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    INSIGHTS CURRENT AFFAIRS

    ह िंदी सिंकलन JULY 2020

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    INSIGHTS करेंट अफेयसस+ पीआईबी नोट्स सिंकलन (जुलाई) विषय सचूी

    सामान्य अध्ययन-I

    विषय: भारतीय ससं्कृतत में प्राचीन काल से आधुतनक काल तक के कला के रूप, साहित्य और िास्तकुला के मखु्य पिल ूशाममल िोंगे। 1. मगंोमलयाई कंजुर पांडुमलवपयााँ 2. पद्मनाभस्िामी महंिर मामला 3. मधुबनी चचत्रकारी 4. िास्तकुला की प्रततिार शलैी विषय: स्िततं्रता सगं्राम- इसके विमभन्न चरण और िेश के विमभन्न भागों से इसमें अपना योगिान िेने िाले मित्त्िपणूण व्यक्तत/उनका योगिान।

    1. तात्या टोप ेविषय: 18िीं सिी के लगभग मध्य से लकेर ितणमान समय तक का आधतुनक भारतीय इततिास- मित्त्िपणूण घटनाएाँ, व्यक्ततत्ि, विषय। 1. ज्योततराि फुले 2. चंद्रशखेर आजाि 3. बाल गगंाधर ततलक विषय: विश्ि के इततिास में 18िीं सिी तथा बाि की घटनाएाँ यथा औद्योचगक क्ांतत। 1. अमेररका का हितनटी परीक्षण विषय: महिलाओं की भमूमका और महिला सगंठन, जनसखं्या एि ंसबंद्ध मदु्िे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शिरीकरण, उनकी समस्याएाँ और उनके रक्षोपाय।

    1. सेना में सभी महिला अचधकाररयों को स्थायी कमीशन

    2. िकै्श्िक जनसखं्या प्रिवृियों पर एक अध्ययन 3. भारतीय सेना में महिला अचधकाररयों को स्थायी

    कमीशन 4. इस्तांबलु अमभसमय 5. विश्ि मानि तस्करी तनषधे हििस

    विषय: भकंूप, सनुामी, ज्िालामखुीय िलचल, चक्िात आहि जैसी मित्त्िपणूण भ-ूभौततकीय घटनाएाँ, भौगोमलक विशषेताएाँ आहि। 1. ममजोरम भकंूपीय क्षते्र 2. हिमालय की तलिटी में नए भ्रशंो की खोज 3. िररकेन ‘िन्ना’ का टेतसास में प्रभाि सामान्य अध्ययन-II विषय: भारतीय सवंिधान- ऐततिामसक आधार, विकास, विशषेताएाँ, सशंोधन, मित्त्िपणूण प्रािधान और बतुनयािी सरंचना। 1. अध्यक्ष/सभापतत के तनणणय से पिूण न्यातयक समीक्षा विषय: केन्द्र एि ं राज्यों द्िारा जनसखं्या के अतत सिंेिनशील िगों के मलये कल्याणकारी योजनाएाँ और इन योजनाओं का कायणतनष्पािन। 1. प्रधानमतं्री गरीब कल् याण अन् न योजना 2. श्रम मतं्रालय द्िारा न्यनूतम मजिरूी पर मसौिा

    अचधसचूना 3. िांसजेंडर व्यक्ततयों (अचधकारों का सरंक्षण)

    अचधतनयम, 2019 4. प्रधानमतं्री स्िीट िेंडर आत्मतनभणर तनचध (PM

    SVANidhi) 5. सकण स में जानिरों का सिेक्षण 6. प्रधानमतं्री आिास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) 7. ककफायती एि ंमध् यम आय आिास के मलए स् पेशल

    विडंो (SWAMIH) 8. विस्ततृ ििा पाकों को प्रोत्सािन िेने की योजना विषय: स्िास््य, मशक्षा, मानि ससंाधनों से सबंचंधत सामाक्जक क्षते्र/सेिाओ ंके विकास और प्रबधंन से सबंचंधत विषय। 1. PCR परीक्षण एक िोधारी तलिार 2. समान भाषा उप-शीषणक (SLS) पररयोजना

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    3. G4 िायरस (G4 Virus) 4. ड्रग डडस्किरी िैकथॉन 2020 (DDH2020) 5. खाद्य एि ं कृवष सगंठन (FAO) द्िारा हटड्डी

    चेतािनी 6. ब्यबूोतनक प्लेग (Bubonic Plague) 7. WHO द्िारा श्रीलकंा तथा मालिीि खसरा-मतुत

    घोवषत 8. ‘प्रज्ञाता’ हिशा-तनिेश 9. सकक्य औषधीय सामग्री (API) पर ररपोटण 10. मशश ुतनमोतनया के तनिारण िेत ुपिले स्ििेश तनममणत

    टीके को स्िीकृतत 11. मशक्षकों एि ंविद्यालय प्रमखुों की समग्र उन्नतत के

    मलए एक राष्िीय पिल- तनष्ठा 12. भारत में ‘माततृ्ि मतृ्यु अनपुात (MMR)’ में चगरािट 13. विटाममन- डी और इसका मित्ि 14. हिल्ली का सीरोलॉक्जकल सिेक्षण 15. अफ्रीकी स्िाइन फीिर (ASF) 16. उन्नत भारत अमभयान (UBA) 17. एंटीबायोहटक प्रततरोध विषय: विमभन्न घटकों के बीच शक्ततयों का पथृतकरण, वििाि तनिारण ततं्र तथा ससं्थान। 1. आपराचधक काननू सधुार 2. हिव्यांगजन, अनसुचूचत जातत / अनसुचूचत जनजातत

    कोटे की भांतत समान लाभों के िकिार िैं: उच्चिम न्यायालय

    3. ‘अपराध िण्ड सौिेबाजी’ तया िै एि ं ककस प्रकार कायण करती िै?

    4. ग्राम पचंायत प्रशासक 5. न्यायालय की अिमानना विषय: ससंि और राज्य विधातयका- सरंचना, कायण, कायण-सचंालन, शक्ततयााँ एि ंविशषेाचधकार और इनसे उत्पन्न िोने िाले विषय।

    1. मध्य प्रिेश में मतं्रत्रयों की सखं्या तनधाणररत सिंधैातनक सीमा से अचधक

    2. राजकोषीय पररषि की आिश्यकता विषय: सरकारी नीततयों और विमभन्न क्षते्रों में विकास के मलये िस्तक्षेप और उनके अमभकल्पन तथा कायाणन्ियन के कारण उत्पन्न विषय। 1. वििेशी ई-कॉमसण फमों पर समकारी लेिी 2. भारत ऊजाण मॉडल फोरम 3. केरल पश ुऔर पक्षी बमल तनषधे अचधतनयम 4. पथृक ‘यातना-रोधी’ काननू 5. उपभोतता सरंक्षण अचधतनयम, 2019 6. ई-कॉमसण िेब साइटों के मलए ‘उत्पािक-िेश’ की

    घोषणा अतनिायण 7. सामान्य वििीय तनयम (GFR) 8. नई राष्िीय मशक्षा नीतत विषय: सांविचधक, वितनयामक और विमभन्न अद्णध-न्यातयक तनकाय।

    1. राजस्थान के मशक्षा हिशा-तनिेशों से असतंषु्ट NCPCR

    2. राष्िीय वििीय ररपोहटिंग प्राचधकरण (NFRA) 3. अयोध्या में मक्स्जि बनाने िेत ुिस्ट का गठन विषय: विमभन्न सिंधैातनक पिों पर तनयकु्तत और विमभन्न सिंधैातनक तनकायों की शक्ततयााँ, कायण और उिरिातयत्ि। 1. भारत में राज्यों के राज्यपाल 2. राजस्थान राजनीततक सकंट और राज्यपाल की

    शक्ततयां विषय: जन प्रतततनचधत्ि अचधतनयम की मखु्य विशषेताएाँ। 1. एक राष्ि एक मतिाता पिचान पत्र 2. राजनीतत का अपराधीकरण 3. 24% राज्यसभा सिस्यों पर आपराचधक मामले विषय: लोकततं्र में मसविल सेिाओं की भमूमका।

