने िाले जी.एस.टी. –गुड्स एिं सविणस टैक्स की जानकारी देने के ललए प्रकालित ककया गया है. इसे िेब से डाउनलोड कर आसानी से पढ़ा जा सकता है . इस पुस्तक की भाषा इतनी सरल रखी गई है की यह आसानी से समझ आने िाली है. इसे पढ़े , समझे और अपने साथथयों के साथ अथिक से अथिक िेयर करें – सुिीर हालाखंडी

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 3

    िस्त ुएिं सेिा कर

    हहन्दी - सी.ए. सिुीर हालाखंडी

    भारत में लगने वाला वस्त ुएवं सेवा कर

    3rd Improved Edition

    ततृीय ससं्करण नयी जुडी हुई सामग्री के साथ

    हहन्दी में जी.एस.टी.एक्ट की महत्वपूणण पररभाषाओं के साथ

    प्रकाशन अधिकार लेखक सिुीर हालाखंडी के पास सरुक्षित है, इनका

    उल्लघंन करने का प्रयास नहीं करें . Copy rights are owned by Writer Sudhir Halakhandi

    सवाणधिकार सरुक्षित

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 4

    लेखक की और से ननवेदन

    वप्रय लमत्रों जी.एस.टी. ई –बुक का तीसरा ससं्करण आपके ललए भेजा जा रहा है इसमें जी.एस.टी काननू में दी गई 100 से अथिक पररभाषाओं का हमने हहदंी अनिुाद ककया है, इनपुट के्रडडट, प्रारजभभक स्टॉक पर लमलने िाली इनपुट के्रडडट , अन –रजजस्टडण डीलसण से खरीद पर ररिसण चाजण के तहत कर का भगुतान , जी.एस.टी. में थगरफ्तारी के प्राििान के साथ और भी नए अध्याय आपके ललए हमने जोड़े है . इस ई –बुक की भाषा आपकी आिश्यकता के अनसुार सरल रखी गई है.

    िषण 2006 से मेरा जी.एस.टी. का अध्ययन जारी है इस सभबन्ि में पहला लेख मैंने Goods and Service Tax – An Introduuctry Study ICAI के CA Journal “The Chartered Accountant” में 2007 में ललखा था जो कक संभितः ककसी बड़े स्तर पर ललखा गया जी.एस.टी. पर भारत में पहला लेख था एिं इस लेख को कई विश्िविद्यालयों में जी.एस.टी. पर ररसचण पेपसण में ररफरेन्स के रूप में काम में ललया गया है . भारतीय ससंद में भी लोकसभा सथचिालय द्िारा सांसदों के ललए तयैार ककये गए जी.एस.टी. बुलेहटन में भी यह लेख रेफें रेस के रूप में काम में ललया गया है. इसके अततररक्त भी लेखक ने जी.एस.टी. पर विलभन्न कर प्रत्रत्रकाओं , अखबारों , और िेब साइट्स पर 500 से अथिक लेख ललखे है. इसी अनभुि के साथ यह पुस्तक ललखी गई है.

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 5

    आप लेखक के जीएस.टी. पर लगभग 30 ऑडडयो य ु ट्यबू चेनल GST By Sudhir Halakhandi पर भी सनु सकते है . इन्हें वपछले एक माह की अिथि में अभी तक 50000 से अथिक श्रोता सनु दकेु है . इसके अततररक्त कुछ लेख हमारी िेब साईट www.halakhandi. com पर भी उपलब्ि है . इस पुस्तक के समस्त कॉपी राइट्स लेखक सिुीर हालाखंडी के पास है और यह आम जी.एस.टी. करदाता को जी.एस.टी. की जानकारी देने हेत ुई-बुक के रूप में जारी की गई है आप इसे पढ़ें , समझे , िेयर करें और टे्रड एि ं इंडस्ट्री एसोलसएिन्स इसे जैसी ही िैसी ही त्रबना ककसी मलू्य के लेखक के नाम के साथ सदस्यों के ललए प्रकालित कर सकती है . वितरण से पूिण पुस्तक की दो प्रतत लेखक को अनमुतत के ललय प्रवषत करें . इस पुस्तक का व्यिसातयक उपयोग िजजणत है इस ई –बुक में समय –समय पर सिंोिन कर एिं आिश्यकता अनसुार नए अध्याय जोड़कर आपको उपलब्ि करायी जायेगी . पुस्तक हमारी िेबसाइट www.halakhandi..com से भी डाउन लोड की जा सकती है . पुस्तक के साथ लेखक या अन्य ककसी व्यजक्त या ससं्था के व्यिसातयक हहत नहीं जुड े है और इसे इसी भािना के साथ पढ़ें ,

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 6

    समझे , िेयर करें ताकक जी.एस.टी. में आपका प्रिेि एक जानकार करदाता के रूप में हो. पुस्तक की रचना करते समय पूरी साििानी रखी गई है लेककन तनजश्चत रूप से इसमें त्रहुटयााँ अभी भी होंगी . कृपया सथूचत कर अनगु्रहहत करे. -आदर सहहत सिुीर हालाखंडी ब्यािर (जजला – अजमेर ) राजस्थान 15 जून 2017 [email protected] Visit me- www.halakhandi.com WhatsApp 98280-67256 Subscribe or Youutube chanel :- GST By Sudhir Halakhandi

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 7

    अनकु्रमणणका INDEX

    क्र.सं. अध्याय वििरण पषृ्ट संख्या 1. 2. क्या है जी.एस.टी.:- एक पररचय 9 2. 2. जी.एस.टी.एिं दो राज्यों के बीच व्यापार-IGST 13 3. 3. जी.एस.टी – ररटनण 28 4. 4. जी.एस.टी. – कभपोजीिन स्कीम 38 5. 5. प्रारजभभक एिं स्टॉक पर इनपुट के्रडडट 48 6. 6. जी.एस.टी. – इनपुट के्रडडट 59 7. 7. अन-रजजस्टडण डीलर से खरीद पर ररिसण टैक्स 80 8. 8. जी.एस.टी. और इनपुट के्रडडट का लमसमैच 85 9. 9. आइये देखें कैसे बनेगा जी.एस.टी. में त्रबल 87 10. 10. ई-िे त्रबल (रोड परलमट ) 93 11. 11. कर तनिाणरण – दोहरा तनयंत्रण 50:50 100 12. 12. जी.एस.टी.:-कर चोरी पर थगरफ्तारी प्राििान 103 13. 13. जी.एस.टी. सलाहकार:- जी.एस.टी. पे्रजक्टिनर 111 14. 14. आपके महत्िपूणण सिाल और उनके जिाब 118 15. 15 प्रारजभभक स्टॉक की के्रडडट – एक विश्लेषण 136 16. 16 जी.एस.टी. का आसान उदाहरण 149 17. 17. जी.एस.टी. – अकाउंट्स एिं ररकाड्णस 153 17. 17 जी.एस.टी. पररभाषाएाँ :- सरल हहदंी में 160

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 8

    सी.ए. सिुीर हालाखंडी

    आइये समझे जी.एस.टी. को GST –E-BOOK –HINDI सी.ए. सिुीर हालाखंडी

    राजस्थान [email protected]

    [email protected]

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    channel GST By Sudhir Halakhandi

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 9

    अध्याय - 1 :- जी.एस.टी. एक पररचय

    सरकार अब एक जुलाई 2017 से जी.एस.टी. लागू करने िाली है इसललए सरल हहन्दी भाषा में आपको जी.एस.टी. की प्रारजभभक जानकारी व्यापार एिं उद्योग को देन े के ललए एक ई – बुक जी.एस.टी. जारी कर रहे है इसे आप पढ़कर समझने की कोलिि करें कक आने िाले समय में आपको ककस प्रकार से जी.एस.टी. काननू का पालन करना है और ककस तरह यह आपके उद्योग एिं व्यापार को प्रभावित करेगा. जी.एस.टी. के दौरान आपको प्रारजभभक रूप से यह देखना है कक अब आपको एक ही त्रबक्री/सप्लाई पर दो करों को एकत्र करना है और इस काननू का पालन यह माल एिं सेिाओं को लमलाते हुए करना है . ये दो कर तनभन प्रकार होंगे :-

    (1).राज्य का जी.एस.टी. (2) कें द्र का जी.एस.टी.