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    1. लोक प्रशासन में उत्कृष्टता िेत ुप्रधानमतं्री परुस्कार 2020

    विषय: भारत एि ंइसके पड़ोसी- सबंधं।

    1. चीन से तनपटने के मलए SAARC को पनुजीवित करने की आिश्यकता

    2. सकतेंग अभयारण्य पर चीन के िािे के विरोध में भटूान का आपविपत्र

    3. डोकलाम से सबक: यथाक्स्थतत की पणूण िापसी तक सनै्य-तीव्रता में कोई कमी निीं

    4. श्रीलकंा में भारतीय मछुआरे तथा सबंचंधत मदु्िे 5. ऑस्िेमलया एि ंमालाबार यदु्धाभ्यास 6. अफगातनस्तान द्िारा िाघा बॉडणर से भारत को

    तनयाणत 7. चाबिार रेल पररयोजना स ेईरान ने भारत को अलग

    ककया 8. रूस-भारत-चीन समिू (RIC) विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और िकै्श्िक समिू और भारत से सबंचंधत और/अथिा भारत के हितों को प्रभावित करने िाले करार। 1. ओपन स्काई समझौता 2. द्विपक्षीय व्यापार और तनिेश समझौता (BTIA) 3. 'मालाबार यदु्धाभ्यास' को ‘चतषु्पक्षीय’ बनाने का

    सिी तनणणय विषय: कायणपामलका और न्यायपामलका की सरंचना, सगंठन और कायण- सरकार के मतं्रालय एि ं विभाग, प्रभािक समिू और औपचाररक/अनौपचाररक सघं तथा शासन प्रणाली में उनकी भमूमका।

    1. पमुलस सधुार तथा मित्िपणूण न्यातयक कताण 2. कानपरु एनकाउंटर केस तथा पमुलमसगं सबंधंी विषय 3. गरै-न्यातयक ित्याएं (Extra-judicial Killings) 4. नेशनल इंटेमलजेंस चग्रड (NATGRID)

    विषय: भारत के हितों पर विकमसत तथा विकासशील िेशों की नीततयों तथा राजनीतत का प्रभाि; प्रिासी भारतीय। 1. इतालिी नौसतैनक केस 2. रूस में सिंधैातनक सशंोधन 3. अमेररकी प्रततद्िदं्वियों को प्रततबधंो के माध्यम स े

    प्रत्यिुर अचधतनयम (CAATSA) 4. अमेररका के नए िीजा तनयमों से छात्रों के मलए

    सकंट 5. सयंतुत राज्य अमेररका, WHO से बािर 6. उइगरों पर िमनकारी कारणिाई करने पर चीन ि

    अमेररका के मध्य वििाि 7. सशस्त्र ड्रोनों की त्रबक्ी पर अमेररकी तनयमों में ढील विषय: मित्त्िपणूण अतंराणष्िीय ससं्थान, ससं्थाएाँ और मचं- उनकी सरंचना, अचधिेश। 1. एमशयाई विकास बैंक (ADB) 2. सयंतुत राष्ि आचथणक और सामाक्जक पररषि

    (ECOSOC) 3. एड्स, तपेहिक और मलेररया से लड़ने िेत ुिकै्श्िक

    कोष (GFATM) 4. अतंराणष्िीय रेलिे सघं (UIC) 5. नागररक एि ंराजनीततक अचधकारों पर अतंराणष्िीय

    अमभसमय (ICCPR) 6. राष्िमडंल मानिाचधकार पिल (CHRI) सामान्य अध्ययन-III

    विषय: भारतीय अथणव्यिस्था तथा योजना, ससंाधनों को जुटाने, प्रगतत, विकास तथा रोज़गार से सबंचंधत विषय। 1. मदु्रा वितनमय समझौता (CSA) विषय: कृवष उत्पाि का भडंारण, पररििन तथा विपणन, सबंचंधत विषय और बाधाएाँ; ककसानों की सिायता के मलये ई-प्रौद्योचगकी। 1. मेगा फूड पाकण

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    विषय: प्रत्यक्ष एि ंअप्रत्यक्ष कृवष सिायता तथा न्यनूतम समथणन मलू्य से सबंचंधत विषय; 1. कृवष अिसरंचना कोष का आरम्भ 2. विश्ि में खाद्य सरुक्षा तथा पोषण क्स्थतत (SOFI)

    2020

    विषय: विज्ञान एि ंप्रौद्योचगकी- विकास एि ंअनपु्रयोग और रोज़मराण के जीिन पर इसका प्रभाि। विज्ञान एि ं प्रौद्योचगकी में भारतीयों की उपलक्ब्धयााँ; िेशज रूप स े प्रौद्योचगकी का विकास और नई प्रौद्योचगकी का विकास। 1. ‘सतत’ पिल 2. जैि ईंधन (Biofuels) 3. भारत का पिला प्लाज्मा बैंक 4. रमन स्पेतिोस्कोपी तया िै? 5. राष्िीय बायोफामाण ममशन (NBM) 6. ऑतसफोडण विश्िविद्यालय द्िारा विकमसत

    ChAdOx1 Covid-19 ितैसीन 7. काकरापार परमाणु सयंतं्र द्िारा ‘क्ांततकता’ प्राक्प्त विषय: सचूना प्रौद्योचगकी, और बौद्चधक सपंिा अचधकारों से सबंचंधत विषयों के सबंधं में जागरुकता। 1. चन्द्रमा, पिूण अनमुानों से अचधक धाक्त्िक: नासा

    शोध अध्ययन 2. अतनिायण लाइसेंमसगं 3. तारों में मलचथयम उत्पािन 4. तनओिाइस धूमकेत ु5. सयंतुत अरब अमीरात का पिला मगंल ममशन ‘िोप’ 6. मानि िदृ्चध िामोन (hGH) 7. गरै-ियैक्ततक डटेा 8. सौर ऑत्रबणटर 9. ततयानिेन-1 10. इंटरनेशनल थमोन्यकू्तलयर एतसपेररमेंटल ररएतटर

    (ITER) 11. PERSEVERANCE: नासा का मगंल ममशन

    विषय: सरंक्षण, पयाणिरण प्रिषूण और क्षरण, पयाणिरण प्रभाि का आकलन।

    1. स्िच्छ ऊजाण भारत के आचथणक सधुार में मिि 2. नमामम गगंे कायणक्म 3. UNFCCC तथा परेरस समझौत ेके तित वििीय

    और तकनीकी प्रततबद्धताएाँ 4. भारत में बाघों की गणना द्िारा नया चगनीज

    िल्डण ररकॉडण स्थावपत 5. िेहिगं पटकाई िन्यजीि अभयारण्य को राष्िीय

    उद्यान का िजाण 6. सयंतुत राष्ि उच्च-स्तरीय राजनीततक मचं

    (HLPF) 7. चंबल निी में डॉक्ल्फन की सखं्या में कमी 8. भागीरथी पयाणिरण सिंेिनशील क्षेत्र 9. RAISE पिल 10. लोनार झील के गलुाबी िोने का कारण 11. िकै्श्िक िन ससंाधन मलू्यांकन (FRA) 12. यमनुा के जल में अमोतनया का उच्च स्तर 13. ग्रीन -एजी पररयोजना 14. िकै्श्िक बाघ हििस 15. एररयल सीडडगं तया िै?