    इन्हें इस काननू के तहत एिं इस पुस्तक में भी आगे एस.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. के रूप में जाना जाएगा.

    जी.एस.टी. के दौरान कर त्रबक्री पर नहीं बजल्क सप्लाई पर लगेगा और इससे क्या फकण पडेगा इसे हम आगे के भागों में समझेंगे.

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 10

    अभी आप जी.एस.टी. का प्रारजभभक स्िरुप समझने का प्रयास करें .

    राज्य के भीतर त्रबक्री

    आइये इसे एक उदाहरण के जररये समझने की कोलिि करें

    जयपुर (राजस्थान ) का एक व्यापारी “अ” जयपरु के ही एक दसूरे व्यापारी “ब” को कोई माल 10 लाख रुपये में बेचता है और मान लीजजये कक राज्यों के जी.एस.टी. की दर 9 प्रततित है एिं कें द्र के जी.एस.टी. की दर भी इसी तरह 9 प्रततित रहती है इस प्रकार जी.एस.टी. की कुल दर 18 प्रततित हुई इस िस्त ुपर .

    तो “अ” इस व्यिहार में 90000.00 रुपये एस.जी.एस.टी. (राज्य का जी.एस.टी.) एिं 90000.00 लाख रुपये सी.जी.एस.टी. (कें द्र का जी.एस.टी.) के रूप में अपने खरीददार “ब” से िसलू करेगा.

    आइये इस सौदे का दसूरा भाग देखें

    आइये अब इस व्यिहार को और भी आगे ले जाएाँ और देखें

    कक इसी माल को जयपुर का “ब” नामक व्यापारी अब राजस्थान के ही अन्य िहर जोिपुर के ककसी अन्य व्याप री “स” को 10.50 लाख रुपये में बेचता है तो िह 94500.00 रुपये एस.जी.एस.टी. एिं 94500.00 रुपये सी.जी.एस.टी. के रूप में िसलू करेगा .

    राज्य और कें द्र सरकार को राजस्ि के रूप में क्या लमलेगा यहााँ ध्यान रखे कक “ब” पहले से ही एस.जी.एस.टी. के रूप में

    अपना माल खरीदते हुए 90000.00 रूपये का भगुतान कर चकुा है

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 11

    एिं सी.जी.एस.टी. के रूप में भी 90000.00 लाख रुपये का भगुतान इसी प्रकार कर चकुा है एि ं इस प्रकार “ब” की इनपुट के्रडडट एस.जी.एस.टी. के रूप में 90000.00 रुपये है एि ं सी.जी.एस.टी. के रूप में इनपुट के्रडडट 90000.00 रुपये है जजसे िह अपने द्िारा “स” से िसलू ककये गए कर में घटा कर जमा करा देगा.

    इस प्रकार “ब” एस.जी.एस.टी. के रूप में (रुपये 94500.00 - रुपये 90000.00 ) 4500.00 रुपये का भगुतान राज्य के खजाने में जमा कराएगा एिं इसी प्रकार से सी.जी.एस.टी. (94500.00रुपये लाख – रुपये 90000.00) 4500.00 रुपये केन्द्रीय सरकार के खजाने में जमा कराएगा.

    इस पूरे व्यिहार को देंखे तो इससे कें द्र सरकार को 94500.00 लाख रूपये का कर लमलेगा और और राज्य सरकार को 94500.00 रुपया कर को लमलेगा.

    क्या राज्य के भीतर ही त्रबक्री होने पर भी राज्य और कें द्र दोनों का कर देना होगा

    यहााँ यह ध्यान रखें कक राज्य के भीतर माल का वितरण या त्रबक्री करने पर भी कें द्र और राज्य दोनों को कर देना होगा और अब से सभी डीलसण (कभपोजीिन डीलसण को छोड़कर ) एक ही त्रबल में “दो कर” जैसा कक ऊपर बताया गया है एक ही त्रबल में लगाएगा और यह तथ्य कक एक ही त्रबल में अब डीलसण को दो टैक्स लगाने होंगे जो की कफलहाल आपके ललए एक आश्चयणचककत करने िाला तथ्य हो सकता है . लेककन आप अब समझ ही लें कक यही जी.एस.टी. है .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 12

    जी.एस.टी. जैसा कक ऊपर बताया गया है उसी तरह से लगेगा

    और इसके साथ ही राज्यों में लगने िाला िेट और कें द्र में लगने िाला केन्द्रीय उत्पाद िलु्क अथाणत सेंट्रल एक्साइज भी समाप्त हो जाएगा. इसके अततररक्त भी राज्यों एिं कें द्र के लगने िाले कुछ अन्य कर भी समाप्त हो जायेंगे जजनमें केन्द्रीय त्रबक्री कर अथाणत सेंट्रल एक्साइज , सविणस टैक्स इत्याहद भी िालमल है .

    यह जी.एस.टी. का प्रारजभभक स्िरुप है और चूाँकक आप इसका पहला भाग पढ़ रहे है इसललए यह आपको थोड़ा समझने में तकलीफ दे सकता है लेककन आप इसे अच्छी तरह से पढ़े और समझ ेक्यों कक एक जुलाई 2017 (या जैसी कुछ् सभंािनाएं व्यक्त की जा रही है 1 लसतभबर 2017 से आपको ही इसका पालन करना है .इसे पढने और समझने इसका पालन करने के अलािा कोई और रास्ता नहीं है .

    *

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 13

    अध्याय -2

    जी.एस.टी. और दो राज्यों के बीच का व्यापार (अंतरप्रांतीय त्रबक्री- Interstate Supply- IGST )

    जी.एस.टी. के दौरान सी.एस.टी. अथाणत केन्द्रीय त्रबक्री कर का

    कोई अजस्तत्ि नहीं होगा . आइये अब हम समझाने की कोलिि करें कक केन्द्रीय त्रबक्री कर

    क्या है और यह िेट एि ंइसके बाद जी.एस.टी.की राह में क्यों एक बािा माना जाता रहा है .ितणमान में केन्द्रीय त्रबक्री कर तनमाणता राज्यों के राजस्ि का एक बहुत बड़ा हहस्सा है .