    विषय: आंतररक सरुक्षा चुनौततयों में मीडडया और सामाक्जक नेटिककिं ग साइटों की भमूमका, साइबर सरुक्षा।

    1. चीनी ऐप्स पर प्रततबधं: डडलीट करने की बजाय तनयतं्रण

    2. मिामारी के िौरान स्पाईियेर तथा स्टाकरिेयर के उपयोग में िदृ्चध

    3. तकुी में नए सोशल मीडडया काननू को मजंूरी विषय: समािेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।

    1. NBFC और HFC के मलए विशषे नकिी प्रिाि योजना

    विषय: आपिा और आपिा प्रबधंन। 1. नेिेली तथा विज़ाग आपिा: सरुक्षा में मशचथलता 2. भारत में सपणिंश

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    3. असम में बाढ़ विषय: उिारीकरण का अथणव्यिस्था पर प्रभाि, औद्योचगक नीतत में पररितणन तथा औद्योचगक विकास पर इनका प्रभाि। 1. वििेशी अशंिान वितनयमन अचधतनयम (FCRA) 2. ितणमान हििामलयापन व्यिस्था में ‘प्री-पकै’ तया िैं? विषय: बतुनयािी ढााँचााः ऊजाण, बिंरगाि, सड़क, विमानपिन, रेलिे आहि। 1. रेलिे का तनजीकरण 2. बेितर सेिा प्रिान करने िेत ुNHAI द्िारा सड़कों

    की रैंककंग 3. रीिा सौर पररयोजना 4. भारत ऊजाण मॉडल फोरम

    प्रारम्भिक परीक्षा ेत ुतथ्य 1. कॉगएतस 2020 2. ग्लोब्बा एंडरसोनी 3. जैि सरुक्षा स्तर 4. अतंराणष्िीय क्षुद्रग्रि हििस 5. अरुणाचल की नई तततली प्रजाततयााँ 6. प्रोग्राममगं और डाटा साइंस में विश्ि का पिला

    बीएससी (BSc) ऑनलाइन डडग्री प्रोग्राम 7. िुल हििस (Hul Divas) 8. राष्िीय चचककत्सक हििस 2020 9. ‘एतसीलेरेट विज्ञान’ योजना 10. चचचणत स्थल: बोत्सिाना 11. कें द्रीय चचडड़याघर प्राचधकरण 12. धम्म चक् हििस: 13. प्रेरक िौर सम्मान 14. नीम ू(Nimu/Nimoo) 15. ICAR और NICRA 16. कृवष विज्ञान कें द्र 17. करण- 4 18. ककसान रथ

    19. आत्म तनभणर भारत ऐप इनोिेशन चैलेंज 20. स्टेविओसाइड 21. लद्िाख के मलए विटंर ग्रेड डीजल 22. एमलमेंट्स (Elyments) 23. धन्ितंरर रथ 24. साप्ताहिक ससं्कृत पत्रत्रका' िाताणिली 25. ससं्कृत सप्ताहिकी 26. िररयाणा में स्थानीय लोगों के मलए तनजी क्षते्र में

    75% नौकररयों को आरक्षक्षत करने के मलए अध्यािेश मसौिा

    27. िषण 2018 में भारत से चौथी सबस ेअचधक अफीम जब्ती :िल्डण ड्रग ररपोटण

    28. ज़ारिोज़ी कला 29. चचचणत स्थल - नतांज़ (Natanz) 30. राष्िीय एटलस और विषयगत मानचचत्रण सगंठन

    (NATMO) 31. भारत की सबसे बड़ी तततली 32. हिल्ली नगर कला आयोग (DUAC) 33. चचचणत स्थल- इिमलब (Idlib) 34. भासन चार द्िीप 35. समाधान से विकास 36. िाचगया सोकफया (Hagia Sophia) 37. असीम पोटणल (ASEEM portal) 38. इंडडया ग्लोबल िीक 2020 39. राष्िीय मत् स् यपालन हििस 2020 40. इंडडया साइककल्स 4 चेंज चलैेंज 41. इटोमलज़ुमाब (Itolizumab) 42. ATL ऐप डिेलपमेंट मॉड्यलू 43. प्रौद्योचगकी सचूना, पिूाणनमुान और मलू्याकंन पररषि

    (TIFAC) 44. ओकफयोसोरडायसेप्स मसनेंमसस 45. बांग्लािेश के मलए भारत स ेविशषे पासणल िेन 46. ‘टाइगर आककण ड’ (Tiger Orchid) 47. ग्राउंड ऑककण ड (Ground Orchid)

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    48. स्िणाण सब-1 (Swarna Sub1) 49. चुशलू (Chushul) 50. 'अरि और कामेल' (Arad and Carmel) 51. विश्ि की सबस ेलबंी अतंाःसागरीय (subsea) केबल 52. तांगम (Tangams) 53. भान ुजयतंी (Bhanu Jayanti) 54. नागोनो-काराबाख़ क्षते्र 55. चचचणत स्थल- डल झील 56. चचचणत स्थल- काजीरंगा राष्िीय उद्यान 57. विश्ि यिुा कौशल हििस 58. आजाि पट्टन जल विद्यतु पररयोजना 59. चचचणत स्थल: मोंट ब्लांक पिणत श्रृंखला 60. कोक्च्च पोटण केरल का िल्लारपिम टममणनल- भारत

    का पिला िांस-मशपमेंट िब 61. ‘ममल्क टी अलायसं’ (Milk Tea Alliance) तया िै? 62. चचयांग मे पिल (Chiang Mai initiative - CMI) 63. मेलघाट टाइगर ररज़िण (MTR) 64. सपुरकैपेमसटर (Super capacitor) तया िै? 65. िाल िी में, भारत में ककस राज्य ने सरकारी नौकररयों

    में प्लाज्मा िाताओं को िरीयता िेने का फैसला ककया िै?

    66. िाल िी में चचचणत APT29 तया िै? 67. चचचणत स्थल- चट्टोग्राम बिंरगाि 68. भारत-भटूान के मध्य नया व्यापार मागण 69. इओमसनोकफल गणना (Eosinophil count) 70. राष्िीय परीक्षण और अशंशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन

    बोडण (NABL) 71. मामला मतृ्य ुिर 72. गोधन न्याय योजना 73. उध्िाणधर सचंररत सकं्मण तया िोता िै? 74. चचचणत स्थल- मगरुी मोटापुगं िेटलैंड 75. बाचथनोमस रतसासा

    76. मनोिपणण (Manodarpan) 77. मेटा मटेररयल (Metamaterials) तया िोत ेिैं? 78. डॉतटरों की सेिातनिवृि आय ुमें िदृ्चध 79. मलेररया तनयतं्रण कायणक्म िेत ुिक्षक्षण अफ्रीका के

    मलए DDT की आपतूत ण 80. िक्षक्षण पक्श्चमी समदु्री क्षेत्र में मत्स्यन पोतों तथा

    व्यापाररक पोतों के पररचालन मागो का विभाजन 81. िकृ्षारोपण अमभयान 82. इंडडयन बलुफ्रॉग 83. भारतीय शकै्षक्षक मलू्यांकन परीक्षण (Ind-SAT) 84. इंडडया आइडडयाज सममट 85. इंडडयन रेड क्ॉस सोसाइटी (IRCS) 86. कारचगल विजय हििस 87. नाग निी 88. ब्ल ूपॉपी 89. ‘डयेर टू ड्रीम 2.0’ प्रततयोचगता 90. मोबाइल ऐप ‘मौसम‘ 91. भारतीय मानक ब्यरूो (BIS) 92. ट्यमूलगं-हटडडगं सचूर जोन (TTSZ) 93. एस्िोजन पररयोजना 94. नागाजुणनसागर श्रीशलैम टाइगर ररजिण (NSTR) 95. चीनी ऐप्स पर प्रततबधं 96. राफेल फाइटर जेट्स 97. पम्पा निी 98. ऑस्िेमलयाई नागररकता पाने के मलए सबसे बड़ा

    प्रिासी समिू 99. चचचणत स्थल - पोटण लइुस 100. सवंिधान का अनचु्छेि 239A (4) 101. गांधी - ककंग स्कॉलरली एतसचेंज इनीमशएहटि

    एतट 102. AIM-iCREST

    सामान्य अध्ययन-I

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    विषय: भारतीय ससं्कृतत में प्राचीन काल से आधतुनक काल तक के कला के रूप, साहित्य और िास्तकुला के मखु्य पिल ूशाममल िोंगे। 1. मिंगोललयाई किं जुर पािंडुललवपयााँ (Mongolian Kanjur Manuscripts) ससं्कृतत मतं्रालय ने ‘राष्ट्रीय पािंडुललवप लमशन’ (National Mission for Manuscripts- NMM) के तित मगंोमलयाई कंजुर के 108 अकंों के पनुमुणद्रण करने पररयोजना आरंभ की िै। िाल िी में, NMM के अतंगणत, मिंगोललयाई किं जुर पािंडुललवपयों के प्रथम पािंच पनुमुसहित अिंक जारी ककए गए िै। मिंगोललयाई किं जुर क्या ै?