    जब िषण 2006 में राज्यों में िेट लागू ककया गया था तब केन्द्रीय त्रबक्री कर अथाणत सी.एस.टी. को सबसे बड़ी बािा माना गया था और यह िादा ककया गया था कक प्रत्येक िषण एक प्रततित से इस दर को थगराकर अंत में इस कर को समाप्त कर हदया जाएगा लेककन यह िादा पूरा नहीं ककया गया और आज भी यह दर दो प्रततित पर कायम है और इसके साथ ही केन्द्रीय त्रबक्री कर पर एकत्र ककये जाने िाले सी- फॉमण की समस्या से पूरा ही व्यापार एि ं उद्योग जगत परेिान है .

    आइये पहले समझ ले कक केन्द्रीय त्रबक्री कर क्या है क्यों कक आम तौर पर इसका नाम यह सकेंत देता है कक यह कें द्र सरकार द्िारा लगाया गया एक कर है जब कक सच्चाई यह है कक यह त्रबक्री करने िाले राज्य द्िारा दो राज्यों के मध्य होने िाले व्यापार पर

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 14

    िसलू ककया जाने िाला कर है और देि के विकलसत राज्य जजन्हें हम तनमाणता राज्य भी कह सकते है इस कर से काफी राजस्ि एकत्र करत ेहै .

    जी.एस.टी. एक अंततम त्रबदं ु पर अंततम उपभोक्ता पर लगने िाला कर है अत; केन्द्रीय त्रबक्री कर का इसमे कोई स्थान नही होगा और इससे विकलसत राज्यों अथाणत त्रबक्री करने िाले राज्यों के राजस्ि पर भी नकारात्मक प्रभाि पडेगा जजसके बारे में भी कें द्र को इन राज्यों को राजस्ि हातन की भरपाई करनी पड़गेी.

    जी.एस.टी. के दौरान केन्द्रीय त्रबक्री कर अथाणत सी.एस.टी. की

    समाप्ती सारे देि के डीलसण को बहुत बड़ी राहत लमलने िाली है लेककन इसी प्रकार की त्रबक्री पर आगे एक और कर प्रणाली के तहकक त कर लगने िाला है जो कक आई.जी.एस.टी.- integrated Goods and Service Tax के नाम से लगने िाली है िह अब अंतराणजीय व्यापर के दौरान त्रबक्री /सप्लाई डीलसण को पालन करनी होगी.

    अंतराणजीय त्रबक्री के दौरान C-forms की जरुरत तो समाप्त हो जायेगी लेककन ऐसा को आश्िासन हमारे काननू तनमाणता रोड परलमट के बारे में नहीं दे रहे है और जजस प्रकार के सकंट लमल रहें है उनके अनसुार रोड परलमट जारी रहेंगे और अब इनका स्िरुप ई-िे त्रबल Electronic Way bill के रूप में होगा जजसका अध्ययन हम आगे के अध्याय में करेंगे.

    इसके अततररक्त जी.एस.टी.त्रबक्री पर नहीं बजल्क सप्लाई पर लगेगा इस प्रकार ब्ांच और डडपो ट्रान्सफर भी कर के दायरे में आ जायगें और माल बेचने और त्रबक्री के ललए भेजने के बीच का अंतर

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 15

    समाप्त हो जाएगा . इस प्रकार सी- फॉमण (C-form) की तरह ही एफ -फॉमण (F-form) भी समाप्त हो जायेंगे .

    आइये अब समझे कक जी.एस.टी. के दौरान आई.जी..एस.टी. का टैक्स मॉडल ककस तरह से कम करेगा :-

    IGST- इंटीगे्रटेड गुड्स एिं सविणस टैक्स

    आइये अब देखे कक दो राज्यों के बीच होने िाले व्यापार को

    आई.जी.एस.टी.- “इंटीगे्रटेड गुड्स एिं सविणस टैक्स” के जररये ककस तरह तनयतं्रत्रत ककया जाएगा :-

    दो राज्यों के मध्य होने िाले व्यापार पर तनगरानी रखने या जी.एस.टी. के इस प्रकार की त्रबक्री के ललए एक आई.जी.एस.टी. मॉडल भी तयैार कर ककया गया है जजसकी चचाण हम इस अध्याय में कर रहे है .

    लेककन यह ध्यान रखे कक यह केन्द्रीय त्रबक्री कर के स्थान पर लगने िाला कोई नया कर (एस.जी.एस.टी. एिं सी.जी.एस.टी. के अततररक्त तीसरा कर)नहीं है बजल्क एक ऐसा ततं्र है जजसके जररये दो राज्यों के बीच हुए व्यापार पर नजर रखी जा सके एि ं यह भी सतुनजश्चत ककया जा सके कक कर का एक हहस्सा उस राज्य को लमले जहााँ अंततम उपभोक्ता तनिास करता है और दसूरा हहस्सा कें द्र सरकार को .

    जी.एस.टी. के तहत सचूना तकनीकी की सहायता से एक ऐसा ततं्र विकलसत ककया जाएगा जजससे दो राज्यों के मध्य माल एिं सेिा के अंतरप्रांतीय व्यापार पर तनगरानी भी रखी जा सके एि ंयह भी

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 16

    सतुनजश्चत ककया जा सके कक “कर” का एक भाग को कक राज्यों को जाना है िह अंततम उपभोक्ता के राज्य को ही लमले .

    यहााँ ऊपर पहले ही यह बताया जा चकुा है कक यह केन्द्रीय त्रबक्री कर की जगह लगने िाला कोई नया कर नही ं है लेककन यह “आई.जी.एस.टी.” भी उद्योग एिं व्यापार के ललए प्रकक्रयात्मक उलझाने तो बढाने िाला ही है . आइये देखे कक यह आई.जी.एस.टी. मॉडल ककस तरह से काम करेगा

    :- (i). अंतरप्रांतीय व्यापर के दौरान त्रबक्री करने िाला डीलर अपने खरीददार से आई.जी.एस.टी. के रूप में एक कर एकत्र कर केन्द्रीय सरकार के खजाने में जमा कराएगा. इस कर की दर एस.जी.एस.टी. एिं सी.जी.एस.टी. की दर को लमलाकर बनेगी. उदाहरण के ललए मान लीजजये कक एस.जी.एस.टी. की दर 8 प्रततित है एिं सी.जी.एस.टी. की दर भी 10 प्रततित है तो आई.जी.एस.टी. के रूप में जमा कराया जाने िाला कर 18 प्रततित की दर से कें द्र सरकार के खजाने में जमा कराया जाएगा. (ii). अपना आई.जी.एस.टी. जमा करात े समय विके्रता अपन े द्िारा इस माल ,को जो कक उसने अंतरप्रांतीय त्रबक्री के दौरान बेचा है, की खरीद पर चकुाए गये एस.जी.एस.टी. एिं सी.जी.एस.टी. की इनपुट के्रडडट लेगा. (iii) . विके्रता का राज्य इस त्रबक्री ककये गए माल के सभबन्ि में विके्रता ने जो विके्रता राज्य में भगुतान ककये गए एस.जी.एस.टी.की के्रडडट ली है उतनी रालि कें द्र सरकार के खजाने में हस्तांतररत कर देगा. (iv). अंतरप्रांतीय त्रबक्री के दौरान खरीद करने िाला के्रता, जब भी यह

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 17

    माल बेचेगा तो अपनी आई.जी.एस.टी की इनपुट के्रडडट क्रमिः आई .जी.एस.टी. , सी.जी.एस.टी. या एस.जी.एस.टी.(इसी क्रम में ) के भगुतान की जजभमेदारी में से लेने का हक़ होगा . (v). जजतनी रालि की इनपुट के्रडडट अपनी एस.जी.एस.टी. चकुाते समय उपभोक्ता राज्य का व्यापारी आई.जी.एस.टी. में से लेगा उतनी रकम कें द्र उपभोक्ता राज्य के खाते में हस्तांतररत कर देगा इस तरह आई.जी.एस.टी. की इनपुट के्रडडट के्रता आई.जी.एस.टी. की भगुतान की जजभमेदारी में से ले सकता है और ऐसी कोई जजभमेदारी खरीददार की नही ं है तो इसका इनपुट सी.जी.एस.टी. की जजभमेदारी में से लेगा और उसके बाद भी आई.जी.एस.टी. की के्रडडट बच जाती है तो उसे एस.जी.एस.टी. के तहत भी ललया जा सकता है .