    मगंोमलयाई भाषा में ‘कंजुर‘ का अथण िोता िै ‘सकं्षक्षप्त आिेश‘ जो विशषे रूप से भगिान बदु्ध के शब्ि िोत ेिैं। मगंोमलयाई बौद्धों द्िारा इसका काफी सम्मान ककया जाता िै तथा िे महंिरों में कंजुर की पजूा करत ेिैं तथा

    एक धाममणक ररिाज के रूप में अपने प्रततहिन के जीिन में कंजुर की पकं्ततयों का पाठ करत ेिैं। मगंोमलयाई कंजुर को ततब्बती भाषा से अनहुित ककया गया िै। कंजुर की भाषा शास्त्रीय मगंोमलयाई िै।

    िारत और मिंगोललया के बीच ऐतत ालसक सिंबिंध: भारत और मगंोमलया के बीच ऐततिामसक परस्पर सबंधं सहियों परुाने िैं।

    मगंोमलया में बौद्ध धमण भारतीय सांस्कृततक एि ंधाममणक राजितूों द्िारा आरंमभक ईस्िी के िौरान ले जाया गया था।

    इसके पररणामस्िरूप, आज मगंोमलया में बौद्धों का सबसे बड़ा धाममणक प्रभतु्ि िै। भारत ने 1955 में मगंोमलया के साथ औपचाररक राजनतयक सबंधं स्थावपत ककए। तब से, िोनों िेशों के बीच

    प्रगाढ़ सबंधं एक नई ऊंचाई तक पिंुच गए िैं। राष्ट्रीय पािंडुललवप लमशन (NMM) के बारे में: राष्िीय पांडुमलवप ममशन भारत सरकार के पयसटन एििं सिंस्कृतत मिंत्रालय द्िारा फरिरी 2003 में आरंभ ककया गया था।

    इसका कायण पािंडुललवपयों में सिंरक्षक्षत ज्ञान के दस्तािेजीकरण, सिंरक्षण एििं प्रसार करना िै। लमशन का एक उद्देश्य िलुणभ एि ंअप्रकामशत पांडुमलवपयों को प्रकामशत करना िै क्जससे कक उनमें प्रततष्ठावपत

    ज्ञान शोधकताणओं, विद्िानों एि ंबड़ ेपमैाने पर आम लोगों तक प्रसाररत िो सके। पषृ्ट्ठिलूम भारत में विमभन्न प्रकार की लगभग िस मममलयन पांडुमलवपयां िै, जो सभंिताः विश्ि का सबसे बड़ा सगं्रि िै। ये विमभन्न विषयों, बनािट और सौंियणशास्त्र, मलवपयों, भाषाओं, सलेुखों, चचत्रों और चचत्रों को किर करती िैं। प्रीललभस ललिंक:

    1. मगंोमलया किााँ िै? 2. NMM कब लॉन्च ककया गया था? उद्िेश्य? 3. मगंोमलयाई कंजुर - अथण और मित्ि। 4. भारत और मगंोमलया के बीच राजनतयक सबंधं। 5. विमभन्न बौद्ध मदु्राएाँ, िाथ के इशारे और उनके अथण।

    मेंस ललिंक:

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    मगंोमलयाई कंजुर पांडुमलवपयों के मित्ि पर चचाण कीक्जए। 2. पद्मनािस्िामी मिंहदर मामला (Padmanabhaswamy temple case) िाल िी में, उचिम न्यायालय ने िषण 2011 में हिए गए केरल उच्च न्यायालय के फैसले को पलटत ेिुए, केरल के ततरुिनिंतपरुम में श्री पद्मनाि स्िामी मिंहदर के प्रशासन में त्रािणकोर के पिूसिती शा ी पररिार के अधधकारों को बरकरार रखा ै। िषण 2011 में इस महंिर के भमूमगत प्रकोष्ठों में एक लाख करोड़ रु. की कीमत के खजाने का पाता लगा था। चचास का विषय त्रािणकोर के अिंततम शासक ‘धचधथरा धथरुनल बलराम िमास’ की िषण 1991 में मतृ्य ुिो गयी थी, इसके पश्चात मखु्य काननूी प्रश्न यि था, कक तया अतंतम शासक की मतृ्य ुके बाि उनके भाई, उत्रदेम धथरुनल मातसण्ड िमास ‘त्रािणकोर का शासक’ ोने का दािा कर सकत ेिैं? अिालत ने श्री पद्मनाभ स्िामी महंिर के स्िाममत्ि, तनयतं्रण और प्रबधंन का िािा करने के मलए त्रािणकोर-कोचीन ह िंद ूधालमसक सिंस्था अधधतनयम, 1950 के अनसुार ‘त्रािणकोर के शासक’ शब्ि के सीममत अथण के अतंगणत इस िाि ेकी जांच की। तनणसय:

    उचिम न्यायालय ने िषण 2011 में केरल उच्च न्यायालय द्िारा हदए गए तनणसय को पलट हदया क्जसमे उच्च न्यायालय किा था कक, त्रािणकोर के अतंतम शासक की मतृ्य ुके साथ पररिार के अचधकारों का अक्स्तत्ि समाप्त िो गया िै, तथा केरल सरकार को महंिर के प्रबधंन और सपंवि को तनयतं्रत्रत करने के मलए एक िस्ट स्थावपत करने का तनिेश हिया था।

    उचिम न्यायालय ने किा कक, प्रथागत काननू के अनसुार, देिता के वित्तीय मामलों का प्रबिंधन करने का अधधकार (Shebait Rights) अतंतम शासक की मतृ्य ुके बाि भी पररिार के सिस्यों के साथ जारी रिता िै।

    उचिम न्यायालय ‘शीबटै’ (Shebait) को ‘प्रततमा के सिंरक्षक, सािंसाररक प्रिक्ता तथा अधधकृत प्रतततनधध’ के रूप में पररभावषत ककया िै, जो इसके सांसाररक मामलों तथा इसकी पररसपंवियों का प्रबधंन करेगा।

    तनदेश: न्यायालय में ‘शािी पररिार’ ने महंिर को ‘सािसजतनक मिंहदर’ के रूप में प्रस्ततु ककया िै, इसे स्िीकार करत ेिुए उचिम न्यायालय ने भविष्य में महंिर के पारिशी प्रशासन िेत ुकई हिशा-तनिेश जारी ककए िैं।

    न्यायालय ने एक प्रशासतनक सलमतत के गठन का तनिेश हिया, म्जसके अध्यक्ष ततरुिनिंतपरुम म्जला न्यायाधीश ोंगे।

    सममतत के अन्य सिस्यों में ‘िस्टी’ (शािी पररिार) द्िारा नाममत महंिर के मखु्य ततं्री (Thanthri), राज्य द्िारा नाममत एक सिस्य तथा कें द्रीय ससं्कृतत मतं्रालय द्िारा नाममत एक सिस्य िोंगे। य सलमतत मिंहदर के दैतनक प्रशासन की देख-रेख करेगी।

    न्यायालय ने, नीततगत मामलों पर प्रशासतनक सलमतत को सला देने के ललए एक िसूरी सममतत गहठत करने का भी आिेश हिया।

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    इसकी अध्यक्षता केरल उच्च न्यायालय के मखु्य न्यायाधीश द्िारा नाममत सेिातनििृ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्िारा की जाएगी।

    1991 से प ले पद्मनािस्िामी मिंहदर का स्िालमत्ि, तनयिंत्रण और प्रबिंधन ककसके पास था? (घटनाओं का सकं्षक्षप्त अिलोकन): िषण 1947 के पिूण, सभी महंिर जो त्रािणकोर तथा कोचीन की पिूणिती ररयासतों के तनयतं्रण और प्रबधंन के अधीन थे, स्िततं्रता के पश्चात ‘त्रािणकोर एििं कोचीन देिासम बोडों (Travancore and Cochin Devaswom Boards) के तनयतं्रण में आ गये।

    1949 में त्रािणकोर और कोचीन की ररयासत तथा भारत सरकार के बीच विलय सिंबिंधी दस्तािेजों (Instrument of Accession) के अनसुार श्री पद्मनाभस्िामी महंिर का प्रशासन ‘त्रािणकोर के शासक’ के ‘विश्िास में तनह त’ था।

    िषण 1956 में केरल राज्य का तनमासण ककया गया था, लेककन महंिर का प्रशासन पिूणिती राजघरानों द्िारा ककया जाता रिा।

    िषण 1971 में, सिंधैातनक सशंोधन के माध्यम से पिूणिती राजघरानों के वप्रिी पसस (Privy Purses) को समाप्त कर हिया गया तथा उनके विशषेाचधकारों को समाप्त कर हिया गया।

    1991 में अतंतम शासक की मतृ्य ुके बाि उनके भाई, उत्रिेम चथरुनल मातणण्ड िमाण द्िारा महंिर प्रबधंन का कायणभार सभंाल मलया गया। इससे भततों में रोष छा गया तथा िे इसके विरुद्ध न्यायालय में चल ेगए। सरकार ने भी याचचकाकताणओ ंका पक्ष मलया तथा इस बात का समथणन ककया कक मातसण्ड िमास को मिंहदर के तनयिंत्रण या प्रबिंधन का दािा करने का कोई काननूी अधधकार न ीिं ै।

    अनचु्छेद 366 का म त्ि उच्च न्यायालय (HC) ने फैसला सनुाया था, कक िारत के सिंविधान के अनचु्छेद 366 (22) में ’शासक’ की पररिाषा में सिंशोधन के पश्चात पिूणिती राजघरानों के उिराचधकारी श्री पद्मनाभस्िामी महंिर के तनयतं्रण में िोने का िािा निीं कर सकत ेिैं। ’शासक’ की पररभाषा को छब्बीसिें सिंविधान सिंशोधन अधधतनयम, 1971 द्िारा सशंोचधत ककया गया था, तथा इसने पिूणिती राजघरानों के वप्रिी पसण को समाप्त कर हिया। अनचु्छेद 366 (22) के अनसुार, ‘शासक’ का तात्पयण, राजा, राजकुमार, अथिा ककसी अन्य व्यक्तत से िै, जो छब्बीसिें (सिंधैातनक) सशंोधन अचधतनयम, 1971 के लाग ूिोने से पिूण ककसी भी समय, एक भारतीय शासक के रूप में अथिा उसके उिराचधकारी के रूप में जाना जाता था। प्रीललभस ललिंक:

    1. 26 िां सिंधैातनक सशंोधन तया िै? 2. भारतीय सवंिधान का अनचु्छेि 366 (22) 3. अनचु्छेि 363 ए 4. Shebait - पररभाषा

    मेंस ललिंक: पद्मनाभस्िामी महंिर मामले में सिोच्च न्यायालय के फैसले पर चचाण कीक्जए।

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    https://www.thehindu.com/news/national/sc-upholds-right-of-erstwhile-travancore-royal-

    family-in-administration-of-keralas-sree-padmanabhaswamy-temple/article32063310.ece.

    स्रोत: ि हििं ू3. मधुबनी धचत्रकारी (Madhubani Paintings) सिंदिस: िेश में, COVID-19 सकं्मण की रोकथाम के उपायों में ‘मधुबनी धचत्रकारी’ स ेसजे फेस-मास्क की काफी मांग बढी िै।

    मधुबनी धचत्रकारी के बारे में: मधुबनी का शाक्ब्िक अथण िै, 'मधु का िन’ अथाणत ‘शिि का जंगल'। यि लोक धचत्रकारी की एक परुानी शलैी िै क्जसका उल्लेख प्राचीन

    भारतीय ग्रथंों, जैसे रामायण आहि में ममलता िै। इसकी उत्पवत्त बब ार के लमधथला क्षेत्र से ुई ै, अताः इसे ‘लमधथला-

    धचत्रकारी’ भी किा जाता िै। मधुबनी चचत्रों में परंपरागत रूप से उंगमलयों तथा िकृ्षों की छोटी-छोटी

    टितनयों का उपयोग ककया जाता िै, िाल के हिनों में इस धचत्रकला शलैी में माधचस की तीललयों जैसी िस्तओुिं का प्रयोग ककया जाने लगा िै।

    चचत्रकला की यि शलैी पारंपररक रूप से क्षेत्र की महिलाओं द्िारा की जाती िै, िालांकक ितणमान में इसकी मांग को परूा करने के मलए परुुष भी चचत्रकारी करने लगे िैं।

    यि चचत्रकला, जनजातीय रूपािंकनों तथा चमकीले लमट्टी के रिंगों के उपयोग के कारण लोकवप्रय िैं।

    स्रोत: ि हििं ू4. िास्तकुला की प्रतत ार शलैी (Pratihara style of architecture) सिंदिस: राजस्थान के एक महंिर से चोरी िुई और तस्करी के माध्यम से त्रिटेन पिंुची िगिान लशि की नौिीिं शताब्दी की एक दलुसि पाषाण प्रततमा, िारतीय परुातत्ि सिेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) को सौपी जायेगी। प्रमखु बब िंद:ु 1. ‘जटा-मकुुट तथा त्रत्रनेत्र’ सहित चतभुुणज रूप में

    नटराज/ नटेश की यि पाषाण प्रततमा लगभग चार फीट ऊाँ ची िै, तथा यि भगिान ्मशि का ‘प्रततिार शलैी’ में िलुणभ चचत्रण िै।

    http://www.insightsonindia.com/https://www.thehindu.com/news/national/sc-upholds-right-of-erstwhile-travancore-royal-family-in-administration-of-keralas-sree-padmanabhaswamy-temple/article32063310.ecehttps://www.thehindu.com/news/national/sc-upholds-right-of-erstwhile-travancore-royal-family-in-administration-of-keralas-sree-padmanabhaswamy-temple/article32063310.ece

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    2. यि बलआु पत्थर से तनममणत िलुणभ प्रततमा िै। 3. मलू रूप से यि प्रततमा राजस्थान के बरोली में घाटेश्िर महंिर में स्थावपत थी। प्रतत ार साम्राज्य: 1. गजुणर-प्रततिारों के राज्य क्षते्र को प्रततिार साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता िै। इन्िोने सातिीं सिी के मध्य से

    ग्यारििीं सिी तक, उिर भारत के अचधकााँश क्षेत्र पर शासन ककया। 2. इन्िोने अरबी सेनाओं को मसधंु निी के पिूण में बढ़ने से रोकने में मित्िपणूण भमूमका तनभाई। 3. नागभट्ट प्रथम ने खलीफा शासनकाल में भारत पर िुए आक्मणों के िौरान जनुिै और ताममन के नेततृ्ि िाली

    अरब सेना को पराक्जत ककया। िास्तकुला:

    गजुणर -प्रततिार , आकषसक मतूत सयों, नक्काशीदार पट्हटकाओिं तथा खुले मिंडप के मिंहदरों के तनमाणण के मलए जाने जात ेिैं।

    प्रतत ार शलैी की उत्कृष्टता का सबसे बड़ा उििारण खजुरा ो के मिंहदर िै। यि महंिर अब यनेूस्को विश्ि धरो र स्थल में सचूीबद्ध िै।

    प्रीललभस ललिंक: 1. प्रततिारों के बारे में- कालक्म, राज्य क्षेत्र एि ंमित्िपणूण शासक 2. प्रततिार िास्तकुला- प्रमखु विशषेताएं 3. भारतीय परुातत्ि सिेक्षण के बारे में 4. खजुरािो के महंिर 5. यनेूस्को की विश्ि धरोिर स्थल तया िै?

    https://www.thehindu.com/news/national/natesa-of-rajasthan-temple-returns-to-

    india/article32225514.ece.