    इस प्रकार एस.जी.एस.टी. के रूप में लमलने िाला पूरा राजस्ि अंतरप्रांतीय व्यापार के दौरान भी उपभोक्ता राज्य को ही लमल जाएगा.

    आई. जी.एस.टी. ककस तरह कायण करेगा – एक सरल उदाहरण

    आई.जी.एस.टी. त्रबक्री के ललए ट्रांजेक्िन प्रथम विके्रता x मुबंई – 10 लाख रूपये मुबंई के ही y को . द्वितीय विके्रता – Y मुबंई 10.50 लाख रूपये राजस्थान के Z को . ततृीय विके्रता – Z राजस्थान 11 लाख रूपये राजस्थान में ही उपभोक्ता को.

    1. पहला ट्रांजेक्िन राज्य के भीतर है .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 18

    2. दसूरा ट्रांजेक्िन अन्तर प्रान्तीय है (IGST) 3. तीसरा ट्रांजेक्िन राज्य के भीतर है .

    कल्पना कीजजये जी.एस..टी. की दर 18 % है जजसमे से 9% प्रततित सी.जी.एस.टी. है और 9% एस.जी.एस.टी. है. इस तरह से आई.जी.एस.टी. की दर 18% होगी जो कक एस.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. को जोड कर होती है .

    कर की दरें उदहारण के ललए

    S.NO. DESCRITOPN RATE OF TAX 1. एस.जी.एस.टी. 9% 2. सी.जी.एस.टी. 9% 3. आई .जी.एस.टी.

    (1+2)= 18%

    विलभन्न डीलसण का कर दातयत्ि

    क्र.स. वििरण S.G.S.T.

    (9%) CGST (9%)

    IGST (18%)

    ररमाकण

    1. प्रथम विके्रता x मुबंई –

    90000.00 90000.00 NA पहला ट्रांजेक्िन राज्य के

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 19

    10 लाख रूपये मुबंई Y

    भीतर है .

    Less:-इनपुट

    NIL NIL NA

    X का कर जमा

    90000.00 90000.00 NA

    2. द्वितीय विके्रता – Y मुबंई 10.50 लाख रूपये राजस्थान के Z को .

    NA NA 189000.00 दसूरा ट्रांजेक्िन अन्तर प्रान्तीय है (IGST)

    Less:- इनपुट

    NA NA 180000.00 (SGST 90000.00 + CGST 90000.00)

    IGST मे अपने खरीदे गये माल पर चकुाये हुये SGST एिम CGST का इनपुट लमल जाता है.

    Y का NA NA 9000.00

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 20

    कर जमा 3. Z

    राजस्थान 11 लाख रूपये राजस्थान में ही उपभोकता को

    99000.00 99000.000 NA तीसरा ट्रांजेक्िन राज्य के भीतर है .

    Less:- इनपुट

    90000.00 99000.00 NA Z की IGST इनपुट 1.89 लाख है उसे IGST,CGST और इसके बाद बची रकम को SGST के साथ इसी क्रम में इनपुट लेना है .

    Z का जमा कर

    9000.00 NIL NA

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 21

    ये तो एक उदहारण हुआ कक ककस तरह से एक राज्य से दसूरे राज्य को होने िाले व्यिहार पर आई.जी.एस.टी. डीलसण पर ककस तरह से लगेगा . आइये जब हम इसका अध्ययन कर ही रहें है तो यह भी देख ले कक यह कर प्रणाली अथाणत आई.जी.एस.टी. ककस तरह राज्यों के और कें द्र के राजस्ि को प्रभावित ्करेगी :-

    राज्य और केन्द्र के मध्य रकम का ट्रान्सफर क्र.स. वििरण रकम 1. विके्रता राज्य उस रकम को कें द्र को

    ट्रान्सफर करेगा जो की उसके डीलर ने आई.जी.एस.टी. .का भगुतान करते समय एस.जी.एस.टी. की के्रडडट ली है . यहााँ Y ने अपना आई.जी.एस.टी. चकुाते समय 90000.00 का एस.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है जो की विके्रता राज्य के खजाने में चला गया है जो कक जी.एस.टी.काननू के तहत उसका राजस्ि नहीं है .

    90000.00

    2. कें द्र के्रता राज्य को उस रकम का ट्रान्सफर देगा जो कक के्रता राज्य के डीलर ने अपना एस.जी.एस.टी. चकुाते समय अपने द्िारा भगुतान ककये गए

    90000.00

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 22

    आई.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है और इस तरह् से के्रता राज्य का राजस्ि कें द्र के खजाने में चला गया था लेककन यह रकम के्रता राज्य का राजस्ि का हहस्सा है .

    IGST का कें द्र , विके्रता राज्य और के्रता राज्य के राजस्ि पर प्रभाि

    क्र.स. IGST के प्रभािी पक्ष 1. विके्रता राज्य 2. के्रता राज्य 3. केद्र सरकार

    विके्रता राज्य क्र.स. वििरण कर –SGST ररमाकण 1. कर की रकम जो कक

    प्रथम विकताण X ने जमा कराई .

    90000.00 CGST एिंम IGST राज्यों का विषय नहीं है अत: यहााँ नहीं ललया गया है .

    Less: - विके्रता 90000.00 NA

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 23

    2.

    राज्य उस रकम को कें द्र को ट्रान्सफर करेगा जो कक उसके डीलर ने आई.जी.एस.टी. .का भगुतान करते समय एस.जी.एस.टी. की के्रडडट ली है . यहााँ Y ने अपना आई.जी.एस.टी. चकुाते समय 90000.00 का एस.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है जो की विके्रता राज्य के खजाने में चला गया है .

    3. विके्रता राज्य का राजस्ि

    NIL NA

    Note- जी.एस.टी. एक उपभोक्ता राज्य को लमलने िाला कर है अत; यहद जजस राज्य में माल त्रबका है उस राज्य में इसका उपभोग नहीं होता है तो विके्रता राज्य को कोई कर नहीं लमलेगा.

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 24

    के्रता राज्य – उपभोक्ता राज्य क्र.स. वििरण SGST ररणमाकण 1. के्रता राज्य के डीलर

    द्िारा जमा कराया गया SGST .

    9000.00 CGST और IGST राज्यों का विषय नहीं है अत: यहााँ िालमल नहीं है.

    Add- कें द्र के्रता राज्य को उस रकम का ट्रान्सफर देगा जो कक के्रता राज्य के डीलर न े अपना एस.जी.एस.टी. चकुाते समय अपने द्िारा भगुतान ककये गए आई.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है और इस तरह् से के्रता राज्य का राजस्ि कें द्र के खजाने में चला गया था .

    90000.00 NA

    के्रता राज्य का राजस्ि

    99000.00 NA

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 25

    Note: - के्रता राज्य के उपभोक्ता की खरीद की कीमत 11.00 Lakhs @ 9% है इस तरह से इस राज्य का राजस्ि Rs.99000.00 हुआ जो कक ऊपर ललखी गणना के अनसुार भी आ रहा है.

    कें द्र सरकार क्र.स. वििरण CGST IGST कुल रकम 1. CGST की रकम

    जो कक विके्रता राज्य के उस डीलर ने जमा कराई जजसने इस उदहारण के प्रथम डीलर को माल बेचा था .

    90000.00 NIL 90000.00

    2. IGST जो की इस उदहारण के विके्रता राज्य के डीलर Y ने जमा कराया था .

    NIL 9000.00 9000.00

    कुल रकम 90000.00 9000.00 99000.00 3. Add:- विके्रता NA NA 90000.00

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 26

    राज्य उस रकम को कें द्र को ट्रान्सफर करेगा जो कक उसके डीलर ने आई.जी.एस.टी. .का भगुतान करते समय एस.जी.एस.टी. की के्रडडट ली है . यहााँ Y ने अपना आई.जी.एस.टी. चकुाते समय 90000.00 का एस.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है जो की विके्रता राज्य के खजाने में चला गया है .

    Total NA NA 189000.00 Less - कें द्र

    के्रता राज्य को उस रकम का ट्रान्सफर देगा जो

    NA NA 90000.00

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 27

    कक के्रता राज्य के डीलर ने अपना एस.जी.एस.टी. चकुाते समय अपने द्िारा भगुतान ककये गए आई.जी.एस.टी. का के्रडडट ललया है और इस तरह् से के्रता राज्य का राजस्ि कें द्र के खजाने में चला गया था .

    Result-कें द्र सरकार का राजस्ि

    NA NA 99000.00

    Note: - के्रता राज्य के उपभोक्ता की खरीद की कीमत 11.00 Lakhs @9% है इस तरह से इस तरह से कें द्र का राजस्ि Rs.99000.00 हुआ जो कक ऊपर ललखी गणना के अनसुार भी आ रहा है . इस तरह से आई.जी.एस.टी. का यह चक्र पूरा होता है .

    *

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 28

    अध्याय – 3

    जी.एस.टी. को लेकर जो सबसे महत्िपूणण प्रकक्रया का जो आपको पालन करना होगा िह है जी.एस.टी. के ररटनण भरना .

    आइये आज इस अध्याय में जी.एस.टी. के ररटनण भरने की प्रकक्रया के बारे में बात करते है और इसमें सबसे पहले चचाण करेंगे उन करदाता की जो कक सामान्य करदाता है अथाणत िे करदाता जो सामान्य रूप से जी.एस.टी. का कर भगुतान करेंगें और जजन्होंने कभपोजीिन कर भगुतान का विकल्प नहीं ललया है. अथिकााँि डीलसण जी.एस.टी. के तहत इसी शे्रणी में आयेंगे अत: सबसे पहले इसी शे्रणी के ललए ररटनण की चचाण करते है :-

    कुल ककतने ररटनण होंगे आपको प्रत्येक माह तीन ररटनण भरने होंगे जो पूरी तरह से एक दसुरे से अलग होंगे तो आइये पहले हम यह देखें कक ये तीन ररटनण कौनसे होंगे एिं कक अिथि में पेि करने होंगे :- ररटनण का नाम वििरण कब तक पेि करना है GSTR-1 मालसक त्रबक्री का वििरण अगले माह की 10

    तारीख तक

    GSTR-2 मालसक खरीद का वििरण अगले माह की 15 तारीख तक (10 तारीख के पूिण यह ररटनण नहीं भरा जा सकता है

    जी.एस.टी. ररटनणस

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 29

    अथाणत इसे आपको 10 से 15 तारीख के बीच भरना है).

    GSTR-3 मालसक कर का ररटनण अगले माह की 20 तारीख तक.

    GSTR-9 िावषणक ररटनण वित्तीय िषण की समाप्ती के बाद 31 हदसभबर तक.

    इस प्रकार आप देखेंगे कक कुल पूरे िषण में आपको एक िावषणक ररटनण को लमलाते हुए कुल 37 ररटनण भरने होंगे . इसके आपको हर माह के बाद 10 हदन ,15 हदन एि ं 20 हदन लमलेंगे और इस प्रकक्रया का पालन आपको हर माह करना होगा. एक माह में जो तीन ररटनण भरने है उन्हें भरने की तारीखें भी अलग –अलग है और ककस तरह से इन्हें भरना है यह भी हम आगे बता रहें है . अब आगे हम देखेंगे कक ये तीनों मालसक ररटनण ककस तरह भरे जाएंगे और यह ररटनण सरकार द्िारा विकलसत जी.एस.टी.एन. नामक नेटिकण पर भरना पडेगा और सभी कुछ सचूना तकनीक पर आिाररत होगा और जी.एस.टी. पूरा का पूरा सचुना तकनीक पर आिाररत होगा इसमें कोई बहुत ज्यादा आश्चयण की बात नहीं है क्यों कक इस समय सेंट्रल एक्साइज , सविणस टैक्स और अथिकााँि राज्यों में िेट भी इसी तकनीक पर अथाणत ऑनलाइन ही भरे जा रहे है . जी.एस.टी. पूरी तरह से सचूना तकनीक पर आिाररत होगा लेककन कफर भी आपको इससे जुड़े प्राििानों के पालन के ललए ना लसफण

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 30

    काफी मेहनत करनी होगी बजल्क समय की मजुश्कल सीमा का भी पालन करना होगा क्यों कक आपके ररटनण पर ही आपके खरीददारों के ररटनण भी तनभणर है और आपके विके्रताओं के ररटनण पर आपका ररटनण तनभणर होगा. यहद आप अपना ररटनण सही एिं समय पर नही ंभरते है तो आपके खरीददारों के ललए “लमसमचै” की समस्या पैदा होगी और यहद आपके विके्रता अपना ररटनण सही एिं समय पर नहीं भरते है तो आपके ललए लमसमचै की समस्या खड़ी हो जायेगी और जी.एस.टी. के दौरान आपको लमसमचै की समस्या को हल करने के ललए लसफण दो माह का समय ही लमलेगा आर यहद इस अिथि में लमसमचै की समस्या हल नहीं हुई तो आपको यह कर जमा कराना होगा और इसकी पुन: के्रडडट आपको तभी लमलेगी जब आपका विके्रता या सेिा प्रदाता इस समस्या को हल कर आपको की गई सप्लाई को अपन ेररटनण में हदखा दे. जी.एस.टी.एन आपकी रेहटगं तय करेगा आपके सही समय पर ररटनण भरने , कर जमा कराने के आिार पर आपकी रेहटगं भी तय की जायेगी जजसे समय – समय पर अपडेट भी ककया जाएगा और यह रेहटगं (िारा 149 ) अन्य डीलसण के देखे जाने के ललए भी उपलब्ि रहेगी अत: आपके ललए यह ही उथचत होगा कक इन तनयमो का उथचत पालन करे ताकक आपके साथ व्यापार करने िाले ितणमान एिं भािी डीलसण पर इसका अच्छा प्रभाि पड़े.