    स्रोत: ि हििं ू

    विषय: स्िततं्रता सगं्राम- इसके विमभन्न चरण और िेश के विमभन्न भागों से इसमें अपना योगिान िेने िाले मित्त्िपणूण व्यक्तत/उनका योगिान। 1. तात्या टोपे िाल िी में मिाराष्ि सरकार ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को सचूचत ककया िै कक नालसक म्जले के येओला (Yeola) में म्स्थत सेना-नायक तात्या टोपे के राष्ट्रीय स्मारक के तनमाणण पर 2.5 करोड़ रु. से अचधक की रामश खचण की जा चुकी िै। इस राष्िीय स्मारक के तनमाणण पर कें द्र सरकार ने अनमुातनत लागत की 75% धनरामश के मलए मजंूरी िे िी िै, तथा शषे लागत रामश को राज्य द्िारा ििन ककया जाएगा। पषृ्ट्ठिलूम: कुछ समय पिूण, बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचचका िायर की गयी थी, क्जसमे येओला तालकुा में स्िीकृत तात्या टोपे के राष्िीय स्मारक को नामसक क्जले में िी अन्य स्थान, येिला तिसील के अगंणगाि गााँि में, स्थानांतररत करने िेत ुसबंचंधत अचधकाररयों को तनिेश िेने की मांग की गयी थी।

    http://www.insightsonindia.com/https://www.thehindu.com/news/national/natesa-of-rajasthan-temple-returns-to-india/article32225514.ecehttps://www.thehindu.com/news/national/natesa-of-rajasthan-temple-returns-to-india/article32225514.ece

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    िालांकक, स्मारक का तनमासण कायस 50% प ले ी परूा ो चुका ै, इस आधार पर न्यायालय ने िेर से याचचका िायर करने के कारण अतंररम राित िेने से इनकार कर हिया िै। तात्या टोपे इनका मलू नाम रामचिंि पािंडुरिंग टोपे था। यि सन 1857 के वििो में िाग लेने िाले म ान स्ितिंत्रता सेनातनयों तथा सेनानायकों में से एक थे।

    इनका जन्म िषण 1814 में नामसक, मिाराष्ि में िुआ था, तथा यि पांडुरंग राि टोपे एि ंउनकी पत्नी रुतमाबाई के इकलौत ेपतु्र थे।

    तात्या टोप,े पेशिा के ििक पतु्र नाना साहिब के अतंरग ममत्र तथा िाहिना िाथ थे। मई 1857 में, तात्या टोपे ने कानपरु में ईस्ट इंडडया कंपनी के भारतीय सतैनकों पर विजय प्राप्त की। उन्िोंने जनरल विडंिम (General Windham) को ग्िामलयर शिर से पीछे िटने पर वििश कर हिया। उन्िोंने ग्िामलयर पर कब्ज़ा करने के मलए झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का साथ हिया।

    6 हिसबंर, 1857 को सर कॉमलन कैं पबेल (Colin Campbell) ने तात्या टोपे को पराक्जत ककया था। तथा 8 अप्रलै, 1859 को मशिपरुी में जनरल मीड (General Meade) के मशविर में फांसी िी गई थी। प्रीललभस ललिंक: 1. 1857 के विद्रोि से जुड़ी प्रमसद्ध िक्स्तयां 2. विद्रोि के कारण और प्रभाि 3. नाना सािब के बारे में 4. विलय नीतत तया थी? 5. विद्रोि के बारे में ककसने तया किा? मेंस ललिंक: स्िततं्रता सगं्राम में तात्या टोपे के प्रमखु योगिानों पर एक हटप्पणी मलखखए। https://www.thehindu.com/news/states/over-25-crore-already-spent-on-tatya-tope-monument-

    state-tells-hc/article32084739.ece.

    स्रोत: ि हििं ू

    2. चिंिशखेर आजाद सिंदिस: 23 जुलाई- जन्मोत्सि। चन्ि शखेर आजाद के बारे में म त्िपणूस तथ्य

    1. इनका जन्म 23 जुलाई, 1906 को, ितणमान मध्य प्रिेश के भािरा गााँि, अलीराजपरु क्जले में िुआ था। 2. 15 िषण की आय ुमें इन्िोंने असियोग आिंोलन में भाग मलया। 3. िषण 1922 में गाधंी जी द्िारा असियोग आिंोलन को स्थचगत करने के उपरान्त, चंद्र शखेर आजाि हििंसु्तान

    ररपक्ब्लकन एसोमसएशन (Hindustan Republican Association- HRA) में सक्म्ममलत िो गए। 4. िषण 1928 में HRA को हििंसु्तान सोशमलस्ट ररपक्ब्लकन आमी (Hindustan Socialist Republican

    Army- HSRA) के रूप में पनुगणहठत ककया गया। 5. िषण 1925 में िुई प्रमसद्ध ऐततिामसक घटना ‘काकोरी षड्यतं्र’ में आजाि ने भाग मलया था।

    http://www.insightsonindia.com/https://www.thehindu.com/news/states/over-25-crore-already-spent-on-tatya-tope-monument-state-tells-hc/article32084739.ecehttps://www.thehindu.com/news/states/over-25-crore-already-spent-on-tatya-tope-monument-state-tells-hc/article32084739.ece

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    6. 27 फरिरी 1931 को इलािाबाि के आज़ाि पाकण में उनका तनधन िो गया। 7. इसके अततररतत, चंद्र शखेर आजाि, िषण 1926 में िायसराय की िेन को विस्फोट से उड़ाने के प्रयास तथा

    1928 में जे पी सॉन्डसण ित्याकांड में सक्म्ममलत थे। लाला लाजपत राय की मौत का बिला लेने के मलए क्ांततकाररयों द्िारा सॉन्डसण की ित्या की गयी थी।

    इन् ें ‘आजाद’ क्यों क ा जाता ै? चंद्र शखेर को, 15 िषस की अल्पािस्था में अस योग आिंदोलन में िाग लेने पर धगरफ्तार ककया गया था। मक्जस्िेट के समक्ष पेश ककए जाने पर, इन्िोने गिण से अपना नाम ’आजाद’, अपने वपता का नाम ‘स्ितिंत्र’ तथा तनिास-स्थान ‘जेल’ बताया। उस समय से इन्िें ‘आजाद’ के नाम से जाना जाने लगा। स्रोत: पीआईबी

    3. बाल गिंगाधर ततलक सिंदिस: 23 जुलाई- जन्मोत्सि। प्रमखु बब िंद:ु

    बाल गगंाधर ततलक ने ‘स्िराज मेरा जन्ममसद्ध अचधकार िै, और इसे म ैलेकर रिूाँगा’ की प्रमसद्ध उद्घोषणा की, इस नारे में भारतीय स्िततं्रता सगं्राम के िौरान क्ांततकाररयों के मलए एक प्रेरणा-श्रोत के रूप में कायण ककया।

    त्रिहटश सरकार ने इन्िें ‘भारतीय अशांतत का जनक’ किा तथा उनके अनयुातययों ने उन्िें 'लोकमान्य' की उपाचध िी, क्जसका अथण िोता िै ‘लोगों द्िारा सम्मातनत’।

    विचारधारा: बाल गगंाधर ततलक िषण 1890 में भारतीय राष्िीय कांगे्रस में सक्म्ममलत िुए। शीघ्र िी उन्िोंने पाटी के ‘स्ि-

    शासन’ पर उिारिािी दृक्ष्टकोण का प्रबल विरोध आरम्भ कर हिया। इनके अनसुार, अगं्रेजों के खखलाफ ‘साधारण सिंधैातनक आंिोलन’ व्यथण िै। इसके उपरान्त िि प्रमखु कांगे्रस