    आइये अब तीन मखु्य ररटन्सण का अध्ययन करें

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 31

    जी.एस.टी.आर.-1 आउटिडण सप्लाई का ररटनण

    (िारा 37) यह आपकी मालसक सप्लाई का ररटनण होगा और इसमे आप द्िारा सप्लाई की गई माल एिं सेिाओं का जजक्र होगा. यहााँ ध्यान रखे कक आप द्िारा जी.एस.टी. में रजजस्टडण डीलसण को की गई सप्लाई चाहे िह राज्य के भीतर हो या दसूरे राज्य के डीलर को है , का वििरण प्रत्येक त्रबल का अलग –अलग देना होगा इस वििरण में खरीददार का जी.एस.टी.एन नबंर भी देना होगा. इसके अततररक्त जो सप्लाई उपभोक्ता या अन-रजजस्टडण डीलसण को है उसका वििरण एक साथ देना होगा और इसकी विभाजन आपको कर की दर के हहसाब से करना होगा. लेककन यहद अन-रजजस्टडण को की गई ककसी एक त्रबल से अन्तरप्रान्तीय (एक राज्य से दसूरे राज्य को ) सप्लाई 2.50 लाख रूपये से अथिक है तो उसकी विगत भी आपको त्रबल सहहत देनी होगी. इसके अततररक्त यहद आप राज्य के बाहर त्रबक्री करते है और इस त्रबक्री में से 2.50 लाख रूपये से अथिक के त्रबल की छोड़ते हुए (जजसकी त्रबल सहहत विगत आप ऊपर ललखे अनसुार दे रहें है ) त्रबक्री की सामहूहक विगत आपको “राज्य िार” देनी है अथाणत ककस राज्य के डीलर को आपने ककतनी त्रबक्री की है इसकी राज्यिार विगत देनी होगी .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 32

    आप जो सप्लाई इस ररटनण में जी.एसटी.में रजजस्टडण डीलसण को लेकर भरेंगे िो स्ित: ही जी.एस.टी.एन. नेटिकण के जररये आपके खरीददार डीलर के जी.एस.टी.आर -2 ररटनण के एक भाग में आ जायेगी . इस ररटनण को भरते समय आपको HSN Code भी भरना होगा लेककन यह ककन डीलसण को भरना होगा इसका अध्ययन हम आगे करेंगे. यह ररटनण आपको महीना समाप्त होने के 10हदन के भीतर भरना होगा.यहााँ यह वििेष रूप से ध्यान रखें कक यहद आप 10 तारीख तक यह ररटनण नहीं भरते हैं तो कफर आप यह ररटनण अब आप 16 तारीख को या उसके बाद ही भर पायेंगे क्यों कक 11 तारीख से 15 तारीख तक आपके खरीददार आपके द्िारा भरी गई त्रबक्री/सप्लाई की अपने ररकोडण से जांच कर उसे स्िीकार /अस्िीकार/ सिंोथित करेंगे और इसी कारण से उन 5 हदनंों के ललए जी.एस.टी.आर.-1 भरने की सवुििा बंद कर दी जायेगी.

    जी.एस.टी.आर.-2 इनिडण सप्लाई का ररटनण

    िारा 38 जो सप्लाई की विगत जी.एस.टी.आर.-1 में आप द्िारा भरी गई है िह आपके खरीददार के खरीद के वििरण जी.एस.टी.आर -2 नामक ररटनण के एक भाग में अपन े–आप ही आ जायेगी .इसी तरह मान लीजजये कक आपके विके्रताओ ं ने जो आपको की त्रबक्री की विगत अपने जी.एस.टी.आर.-1 में भरी है िो आपकी खरीद के जी.एस.टी.आर -2 नामक ररटनण के एक भाग में अपने-आप आ जाएगी .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 33

    अब के्रता अपने ररटनण में अपने आप आई हुई खरीद की विगत की जांच अपने ररकॉडण से करेगा और यहद सही होगी तो इसे अनमुोहदत अथाणत मजंूर कर देगा और यहद के्रता के हहसाब से यह गलत/फकण होगा तो िह इसमें आपने ररकॉडण के अनसुार पररितणन कर देगा या और भी त्रबक्री जो विके्रता ने नहीं हदखाई है या अभी तक विके्रता ने ररटनण ही नहीं भरा है तो के्रता यह खरीद भी अपने ररटनण में जोड़ सकता. यह कायण के्रता को माह समाप्त होने के बाद अगले माह की 11 तारीख से प्रारभभ कर 15 तारीख तक करना होगा. के्रता जो पररितणन विके्रता के द्िारा भरे गए जी.एस.टी.आर.-1 से प्राप्त सचूना में पररितणन करेगा उसकी सचुना विके्रता के पास इसी पोटणल पर उसके जी.एस.टी.आर -1A के जररये पहुचेंगी और यहद विके्रता भी इसे मान लेता है तो इससे उसका जी.एस.टी.आर -1 इस पररितणन तक सिंोथित हो जाएगा. विके्रता उसी माह की, जजसमे ररटनण भरना ऊपर बताया गया है, कक 17 तारीख तक के्रता द्िारा ककये गए पररितणन को अप्रूि करे सकेगा और िह ऐसा नहीं करता है तो एक लमसमचै ररपोटण जारी हो जायेगी और आपके के्रता को परेिानी होगी .

    जी.एस.टी.आर.-3 मालसक ररटनण

    िारा 39

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 34

    जी.एस.टी.आर-1 एिं जी.एस.टी.आर.-2 भरने के बाद 20 तारीख तक जी.एस.टी.आर.-3 के रूप में एक मालसक ररटनण भरना होगा जजसमे करदाता उसके आउटपुट में से इनपुट घटाने के बाद मालसक कर का तनिाणरण करने के बाद उसे जमा करते हुए वििरण देगा. आइये देखें की इस ररटनण जी.एस.टी.आर.-3 में हदए गए आंकड़े ककस तरह से भरे जायेंगे :- पाटण –A :- इस ररटनण का पाटण –A जी.एस.टी.आर. 1 एिं जी.एस.टी.आर-2 के आिार पर स्ित: ही भरा हुआ होगा. जजसमे आपकी इनपुट और आउटपुट के्रडडट होगी . पाटण –B :- इसमें टैक्स , ब्याज एिं पेनाल्टी की विगत होगी जो कक आपके केि और आई.टी.सी. लेजर से स्ित: ही आ जायेगी . केि और आई.टी.सी. लेजर में डीलर की इनपुट के्रडडट एिं जमा कराये गए कर का वििरण होगा. अब आप स्िय ंसोच ले कक आपके ररटनण पर आपके सभी खरीददारों के ररटनण तनभणर है और उसी तरह से आपके विके्रताओ ंके ररटनण पर आपका ररटनण तनभणर है

    तो अब ररटनण भरते समय “समय सीमा” का पालन करना अतत आिियक हो जाएगा . इस समय िेट के दौरान जो ररटनण आप भरते है उनमे जजन राज्यों में त्रमैालसक ररटनण है िहां िावषणक ररटनण को लमलाते हुए आप 5 ररटनण भरतें है और जहा ंमालसक ररटनण है िहां आप 13 ररटनण भरतें है अब इन ररटनण की सखं्या 37 हो जायेगी .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 35

    अभी तक आपको ररटनण भरने के ललए 30 हदन से 60 हदन का समय हदया जाता है उसे भी घटा कर 10 हदन कर हदया गया है और इस पूरी प्रकक्रया के ललए आपको 20 हदन का समय हदया गया है . इसललए आप अभी से जी.एस.टी.की प्रकक्रयाओं के ललए तयैार हो जाएाँ .

    *

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 36

    जी.एस.टी. के दौरान विलभन्न ररटनण प्रस्ततु करने के फॉमण एिं उनकी अंततम ततथी

    क्र.स.ं फॉमण का वििरण फॉमण का

    नाम अंततम ततथी*

    1. त्रबक्री /सप्लाई का ररटनण

    GSTR-1 10 तारीख

    2. खरीद /इनपुट का ररटनण

    GSTR-2 15 तारीख

    3. मालसक कर ररटनण GSTR-3 20 तारीख 4. कभपोजीिन का ररटनण GSTR-4 18 तारीख 5. अतनिासी/ विदेिी

    डीलर GSTR-5 20 तारीख

    6. इनपुट सविणस वितरक GSTR-6 13 ताररख 7. टी.डी .एस. ररटनण GSTR-7 10 तारीख 8. ई –कॉमसण ररटनण GSTR-8 10 तारीख 9. िावषणक ररटनण GSTR-9 31 हदसबंर 10. अंततम ररटनण *** GSTR-10 3 माह में

    *जजस माह से ररटनण सभबंथित है उस माह के बाद िाले माह की तारीख. **जजस वित्तीय िषण से सभबन्िी है उसके अगले वित्तीय िषण की तारीख . *** रजजस्टे्रिन प्रमाण पत्र तनरस्त होने के सबंि में .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 37

    **** रजजस्टे्रिन तनरस्त होने या इस सभबन्ि में आदेि होने की तारीख , जो भी पहले हो. ***

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 38

    अध्याय -4

    जी.एस.टी. – कभपोजीिन स्कीम

    क्या हर लघ ुउद्योग एिं छोटा व्यापारी कभपोजीिन का लाभ ले सकता है ?

    देणखये कभपोजीिन स्कीम उन्ही डीलसण के ललए व्यिहाररक होती है जो कक सीिे ही उपभोताओं को माल बेचते है . जो डीलसण दसूरे डीलसण को माल बेचते है उनके ललए कभपोजीिन स्कीम को कोई व्यिहाररक उपयोग नहीं होता है क्यों कक कभपोजीिन डीलसण द्िारा बेचे गये माल पर “इनपुट के्रडडट” नहीं लमलती है . जी.एस.टी. के दौरान भी कभपोजीिन स्कीम होगी और यह व्यापारी और तनमाणता दोनों के ललए होगी और इसके साथ ही . इसके साथ ही रेस्टोरेंटस ओनसण भी इस स्कीम का लाभ ले सकें गे. यहााँ आप ध्यान रखें कक कभपोजीिन स्कीम से सभबंथित प्राििान जी.एस.टी. के सभबन्ि में केद्र एिंम राज्यों दोनों के ही काननू की िारा 10 में हदए गए है और इस सभबन्ि में रूल्स का प्रारूप भी जारी ककया गया है, कें द्र का काननू बन चकुा है , राज्यों के काननू कई वििान सभाओं में पास हो चकेु हैं और कुछ वििान सभाओं में अब पाररत होने है और रूल्स के अभी केिल प्रारूप ही जारी हुए है इन्हें अभी अंततम रूप से नोहटफाई ककया जाना है .

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 39

    आइये अब कभपोजीिन स्कीम को कुछ प्रश्नों के साथ विस्तार से जानने का प्रयास करें :- प्रश्न :- कभपोजीिन के ललए त्रबक्री/ टनणओिर की सीमा क्या होगी ? -जीएस.टी. कभपोजीिन उन डीलसण के ललए ही होगा जो ऊपर बताई ितों के अनसुार इस स्कीम के तहत आते है िे बीते हुए िषण (वपछले िषण ) में 75 लाख रूपये से कम की त्रबक्री या टनणओिर करते है . पहले यह सीमा 50 लाख रूपये थी जजसे इस समय जो 11 जून को जी.एस.टी. कौंलसल की मीहटगं हुई थी उसमें यह सीमा 75 लाख रूपये कर दी गई है . विलिष्ठ शे्रणी के राज्यों के ललए यह सीमा 75 लाख रुपये की जायेगी या नहीं यह अब जी.एस.टी. कौंलसल की 18 जून िाली मीहटगं में तय ककया जायगा. यहद आपका टनणओिर बीत ेिषण में 75 लाख रूपये से अथिक है तो आप इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकते है . प्रश्न :- हमारे राज्य में कभपोजीिन की सीमा 75 लाख है और िषण जो 31/03/2017 को जो साल समाप्त हुआ है उसमे हमारा टनणओिर 70 लाख रूपये था और हम कभपोजीिन का लाभ ले रहे थे . क्या अब भी हम जी.एस.टी. के दौरान कभपोजीिन स्कीम का लाभ ले सकंूगा ? -यहद आपके राज्य में इस समय कभपोजीिन स्कीम की आथिकतम सीमा 75 लाख रूपये है (ऐसा मेरे स्िय ंके राज्य राजस्थान में भी है ) और आपका टनणओिर 31/03/2017 को 70 लाख रूपये है और आपने कभपोजीिन स्कीम का लाभ ललया है तो भी अब आप 11 जून

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 40

    को जी.एस.टी. कौंलसल की मीहटगं में हुए फैसले के अनसुार कपोजीिन स्कीम का लाभ ले सकें गे. यहद आप विलिष्ठ शे्रणी के राज्य में है तो अभी आपको इसके ललए जी.एस.टी. कौंलसल की 18 जून की मीहटगं का इन्तजार करना होगा क्यों की इन राज्यों के डीलसण के ललए यह सीमा 75 लाख रूपये की गई है या नहीं अभी तय होना है . प्रश्न:- हम अभी भी अपने राज्य में कभपोजीिन स्कीम में है अब क्या हमें जी.एस.टी. के ललए भी कभपोजीिन का आिेदन करना होगा ? -जी.एस.टी. प्रोविजनल रजजस्टे्रिन के ललए तो आप आिेदन कर ही चकेु होगें और अब यहद आप कभपोजीिन स्कीम के तहत जाना चाहते है तो आपको इसके ललए जी. एस.टी . कॉमन पोटणल पर आिेदन करना होगा और यह आिेदन आप जी.एस.टी. काननू लागू होने के तीस हदन के भीतर एक फॉमण GST CMMP-01 में ऑनलाइन करेंगे. प्रश्न :-हम पहले से रजजस्टडण है क्या कभपोजीिन स्कीम में जाने पर कोई और भी कोई ितें है जजनके कारण हम जी.एस.टी. कभपोजीिन स्कीम में नहीं जा सकते है ? -यहद आप जी.एस.टी. लागू होने के पहले से रजजस्टडण है तो जजस हदन जी.एस.टी. लागू होता है उस हदन आपके पास जो भी स्टॉक है उस स्टॉक में तनभन प्रकार की खरीद िालमल नहीं होने चाहहए :-

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 41

    - अंतरप्रांतीय खरीद अथाणत ककसी अन्य राज्य से खरीदा हुआ माल जजस हदन जी.एस.टी. लागू हो उस हदन स्टॉक में नहीं होना चाहहए .