    नेता ‘गोपाल कृष्ण गोखले’ के विरुद्ध खड़ ेिो गए। िि अगं्रेजों को िेश से बािर तनकालने के मलए एक सशस्त्र विद्रोि के पक्षधर थे। लॉडण कजणन द्िारा बगंाल

    विभाजन के पश्चात, ततलक ने स्ििेशी आिंोलन तथा त्रिहटश िस्तओुं के बहिष्कार का पणूणतयाः समथणन ककया। दृक्ष्टकोण में इस बतुनयािी मभन्नता के कारण, ततलक और उनके समथणकों को कांग्रेस के ‘चरमपथंी गटु’ के

    रूप में जाना जाने लगा। ततलक के प्रयासों को बगंाल के राष्ििािी त्रबवपन चदं्र पाल तथा पजंाब के लाला लाजपत राय ने समथणन हिया। िि एक मिान सधुारक थ ेऔर उन्िोंने जीिन-पयिंत महिला मशक्षा तथा महिला सशततीकरण के मलए कायण

    ककये। ततलक ने 'गणेश चतथुी' और 'मशिाजी जयतंी' पर भव्य समारोिों का आरम्भ ककया। इन समारोिों के माध्यम

    से उन्िोंने समस्त भारतीयों में एकता तथा राष्ििािी भािना को जाग्रत करने की पररकल्पना की। विरोध और कारािास:

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    • ततलक ने पणेु तथा आसपास के क्षते्रों में फ़ैली प्लेग मिामारी के िौरान त्रिहटश सरकार के िमनकारी रियेै के विरोध में अपने समाचार पत्रों में उिेजनात्मक लेख मलखे।

    • इनके लेखों से प्रेररत िोकर ‘चापेकर बधंओु’ं ने 22 जून, 1897 को कममश्नर रैंड और लेक्टटनेंट अयेस्टण की ित्या को अजंाम हिया। पररणामस्िरूप ततलक को ित्या के मलए भड़काने तथा राजद्रोि के आरोप में 18 मिीने के कारािास की सजा िी गयी।

    • ततलक ने िषण 1908 में यिुा क्ांततकारी खिुीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी द्िारा मखु्य पे्रसीडेंसी मक्जस्िेट की ित्या के प्रयासों का खलुकर समथणन ककया।

    • कारािास के िौरान इन्िोने मलखना जारी रखा, इस अिचध में इनके द्िारा वप्रमसद्ध पसु्तक ‘गीता रिस्य’ की रचना की गयी।

    ततलक और ऑल इिंडडया ोम रूल लीग: • अपने राष्ििािी साचथयों को पनुाः एकत्र करने के उद्िेश्य से ततलक ने िषण 1916 में जोसेफ बकै्प्टस्टा, एनी

    बेसेंट तथा मिुम्मि अली क्जन्ना के साथ ऑल इंडडया िोम रूल लीग की स्थापना की। • िि कांगे्रस में कफर से सक्म्ममलत िुए, परन्त ुविपरीत विचारधारा िाले गटुों के मध्य सामजंस्य निीं बना

    सके। समाचार पत्र:

    • राष्ििािी लक्ष्यों को समवपणत, बाल गगंाधर ततलक ने िो समाचार पत्रों – ‘मराठा’ (अगं्रेजी) तथा ‘केसरी' (मराठी) का प्रकाशन ककया।

    • ततलक ने अकाल और प्लगे मिामारी के प्रकोप तथा त्रिहटश सरकार द्िारा 'अकाल राित कोष' के सिंभण में उिासीनता तथा गरै-क्जम्मेिार रियेै में तनडरता पिूणक ररपोट्णस प्रकामशत की।

    लशक्षा: • बाल गगंाधर ततलक ने िषण 1884 में ‘ितकन एजुकेशन सोसायटी’ की स्थापना की। • सोसाइटी द्िारा माध्यममक मशक्षा से आग ेकी पढाई के मलए िषण 1885 में फग्यूणसन कॉलेज की स्थापना

    की गयी। ततलक ने फग्यूणसन कॉलेज में गखणत का अध्यापन कायण ककया। स्रोत: पीआईबी

    विषय: 18िीं सिी के लगभग मध्य से लेकर ितणमान समय तक का आधतुनक भारतीय इततिास- मित्त्िपणूण घटनाएाँ, व्यक्ततत्ि, विषय। 1. ज्योततराि फुले सिंदिस: िाल िी में मिाराष्ि सरकार द्िारा ‘म ात्मा ज्योततराि फुले ऋण माफी योजना’ के तित कुल पात्र ककसानों में से 83% ककसानों का ऋण माफ कर हिया िै। इस योजना के तित 17,646 करोड़ रु. का ऋण माफ़ ककया गया िै। योजना के प्रमखु बब िंद:ु

    मिाराष्ि सरकार द्िारा ‘मिात्मा ज्योततराि फुले ऋण माफी योजना’ की घोषणा हिसबंर 2019 में की गयी थी। इस योजना का उद्िेश्य ककसानों के 2 लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ़ करना था।

    http://www.insightsonindia.com/

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    ऋण माफी की अिधध: इस ऋण के मलए 1 अप्रलै, 2015 से 31 माचण, 2019 के मध्य मलया गया िो तथा क्जसे 30 मसतबंर, 2019 तक चुकाया निीं गया िै।

    म ात्मा ज्योततराि फुले के बारे में: इनका जन्म िषस 1827 में म ाराष्ट्र के सतारा म्जल ेिुआ था। फुले को म ात्मा की उपाधध मिाराष्ि के सामाक्जक कायणकताण विट्ठलराि कृष्ट्णजी िािंडकेर द्िारा 11 मई, 1888

    को प्रिान की गयी थी। सामाम्जक सधुार और म त्िपणूस योगदान

    1. मिात्मा ज्योततराि फुले का कायण मखु्य रूप से अस्पशृ्यता और जातत व्यिस्था का उन्मलून, महिलाओं की मकु्तत और सशक्ततकरण, हििं ूपाररिाररक जीिन में सधुार से सबंचंधत िै।

    2. इने अपनी पत्नी, सावित्रीबाई फुले के साथ, भारत में महिलाओं की मशक्षा का अग्र-ितू माना जाता िै। 3. यि िंपतत पणेु, मिाराष्ि में लड़ककयों के ललए अगस्त 1848 में िारत का प ला स्िदेशी स्कूल खोलने िाले

    पिले भारतीय थे। 4. इसके बाि फुले िंपतत ने ‘म ार और मिंग’ जैसी अछूत जाततयों के बच्चों के ललए स्कूल आरिंि ककए। 5. िषण 1863 में, ज्योततबा फुले ने गिसिती ब्राह्मण विधिाओिं के ललए सरुक्षक्षत प्रसि ेत ुएक ‘ग ृ’ का आरिंि

    ककया। 6. उन्िोंने लशश ुत्या से बचाि के ललए एक अनाथालय खोला। इस सबंधं में, उन्िें िभुाणग्यशाली बच्चों के मलए

    अनाथालय शरुू करने िाला पिला हििं ूमाना जाता िै। 7. िषण 1868 में, ज्योततराि ने अपने घर के बािर एक सामहू क स्नानागार का तनमासण करने का फैसला ककया,

    क्जससे उनका सभी मनषु्यों के प्रतत अपनत्ि की भािना प्रिमशणत िोती िै, इसके साथ िी सभी जाततयों के सिस्यों के साथ भोजन करने की शरुुआत की।

    8. िषण 1873 में, फुले ने िमलत िगों के अचधकारों िेत,ु जातत व्यिस्था की तनिंा करने तथा तकण सगंत विचारधारा का प्रसार करने के मलए ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की।

    प्रलसद्ध रचनाएाँ: ततृीय रत्न (1855), गलुामचगरर (1873), शतेकरायचा आसिु, या कल्टीिेटर क्व्िपकॉडण (1881), सत्यशोधक समाजोत्कल मगंलाष्टक सिण पजूा-विचध (1887)। प्रीललभस ललिंक:

    1. मिात्मा फुले की मित्िपणूण साहिक्त्यक रचनाएाँ। 2. उन्िें फुले की उपाचध ककसने िी? 3. सत्यशोधक समाज के उद्िेश्य। 4. ककस राज्य ने ज्योततराि फुले पर एक योजना शरुू की िै और यि ककससे सबंचंधत िै? 5. सावित्रीबाई फुले का उल्लेखनीय योगिान।

    https://www.thehindu.com/news/cities/mumbai/83-eligible-farmers-benefited-from-crop-loan-

    waiver-scheme/article32143764.ece.