    - भारत के बाहर से खरीद अथाणत ककसी अन्य देि से खरीदा हुआ माल जजस हदन जी.एस.टी. लागू हो उस हदन स्टॉक में नहीं होना चाहहए .

    - राज्य के बाहर से अपनी ही ककसी ब्ांच या एजेंट या वप्रलंसपल से प्राप्त माल जजस हदन जी.एस.टी. लागू हो उस हदन स्टॉक में नहीं होना चाहहए .

    इसी तरह की कुछ सीमाएं उन डीलसण पर भी है जो जी.एस.टी. लगने के बाद रजजस्टडण होकर कभपोजीिन में जाना चाहते है. प्रश्न :-राज्य के बाहर माल बेचने िाले कभपोजीिन स्कीम का लाभ ले सकें गे ? -जो डीलसण एक राज्य से दसूरे राज्य में “माल बेचते” है िे कभपोजीिन स्कीम के पात्र नही ंहोंगे. प्रश्न :-क्या कभपोजीिन स्कीम का लाभ तनमाणता भी ले सकते है ? -हााँ इस कभपोजीिन स्कीम के तहत तनमाणता भी िालमल हो सकते है और िे भी कभपोजीिन का लाभ ले सकते हैं . लेककन यहद सरकार चाहे तो, अथिसचूना के जररये , कुछ प्रकार के तनमाणताओं को इस स्कीम से िंथचत कर बाहर कर सकती है . प्रश्न :-कभपोजीिन कर की दर क्या होगी ? -कभपोजीिन स्कीम के तहत कभपोजीिन कर की अथिकत्तम दरें तनभन प्रकार होंगी :-

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 42

    डीलर का वििरण सी.जी.एस.टी. के तहत कभपोजीिन कर की अथिकत्तम दर.

    एस.जी.एस.टी. के तहत कभपोजीिन कर की अथिकत्तम दर

    अथिक प्रभािी कभपोजीिन दर (एस.जी.एस.टी. + सी.जी.एस.टी.

    टे्रडसण अथाणत िे डीलसण जो लसफण खरीद त्रबक्री करत ेहै .

    आिा प्रततित- 0.50 प्रततित

    आिा प्रततित- 0.50 प्रततित

    एक प्रततित -1%

    रेस्टोरेंटस ढाई प्रततित – 2.50 प्रततित

    ढाई प्रततित – 2.50 प्रततित

    पांच प्रततित -5%

    तनमाणता एक प्रततित- 1 प्रततित

    एक प्रततित- 1 प्रततित

    दो प्रततित – 2%

    प्रश्न :-क्या कभप्पोजीिन की यह दरें अंततम रूप से तय कर दी गई है ? -आप यहद ऊपर ललखे जिाब को ध्यान से पढ़े तो आपको पता लगेगा कक यह अथिकत्तम दरें है और इन दरों से अथिक कभपोजीिन कर नहीं लगाया जा सकता है . अंततम दरें इनसे अथिक नहीं होगी . प्रश्न :-कभपोजीिन के तहत आने िाले डीलसण को अपने ररटन्सण कब- कब भरने होंगे ? -कभपोजीिन डीलसण को अपना ररटनण तीन माह में एक बार भरना होगा एिं िषण के अंत में उन्हें एक िावषणक ररटनण भरना होगा . इस आम जी.एस.टी. करदाता के एक िषण में भरे जाने िाले 37 ररटन्सण की जगह कभभपोजीिन डीलसण को केिल 5 ररटन्सण ही भरने होंगे.

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 43

    प्रश्न :-क्या सेिा के्षत्र के ललए भी यह कभपोजीिन स्कीम लागू रहेगी ? -सेिा क्षेत्र के ललए कभभपोजीिन स्कीम उपलब्ि नहीं है लेककन एक ही अपिाद है और उसे ऊपर हमने रेस्टोरेंट सविणस के रूप में बताया है जो कक िास्ति ्में सविणस और माल के सप्लाई का लमथश्रत रूप है . इसके अलािा ककसी और सविणस पर यह कभपोजीिान स्कीम लागू नहीं है . रेस्टोरेंट के केस में िे रेस्टोरेंट जजनका वपछ्ले िषण में त्रबक्री / टनणओिर 50 लाख रूपये से कम िे कभपोजीिन का लाभ ले सकते है और इस कभपोजीिन की अथिक्तम दर सी.जी.एस.टी. को लेकर 2.50 प्रततित एिं एस.जी.एस.टी. को लेकर 2.50 प्रततित अथाणत कुल 5.00 प्रततित होगी . प्रश्न :-मेरा एक जनरल स्टोर है जो अभी कभपोजीिन में है अब मैं एक फैक्ट्री प्लान कर रहा हूाँ जजसका माल में राज्य के बाहर भी बेचूगंा . क्या मैं अपनी फैक्ट्री के ललए एक और जी.एस.टीस. रजजस्टे्रिन ले सकता हूाँ और एक और सिाल क्या मैं जी.एस.टी. के दौरान अपना जनरल स्टोर कभपोजीिन में चला सकता हूाँ . -हााँ आप अपनी फैक्ट्री के ललए एक और रजजस्टे्रिन ले सकते है जो कक जी.एस.टी. के दौरान एक ही पेन नबंर पर एक से अथिक रजजस्टे्रिन लेने का प्राििान है यहद व्यापार अलग-अलग प्रकार के है . लेककन जी.एस.टी. के एक और प्राििान के अनसुार यहद आप कभपोजीिन का लाभ लेना चाहते हैं तो आपके एक ही पेन नबंर पर जारी सभी रजजस्टे्रिन पर कभपोजीिन ही होना चाहहए . आपके केस

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  • जी.एस.टी.- सी.ए . सुधीर हालाखंडी 44

    में आपकी फैक्ट्री , चूाँकक राज्य के बाहर माल बेचने की शे्रणी में आती है , अत; कभपोजीिन में नहीं आ सकती अत: आपका कोई भी व्यापार कभपोजीिन का लाभ नहीं ले सकता है . प्रश्न :-यहद मेरे एक ही पेन पर जी.एस.टी. के दौरान दो व्यापार है तो क्या दोनों के ललए 50 लाख की अलग- 2 सीमा का लाभ लमल सकता है ? -यह 50 लाख की लललमट प्रतत व्यजक्त (Per Person) है अथाणत आप इसे प्रतत पेन नबंर ही माने इस प्रकार एक पेन नबंर पर जजतने भी व्यापार है उन सभी का टनणओिर जोड़ा जाएगा चाहे िे सभी व्यापार भारत के ककसी भी हहस्से में जस्तथ हो . प्रश्न:--हमारा बीते िषण ( वपछले िषण )में टनणओिर 75 लाख रूपये था तो हम जी.एस.टी. के दौरान कभपोजीिन के हकदार हो जाएाँगे . जजस िषण हम कभपोजीिन का लाभ लेंगे उस िषण में भी इस लाभ की कोई टनणओिर सबंिी सीमा है ? -जैसे ही इस िषण आपका टनणओिर 75 लाख रूपये की रकम को क्रॉस करेगा उसी समय आपका कभपोजीिन का लाभ आगे के ललये समाप्त हो जाएगा और कफर आपको सा