    स्रोत: ि हििं ू

    http://www.insightsonindia.com/https://www.thehindu.com/news/cities/mumbai/83-eligible-farmers-benefited-from-crop-loan-waiver-scheme/article32143764.ecehttps://www.thehindu.com/news/cities/mumbai/83-eligible-farmers-benefited-from-crop-loan-waiver-scheme/article32143764.ece

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    विषय: विश्ि के इततिास में 18िीं सिी तथा बाि की घटनाएाँ यथा औद्योचगक क्ांतत, विश्ि यदु्ध, राष्िीय सीमाओं का पनुाःसीमांकन, उपतनिेशिाि, उपतनिेशिाि की समाक्प्त, राजनीततक िशणन जैसे साम्यिाि, पूजंीिाि, समाजिाि आहि शाममल िोंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाि। अमेररका का हरतनटी परीक्षण (US’ Trinity Test) सिंदिस: 16 जुलाई 1945 को, ठीक 75 िषस पिूस अमरेरकी िजै्ञातनकों द्िारा 'द गजैेट' (Gadget) - विश्ि का प ला परमाण ुबम- का परीक्षण ककया गया था, इसे बाि में ‘हरतनटी परीक्षण’ (Trinity Test) का नाम हिया गया। इसके एक माि से भी कम समय पश्चात, जापान के ‘नागाशाकी’ शिर पर ‘फैट मनै’ (Fat Man) नाम का एक समान परमाणु बम चगराया गया, क्जससे िजारों लोगों की मौत िो गई। म त्िपणूस तथ्य:

    1. पिले सपुर बम, क्जसे 'गैजेट', का उपनाम हिया गया था, अमेररका के नेततृ्ि में मनैिट्टन प्रोजेतट (Manhattan Project) के अतंगणत विकमसत ककया गया था।

    2. मनैिट्टन प्रोजेतट का उद्िेश्य द्वितीय विश्ि यदु्ध में ममत्र िेशों की सेनाओं के मलए जमणनी, जापान तथा इटली पर बढ़त बनाने मलए परमाणु िचथयार विकमसत करना था।

    3. सपुर बम को जूमलयस रॉबटण ओपनिाइमर (J Robert Oppenheimer) के नेततृ्ि में िजै्ञातनकों की टीम ने डडजाइन तथा विकमसत ककया था। ओपनिाइमर, कैमलफोतनणया विश्िविद्यालय, बकण ले में भौततकी के प्रोफेसर थे। इन्िें, ‘परमाणु बम के जनक’ के रूप नाम से जाना जाता िै।

    4. इस परीक्षण को न् य ूमेक्तसको के रेचगस् तान में, लॉस अलामोस (Los Alamos) से लगभग 337 ककमी िरू क्स्थत आलमगाडो बॉक्म्बगं रेंज (Alamagordo Bombing Range) में ककया गया था।

    हरतनटी परीक्षण के पररणाम न्य ूमकै्तसको के तनिामसयों को इस परीक्षण के बारे में चेतािनी निीं िी गई थी तथा विस्फोट जतनत विककरण

    के प्रततकूल प्रभाि को परीक्षण के पश्चात ्कई िषों तक नजरअिंाज ककया गया। परीक्षण के पश्चात इस क्षते्र में मशश ुमतृ्य ुिर में अचानक िदृ्चध िुई। स्थानीय तनिामसयों द्िारा हितनटी परीक्षण के पश्चात कैं सर रोचगयों की सखं्या में िदृ्चध की मशकायत की गयी। विस्फोट-जतनत धूल ,परीक्षण स्थल से लगभग 100 मील की िरूी तक फ़ैल गयी ,क्जसस ेििां के तनिामसयों

    के मलए गभंीर सकंट उत्पन्न िो गए। स्थानीय तनिामसयों के पालत ूपशओुं की त्िचा जलने, रतत स्राि तथा बाल चगरने के मामल ेबड़ी सखं्या में िेखे

    गए। काफी समय पश्चात िषण 1990 में अमेररकी सरकार ने ‘रेडीएशन एक्सपोजर किं पनसशेन एक्ट’ (Radiation Exposure Compensation Act- RECA) पाररत ककया, इसके पश्चात उिरी मेक्तसको के रेडडयोधमी विककरण से पीडड़त तनिामसयों को क्षततपतूत ण प्रिान की गयी। िमै्श्िक स्तर पर विलिन्न देशों के पास परमाणु अस्त्रों की म्स्थतत हितनटी परीक्षण के 75 िषो के पश्चात, ितसमान में विश्ि के नौ देशों के पास परमाणु अस्त्र िण्डार ै।

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    परमाणु िचथयार सपंन्न िेशों में, अमेररका, यनूाइटेड ककंगडम, रूस, फ्रांस, भारत, चीन, इजरायल, पाककस्तान और उिर कोररया सक्म्ममलत िैं।

    िषण 1945 के बाि से, कम से कम आठ िेशों द्िारा 2,000 परमाणु परीक्षण विस्फोट ककये गए िैं। परमाणु बम परीक्षण विस्फोटों का सबसे ताजा उिािरणों में, भारत द्िारा मई 1998 में पोखरण- II परीक्षणों के

    तित पांच विस्फोटों की श्रखंला िै। भारत द्िारा पिला परमाण ुपरीक्षण, मई 1974 में ककया गया था, क्जसका कोड नाम ‘स्माइमलगं बदु्ध’ (Smiling Buddha) था।

    प्रीललभस ललिंक: 1. स्माइमलगं बदु्धा तया िै? 2. ितणमान में ककतने िेशों के पास परमाण ु

    िचथयार िैं? 3. "परमाणु बम के जनक" के रूप में ककसे

    जाना जाता िै? 4. अमेररका के नेततृ्ि िाले मनैिट्टन प्रोजतेट

    ककससे सबंचंधत िै? 5. यएूस का हितनटी टेस्ट तया िै? मेंस ललिंक: द्वितीय विश्ि यदु्ध पर अमेररका के हितनटी परीक्षण के प्रभाि पर चचाण कीक्जए। https://indianexpress.com/article/explained/trinity-us-manhattan-project-atomic-bomb-

    6508947/.

    स्रोत: इंडडयन एतसप्रेस

    विषय: महिलाओं की भमूमका और महिला सगंठन, जनसखं्या एि ं सबंद्ध मदु्िे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शिरीकरण, उनकी समस्याएाँ और उनके रक्षोपाय। 1. सेना में सिी मह ला अधधकाररयों को स्थायी कमीशन (Permanent commission to all women officers in Army) उच्चिम न्यायालय ने, 17 फरिरी को अपने एक तनणणय में सरकार को सशस्त्र बलों में योग्य मह ला अधधकाररयों को स्थायी कमीशन / कमािंड पोम्स्टिंग िेने के मलए किा था। िाल िी में, शीषण न्यायालय ने अपने तनणणय को लाग ूकरने िेत ुसरकार को एक मिीने के विस्तार की अनमुतत िी िै।

    चचास का कारण कुछ समय पिूण, उच्चिम न्यायालय में एक याचचका िायर की गई थी क्जसमें किा गया था कक सरकार, शीषण न्यायालय के तनणणय के कायाणन्ियन में बाधा डाल रिी िै। िालांकक, सरकार ने स्पष्ट ककया िै कक तनणसय को लाग ूकरने की प्रकिया अिंततम चरण में ै तथा केिल आधधकाररक आदेश जारी करना ी र गया ै।

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